Thr_reg/50-EPH.usfm

176 lines
38 KiB
Plaintext

\id eph Regular
\ide usfm
\h Ephesians
\toc1 Ephesians
\toc2 Ephesians
\toc3 eph
\mt Ephesians
\c 1
एफिसिनके पावलको चिठ्ठी
अध्याय १
\v 1 ख्रीष्ट येशूमे फिलिप्पीमे भए बिशपनके और डिकनके सबाए सन्तके:
\v 2 परमेश्‍वर हमर पिता और प्रभु येशू ख्रीष्टसे अनुग्रह और शान्ति ।
\v 3 हर समय तुमके यद करत, मए मिर परमेश्‍वरके धन्यबाद देतहौ ।
\v 4 तुम सबके ताहिँ सबदिन मेरो हर प्रार्थनामे मए आनन्दसाथ प्रार्थना करत हौं ।,
\v 5 प्रेममे परमेश्‍वर हमके येशू ख्रिष्टके द्वारा अपनिए पुत्रके रुपमे ग्रहन करनके ताही पुरो पक्का करीहए । बा अइसो करिहए की बाको योजना करो भओ बातके करन बा खुशी भओ ।
\v 6 नतिजा जा हए, कि परमेश्‍वरको महिमाको अनुग्रहके बजेसे सबए बाको प्रशंसा कतर हए । जा अनुग्रहके बा अपन प्रियसे सेंतय हमके दैहए ।
\v 7 बाको अपार अनुग्रहके जैसो ख्रीष्टको खुनसे हमके बामे उध्दार, हमर पापको क्षमा पाबैगे ।,
\v 8 पुरी बुध्दि और समझसे पुरी तरिकासे जा अनुग्रह बा हमके प्रसस्‍तयसे दैहए ।
\v 9 कहेकी सबय बुध्दि और आन्तरिक समझमे ख्रीष्टमे धरो भव उदेश्य कता बा अपनो इच्छाकी लुकी बात हमके प्रघट करी हए ।
\v 10 ताकी बाको योजनाको समय पुरो हुइके पिछु, तब ख्रिष्टमे परमेश्‍वर स्‍वर्ग और पृथ्वीमे भए सब चीज एक संग बाके अधिनमे लाबएगो ।
\v 11 येशू ख्रिष्टमे हम परमेश्‍वरके सन्तानके रुपमे चुनेहए, जौन सबए बात अपन इच्छाके योजान कता पुरो करी, हम बाको योजना कता पहिलेसे चुने गए रहए ।
\v 12 हम ख्रीष्टमे पहिलेसे असरा धरन बारेनके बा अपनो महिमाको प्रशंसाके ताहिँ जि पामए करके बा नियुक्त करी हए और छानी हए ।
\v 13 तुम, जौनसे सत्यको वचन, औ अपन मुक्तिको सुसमाचार सुने, और बामे विश्‍वास करे, बहेमे तुम प्रतिज्ञा करो पावित्र आत्माको छाप लगाए हओ ।
\v 14 हम अपने उत्तराधिकार ना पान तक पवित्रा आत्मा हमर उत्तराधिकार पक्को प्रमाण हए । जा बाको महिमाके प्रशंसाके ताहीं हए ।
\v 15 तबए मारे प्रभु येशू ख्रीष्टमे रहो भओ तुमर विश्‍वास और सबए सन्त उपर तुमरो प्रेमके बारेमे मए सुनन्‍के समयसे
\v 16 मए तुमर ताही परमेश्‍वरमे धन्यबाद देन और मिर प्रर्थनामे तुमके सम्झना ना रुकोहओ ।
\v 17 मए प्रार्थना करत हओ, कि हमरो प्रभु येशू ख्रीष्टको परमेश्‍वर, महिमाको पिता तुमके बाके बारेमे ज्ञान बुध्दि और प्रकाशको आत्मा देबए ।
\v 18 मए जा फिर प्रार्थना करत हौ, कि तुमर ह्रदयकी आँखी उजियारी होमए, और कौन आशाके तहीँ बा तुमके बुलाई हए, और सन्तनमे बाको माहिमित उत्तरधिकारको सम्पति का हए, सो तुम जान सकओ ।
\v 19 और हम विश्‍वास करन् बारेनके ताहिँ बाको शाक्तिको कबहु खतम ना होन बारो महानता का हए, सो तुम जान सकओ । बा शाक्ति बाको महान सामर्थको काम अनुसार हए, ।
\v 20 जो बा ख्रीष्टमे पुरा करी हए, जब बा ख्रीष्टके मरोसे जिन्दा करी,और स्वर्गके जगहमे अपन दहिना घेन बैठाई हए ।
\v 21 बा येशूके सब शासन, और अधिकार, और शाक्ति हर नाउँसे उपर, और जा युगके इकल्लो ताही ना, पर आनबारे युगके ताही फिर बा , सबसे उपर धरी हए ।
\v 22 और परमेश्‍वर सब बात बाके पाओ तरे धरदैं, और मण्डलीके ताहिँ बाके सब बातके उपर मुण बनाइ हए ।,
\v 23 जौन मण्डली बाको शरीर, बामे पूरो होत हए और बा सब चीजसे भरपूर होतहए ।
\c 2
अध्याय २
\v 1 तुम अपन अपराध और पापसे मरे समय मे बा तुमके जिन्दा करी ।
\v 2 जाहेमे जा संसारको रीतिरीबाजके जैसो और आकाशको शाक्तिको मालिक तरहा, अनाज्ञाकारिताको सन्तान तरहाकाम करन बारो आत्माके जैसो तुम पहिले एक चोटी चलत रहओ । अभे काम करनबारो आत्मा अनुसार तुम अग्गु एक चलत् रहौ ।
\v 3 बिनमैसे हम सब फिर शरीर और मनकी इच्छा पुरो करके अपन पापमय स्वभावके लालचमे अग्गु जित रहए, और बाँकी आदमी जैसो हम स्वभाबएसे क्रोधको सन्तान रहए ।
\v 4 पर परमेश्‍वर, जो कृपामे धनी हए, बा अपनो महान प्रेमसे हमके प्रेम करी हए ।
\v 5 जहेमारे पापमे हम पापमे मरे भए रहए, ताहुँफिर बा हमके ख्रीष्टसंग जिन्दा करी-अनुग्रहसे तुम उध्‍दार पाए हओ ।
\v 6 और बाके संग हमके उठाई, और स्वर्गके जगहमे ख्रीष्ट येशूसंग बैठारी हए ।
\v 7 जा त ख्रीष्ट येशूमे हमर घेन बाको दयामे अपन अनुग्रहको असीमित सम्पति, आनबारो युगमे दिखान बारो हए ।
\v 8 कहेकी तुमअनुग्रहसे विश्‍वासके उध्दार बचाए गए हओ-,और जा तुम अपनाए से ना,पर जा त परमेश्‍वरको बरदान हए ।
\v 9 कर्म से ना, नित आदमी घमण्ड करहए ।
\v 10 कहेकी हम अच्छो कामके ताहिँ ख्रीष्ट येशूमे सिर्जे भए बाके हातके सिप हए । हम बाके जैसे चलऐं फिर कहेके परमेश्‍वर पहिलेसे बे तयार करी रहए ।
\v 11 जहेमारे याद करओ, अग्गु तुम शरीरमे गैरयहुदी होत पेती आदमीके हातसे खतना करनबारे तुमके "बेखतनाको" मनत् रहए ।
\v 12 याद करओ, तुम बा समय ख्रीष्टसे अलग, इस्राएलके नागरिक हकसे बाहिर भए रहओ, और प्रतिज्ञाको करारसे बिराने, आशा नभए और जा संसारमे परमेश्‍वर बिनाके रहौ ।
\v 13 तुम, एक समय ख्रीष्ट येशूसे दुर रहौ, अब ख्रीष्टको खुनसे बाके ठिन आए हौ ।
\v 14 कहेकी बा हमर शान्ति हए । बा हमके दोनोके एक बनाई हए, और अलग करन बारो भिदुष्मनको भित उजाड दै हए ।
\v 15 और बा व्यवस्थाके बाको आज्ञा और धार्मिक-बिधान सहित अपन शरीरसे खतम करी हए, कि जा दुईके बदलामे बा अपनाएमे एक नयाँ आदमी सृष्टि करए, और अइसी शान्ति बनाबए ।
\v 16 और बा क्रुससे हम दोनोके एक शरीरमे परमेश्‍वर संग मेल करके दुष्मनके हराई ।
\v 17 येशू आएके तुम दुर भए और जौने भए बारेनके मिलापको सुसमाचार सुनाई रहए ।
\v 18 काहेकी बासे हम दोनो एकै पवित्र आत्मामे पिता ठिन पहुच पाए हए ।
\v 19 अइसी अब तुम विदेशी और प्रवासी ना हओ, तव सन्तनके संग तुम संगी-नगरिक और परमेश्‍वरके परिवारके सदस्य भए हओ ।
\v 20 बा घराना प्रेरित और अगमवक्तानके जग उपर बैठके बनो गओ हए, और ख्रीष्ट येशू अपनाए त खास पत्थर हए ।
\v 21 बामे पुरो घर ठीक तरीकासे एकसंग जुडके प्रभुमे एक पवित्र मन्दिर होनकेताही एकसंग बनत जातहए ।
\v 22 और पवित्र आत्मामे परमेश्‍वरको वासस्थान होनके ताहीं तुम फिर बामे एकसंग बनत जात हौ ।
\c 3
अध्याय ३
\v 1 जहेमारे मए पावल, तुम अन्याजातिक पक्ष्यमे ख्रिष्ट येशू को एक कैदी हओ ।
\v 2 तुमर ताहिँ मोके परमेश्‍वरको दओ भओ अनुग्रहके जिम्मेवारीके विषयमे तुम फिर सुने हौ कहिके मोके लागो हए ।
\v 3 जौंन प्रकाशसे मोके पता करो खास बात हए जौंनके विषयमे मए तुमके अग्गुसे छोटोमे लिखो फिर रहओ ।
\v 4 जब तुम जा पढ़ईगे, ख्रीष्टको गुप्त बातके बारेमे मिर भितरकी समझ का है, सो तुम बुझलेबैगे ।
\v 5 जौन बात बाको पवित्र प्रेरित और अगमवक्ता के पवित्र आत्मासे अभए प्रगट भओ हए, बा और पुस्ताके आदमीके ना बताई रहए ।
\v 6 औ सुसमाचारसे ही अन्यजाति सह-उत्तराधिकारी हए ,, एकै शरीरको अंङ्ग और ख्रीष्ट येशूमे हुइके प्रतिज्ञाके सझेदार हए ।
\v 7 बाको शाक्तिको कार्यके जैसो मोके दाओ परमेश्‍वरको बाअनुग्रहको बरदानके जैसो जा सुसमाचारको मए सेवक बनो गओ रहओ ।
\v 8 सब सन्तमे मए सबसे छोटो हौ तब फिर ख्रिष्टको अगम्य सम्पतीको सुसमाचार अन्यजातिके प्रचार करौ कहिके मोके जा अनुग्रह दै |
\v 9 सब बात सृजानबारो परमेश्‍वरमे युग-युगसे लुको भओ रहस्यको योजना का हए, सो सब आदमीमै खुलासा करन अनुग्रह मोके दै ।
\v 10 ताकि अइसी मण्डलीसे परमेश्‍वरको तमान मेलक ज्ञान स्वर्गीय जगहमे शासक और अख्तियारवालेनके बीचमे प्रकट करियो |
\v 11 जा त ख्रीष्ट येशू हमर प्रभुमे बा पुरो करो भओ अनन्तके उदेश्य जैसो रहए ।
\v 12 येशूके उपर धरो हमर विश्‍वाससे साहस और दृढ भरोसामे हम परमेश्‍वरमे घुसन पात हए ।
\v 13 जहेमारे मए तुमके निवेदन करत हौ, कि तुमर ताहिँ मए भोगरहोँ कष्टमे तुम हताश मतहोबओ । जा तुमर महिमा हए ।
\v 14 जहेमारे मए पिताके अग्गु अपन घुंटो टेकत हओ,
\v 15 जौनक पिछु स्वर्ग और पृथ्वीमे भए सब परिवार को नाउँ धरोहए ।
\v 16 बाको महिमाको प्रशस्तके जैसो तुममे बैठन बारो बाको अत्माकी शक्तीसे बा तुमके मजबुत करए कहिके मए प्रार्थना करत हओ ।
\v 17 और विश्‍वाससे ख्रीष्ट तुमर हृदयमे वास करए, और प्रेममे जर गणकाबै और पक्को होबए कहिके मए प्रार्थना करत हओ ।
\v 18 ताकि बाको प्रेममे सबए विश्‍वासी ख्रिष्टमे सन्तनकेसंग चौडाइ, लम्बाइ, उचाइ और गहिराइ का हए सो तुम समझ सकओ ।
\v 19 तुम ख्रिष्टके प्रेमको महानताके समझ सकओ, कहिके मए प्रार्थना करत हओ, जो ज्ञानसे फिर उत्तम हए । तुम परमेश्‍वरको सबए बातसे भर सकओ कहिके अइसो करओ ।
\v 20 बाके, जौन हमर भितर काम करन बारो बाको शक्तिके जैसो हमसे मागोभओ औ सोंचोसे जद्धा बहुतयत् से कर सकओ,
\v 21 बाहेके ही पुस्ता-पुस्तातक मण्डली और ख्रिष्ट येशूमे हमेसाके ताही महिमा होबए । आमेन ।
\c 4
अध्याय ४
\v 1 जहेमारे, प्रभुके ताहिँ एक कैदी होनके नातासे मए तुमके हृदयसे बिन्ती करत हौ, कि जौन बातमे तुम बुलाए गएहओ बेहे योग्य को जीवन बिताओ ।
\v 2 सबए दिनता, नम्रता और धैर्यताके संग एक दुसरेके प्रेममे सहेके ।
\v 3 शान्तिके बन्धनमे पवित्र आत्माको एकताके अच्छी तरीकासे धरनको कोसीस करओ ।
\v 4 शरीर एकै हए, और पवित्र आत्मा फिर एकै हए-जैसि तुमके बुलाई हए, एकै आशामे बुलाएगए रहओ, जौन आशा तुमर बोलावटके संग मिलोहए,
\v 5 एकै प्रभु, एकै विश्‍वास और एकै बप्तिस्मा,
\v 6 हम सबको एकै परमेश्‍वर और पिता, जो सबकेउपर, सबके बिचमे और सबमे हए ।
\v 7 हम हरेक्के ख्रिष्टके बरदानके नाप जैसो बरदान दैहए ।
\v 8 जहेमारे अइसो कहि है: “बा उँचेमे चढिगौ कैदिनके बन्दि बनाइके दास बनाएके धरी, और बाआदमिके वरदान दै ।"
\v 9 " बाअब "उचोमे जगहमे चढिगओ" कहो काअर्थ हए ? जबाहेक कि बा पृथ्वीके तरे भागमे फिर उतरिगओ । "
\v 10 बा जो तरे उतरो गौ रहए बहे ही साबए स्वर्गसे बेढम उपर चढीगौ, जहे मारे कि सब चिजके बा पूरी कर सकए ।
\v 11 तव येशूके बरदान जहे रहए, की कोइ प्रेरित, कोइ अगमवक्ता, कोइ प्रचारक, कोइ मण्डलीक पास्टर और कोइ शिक्षक हए ।,
\v 12 कि ख्रीष्टको शरीर बनए और सेवाको काम करन सन्त तयार होमए।
\v 13 जब तक हमसब विश्‍वासको और परमेश्‍वरको पुत्रको ज्ञानको एकताके ना पामङ्गे कहेसेऔर पक्को आदमी बनके ख्रिष्टको पुरोनाप तक ना पुगङ्गे कहेसे ।
\v 14 हम छलसे पच्छु-पच्छु ढकेले भए, धार्मिक- सिदान्तको सब हवा से और आदमीनको सब झनझट, चलाकीऔर फटहासे इतएउतए उणे भए बालक जैसे ना होमए ।
\v 15 बलकी प्रेमसे सत्य बोलतए सब बातमे हम हुवाँतक, औ ख्रीष्टतमे बढतय जामए, जो शिर(मुढ) हए ।
\v 16 बहेसे ही सबए शरीर सब जोर्नी से जुणो और बंधो भओ सब भाग ठीक-ठीक काम करन साहज होबैगो और प्रेममे बढतैजाओ ।
\v 17 अब मए जा जोण दइके प्रभुमे काहत हऔ, और प्रभुमे गवाही देतहऔ, कि अन्यजाति जैसे बे अपन विचारके व्यर्थमे जितहंए तैसी तुम अबसे उइसो मतजिबऔ ।
\v 18 बिनको हृदयको कठोरतासे लाओ भव बिनकी अज्ञानताके बजैसे बे परमेश्‍वरको जीवनसे अलग भए हंए, और बिनको समझ अन्धकारसे भरो हए ।
\v 19 बे कठोर हुइगए हंए, और सब किसिमको अशुध्द काम करन बारे लालचमे पणके बे छाणा हुइ गए हए ।
\v 20 पर ख्रीष्टके त तुम अइसे ना जाने हऔ ।
\v 21 येशूमे भओ सत्यताके जैसे बाके बारेमे तुम सुने और सिखे हऔ, कहिके मए मानत हऔं ।
\v 22 छली लालसासे भ्रष्ट भओ अग्गुको जीवनके ढाँचासंग मिलो भओ तुमर पुरानो स्वभावके त्यागऔ ।
\v 23 और अपन भितरको स्वभाबमे नयाँ होबऔ ।
\v 24 और परमेश्‍वरको स्वरूपमे सच्चो धर्मिकता और पवित्रतामे सृष्टि भओ नयाँ स्वभावके धारण करऔ ।
\v 25 जहेमरे झुट छोणके, सब अपन-अपन पणोसीसे सत्य बोलए, काहेकी हम एकै शरीरमे एक दुसरेके अङ्ग हंए ।
\v 26 क्रोध त करौ पर पाप मत करौ । दिन डुबनसे अग्गु तुमर दिक्क मिटजाबए ।
\v 27 और दियाबलसके (शैतान) मौका मतदेबऔ ।
\v 28 चुट्टा अबसे ना चुरामए । बरु बे मेहनत करंए । बा अपन हातसे इमान्दारीसे मेहनत करंए, और जरुरतमे पणेभएके साहेता करंए ।
\v 29 तुमर मुहुसे खराब बोली ना निकरए, पर समय सुहानजैसो और सुधार करके मिठो वचन इकल्लो बोलौ, जोकी सुनन बारेनके कृपा मिलए ।
\v 30 तव परमेश्‍वरको पवित्र आत्माके दु: खित मतबना्औ, जो मए उद्धारके दिनके तांही तुममे छाप लगाओ गओ हए ।
\v 31 सब तरहाके कड़ वहाटपन, क्रोध और दिक्क, हल्ला और बदनामी, सब मेलके हत्या हिंसा करन तुम छोण देबऔ ।
\v 32 जैसे परमेश्‍वर ख्रीष्ट तुमके क्षमा करी, उइसीए एक- दुसरेके क्षमा करके तुम एक दुसरेसे कोमल मनके और दयालु होबऔ ।
\c 5
अध्याय ५
\v 1 जहेमरे तुम अच्छे बालकजैसे परमेश्‍वरको देखासेखी करन बारे होबऔ ।
\v 2 तुम प्रेममे चलौ, जैसे ख्रीष्ट फिर हमसे प्रेम करी, और परमेश्‍वरके तांही सुगन्धित भेटी और बलिदान हुइके अपनके हमर तांही अर्पण करी ।
\v 3 तव तुमर बीचमे व्यभिचार और सबए अशुध्द औ लोभको नाउँ फिर मतलेबऔ, जो सन्तके बीचमे होन ना सुहात हए ।
\v 4 नकी बात, मुर्ख बातचित औ बेफाइदाके ठट्ठा मतकरौ, जे सुहानबारी बात ना हंए । बरु धन्यवाद देनको काम होबए ।
\v 5 काहेकी जा तुम पक्का जानौ, कि कोइ व्यभिचारी कि अशुध्द आदमी औ लोभी आदमीके ( जो मूर्तिपूजक हए ) ख्रीष्ट और परमेश्‍वरको राज्यमे कोइ उत्तराधिकार ना हए ।
\v 6 कोइ तुमके खाली बातमे धोखा ना देबए, काहेकी बे बातके बजएसे अज्ञा ना मानन् बारेनके उपर परमेश्‍वरको क्रोध पणैगो ।
\v 7 जहेमरे बिनकेसंग साहभागी मतहोबऔ ।
\v 8 काहेकि एक चोटी तुम फिर अन्धकारमे रहऔ, पर अब प्रभुमे तुम उज्यारो हुइगए हऔ । ज्योतिके सन्तान जैसे नेगऔ ।
\v 9 काहेकी सब भलाइ, धार्मिकता और सत्यतामे ज्योतिक फल पात हए ।
\v 10 और प्रभुके मन पणन बारो काहए, बा सिखनके- कोसिस करऔ ।
\v 11 अन्धकारको खराब काममे भाग मतलेबऔ, पर बिनके प्रकट करदेबऔ ।
\v 12 काहेकी बिनके गुप्तमे करो भओ कामके बारेमे काहान फिर शर्मकी बात हए ।
\v 13 पर ज्योतिसे कोइ बात प्रकट होत बा सफा दिखात हए ,जो बात, प्रष्ट दिखातहए, बा ज्योति हए ।
\v 14 "जहेमरे अइसो कही हए: "ए निधमे पणेभए, जागऔ और मरेभए उठऔ, और ख्रीष्ट तुमके प्रकाश देबैगो ।"
\v 15 जहेमरे तुम कैसे नेगत हऔं कहिन बारी बातमे ध्यानसे देखओ- निर्बुध्दि आदमीजैसो ना, पर बुध्दिमानजैसो ।
\v 16 समयको पूरो सदुपयोग करऔ, काहेकी दिन खराब हंए ।
\v 17 जहेमरे मुर्ख मतहोबऔ, पर प्रभुको इच्छा का हए, सो सम्झौं ।
\v 18 दाखमधसे मत मात्तओ, कारन जा विलासिता हए, पर पवित्र आत्मासे भरिपूर्ण होबऔ ।
\v 19 एक दुसरेसे भजन, गीत और आत्मिक गानमे बोलत और अपनो पूरो हृदयसे प्रभुके तांही गातए और धुन निकारत ,
\v 20 रोज सब बातके तांही हमर प्रभु येशूको नाउँमे परमेश्‍वर पिताके धन्यवाद चड़ाबओ
\v 21 ख्रीष्टके आदरके तांही एक- दुसरेके अधिनमे बैठऔ ।
\v 22 बैइयर हओ , प्रभुको अधिनमे रहो जैसो आ- अपन लोगाके अधिनमे बैठओ ।
\v 23 काहेकी लोगा बैइयरको शिर(मुढ) हए, जैसी ख्रीष्ट मण्डलीको शिर हए, जौन मण्डली बाकी शरीर हए, और बा अपनए बाको मुक्तिदाता हए ।
\v 24 जैसी मण्डली ख्रीष्टके अधिनमे हए, उइसी बैइयर फिर सब बातमे लोगाके अधिनमे राहामए ।
\v 25 लोगाओ , अपन बैइयरनके प्रेम करओ, जैसी ख्रीष्ट फिर मण्डलीके प्रेम करी रहए, और बाके तांही आपनैके अर्पण करी,
\v 26 जहेमरे कि बा मण्डलीके पानीसे धोएके वचनसे पवित्र कर सकए,
\v 27 और बा दाग औ धब्बा ना भओ, खोंटरहित, पवित्र और अइसी कोइ बात ना भओ शर्मथी मण्डली अपने ठीन प्रस्तुत कर सकए ।
\v 28 आइसी ही लोगा फिर अपन- अपन बैइयरके अपनी शरीरजैसी प्रेम करैं
\v 29 काहेकी कोइ आदमी कबही अपन शरीरके घृणना ना करत हए, पर बाके कदर करके पालनपोषण करत हए, जैसी ख्रीष्ट फिर अपन मण्डलीके तांही करत हए ।
\v 30 काहेकी हम बाके शरीरके अङ्ग हंए ।
\v 31 "जहेमरे आदमी अपन अइया- दैवाके छोणके अपनी बैइयरसंग मिलो रहत हए, और बे दोनो एक शरीर होतहंए ।"
\v 32 जा एक गहिरो रहस्यकि बात हए, तव जा बात मए ख्रीष्ट और मण्डलीके बारेमे मसकतहऔं |
\v 33 जो होनसे फिर तुम सब अपन बैइयरके अपनी हानी प्रेम करौ, और बैइयर फिर अपन लोगाके आदर करए ।
\c 6
अध्याय ६
\v 1 लौड़ा-लौड़ीयाओ, तुम प्रभुमे अपन अइया-दौवाको आज्ञापालन करौं, काहेकी जा अच्छो हए ।
\v 2 अपन दौवा और अइयाको इज्जत करओ । (जा प्रतिज्ञा संग पहिली आज्ञा हए),
\v 3 कि तुमके भलो होबए, और तुम जा पृथ्बीमे बहुत समय तक बच सकओ ।"
\v 4 दौवाओ ,तुम अपन लौड़ा लौड़ीयानके गुस्सा मतउठाओ, पर बिनके प्रभुको अनुशासन और शिक्षामे बणाबओ ।
\v 5 कमैयाओ, तुम डर और आदरके संग सच्चो ह्रदयसे ख्रीष्टके करो कता जा संसारके तुमरे मालिकको आज्ञापालन करौं ।
\v 6 आदमीनके अग्गु खुशी करन कता ना ,आँखीके अग्गु इकल्लो देखावटी काम मत करौं, पर ख्रीष्टको दास कता सच्चो ह्रदयसे परमेश्‍वरको इच्छा पुरो करओ ।
\v 7 आदमीनके तांही ना, पर प्रभुको तांही करो कता दिलसे सेवा करौं ।
\v 8 जा जानके कि चाहूँ बे कमैया होमए, चाहूँ फुकुवा होमए, जौन अच्छो काम कर हए, बा प्रभुसे सोहीबमोजिम इनाम पाए हए ।
\v 9 मालिकओ, तुम अपन कमैयासे अच्छो व्यवहार कराओ, और धम्की देन छोडओ, जा जानके कि तुम दोनेको मालिक स्वर्गमे हए, और बामे पक्षपात ना हए ।
\v 10 अब अन्त्यमे, प्रभुमे और बाको शाक्तिको सामर्थ्यमे बलवान होबओ ।
\v 11 दियाबलसके धूर्तताके विरुध्दमे खणा होनके परमेश्‍वरको सबए हातहरियार धारन करओ ।
\v 12 काहेकी हमरी लणाइ शरीर और खुनके बिरुध्दमे ना हए । पर शासकके बिरुध्द, शाक्तिनके बिरुध्द, वर्तमान अन्धकारके संसारिक शासकके बिरुध्द और स्वर्गीय जगहमे बैठन बारे दुष्ट आत्मिक सेनानके बिरुध्द हए ।
\v 13 जहेमारे परमेश्‍वरके हातहतियार उठाबओ, और अइसे खराबए दिनको सामना करन, और सब काम करके तुम अटल हुइके ठाण सकओ ।
\v 14 जहेमारे अटल होबओ ।अपन करेहाँओ मे सत्यकि पेटीसे कसके, धार्मिकताको झिलम लगाएके ठाणे होबओ ।
\v 15 और टाँगमे मेलमिलापको सुसमाचारको जुत्ता लगाएके तयार होबओ ।
\v 16 संगए विश्‍वासको ढाल उठाओ, जौनसे तुम दुष्टके सब अग्‍निबाणके बुताय सकत हओ ।
\v 17 मुक्तिको टोपी लगाबओ. और पवित्र आत्माको तरवार लेबओ, जो त परमेश्‍वरको बचन हए ।
\v 18 सबए प्रार्थना और निवेदनके संग सब समय पवित्र आत्मामे प्रार्थना करओ । जा उदेश्यसे लगनशील और हौस्यार हुइके सब सन्त्तनके तांही प्रार्थना करत राहाबओ ।
\v 19 मिर तांहि फिर प्रार्थना करीयो, कि जब मए अपन मुहूँ खोलतहऔ तव मोके बचन देबए, और मए निरधक्क हुइके सुसमाचारको गुप्त बातके घोषणा करसकऔं ।
\v 20 जौनके तांही मए साँकरसे बाँधो एक राजदुत हऔ, और जैसी मोके बोलन पणहए, उइसीए मए साहससे बोल सकऔ ।
\v 21 मए कैसो हऔं, और का कर रहो हऔं, बा तुमके फिर पता होबए कैहेनके तांही प्रभुमे प्यारो भैया और प्रभुमे विश्‍वासी सेवक तुखिकस तुमके सब बात बतै हए ।
\v 22 हमर हालचाल कैसो हए तुमके पता होबए और तुमर ह्रदयके उत्साहा मिलए जा बिचारसे मए बिनके तुमरे ठिन पठाओ हऔं ।
\v 23 परमेश्‍वर पिता और प्रभु येशू ख्रीष्टमे ददा भैयनके शान्ति और विश्‍वास सहीतको प्रेम होबए ।
\v 24 हमर प्रभु येशू ख्रीष्टको अमर प्रेमसे सबएके उपर अनुग्रह होत राहाबए । [ आमेन ]