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\id luk Regular
\ide usfm
\h Luke
\toc1 Luke
\toc2 Luke
\toc3 luk
\mt Luke
\c 1
लुकासे लिखो भओ सुसमाचार
अध्याय १
\v 1 हमर बीचमे घटे भए घटनाको पुरो विवरण सँग्रह करनको काम बहुत जनी अपने हातमे लईं हँए ।
\v 2 बे जो सुरुसे बचनको प्रत्यक्ष गवाहा और सेवक रहँए, बे जा बात हमके सैंपदईं रहँए ।
\v 3 माननीय थियोफिलस, मए सुरुसे सावधनीसे सब बातके ढुड़ो हँऔं, और तुमके ताँही लैनसे लैन मिलाएके घटे भए घटना मोके लिखान अच्छो लागो,।
\v 4 ताकी तुमके सिकाओ भाओ जे सत्य बिषय तुमके पता होबाए।
\v 5 यहूदीयको राजा, हेरोदके पालामे,अबियाको कुलको जकरिया नाउँ भओ एक जनी पूजारी रहए । बाकी बैइयर हारुन-वंशकी रहए । बाको नाउँ एलीशिबा रहए ।
\v 6 बे दोनो परमेश्‍वरके अग्गु धर्मी रहँए, और परमप्रभुको सबए आज्ञा और धार्मिक-विधानमे निर्दोष हुइके नेगत रहँए ।
\v 7 पर बिनको कोइ सन्तान ना रहए, कहेकी एलिशिबा बाँझी रहए, और बे दोनेन्‍को उमेर ढल् गओरहए ।
\v 8 जब जकरिया परमेश्‍वरके अग्गु अपन दलके पालामे पूजारीको काम करत् रहए,।
\v 9 तव बाहुँवाको रितिके जैसो चिठ्ठासे पूजारीक् सेवाके ताँही मन्दीर भितर धुप जलानके ताँही छानत रहँए । ,और बा चिट्टा डारत पेती परमप्रभुके मन्दिरभितर घुस्के धूप जलानको काम जकरियाके पड़ो ।
\v 10 जब बा धूप जलात रहए, बा समयआदमीको सबए भीड़ बाहिर प्रार्थना करत रहए ।
\v 11 ठिक बहे समय परमप्रभुक् एक जनी स्वर्गदूत धूप-वेदीके दाहिनाघेन ठाणो देखि ।
\v 12 जकरिया बा स्वर्गदुतके देखके घब्रीयए गऔ, और डराए गऔ ।
\v 13 पर दूत बासे कही, “मतडराबए जकरिया,काहेकी तिर प्रार्थनाकी सुनाई हुइगई हए। अब तिर बैइयर एलीशिबा तिर ताँही एक लौड़ा जन्माबैगी, और ताए बाको नाउँ यूहन्‍ना धारीए।
\v 14 तोके खुशी और आनन्द होबैगो, और बेढब जनी बा के जन्ममे रमांमङ्गे।
\v 15 कहेकी बा परमप्रभुके अग्गु महान होबैगो । बा दाखमध और कुछु फिर मध कबहू ना पिबैगो, और अपनी आइयाके गर्भसे बा पवित्र आत्मासे भरोभओ होबैगो ।
\v 16 बा इस्राएलके सन्तानमे बहुतनके बिनके परमप्रभु परमेश्‍वरघेन घुमाबैगो ।
\v 17 दौवाको मन लौड़ा-लौड़ीयघेन और अनाज्ञाकारीनके धर्मीऔ बुध्दीघेन लैटान और प्रभुक ताँही योग्य बनाएके एक जाति तयार करन बाके अग्गु बा एलियाको आत्मा और शक्तिमे जाबैगो ।”
\v 18 तव जकरिया दूतसे कही, ''जा मए कईसे जानङ्गो्? मए बूड्ढों हुईगओ और मेरी बैइयरकी उमेर फिर ढल गइ हए ।”
\v 19 स्वर्गदूत बासे कही, ''मए गब्रिएल हऔं, मए परमेश्‍वरके अग्गु ठड़ोरहत हऔं। तोसे बात करन और जा ख़ुशीकी समाचार सुनान मोके पठाई हए।
\v 20 जौन दिन तक जे बात पूरो ना हुइहए, तब तक तए गूँगो होबैगो और मसक ना पाएहए,काहेकी तए मीर वचनउपर विश्‍वास ना करो, जउन वचन अपने समयमे पूरो होबैगो| ।”
\v 21 औ जकरीय लम्मो समय तक मन्दीरके भितर रहो तव आदमी अचम्मो मानके बाको इन्तजार करीं ।
\v 22 बा बाहिर निकरके आतै बिनसे मस्कनए ना पाई और बा मन्दिरमे दर्शन देखि हए कहिके बे सम्झीं । बा बिनके इशारा करन लगो, तव बा गूँगो हिइगओ।
\v 23 बाको सेवाको दिन पुरो हुइके पिछु बा अपन घर गईभओ।
\v 24 अइसीए बाकी बैइयर एलीशिबा गर्भवती भई, और पाँच महीना तक लुक्के बइठी और आइसो कही ।,
\v 25 "आदमीक बिचमे मीर कलङक् हटान ताँही अब परमप्रभु मिरउपर आईसी कृपा करी हए।
\v 26 " छैटौँ महीनामे परमेश्‍वर गब्रिएल स्वर्गदूतके गालीलको नासरत नाउँको शहेरमे पठाई ।
\v 27 बा एक कन्य- लौड़ीयठीन गओ बाकी मगनी दाऊदके घरानाको योसेफ काहानबारो एक आदमीसे भओ रहए । बा कन्यको नाउँ मरियम रहए।
\v 28 स्वर्गदूत बाकेठिन जाएके कही, “हे कृपा -पात्र तोके अभिवादन ! परमप्रभु तीरसँग हए।”
\v 29 पर बा जा बातसे गजब चिनतीत् हुइगई, और जा कईसो किसीमको अभिवादन हए कहिके मनमे सोचन् लागी।
\v 30 स्वर्गदूत बासे कही, “मतडराबए,मरियम, काहेकी तए परमेश्‍वरसे कृपा पाओ हए।
\v 31 अब देख तेरो गर्भधारण होबैगो, और एक लौड़ा जन्मा बइगो, और तए बक नाउँ येशू धरैगो।
\v 32 बा माहान होबैगो और परमप्रधानको पुत्र कहेलाबैगो और परमप्रभु परमेश्‍वर बाको बक् पुर्खा दाउदको सिंहासन देबैगो।
\v 33 बा याकूबके वंशउपर सदाके ताँही राज्य करैगो, और बाको राज्यको अन्त कबहु ना होबैगो।”
\v 34 मरियम स्वर्गदूतसे कही, “जा कईसे होबैगो, काहेकी मए एक कन्या हऔं ।”
\v 35 स्वर्गदूत बाके जवाफ दैइके कही, “पवित्र आत्मा तिरमे अबैगो, और सर्वोच्चकी शक्तिको छाँइ तीरउपर पणौगी । बहेमरे जो जन्मैगो, बा पवित्र,औ परमेश्‍वरको पुत्र कहेला बैगो।
\v 36 देख, तीर नातेदार एलीशिबा फिर बुड़ेवस्थामे लौड़ा गर्भधारण करिहए, और जो बाँझी कहेलात रहए, बा अभए छैटौँ महीनामे हए ।
\v 37 काहेकी परमेश्‍वरके ताँही कछु बात असम्मभ ना हए ।”
\v 38 तव मरियम कही, “देख,मए परमप्रभुकी दासी,मोके तुमर वचन जैसो होबए । तव स्वर्गदूत बाकेठीनसे बिदा हुइगओ ।
\v 39 बे दिनमे मरियम जल्दीसे पहाड़घेन यहूदियाक् एक गाउँमे गई,।
\v 40 और जकरियाको घरमे घुस्के एलीशिबाके अभिवादन करी।
\v 41 जब एलीशिबा मरियमकी अभिवादन सुनी तब बाको गर्भको बालक उछल पड़ो, और एलीशिबा पवित्र आत्मासे भरिपूर्ण भई,।
\v 42 और एलीशिबा जोड़से कही, “बैइयर मइसे ताए धन्यकी हए, और तीर गर्भको फल धन्यको होबए।
\v 43 मीर उपर कैसे अइसो कृपा भओ कि मेरी प्रभुकी आइय मीरठीन आइ?
\v 44 काहेकी देख, तीर अभिवादन मीर कानमे पड़तए खिनक् बालक मीर गर्भमे आनन्दसे उछलपड़ो ।
\v 45 बे धन्यकी हए, जो परमप्रभु बिनसे कहीभई बात पूरो होबैगो कहिके विश्‍वास करीं।”
\v 46 तव मरियम कही, “मीर प्राण परमप्रभुको गुणगान करत हए,।
\v 47 और मीर आत्मा मीर मुक्तिदाता परमेश्‍वरमे रमाहट करतहए।
\v 48 काहेकी बा अपनी दासीकी दिन्तामे कृपा-दृष्टि करी हए,। देख अब से सबए पुस्ताके मोके धन्यकी काहामङ्गे।
\v 49 काहेकी बा, जो शक्तिशाली हए, बा मीर ताँही महान काम करी हए | बाको नाउँ पवित्र हए।
\v 50 बाको डर मानन् बारेक् उपर बाको कृपा पुस्तासे पुस्तातक् राहाबैगो।
\v 51 बा अपनी बाहुलीको सामर्थ्य प्रकट करी हए। बा मन भितरको कल्पनामे घमण्ड करन बारोक् छरपष्ट करी हए।
\v 52 बा शक्तिशालीनके बिनकी सिंहासनसे हटाई हए,। और दीनन्के उठाइ हए।
\v 53 भुकेनके बा अच्छी चीजसे तृप्त करी हए, और धनीके बा रितो हात पठाई हए।
\v 54 बा अपनो कृपा स्मरण करके अपनो सेवक इस्राएलके सहायता दई हए,।
\v 55 और हमर पुर्खाके कहोभओ हानी, अब्राहाम और बाकी भावी सन्तानके सदाकालके ताँही दया देखाई हए।”
\v 56 मरियम बाकेसँग लगभग: तीन महीना बैठके अपने घर घुमी।
\v 57 अब एलीशिबाको लरकौरी होन बेरा आयो, और बा एक लौड़ा जन्माई।
\v 58 परमप्रभु बाकउपर बाके बाड़ो अनुग्रह दिखाइ रहए कहिके सुनी बाकी परोसी और नातेदार बक संग रमाई।
\v 59 आठौँ दिनमे बे बालकके खतना करन आए। और बाको नाउँ बाको दौवाको नाउँजैसो जकरिया धरन लगे रहँए,।
\v 60 पर बाकी आईया कही, “ना, जक नाउँ यूहन्‍ना होबैगो।”
\v 61 बा बिनसे कही, “तिर नातेदारमे आईसो नाउँ भओ कोई ना हए।”
\v 62 तव बे बाको दौवासे इशारा करके पुछिं तए जाको नाउँ का धरन चाँहत हए ?
\v 63 बा एक लिखनबारो मगाई "जाको नाउँ यूहन्‍ना हए'' कहिके लिखदाई| बे सब अचम्मो पड़ीगए।
\v 64 तुरन्ताए बाको मुह खुलीगओ और बाक् बोली खुलगई और बा परमेश्‍वरको प्रशंसा करन लगो।
\v 65 बक पड़ोसीमे डर छैगओ। यहूदियाको जम्माए पहाड़ी मुलकभर जा घटनाको चर्चा फैलगओ।
\v 66 जा बात सुनके सबए जा बालक पिछु कइसो होबैगो कहिके अपन मनमे गुनी। काहेकी परमप्रभुको बाहुली बाके उपर रहए।
\v 67 बाको दौवा जकरिया आत्मासे भरके अगमवाणी बोलन लागो,
\v 68 " इस्राएलको परमप्रभु, परमेश्‍वरको प्रशंसा होबए, काहेकी बा आओ हए, और अपन आदमीके उध्दार दईहए।
\v 69 बा हमर ताँही आपन दास दाऊदकी वंशमे एक शक्तिशाली मुत्तिदाता खड़ा करदईहए,।
\v 70 जैसी बा प्राचीन कालसे आपन पवित्र अगमवक्ताके मुहुसे बोलिरहए,।
\v 71 कि हमर दुस्मनसे और हमके घृणा करन बारेक् सबएके उद्धार करैगो।
\v 72 बा हमर पुर्खानके कृपा दिखन ताँही, और अपनो पवित्र करार स्मरण करन ताँही,।
\v 73 जैन शपथ बा हमर पुर्खा अब्राहामसँग खाई रहए,।
\v 74 और बिना डरके हम हमर शत्रुके हातसे मुक्त होमए, और बाके अग्गु अपन सारो जिवन भर ।
\v 75 हमर सबए जीवनभर पवित्रता और धार्मिकतामे बाके अग्गु बाको सेवा करन ताँही योग्यको बनान् कहिके कसम खाइ।
\v 76 हे बालक, तए सर्वोच्चको अगमवक्ता कहेलाबैगो, काहेकी तए प्रभुके अग्गु अग्गु बाको डगर तयार करत जाबैएगो,।
\v 77 बाको जातिनके पाप-क्षामासे मुक्तिको ज्ञान देन ताँही।
\v 78 हमर परमेश्‍वरको कोमल कृपाके बजैसे, स्वर्गसे सबेरेको जोत हमर उपर पड़ैगो ।
\v 79 और अन्धकार और मृत्युकी छाँईमे बैठन बारेनके ज्योती मिलैगी । और हमर पाँओ शान्तिक् डगरघेन डूर्‍या बएगो।”
\v 80 तव बालक यूहन्‍ना बढ़ताए और आत्मामे ताग्तीलो होतए गओ, और इस्राएलीठीन खुला रुपमे देखा ना पड़न तक बा उजाड-स्थानमे बैठो।
\c 2
अध्याय २
\v 1 बे दिनमे कैसर अगस्टस बिनको सबए साम्राज्य मे जनगणना लेन हुकम जारी करी।
\v 2 कुरेनियस सिरियाको हाकिम होन समय जा पहिलो पटकको जनगणना रहए।
\v 3 सबए जनी नाउँ दर्ता करन अपनो-अपनो शहेरमे गए।
\v 4 योसेफ फिर गालीलको नासरतसे यहूदियाको बेथलेहम कहन बारो दाऊदको शहरमे गओ, काहेकी बे दाऊदके कुटुम्ब और वंशको रहँए।
\v 5 नाउँ दर्ता करन बा अपनसँग मगनी भई मरियमके लैके गओ और मरियम गर्भवती रहए।
\v 6 बे बाहुनए होत्, मरियमके बालक जन्मान बेर भओ।
\v 7 बा आपनो जेठो लौड़ा जन्माई और बाके लत्तासे लपेटके ड़ोणमे धरदई, काहेकी बिनके ताँही घरमे ठाउँ ना रहए।
\v 8 बाहे इलाकामे गंयारो रहँए, बे चउरमे बैठे रातके अपन बगालकी लख्बारी करत रहँए।
\v 9 प्रभुक् एक जनी स्वर्गदूत बिनकेठीन देखा पड़ो, और प्रभुक् तेज बिनके असपस चम्को, तव बे बेढम डराएगए।
\v 10 तव स्वर्गदूत बिनसे कही, “मतडराबऔ, काहेकी देखऔ, आज मए तुमे बड़ो आनन्दको सुसमाचार सुनामङ्गो, जो सबए आदमीक ताँही होबैगो।
\v 11 आज दाऊदके शहेरमे तुमर ताँही एक जनी मुक्तिदाताको जन्म भओहए,जो ख्रीष्ट प्रभु हए।
\v 12 तुमके चिहीना जा होबैगो तुम एक बालकके लत्तासे लपेटो भऔ और डोंणमे लेटोभऔ पाबैगे।”
\v 13 तव एकदमसे बे स्वर्गदूतसँग स्वर्गीके सेनको एक दल दिखाने ।बे अइसो काहत परमेश्‍वरको स्तुति करत रहँए, ।
\v 14 "सर्वोच्चमे परमेश्‍वरकी महिमा, और पृथ्वीमे जौन आदमीसँग बा खुशी हए, बिनके शान्ति।"
\v 15 जब स्वर्गदूत बिनसे बिदा हुइके स्वर्गमे गए, तव गंयारो आपसमे कहीँ, “आओ, हम बेथलेहेमतक जाँए, और हुँआ घटोभओ जा घटना और परमप्रभु हमके बताईभैइ बात जाएके देखैँ।”
\v 16 बे एकदमसे गए, और मरियम और योसेफ दोनोके, और बालकके डोंणामे सोतभओपाईं।
\v 17 जब बे जा देखिँ, तव जा बालकके बारेमे जो बात बिनसे कहेके बे बिनके बताए दईं।
\v 18 गयारोसे बताईभइ बात सुनन् बारे सब अचम्मो मानी।
\v 19 पर मरियम जे सब बात समखतए मनमे धरी।
\v 20 जइसी बिनसे कहीं रहए उइसीए सबए बात सुनी और देखि रहए, परमेश्‍वरकी महिमा और स्तुति करतए गयारो लैटे।
\v 21 आठौँ दिनमे बालकको खतना होत बाको नाउँ येशू धरीं, जौन नाउँ गर्भमे आनसे अग्गु स्वर्गदूत दइ रहए।
\v 22 मोशाक् व्यवस्था जैसो बिनके शुध्द होनको समय पूरो होतए बे बाके परमप्रभुके अग्गु सौपन यरूशलेममे लाईं।
\v 23 जैसो प्ररमप्रभुके व्यवस्थमे लिखोहए, “पहिलो जनमनबारो हरेक जेठो परमप्रभुक् ताँही पवित्र कहेलाबैगो।”
\v 24 तव एक जोड़ा ढुकुर(धौंरीया) की कबुतरके दुई बाच्चा करके परमप्रभुके व्यवस्थामे कही जैइसो बे बलिदान चढ़ान आए।
\v 25 यरूशलेममे सिमियोन नाउँ भओ एकआदमी रहए । बा इस्राएलको सान्त्वनाके आशा करनबालो धर्मी और भक्तजन रहए। और पवित्र आत्मा बाके उपर रहए।
\v 26 परमप्रभुक् ख्रीष्टके ना देखेन तक् बा ना मरैगो कहो प्रकाश बा पवित्र आत्मासे पाई रहए।
\v 27 एक दिन बा पवित्र आत्माके प्रेरणासे मन्दिरभितर आओ। जब आइया- दौवा बालक येशूके बाके ताँही व्यवस्थाक् जैसो विधि करन ताँही मन्दिरभितर लाईं।
\v 28 तव बा बाके अपन गोदीम् लई, और परमेश्‍वरको धन्यवाद दइके कही,
\v 29 "अब हे परमप्रभु, अपनो वचनके जैसो तुम अपनो दासके शान्तिसे बिदा देबाऔं।
\v 30 काहेकी मीर आँखी तुम्हरो उध्दार देखिहए ।
\v 31 जो तुम सबए आदमीके अग्गु तयार करे हओ ।
\v 32 तुमर जन इस्राएलक् और अन्यजातिके ताँही प्रकाश देन बारी ज्योति हए ।"
\v 33 औ बाको दौवा और आइया बाके बारेमे बोलीभइ बातमे अचम्मो मानी।
\v 34 सिमियोन बिनके आशीर्वाद दई, और बाकी अइया मरियमसे कही, “देख, जा बालक इस्राएलमे बेढ़मके पतन और उत्थानके ताँही और बहुतनके विरोधमे बोलन ताँही एक चिन्हके ताँही नियुक्त करिहए।
\v 35 ताकी बहुतनके हृदयके विचार प्रकट होमए, ताकी तरवारसे बिनको अपनो हृदय फिर छिदैगो।”
\v 36 आशेरके कुलमे फनुएलकी लौड़ीय हन्ना नाउँकी एक वृध्दा अगमवादिनी रहए ।, जो कुमारी समयमे विहा करके सातै वर्ष तक् लोगासँग बैठी रहए।
\v 37 औ विधुवा रहिके बाको चौरासी वर्ष पुगो रहए। बा मन्दिर ना छोड़त् रहए, पर उपवास और प्रार्थनाकेसँग रातदिन उपासना करत रहए।
\v 38 बाहे समय बा आएके परमेश्‍वरके धन्यवाद दई ।, और यरूशलेमको उध्दारको आसा करन बारे सबएके, बालकके बारेमे बताई ।
\v 39 जब बे परमप्रभु व्यवस्थाके जैसो सबए काम करके निभटाई, तव बा गालीलको अपनो शहेर नासरतमे घुमगए।
\v 40 बालक बुध्दिसे भरिपूर्ण हुईके बढ़तए और तागत् वर होत एगओ, और परमेश्‍वरको अनुग्रह बाकेउपर रहए।
\v 41 बाकी अईया-दौवा निस्तार-तेवहारमे हरेक वर्षमे यरूशलेममे जात रहँए।
\v 42 जब येशू बाह्र वर्षको भओ, तव बे तेवहारको रीतिरीबाज जैसे यरूशलेममे गए।
\v 43 तेवहारको दिन निभ्टातए पीछु बे लौटत बालक येशू यरूशलेम मे रहीगओ जा बात बाके अईया-दौवा पता ना पाईं।
\v 44 बा यात्रीनके दलमे हए कहिके बे एक दिनकी डगर गए । बाके बे नातेदार और चिनजानके बिचमे ढुंणी।
\v 45 पर ना पाएके बे बाके ढुणन फिरसे यरूशलेममे लौटे।
\v 46 तीन दिनपच्छु बे बाके मन्दिरमे शिक्षकनके बीचमे बैठके बिनकी बात सुनत बिनसे प्रश्‍न करत पाईं।
\v 47 सुनन् बारे सबए बाकी समझशक्तिमे और बाके उत्तरमे अचम्मो पणत रहँए।
\v 48 बाके देखके बाकी अईया-दौवा चकित भए। और बाकी अईया कही, “लौड़ा, तए हमके जा का करो ? देख ! तीर दौवा और मए तोके ढुणाके हैरन हुईगाए ।”
\v 49 बा बिनसे कही, “तुम मोके कहे ढुणतहओ ? का मए अपन पिताके घरमे हऔं कहिके तुमके पात ना रहए ?”
\v 50 पर बा बिनसे कहीभई बात बे ना सम्झीं।
\v 51 तव बा बिनकेसँग नासरतमे गईभऔ, और बिनको आज्ञाकारी हुइके बैठो । बाकी अईया जे सब बात अपने मनमे धरलईं ।
\v 52 तव येशू बुध्दिमे, कदममे और परमेश्‍वर और आदमीके अनुग्रहमे बढ्ताए गओ ।
\c 3
अध्याय ३
\v 1 कैसर तिबेरिअसके शासनकालमे पन्धौँ वर्षमे पन्तियस पिलातस यहूदियाक हाकिम रहए । बाहे समय हेरोद गालीलको शासक रहए, और बाको भैईया फिलिप इतुरिया और त्राखोनितिसको शासक रहए,तव लुसानियास अबिलेनेको शासक रहए ।
\v 2 हन्‍नास और कैयाफाक प्रधान पूजारीगिरीको समयमे परमेश्‍वरको वचन उजाड-स्थानमे जकरियाक् लौड़ा यूहन्‍ना ठीन आओ ।
\v 3 बा पाप-क्षमाके ताँही पश्‍चातापको बप्तिस्मा प्रचार करतए यर्दन नदीयके आसपासके सब इलाका हुइके आओ ।
\v 4 यशैया अगमवक्ताको वचनके पुस्ताकमे अइसो लिखोहए, “उजाड-स्थानमे एक जनीक् चिल्लन बारोको आवाज, परमप्रभुक् डगर तयार करऔं, बाक डगर सुध बनाबऔं ।
\v 5 सबए गड्डा भरेजामए, और सबए पहाड और सब उची जगह बरोबर बनेजामङ्गे| और टेंहणी डगर सुध होमङ्गे, और खराब डगर बनो जएहँए,
\v 6 और सबए आदमी परमेश्‍वरको मुक्ति देखङ्गे ।‍"
\v 7 जहे मारे बक़ठीन बप्तिस्मा लेन अनबारे भीडसे बा कही,''ए साँपके बच्चा, आनबारो क्रोधसे भाजन तुमके कउन चुतौनी दई ?
\v 8 जकमारे पश्‍चात्तापको सुहानबारो फल फलाबऔ, और तुम अपनए 'हमरो पिता अब्राहम हए' काहान् पिच्छु मतलागऔ, काहेकी मए तुमसे काहातहऔं, परमेश्‍वर जे पत्थरसे अब्राहमके ताँही सन्तान उत्पन्न कर सकत् हए |
\v 9 अभए कुणहारी रूखक् जरमे पणगई हए, बहे मारे अच्छे फल ना देनबारे सबए रुखा उदरे जामङ्गे, और आगीमे फेंके जए हँए ।‍"
\v 10 आदमी यूहन्‍नासे पुछीं, “तव हम का करए ?”
\v 11 बा बिनसे कही,'' जौन ठीन दुई जोण कठीया हए, बा ना होनबारेके एक दए देबए, और जौन ठीन खानबारो हए, बा फिर अइसी करए ।"
\v 12 कर उठानबारे फिर बप्तिस्मा लेनआए, तव बासे पुछी, “गुरुजी हम का करँए ?”
\v 13 बा बिनसे कही,''तुमके कहोसे जाधा मतलेबऔ ।”
\v 14 सिपैया फिर पुछीं,''हम का करँए ?” बा बिनसे कही, “कोइक उपर अत्याचार करके, और झूठो दोष लगाएके मतलुटऔ । अपन तनखामे सन्तुष्ट राहा बऔ ।”
\v 15 तब आदमी प्रतीक्षा करत रहँए, और सब अपन मनमे यूहन्‍नाके बारेमे शायद जाहे त ख्रीष्ट ना हएकी कहिके विचार करत रहँए ।
\v 16 तव यूहन्‍ना बे सबके जवाफ दइ, “मए तुमके पानीसे बप्तिस्मा देतहऔं, पर एक जनी मोसे शक्तिशाली आए रहो हए, जैनके जुताकी तनी खोलनको लायकको मए ना हऔं । बा तुमके पवित्र आत्मा और आगिसे बप्तिस्मा देबैगो ।
\v 17 फटकन बारो सुपो बाके हातमे हए, जौनसे बा अपनो आँगन अच्छेसे सफा करैगो । और गेहूँ अपनो बक्खारीमे जम्मा करैगो,पर भुसा बा ना बुतन् बारी आगिमे जलबैगो ।
\v 18 अइसीए और बहुत अर्तिसे शिक्षा दैके यूहन्‍ना आदमीनके सुसमाचार प्रचार करी ।
\v 19 पर शासक हेरोद अपनी भैयाकी बैइयर हेरोदियासके धरनके कारण और बा करोभओ सबए दुष्कर्मके ताँही यूहन्‍ना बिनके ढाँटी रहए ।
\v 20 यूहन्‍नाके जेलखानमे डारके बा सबसे दुष्कर्मउपर और एक दुष्कर्म बढ़ाइ रहए।
\v 21 जब सबए आदमी बप्तिस्मा लईं, तव येशू फिर बप्तिस्मा लैके प्रार्थना करत रहए, तव स्वर्ग खुलगओ ।
\v 22 और पवित्र आत्मा शारीरके रुपमे ढुक्कुर जैसो बाके उपर उतरके आओ । तव स्वर्गसे अइसो एक अवाज आओ, “तए मिर प्यारो पुत्र हए तोसे मए बेढम खुशी हओं ।”
\v 23 येशू अपनो सेवाको काम शुरू करत बा करीब तीस वर्षक् रहए । आदमी बाके योसेफको लौड़ा हए कहिके काहात रहँए । योसेफ एलीक् लौड़ा रहए ।
\v 24 एली मत्ततको लौड़ा,मत्तत लेवीको लौड़ा, लेवी मल्कीक् लौड़ा,मल्कीक यान्नाको लौड़ा,यान्ना योसेफको लौड़ा,
\v 25 योसेफ मत्ताथियासको लौड़ा, मत्ताथियास आमोसको लौड़ा, आमोस नहूमको लौड़ा, नहूम इसलीको लौड़ा, इसली नग्गैको लौड़ा,
\v 26 नग्गै माथको लौड़ा, माथ मत्ताथियासको लौड़ा, मत्ताथियास सेमैनको लौड़ा, सेमैन योसेखको लौड़ा,योसेख योदाको लौड़ा रहए,
\v 27 योदा योआननको लौड़ा, योआनन रेसाको लौड़ा, रेसा यरुबाबेलको लौड़ा, यरूबाबेल शाल्तिएलको लौड़ा, शालतिएल नेरीको लौड़ा,
\v 28 मल्कीको लौड़ा नेरी , अद्दीको लौड़ा मल्की, अद्दी कोसामको लौड़ा, कोसाम एलमादमको लौड़ा, एलमादम एर् को लौड़ा,
\v 29 एर् यहोशूको लौड़ा, यहोशू एलीएजरको लौड़ा,एलीएजर योरीमको लौड़ा, योरीम मत्तातको लौड़ा, मत्तात लेवीको लौड़ा रहए,
\v 30 लेवी शिमियोनको लौड़ा, शिमियो यहूदाको लौड़ा, यहूदा योसेफको लौड़ा, योसेफ योनानको लौड़ा, योनान एल्याकीमको लौड़ा,
\v 31 एल्याकीम मलेआको लौड़ा, मलेआ मिन्नाको लौड़ा, मिन्ना मत्ताथाको लौड़ा, मत्ताथा नातानको लौड़ा, नातान दाऊदको लौड़ा,
\v 32 दाऊद यिशैको लौड़ा, यिशै ओबेदको लौड़ा, ओबेद बोअजको लौड़ा, बोअज सल्मोनको लौड़ा, सल्मोन नहशोनको लौड़ा,
\v 33 नहशोन अम्मीनादाबको लौड़ा, अम्मीनादाब आरामको लौड़ा, आराम हेस्रोनको लौड़ा, हेस्रोन फारेसको लौड़ा, फारेस यहूदाको लौड़ा,
\v 34 यहूदा याकूबको लौड़ा,याकूब इसहाकको लौड़ा, इसहाक अब्राहामको लौड़ा, अब्राहाम तेरहको लौड़ा, तेरह नाहोरको लौड़ा,
\v 35 नाहोर सरुगको लौड़ा,सरुग रऊको लौड़ा, रऊ पेलेगको लौड़ा, पेलेग एबेरको लौड़ा, एबेर शेलहको लौड़ा,
\v 36 शेलह केनानको लौड़ा, केनान अर्पक्षदको लौड़ा, अर्पक्षद शेमको लौड़ा, शेम नोआको लौड़ा, नोआ लेमेखको लौड़ा,
\v 37 लेमेख मतूशेलहको लौड़ा, मतूशेलह हनोकको लौड़ा, हनोक येरेदको लौड़ा, येरेद मह्लालेलको लौड़ा, मह्लालेल केनानको लौड़ा
\v 38 केनान एनोशको लौड़ा, एनोश शेतको लौड़ा, शेत आदमको लौड़ा, आदम परमेश्‍वरको लौड़ा रहए ।
\c 4
अध्याय 4
\v 1 येशू पवित्र आत्मासे भरीपूर्ण हुइके यर्दनसे- लौटो, और आत्मा बाके उजाड-जगहामे लैगओ ।
\v 2 और चालीस दिन तक उजाड-जगहामे दियाबलससे* बा परीक्षित भओ। बे दिनमे बा कछु ना खाई रहए, और बा समय के पिछु बा भुकानो रहए ।
\v 3 तव दियाबलस बासे कही, “तए परमेश्‍वरको पुत्र हए कहेसे जा पत्थरके आज्ञा कर, और बा रोटी बनए ।"
\v 4 येशू बासे कही , “लिखोहए, आदमी रोटीसे इकल्लो जीवित ना रहत हए ।”
\v 5 बा बाके एक उँचो जगहामे लैजाएके एकए चोटी जगत् के सब राज्यके दिखाई ।
\v 6 दियाबलस बासे कही, “मए जा सबए अधिकार और जा गौरव तोके देमङ्गो । काहेकी जे सब मोके सुम्पि हए, और मए जउनके इच्छा करतहओं , बाहेके देतहओं ।
\v 7 तए मोके दण्डवत करैगो कहेसे ,जा सब तिर होबैगो ।"
\v 8 पर येशू बासे कही, “लिखोहाए, तए परमप्रभु अपन परमेश्‍वरके इकल्लो दण्डवत करीए, और बाकी इकल्लो सेवा कर' ।”
\v 9 ” तव बा बाके यरूशलेममे लैगओ मन्दिरकी चुटियामे धरी, और बा कही, “तए परमेश्‍वरको पुत्र हए कहेसे बाहुनसे कुद ।
\v 10 काहेकी लिखोहए, 'बा तिर रक्षा करन अपन स्वर्गदूतके आज्ञा करैगो ।'
\v 11 और 'बे तोके हातए-हात रोकङ्गे, नत तिर टाङ् पत्थरमे ठुकैगे' ।”
\v 12 येशू बासे कही, “आइसो कहो गओ हए, "तए परमप्रभु अपन परमेश्‍वरके परीक्षा मतकरीए'|”
\v 13 दियाबलस बाके सबए परीक्षा करके पिच्छु दुसरो समय ना आनतक बाके छोडके चलो गओ ।
\v 14 येशू पवित्र आत्माकी शक्तिमे गालीलमे लौटो, और बक विषयकी बात आसपासके सबए जगहामे फैलगओ ।
\v 15 बा सभाघरमे शिक्षा देन लगो, और सब बाकी प्रशंसा करत रहँए ।
\v 16 एक दिन येशू नासरतमे आओ, जहाँ बा बड़ो भओ रहए । बा अपनो आदत जैसे शबाथ-दिनमे सभाघरमे गओ और धर्म शास्त्र पढन ठाड़ो ।
\v 17 बाके यशैया अगमवक्ताकी किताब दइ। बा किताब खोली, और जा बात लिखीभइ खण्ड निकारी।
\v 18 "परमप्रभुक् आत्मा मिरउपर हए, काहेकी गरीबके सुसमाचार सुनान् ताँही बा मोके अभिषेक करी हए । कैदीनके छुटकाराको घोषणा करन, और अन्धारनके दृष्टि देन, अन्यायमे पड़ेभएनके स्वतन्त्र करन ताँही,
\v 19 और परमप्रभुक् खुशिको वर्ष घोषणा करन ताँही बा मोके पठाईहए ।”
\v 20 बा किताब बन्द करी, और एक जनी सेवकके दैके बा बैठो । सभाघरमे भए सबकी नजर बाके उपर पड़ी ।
\v 21 तव बे बासे कही, “आज धर्मशास्त्रको जा वचन तुमके सुनतए सुनत पूरो हुइगओ हए ।”
\v 22 सब बाके सराहना करी, और बाके मुहसे निकरीभइ कृपापूर्ण वचनमे अचम्मो मानी । और बे कहीं, “जा योसेफको लौड़ा ना हए का?”
\v 23 बा बिनसे कही, “निहात्या, तुम मोसे जा काहाबत् काहाबैगे, ए वैध, अपनएके आच्छो कर। कफर्नहुममे ताए जो जित्तो करो कहीके हम सुने रहओ, बे हियाँ अपने शहेरमे फिर कर'| ।”
\v 24 तव बा कही, “निहात्या मए तुमसे काहातहओं," कोई फिर अगमवक्ताके बिनको अपने जगहमे स्वगत ना होतहए ।
\v 25 पर वास्तबमे मए तुमसे काहातहओं, इस्राएलमे एलियाके समयमे बेढम विधुवा रहँए, बाहे समय जब साढ़े तीन वर्ष वृष्टि रुको, यितोतके सबए देशमे बाड़ो अनिकाल पड़ोरहए ।
\v 26 पर एलिया सिदोन देशके सारपतमे भई एक विधुवा ठीन इकल्लो पठाओ गओ, और कोइकेठीन ना पठाइ।
\v 27 एलिया अगमवक्ताके समयमे इस्राएलमे बेढम कोड़रोग भए रहए,पर सेफिर सिरियाली नामान इकल्लो अच्छो भओ, और कोई अच्छो नाभए ।
\v 28 जा बात सुनके सभाघरमे भए सब जनी दिक्कके मरे चूर हुइगए।
\v 29 बे उठे और बाके शहेरसे बाहिर निकारके जौन पाहाडमे बिनको शहेर बनो रहए, बाहेकी चुटियामे लैजाएके बाके तरे ढकेलन सोँची।
\v 30 पर बा बिनके बीचसे निकरके चलोगओ ।
\v 31 बा गालीलको एक शहेर कफर्नहुममे गओ । शबाद-दिनमे बा बिनके सभाघरमे शिक्षा देत रहए ।
\v 32 बे बाकी शिक्षा मे अचम्मो पड़े, काहेकी बा अधिकारसे बोलत रहए ।
\v 33 सभाघरमे अशुध्द भूतात्मा लगो भओ एक आदमी रहए,और बा बेढम जोणसे किकीयाअनो,
\v 34 "हे येशू नासरी, तिर हमसे का काम ? का तए हमके नष्ट करन आओ हए ? मोके पाता हए । तए परमेश्‍वरको पवित्र जन हए ।”
\v 35 " तव येशू बाके डँटके कही, “चूप लाग, और बासे निकरके जा ।”बा आदमीके बिचमे फतफत बाएके बाके कछु नुकसान ना करके बा भूतात्मा बासे निकरके गओ ।
\v 36 तव बे सब अचम्मो परे, और एकदुसरेसे आइसो कहीन लागे, “जा कैसो वचन हए ? जा त अधिकार और शक्तिसे अशुध्द आत्माके आज्ञा करत हए, और बे निकर जात हँए ।”
\v 37 बाकी चर्चा आसपास मुलुकमे हरेक जगाहामे फैलगइ ।
\v 38 सभाघरसे निकरके बा सिमोनके घरमे घुसो । सिमोनकी सासके बहुत बुखार आत रहए, और बे बक ताँही बासे बिन्ती करी ।
\v 39 बाके ठिन ठाणके बा बुखारके डाँटके कही, और बुखार बाके छोड़दई, और तुरन् तए उठके बा बाक् सेवा करन लागि ।
\v 40 तव दिन डूबन समय बहुत किसिमके रोग लागेभए सबए बेमारीनके बे येशूके ठीन लाईं । बा बिनके हरेक के उपर अपन हात धरके बीनके अच्छो करी ।
\v 41 बेढम आदमीनसे फिरभुत किकीआत और अइसो कहत निकरे, “तए
परमेश्‍वरको पुत्र हए ।”पर बा बिनके जोणसे बोलन ना दई, काहेकी बे बाके ख्रीष्ट हए कहिके चिनत रहँए ।
\v 42 सबेरे उजियारो भओ ,बा निकरके एकान्त जगाहामे गओ । भीण बाके ढुणत बाकेठीन पुगे और हमके छोड़के मतजओं, कहीके बाके रोकन कोसीस करीँ ।
\v 43 पर बा बिनसे कही, “मोके परमेश्‍वरको राज्यको सुसमाचार और शहेरमे फिर सुनान् पणैगो, कहेके मए जहेके ताँही पठाओ गओ हओं।"
\v 44 तव बा यहूदियाक् सभाघरमे प्रचार करन लगो ।
\c 5
अध्याय 5
\v 1 आदमी परमेश्‍वरको वचन सुनन् बाके चारओघेन धक्कामुक्की करत रहँए, और बा गनेसरेत तालके किनारे ठणो रहए ।
\v 2 बा तालके किनारेमे दुई नैया देखी । पर मछर्‍या त नैयाके बाहिर बैठे अपन जार धोत रहँए ।
\v 3 बे दुई मैसे एक नैया त सिमोनकी रहए । बामे चढके बा नैयाके किनारेसे थुरदुर लैजानके कही । बा नैयामे बैठके भीड़के शिक्षा देन लागो ।
\v 4 मसक्के पिछु, बा सिमोनसे कही, “गहिरो घेन लैजाएके मच्छी फसान तँहीअपनो जार डारओ ।”
\v 5 पर सिमोन कही, 'गुरुजी, हम रात भार मेहेनत करके फिर कछु ना पए । तहुँ फीर तुमर कहेसे मए जार डारत हऔं।”
\v 6 तव जब अइसो करी, तव बहुतए मच्छी फसईं, और बिनको जार फटन लागो ।
\v 7 बे दुसरी नैयामे भए मछर्‍यानके आएके सहेता करन इशारा करीं । और आएके बे दोने नैया मच्छीसे भरी, हिनातकि नैया डुबन् लगी ।
\v 8 तव जा देखके येशूक पाउमे घुबटा पड़के सिमोन पत्रुस कही, “हे प्रभु, मिरठीनसे चलोजाओ, कहेकी मए पापी आदमी हओ ।”
\v 9 यित्तो माछरी मारके देखके बे और बाके सँग राहन बारे सब अचम्मो मानी ।
\v 10 "अइसीए करके जब्दियाक् लौड़ा याकूब और यूहन्ना फिर अचम्मो पणे। बे सिमोनसे साझेदार रहँए । येशू सिमोनसे कही, "मत डराए, अब अग्गुके तए आदमीके पकणैगो ।”
\v 11 तव बे अपन नैयां कीनारे लाईं, बे सब चीज त्यग्के, और बाके पीच्छू लागे ।
\v 12 जब बा कोई एक शहेरमे रहए, तव कोड़ रोग भरो एक आदमी येशूके देखके बाके पँवमे घुबटा पँड़के बिन्ती करी, “हे प्रभु, तुम्हरी इच्छा हए कहेसे मोके आच्छो कर सकत हओ ।”
\v 13 बा अपन हात फैलाके और कही "मए इच्छा करतहओ तए अच्छो हुईजा" कहिके बाके छुई, और तुरन्तए बाको कोड़रोग बासे हट गओ ।
\v 14 बा बिनके आदेश दई, “ जा कोइके मत बतैए । पर जएके पूजारीठीन अपनेके दिखा, और मोशाके व्यावस्थाहानी आज्ञा करी भइ अपने आपके पुजारीनके दिखा ।आदमीनके तए आच्छो भओ प्रमाणके ताँही भेटी चढा।”
\v 15 पर बाको चर्चा और जाद्धा जेहेन तेहेंन फैलगओ, और बेढम भरी भीण बाकी बात सुनन् और अपन-अपन रोगसे अच्छो होन जमा होत आए ।
\v 16 पर येशू त सुनसान जगहामे जाएके प्रार्थना करत रहए ।
\v 17 एक दिन बा शिक्षा देत रहए, गालीलमे और यहूदियामे हरेक गाउँ और यरूशलेमसे आए फरिसी और शास्त्री बाके ठीन बैठे रहँए । परमप्रभुकी अच्छो करन बारी शक्ति बाकेसंग रहए ।
\v 18 कुछ आदमी एक लुन्जा आदमीके खटियामे लाई, और बे बाके भीतर लान और बाके अगु धरन चाँही ।
\v 19 पर भीणके बजैसे बाके भितर लैजान कोई डगर ना पाएके बे छनी उपर चढ़ी, और बे छनि उत्कारके बाके खाटीया समेत येशूके अग्गु धरीं ।
\v 20 तव बा बिनको विश्‍वास देखके कही, “ए आदमी, तिर पाप क्षमा हुईगओ ।”
\v 21 तव शास्त्री और फरिसी पुछन लागे, “ईश्‍वार-निन्दा करन बारो जा कौन हए ? पाप त परमेश्‍वर बाहेक और कौन क्षमा कर सकत हए ?”
\v 22 पर येशू बिनकी सवाल प़ता पएके बिनके जवाफ दैके कही, “तुम अपन हृदयमे काहे सवाल करहओ ?
\v 23 तुमर पाप क्षमा भओ' कहीनो कि औ उठके नेग' कहीनो, कौन सहज हए ?
\v 24 और आदमीको पुत्र पृथ्वीमे पाप क्षमा करनको अधिकार हए कहीके तुम जानओ ।” तव बा लुन्जासे कही, “मए तोसे काहत हओं, उठ और अपन खाटीया उठाएके घरए जा ।”
\v 25 तव बा तुरन् तय बिनके अगु उठो, और जौन खाटीयामे बा पणो रहाए बा उठके परमेश्‍वारकी महिमा करतए बा अपन घरघेन गओ ।
\v 26 तव सब जनी अचम्मो मानी, और बे परमेश्‍वारकी महिमा करीं, और भयभीत हुइके आइसो कहीं, “आज हम अचम्मो काम देखे।”
\v 27 तव जे बातपच्छु बा द्वारे गैभओ और लेवी नाउँ भओ एक जनी कर उठानबारो कर अड्डामे बैठोभओ देखी और बासे कही मिर पिच्छु लाग ।.
\v 28 तव बा सब चीज छोडके, और उठके बाके पाछु लागो।
\v 29 लेवी अपनो घरमे बाके ताँही बाणो भोजकी योजना करी । बा हुना कर उठानबारे और बाणो संख्यामे बाकेसँग बैठे रहँए ।
\v 30 फरिसी और बिनके शास्त्री बाके चेलनके विरुध्दमे आइसो कहिके गन गनान् लगे, “तुम कर उठानबारे और पापीसँग काहे खानपिन करत हओ ?”
\v 31 पर येशू बिनसे कही, “निरोगीनके वैधकी जरुरत् ना पणतए, पर रोगीनके इकल्लो ।
\v 32 मए धर्मीनके ताँही ना, तर पापीनके पश्‍चतापके ताँही बुलान आओ हऔं ।”
\v 33 बे बासे कहीं, “यूहन्नाके चेला बारम्बार उपबास बैठत हँए और प्रार्थना करत रहँए । फरिसीके चेला उइसी करत हँए, पर तुम्हर चेला खात हँए और पीत हँए ।”
\v 34 येशू बिनसे कही, “का दुल्हासँग रहनतक बरैइतीयनके उपवास बैठन लगात हओ ?
\v 35 पर आइसो दिन आमङ्गे जब दुल्हा बिनसे अलग होबैगो । तव बे बा दिनमे उपवास बैठङ्गे ।”
\v 36 बा बिनसे एक काहानी फिर कही: “कोई आदमी नयां लत्ता पुरानो लत्तामे नाथिगरत हए, नत बा नयांके फारदेहए, और नयां थिगरा पुरानोसे मिलत फिर ना हए ।
\v 37 कोई आदमी नयाँ दाखमध पुरानो चमड़ाकी मशकमे ना डारत हए, नत नयाँ दाखमधसे चमड़ा फूट जैहए, और दाखमध गीर जैएहए, और मशक फिर खराब हुई जैएहए ।
\v 38 नयाँ दाखमध नयाँ चमड़ाके मशकमे धरन पणत हए ।
\v 39 कोई आदमी पुरानो दाखमध पिके नयाँके चाहा ना करत हए, काहेकी बा काहात हए "पुरानो अच्छो हए ।”
\c 6
अध्याय 6
\v 1 शबाथ दिनमे बा अन्नके खेतघेनसे जात रहए, और बाके चेला बाली तोणके हातमे मिजलके खान लागे ।
\v 2 पर फरिसीमैसे कोई-कोई बिनसे कहीं, “शबाथ-दिनमे जो करन ठिक ना हए बा तुम काहे करत हऔं ?”
\v 3 येशू बिनके जवाफ दैके कही, “ का तुम जा फिर ना पढे हओ, दाऊद जब बा अपनए और बाके सँग रहन बारे भुखाने रहँए, तव बा का करी ?
\v 4 कईसे परमेश्‍वरके घरमे घुस्के चढाइ भइ रोटी निकारके बे खाई, और बिनके सँग होनबारेनके फिर दइ, जो पूजारी बाहेक औरके खान मनाही रहए ।”
\v 5 तव बा बिनसे कही, “आदमीको पुत्र शबाथको प्रभु हए ।”
\v 6 दुसरो शबाथमे सभघरभित्र घुसके बा शिक्षा दई । बा हुवँ एक जनी आदमी रहए बाको दाहिना हात सुखो रहए ।
\v 7 बा शबाथमे अच्छो करनो काम करैगो कहिसे बाके दोष लगन नियतसे शास्त्री और फरिसी बाके चुबकेसे सुनत रहँए ।
\v 8 पर बा बिनकी नियत पाता पाएगओ रहए, और सुखो हात भओ आदमीसे कही, “हीन आ और ठाड़ ।” तव बा उठो, और ठाड़ो ।
\v 9 तव येशू बिनसे कही, “मए तुमसे पुच्छ्तहऔं, शबाथमे अच्छो करन औ खराब करन, प्राण बचान औ नाश करन का अच्छो हए ?”
\v 10 तव बा चारौघेन देखके बा आदमीसे कही, “ताए हात फैला ।” औ बा उइसी करी, और बाको हात सुध हुइगऔं ।
\v 11 पर बे दिक्कके मरे चूर हुइगए, और येशूके का करऐँ कहिके आपनए सल्लाहा करन लगे ।
\v 12 बे दिनमे बा पहाडघेन प्रार्थना करन गओ, और परमेश्‍वरके सँग प्रार्थना करके पूरी रात बिताई|
\v 13 सबेरो भओ बा अपन चेलानके अपनठीन बुलाएके बिनमैसे बाह्र जनीके छानी, और बा बीनके प्रेरित नाउँ दइ रहए ।
\v 14 प्रेरितके नाउँ रहएः सिमोन, जौनके बा पत्रुस नाउँ फिर दई, और बाको भैया अन्द्रियास,याकूब और यूहन्‍ना, फिलिप और बारथोलोमाइ,
\v 15 मत्ती और थोमा, अल्फयसको लौड़ा याकूब, और सिमोन, जो उग्रपन्थी काहात रहँए,
\v 16 याकूबको लौड़ा यहूदा, और यहूदा इस्करियोत, जो विश्‍वासघाती भऔं ।
\v 17 बा बिनके सँग तरे उतरके बराबर जग्गामे ठण बाई । बाके चेलानको एक बड़ी भीड़, और सबए यहूदिया और यरूशलेम, और समुन्द्र तटवर्ती टुरोस और सिदोनको इलाकासे बड़ी भीड़ रहँए ।
\v 18 बाकी वचन सुनन् ताँही और आ-अपन रोगसे अच्छो होन आए रहँए । भुत आत्मासे सताए भए फिर अच्छो भए ।
\v 19 सबए भीड़ बाके छुन ढुणत रहँए, काहेकी शक्ति बासे निकरत रहए, और बिनके सबके अच्छो करत रहए ।
\v 20 तव बा अपन चेलनके उपर नजर करके कही: “धन्य तुम जो दीन होनबारे, काहेकी परमेश्‍वरको राज तुम्हरीए हए ।
\v 21 धन्य तुम, अभए भुकाँनबारे, काहेकी तुम तृप्त होबैगे । धन्य तुम रोनबरे, काहेकी तुम हाँसैगे ।
\v 22 धन्य तुम, जब आदमी तुमके आदमीको पुत्रके ताँही घृणा करङगे, और बहिष्कार करङगे, और खिसबामङ्गे, और दुष्ट काहामङ्गे तुम्हर नाउँके अपमान करङ्गे ।
\v 23 "बा दिनमे रमाबऔ,और ख़ुशीसे कुदऔं, काहेकी स्वर्गमे तुम्हर इनाम बणो हए । काहेकी तुम्हर पुर्खा अगमवक्तानके अइसीए करत रहँए ।
\v 24 पर धिक्कार, तुम धनीनके ! काहेकी तुम अपनो सुख-चैन पाईगैए हओ ।
\v 25 धिक्कार, तुम अभए तृप्ता भए ! काहेकी तुम भुकाबैगे । धिक्कार, तुम अभैए हाँसन बारे ! काहेकी तुम शोक करैगे और रोबैगे ।
\v 26 धिक्कार, तुमके, जब सब आदमी तुम्हरी प्रशंसा करङ्गे ! काहेकी अइसीए बिनके पुर्खा झूठो अगमवक्तानके फिर करी रहँए ।
\v 27 पर तुम सुनन् बारेसे मए काहाथाऔ, अपन शत्रुसे प्रेम करोऔ, और घृणा करन बारेके भलाइ कराऔं ।
\v 28 सरापन बारेके आशीर्वाद देबऔं और दुर्व्यवहार करन बारेनके ताँही प्रार्थना कराऔं ।
\v 29 तुम्हर एक गलौवामे चट्कन बारेनके दुसरो फिर रोक दोबऔ, और तुमाहर पिछौड़ा लेनबारेनके तुम धोती फिर लैजान दाबऔ ।
\v 30 तुमसे मागन बारे सबके देऔं, और तुमसे समान लेनबारेनसे फिर मतमागाऔं ।
\v 31 जाउन आदमीसे तुम जैसो करान चाँहत हओ ,तुम फिर बिनसे अइसी कराऔं ।
\v 32 तुम से प्रेम करन बारेनसे प्रेम करत हऔं कहेसे, तुम्हे का फाइदा भाओ ? काहेकी पापी फिर आपनेके प्रेम करन बारेसे प्रेम करत हँए । "
\v 33 तुमर भलाई करन बारेके भलाई करत हओ कहेसे, तुमे का फाइदा भऔ ? काहेकी पापी फिर अइसीए करत हँए ।
\v 34 यदि फिर्ता पान आशा करके कोइके ऋण देत हऔं कहेसे, तुमके का फाइदा भऔं ? काहेकी फिर उत्कए पान आशा करके पापी पापीके ऋण देत हँए ।
\v 35 पर अपने दुश्मनके प्रेम करऔं,और बिनके भलाई करऔ। फिर पान आसरा ना करके ऋण देओ, और तुमर इनाम बणो हुइहए, और तुम सर्बोच्चके सन्तान हुईहऔ, काहेकी बा घमन्डी और स्वार्थी उपर कृपालु हए ।
\v 36 तुमर पिता जैसो कृपालु हए तुम फिर कृपालु होबओ।
\v 37 दुसरेके न्याय मत करऔ और तुमर फिर न्याय ना हुइहे । दुसरेके दोषी मत बनाबओ, और तुम फिर दोषी ना ठहरैगे। क्षमा करओ, और तुमके फिर क्षमा करो जए हए ।
\v 38 औरनके देबएगे, और तुमके फिर दओ जाबैगो। आदमीके बहुत परिमाणमे खाँद-खाँदके डटके हलाएके, उफानत भओ तुमर कुठियामे धरो जैहए । काहेकी जौन नापसे तुम देहओ, बहे नापसे तुम फिर फिर्ता पैहओ।”
\v 39 तव बा बिनसे एक कहानी फिर कही: “ का आँधरा- आँधराके डुर्‍याय लेहए ? का बे दुने गड्डामे ना पणङ्गे ?
\v 40 चेला आपन गुरुसे बणकर ना होत हए, पर पुरो सिक्के बा आपने गुरुजैसो होबैगो।
\v 41 अपन भैयाके आँखीमे भओ कुरा तुम काहे देखत हऔं, पर आपन आँखीमे भओ लठ्ठा पता ना पातहऔं ?
\v 42 तुम आपन आँखिमे लठ्ठा नदेख्तहओ कहेसे, अपनो भैयाके ,ए भैया, तिर आँखीमे पणो कुरा मोके निकारन देए , कहिके तुम कइसे कहे सकत हऔं ? ए कपटी, पहिले आपन आँखीसे लठ्ठा निकार, तव तए अपन भैयाक आँखीमे भओ कुरा निकारन ताँही अच्छेसे देखैगे।
\v 43 कोई अच्छो रुखा खराब फरा ना फरात हए, न त खराब रुखा अच्छो फरात हए , "
\v 44 हरेक रुखा बाके फरासे चिनत हए। काहेकी काँटोके झाँगसे कोई गुलर ना बटोरत हए, नत झाडीसे अंगूर बटोरत हए।
\v 45 अच्छो आदमी आपनो हृदयसे अच्छो भण्डारसे अच्छो चिज निकारत हए, और खराब आदमी आपनो हृदयसे खराब भण्डारसे खराबए चिज निकारत हए। काहेकी जौन बातसे हृदय भरोहोत हए, आदमीक मुहसे बहे निकरत हए ।
\v 46 मिर कही बात ना करत हऔ तव काहे मोके "प्रभु, प्रभु" काहत हऔ ?
\v 47 जौन मिरठीन आत हए, मिर वचन सुनत हए और बहे जैसो करत हए, बा कैसो आदमी हए, मए तुमके बतामङ्गो ।
\v 48 बा आदमी घर बनान् बालो आदमी जैसो हए, जौन गहिरो खोदके चट्टान उपर जग डारी ।जल प्रलय भओ, तव जब बाहण आओ, और बा घरमे ठुक गओ, तव बा घरके हला ना पाई, काहेकी बा पक्को बनो रहए।
\v 49 पर जौन सुनत हए और फिर बा जैसो ना करत हए, बा एक जनी आइसो आदमी हाए, जौन जमिन उपर बिनाजगको घर बनाई । जब बा घर उपर बाहण आइके ठोकी, तव बा घर तुरन्त गिर गओ, और बा घरको बणो सत्यानाश भाओ ।
\c 7
अध्याय 7
\v 1 अपनी सबए बात आदमीनके सुनाईके बा कफर्नरहुममे घुसो।
\v 2 कोई एक कप्तानको एक अच्छो कमैयाँ रहए, जौन बीमार हुइके मरन बारो रहए।
\v 3 जब येशूके बारेमे बे सुनी, तव बाको कमैयाँके अच्छो करदेबए कहिके बा यहूदीन के धर्म गुरुसे बिन्ती करन पठाई।
\v 4 बे येशू ठिन आएके आइसे कहिके बा से नम्रहुइके बिन्ती करी , ''बे तुमर जा कृपा पानके योग्यके हँए ।
\v 5 काहेकी बे हमर जातिनके प्रेम करत हए,और बा बहे हए जो हमर सभाघर बनाई रहए।''
\v 6 येशु बिनके संग गओ । कप्तानके घरके जौने बा होतए, ,कप्तान बिनके सङ्गिनके बाके ठिन एइसो कहेके पठाई ,”हे प्रभु दुःख मत उठाबओ काहेकि तुमके मिर घरमे लान योग्यको मए ना हऔं ।
\v 7 मए अपनै फिर तुम्हरठीन अनको योग्य ना रहऔं । पर वचन कहि देओ, और मेरो चाकर अच्छो हुई जै हए ।
\v 8 काहेकी मए फिर अख्तियार तरे बैठन बारो आदमी हऔं, तव मेरे अधीनमे सिपैय हँए । मए एकके 'जा' काहात हऔं, तव बे जात हँए, और दुसरे से 'आ' काहात हऔं, तव बे आत हँए । मए कमैयाँसे 'जा' कर' काहात हऔं, तव बा करत हए।”
\v 9 जा बात येशू सुनके बासे अच्मो मनी, और घुमके अपन पिछु आनबारे भीणसे कही, “ मए तुमसे काहात हऔं, मए इस्राएलमे फिर यित्तो बाणो विश्‍वास ना देखो रहऔं ।”
\v 10 जब पठाएके आदमी घरए घुमके आए,बे बा कमैयाँके अच्छो भओ पाईं ।
\v 11 बा के कुछ समय पिछु येशू नाइन नाउँके शहेरमे गओ । और बाके चेला और एक बड़ी भीड़ बाके सँग गई ।
\v 12 जब बा बजरके मोखेके ठीन पुगो, एक विधुवको एक लौड़ाको लाह्स लैजात रहँए । शहेरकी बहुत बड़ी भीड़ बिनके सँग रहए ।
\v 13 जब प्रभु बिनके देखि, बा बहुत दयासे भरगओ तव बिनसे कही, “मतरोबऔ।”
\v 14 तव जौने जएके बा खटिया छुई और बोकन बारे चुप्पए ठाण गए। बा कही, “ए जबान, मए तोसे काहात हऔं, 'उठ'।”
\v 15 तव मरो आदमी उठके बैठ गओ, और मस्कन लगो। येशू बाके आईयके जिम्मा लगाए दई।
\v 16 "तव सब अच्मो मानी । और परमेश्‍वरकी महिमा करीं, और कहीं, “एक जनी महान अगमवक्ता हमर बिचमे प्रकट भओ हए,”और परमेश्‍वर अपन प्रजा उपर कृपा करीहए ।”
\v 17 बाके विषयकी जा चर्चा सारे यहूदिया और किनारे किनारेके सब जिल्लामे फैल गओ ।
\v 18 यूहन्‍नाके चेला जा सब बातको समाचार बिनसके बताईं ।
\v 19 अपने चेला वाहेक दुई जनीके यूहन्‍ना प्रभुठीन जा पुछन पठाई, “ जौन आन बारोहए, का बा तुमहीं ह्औं ? का हम और कोईके आसरा करैं ?”
\v 20 जब बे आदमी येशूठीन आए, तव बे कहीं, “बप्तिस्मा देनबारो यूहन्‍ना हमके जा पुछन तुमर ठिन पठाई हए, 'ज़ौनआन बारो हए, का तैए बहे हए ? की हम दुसरेक आसरा करैं ?”
\v 21 बहे समयमे येशू बहुत रोग, कष्ट और भुतआत्मासे छुटाई, और बेढब आँन्‍धनके दृष्टि दई ।
\v 22 तव बा बिनसे कही, “ जाओ, और जो तुम देखे और सुने, जएके यूहन्‍नासे कहे देओ । औ आँधरा देखत हँए, लङ्गड़ा नेगत हए, कोणरोग अच्छो होत हँए, बहिरा सुनत हँए, मरेभए जिन्दा हुइके उठे हँए, गरीबनके सुसमाचार सुनाइ हए ।
\v 23 बा धन्यको हए, जो मिरमे बाधाको कारन ना पत हए।
\v 24 यूहन्‍नासे पठाएभए चेला चले जानके पिछु बे यूहन्‍नाके बारेमे भीणसे काहान लागो , “तुम उजाड- स्थानमे का देखेन गए ? का हबासे हलाए रहो निगालीके ?
\v 25 तव तुम का देखन निकरे ? का अच्छो लत्ता लगावभओ आदमीके देखन ? देखै चमकन बारो लत्ता पैधन बारो और सुख बिलासमे बैठन बारे त राजदरबारमें होत हँए ।
\v 26 तव तुम का देखन निकरे ? का अगमवक्ताके ? हाँ ,मए कहत हओ, एक अगमवक्तासे माहान फिर हियँ हए ।
\v 27 जा बहे हए,जौनके बारेमे लिखो हए, 'देख, मए मेरो दूतके तुमर अग्गु- अग्गु पठामङ्गो, जौन तुमर ताँही डगर तयार करैगो ।'
\v 28 मए तुमसे काहात हऔं, 'स्त्रीनसे जन्मो भओ युहन्‍नासे माहान कोई ना हए, तव बा फिर जो परमेश्‍वरके राजमे छोटो से छोटो हए, बा बिनसे और माहान हए'।”
\v 29 तव सब आदमी और कर उठानबरे जा सुनके परमेश्‍वरकी सत्यताके स्वीकार करीं, काहेकी बे यूहन्‍नासे बप्तिस्मा लईं रहँए।
\v 30 तव फरिसी और ब्यबस्थके पण्डित यूहन्‍नासे बप्तिस्मा ना लेनके बजैसे, परमेश्‍वरको कामके आपने ताँही अस्वीकार करीँ।
\v 31 येशू कही,''जा पुस्ताके आदमीके मए कौनसे दँजऔं ? बे कौन जैसे हँए ?
\v 32 बेता बजारम बैठन बारो बच्चाकता हँए, जौन एक दुसरेके आइसे कहिके डँटत हँए, 'हम तुमर ताँही बसुली बजाए और तुम ना नाचे। हम बिलैनाकरे, और तुम ना रोए।“
\v 33 बप्तिस्मा देनबरो यूहन्‍ना आओ, तव बा ना रोटी खात रहए ना दाखमध पित रहए। तुम 'बाके भुत लागो हए, काहात हओ।
\v 34 आदमीक लौड़ा खात और पित, आओ और तुम काहात हओ, "देख, एक घिचुवा और पियक्कड़, कर उठानबरो और पापीनको सँगी ।"
\v 35 पर बुध्दि बिनके सबए सन्तनसे प्रमाणीत होत हए ।"
\v 36 फरिसी मैसे एकजनी बाके खानु खान न्युतो दइ, और बा बे फरिसीके घरमे जाएके खान बैठो ।
\v 37 बा बाजरमे एक पापी स्त्री रहए । येशु फरिसीके घरमे खान बैठो रहए कहिके सुनी, और एक सिङगमरमरकी शीशीमे अत्तर लैके बा हूना आई ( माहकुवा तेल ) ।,
\v 38 पिच्छुघेनसे बाके पाउँ ठीन ठाणके, रोत बाकी पाउँ आँसुसे भिजान लागी, और अपन मुड़के बारसे पोछत बाके पाउँके चुमी, और बा अत्तर लगान लागी ।
\v 39 बाके न्युतो देनबारो फरिसी जा देखके मनैमनमे अइसो काहान लगो, “जा अगमवक्ता हुईतो ता जाके छुन बारी कैन और कैसी स्त्री हए कहिके जा जान जातो, काहेकी जा त पापीन हए।”
\v 40 येशू बा फरिसीसे कही, “ए सिमोन मोके तोसे कुछ काहान हए ।”बा कही, “गुरुजी काहा बऔ।
\v 41 येशू बासे कही "कोई साहुके दुई कर्जिदार रहँए, एक जनी पाँच सय रुपैया और दुसरो पचास रुपैया कर्जा लई रहए।
\v 42 पर बिनकेठीन तिरन कुछु ना रहए बा बिनके माफी दइ। बताबऔ त, जे दुई मैसे कौन बाके जाधा प्रेम करैगो ?”
\v 43 सिमोन कही, “मए काहात हऔं, जौन जधा माफी पाओ । बा बिनसे कही, “तुम ठीक विचर करे ।"
\v 44 तव बा स्त्रीघेन घुमके बा सिमोनसे कही, “बा स्त्रीके देखत हओ ? मए तिर घरभित्र आओ, पर तए मोके पाउँ धोन पानी ना दओ, और जा मीर पाउँ आँसुसे भिजाई, और अपन बारसे पोंछी ।
\v 45 तए मोके चुम्‍न ना करो , पर जा त, मए हियँ जबसे आओ, मिर पाउ चुम्‍न करन ना छोड़ी हए।
\v 46 तए मिर मुणमे तेल ना लगा दाओ, पर जा मिर टाङ्गमे अत्तर घिसी हए ।
\v 47 जहेमरे मए तुमसे काहात हऔं, जाके पाप, जो बेढब रहँए, क्षमा हुइ गए, काहेकी जा स्त्री जाधा प्रेम दिखाई । पर जौनके थोरी क्षमा करत हए, बा थोरी ही प्रेम कतहए।”
\v 48 तव बे बा स्त्रीसे कहीं, “तिर पाप क्षमा हुईगए हँए।”
\v 49 खान बैठनबारे अपने अपनेमे काहान लागे, “पाप क्षमा करन बारो जा कौन हए ?”
\v 50 बा स्त्रीसे कही, “तिर विश्‍वास तोके बचाई हए, शान्तिसे जा ।”
\c 8
अध्याय 8
\v 1 जक् पिछु बा बाजर- बाजर और गाउँ-गाउँ होत प्रचार करत और परमेश्‍वरको राज्यको सुसमाचार सुनात घुमन लागो। बाक़े सँग बाह्रा जनी चेला रहँए ।
\v 2 कित्तो स्त्री फिर बाके सँगमे रहँए, जो दुष्टआत्मा और रोगसे अच्छो भए रहँए । जे रहँए: मग्दलिनी कहेन बारि मरीयम, जोसे सात भूत निकारी रहए ।
\v 3 हेरोदको कारिन्दा खुजासकी बैइयर योअन्ना, और सुसन्ना । और बे औरनके अपन सम्पतिसे बाकी सेवा करत रहँए ।
\v 4 जब बड़ी भीड़ जमा भाई और बाजार-बाजार से आदमी बक ठीन आए, बे बिनसे एक काहानी कही ।
\v 5 "एक जनी बिज बोन निकरो, और बोत-बोत कुछ डगर के किनारेमे पड़े, और बे आदमीके टाँगसे चिबद गए, और चिरैयाँ आएके खाए दईं ।
\v 6 और बिज पत्थर बारी जमिनमे पड़े , और बे जमे खिंनक् सूक गाए, काहेकी बा जमिन बिना आदकी रहए।
\v 7 कोई बिज काँटोके बिचमे पड़े, और बिनके सँग काँटो फिर बढ्तए गऔ, और बिनके बड़न ना दई ।
\v 8 कित्तो अच्छी जमिनमे पड़े , और जमे सय गुणा फल फलाई।” इतकए काहात बा जोणसे चिल्लाएके कही,” जौनके सुनन् कान हए बा सुनए ।”
\v 9 बिनके चेला जा काहानीको अर्थ का हए बासे पुछीँ ।
\v 10 तव बा कही, “तुमके त परमेश्‍वरके राज्यको भेद जानन् ज्ञान दइ हए, पर औरकेसँग मए काहानीमे बतात हऔं, की ' बे देखके फिर ना देखैं, और सुनके फिर ना सम्झैं ।'
\v 11 अब काहानीको अर्थ जा हएकी: बिज परमेश्‍वरको वचन हए ।
\v 12 डगरकी किनरे गिरो बिज बे हँए, जैन सुनत हए, तव बे वचन सुनके विश्‍वास ना करए और ना बचए कहिके दियाबलस अएके बिनकी हृदयसे वचन लैचालो जातहए।
\v 13 पत्थरबरी जमिनमे पणनबरी बेहे हँए, जैन वचन सुनके ख़ुशीसे ग्रहण करत हए । पर बाको जर ना होनके कारनसे, और बे थोरी समयके ताँही बे विश्‍वास करत हँए, पर परीक्षाके अग्गु बे अलोप हुइजात हँए।
\v 14 कांटोके बिचमे पणन बारी बेही हँए, जैन सुनत् हँए, पर पीछु जा जीवनकी चिन्ता, धान, सुखचैनमे पणके बड़न ना पात हँए, और बिनको फल ना पक पात हए ।
\v 15 पर अछी जमिनमे पणन बारे बेहि हँए, जैन वचन सुनके अच्छो मन और भलो हृदयमे बाके जुगाए रहत हँए, और आसासे फल फलात हँए।
\v 16 कोई दिया पजारके बर्तनसे ना तोपत हए, की खटिया तरे ना धरत हए पर भितर आनबारेके उज्यारो होबए कहिके आरोमे धरत हए ।
\v 17 कोई बातके लुकाएके ना धर सकत हए ,जो उजागर ना होत हए, और कोई बात लुकि ना राहात हए, जो ना दीखई देबए औ उज्यारेमे ना आत हए ।
\v 18 जहेमरे हौसीयर होबऔं, तुम कैसे सुनत हऔ, काहेकी जौनसँग हए, बाके और दए जाबैगो, और जौनसँग ना हए, बाकेसँग जो हए कहिके बा समझत हए, बा फिर बासे छिनो जाबैगो ।”
\v 19 बाकि आइया और भैया बके जौणे आए, पर भीडके मारे बक जौणे आए ना पाई ।
\v 20 बासे कोई कहीं,'' तुमर आइया और भैया भेट करन ताँही बाहिर ठणे हँए ।”
\v 21 और बा बिनसे कही, “मिर आइया और मिर भैया बेहि हँए, जौन परमेश्‍वरको वचन सुनत हँए, और बा पालन करत हए।”
\v 22 एक दिन बा अपन चेलासँग नैयाँमे चणे रहए, और बा बिनसे कही, “हम तालके बापार जमंए।” और बे नैयाँमे चढ़के गए।
\v 23 नैयाँमे जातए जात बा निधाए गऔ । तालमे आँधीबियर चलन लागी । नैयाँ पानी से भरन लागी, और बे आफतमे पण गए।
\v 24 तव बे जौने आइके बाके आइसे काहात जगाई,” गुरु,गुरु, हम डूबन लागे ।” बा उठके आँधी और पानीकी लहर के डँटी, और बा रुक गाऔ औ सब शान्त हुइ गऔ ।
\v 25 बा बिनसे कही,” तुमार विश्‍वास काहाँ गाऔ ?” बे डराए गए, ताव आचम्मो मानी और एक दुसरेसे काहान लगे,” जा कौन हए ? जौन आँधी और पानीके आज्ञा देत हए, तव बे जक आज्ञा मानत हँए ?”
\v 26 बा गेरासेनके देशमे आइगाओ, जौन गालीलके दूसरे पारमे पणत् हए ।
\v 27 जब बा पखासे उतरो तव बा बजारकी एक जनी आदमीसे भेटी, जौनकेभूत लागो रहए | काहेकी बा लम्मे समयसे बा आदमी कपड़ा ना लगात रहए ,और घरमे फिर ना बैठत रहए ,बलकी बा मरघटमे बैठत राहत रहए ।
\v 28 बा येशूके देखी, और जोणसे बुलाई बाके जौणे घुपटा हुईके बाणो जोणसे कही, “हे सर्वोच्चो परमेश्‍वरको पुत्र येशू, तीर मोसे का काम ? बिन्ती करत हओं, मोके मत सता बए ।”
\v 29 काहेकी खराब आत्मा बा आदमीसे निकरके जान ताँही आज्ञा दइ रहए । बाके बेढब चोटी भूत पक्णी रहए। बा देखरेखमे धरो रहए । बा साँकरसे खुँटामे बाँधो राहात रहए, पर बा बे बन्धान तेण देत रहए। तव भूत बाके मरुभूमि घेन लैजात रहए।
\v 30 येशू बासे पुछी,'' तीर नाउँ का हए ?” बा कही, “फौज ।” काहेकी गजब भूत बामे फसेपणे रहँए ।
\v 31 बिनके अतल कुण्डमे मत पठाबऔ कहिके बिनसे बा बिन्ती करी ।
\v 32 औ बहे डँगामे सोराको एक बड़ो बगाल चुगत रहए। तव बे सोराकी भितर घुसनदे कहिके बिन्ती करी, और बा मन्जूर भओ ।
\v 33 तव भूत बा आदमीसे निकरके बे सोराके भितर घुसगए, और बा बगाल खल्लासे समुन्द्रघेन हुरट गए और डुबके मर गाए।
\v 34 तव जो भओ रहए बा देखके सोरा चुगानबारे भाज गए, और जाएके बजार और गाउँ होत जा बात बताए दईं ।
\v 35 तव जो भओ रहए बा देखन ताँही आदमी येशूके ठीन आए, और जैन आदमीसे भूत निकरो रहए, बाके लत्ता लगाएके सफा मनको हुके येशूक चरणमे बैठो पाईं रहँए, और बे अचम्मो मानी और डराए गए ।
\v 36 तव जौन घटना घटो भओ रहए, बे आदमी देखीं रहँए औ कैसे दुष्ट आत्माके काबुसे बा आदमी बचाओ गऔ, जा बातके दुसरेनके बताईं ।
\v 37 गेरासेनसके आसपासके गाउँके आदमी येशूके बिनके गाउँसे चलोजा कहिके बिन्ती करीं, काहेकी बे गजब डराए गए रहँए।
\v 38 तव जैन आदमीसे भूत निकरो रहए, बा बाकेसँग जान पाँओ , कहिके बा बिन्ती करन लागो । तव येशू बाके आइसो कहिके बिदा दई,
\v 39 "तए अपने घर चलोजा, और परमेश्‍वर तिर ताँही कित्तो बाणो काम करीहए, बा माहान कामके याद कर ।”
\v 40 येशू लैटके आओ , भीण बाके स्वागत करी, काहेकी बे सब बाके आसरा देखत रहँए ।
\v 41 यइरस नाउँको एक जनी सभाघरको शासक आएके येशूक पांवमे पणो, और बाके घरमे आबए कहिके बीनके बिन्ती करी ।
\v 42 काहेकी बाह्रा वर्षकी पुगी बाकी एक लौड़ीया रहए, बा मरन लगी रहए । येशू जातपेति आदमी बाके धक्का मुक्की लगात रहँए ।
\v 43 बाह्रा वर्षसे रगत बाहानबारी दुखिया एक स्त्री ,बा अपन सबए पैसा डाक्टरके दाबाइमे खर्चा कर डारी रहए ,पर बाके कोइ फीर अच्छो ना कर पाईं रहँए ।
\v 44 बा पच्छुसे आएके बाको लत्ताको एक कुन्छ छुई, और तुरन्त बाको रगत बाहान बन्द हुईगऔ ।
\v 45 "येशू कही, "मोके कौन छुओ हए ?” जब सब इन्कार करीं,” , तव पत्रुस और बिनकेसँग होनबारे कहीं, “गुरुजी भीण तुमके घेरके धक्का मुक्की कर रहे हए।”
\v 46 तव येशू कही, “कोई मोके छुओ हए, काहेकी शाक्ति मोसे निकरके गईहए मए पाता पाओ हऔं।”
\v 47 ” तव अपना लुकन ना सकन बारि बात पता पाएके बा स्त्री काँप्ताए आई और बाके अगु घुप्टा पण गई, और कैसे बा बाके छुई, बे सब आदमीके अग्गु बताई।
\v 48 बा बासे कही, “लौड़ीया , तिर विश्‍वाससे तए अच्छो भओ हए, शान्तिसे जा।”
\v 49 बा मस्कत रहए, सभाघरके शासकके घरसे एक जनी आदमी आए पुगो और कही, “तुमर लौड़ीया मर गई । अब गुरुके कष्ट मत दे ।”
\v 50 तव येशू जा बात सुनके याइरससे कही, “मत डराबए, विश्‍वास इकल्लो कर, और बा अच्छी होबैगी।”
\v 51 जब बा घरमे पुगो तव बा पत्रुस, याकूब, यूहन्‍ना और बाच्चाको दौव और आइया बाहेक और कोईके बाकेसँग भितर आन ना दई ।
\v 52 सब जनी रोत रहँए और बिलखात रहँए, तव बा कही, “मतरोबऔ, बा मरी ना हए, पर सोत हए ।”
\v 53 बा मरीगई हए जानके, फिर बे बाकी खील्ली उड़ान लागे ।
\v 54 पर बा लौड़ीयाके हातमे पकड़के आइसे काहात बुलन लागो,'' ललो, उठ।”
\v 55 औ बाको प्राण घुमके आएगऔ, और बा तुरून्त उठी, और बा बाके कछु खानके देनके ताँही कही ।
\v 56 बाकी आइया और दौव अचाम्मो मानी, पर जो भओ रहए बा कोईसे मत कहीएओ कहीके बा आदेश बिनके दाई |
\c 9
अध्याय 9
\v 1 तव बा बाह्रा चेलानके एकसँग बुलाई , और बिनके सबके भूतके निकारन और रोग अच्छो करन बारो शक्ति और अधिकार दइ ।
\v 2 बा बिनके परमेश्‍वरको राज्यको सुसमाचार प्रचार करन और बेमारनके अच्छो करन पठाई ।
\v 3 बा बिनसे कही, “तुम अपन यात्रामे अपनसँग कछु मतलेओ ना लाट्ठी, ना झोला, ना रोटी, ना पैसा, न त दुइ जोण लत्तालेओ ।
\v 4 जैन घरमे तुम घुस्त हऔ,और बा ठाऊँ ना छोणज तक हूँए से ही बिदा होबऔ।
\v 5 जहाँ तुमर स्वागत ना होत हए तुम बा शहेरसे निकरत अपन टाङ की धुधर बिनके बिरोधमे गवाहीक ताँही झराए देओ ।”
\v 6 तव बे बिदा भए, और सुसमाचार प्रचार करत और सबघेन रोगीनके अच्छो करत गाउँ- गाउँ गए ।
\v 7 जे सब घटनाके बारेमे सुनके शासक हेरोद घब्राएय गओ, काहेकी यूहन्‍ना मरके जिन्दा उठो रहए कहिके कोई- कोई काहात रहँए ।
\v 8 और कोई काहात रहँए, “एलिया दिखानो हए,” तव और काहात रहँए, “पहिलेक अगमवक्ता मैसे एक जनी उठो हए ।”
\v 9 तव हेरोद कही, “यूहन्‍नाको मुण मए काटन लगाओ, तव जा कौन हए जौनक बारेमे मए आईसी बात सुनत हओ ?” तव बे बा कौन हए, भेट्न इच्छा करी।
\v 10 तव प्रेरित घुम्के बे अपनी करी भई सबए बात बाके बताई। बा बिनके सँगए लैके बेथसेदा काहान बारो शहेरसे अलगै गओ ।
\v 11 तव जा पता पाइके भीण बाके पच्छु लागी । बा बिनके स्वागत करी, और परमेश्‍वरके राज्यकेे बारेमे सुनाई, और जौन -जौनके अच्छो होन जरुरी रहए बिनके अच्छो करी ।
\v 12 जब दिन बूणन लागो, और बाह्रा जनि आएके बासे कहीं, “भिड़के बिदा देबओ, और बे जाइके आस पासके बस्ती और गाउँ मे बास बैठन और भोजनकी व्यवस्था करँए, काहेकी हियाँ हम सुनसान ठाउँमे हँए ।”
\v 13 तव बा बिनसे कही, “तुमही बिनके खानु देओ ।” तव बे कहीं ,''हमरसंग पाँच रोटी और दुई मछरीसे इकल्लो और कछु ना हए, आदमीको जा इत्तो बणो भिड़के जाएके खानु मोल लेन और कछु उपाय ना हए ।
\v 14 बे ज़म्मा पाँच हजार लोग रहँए । तव बा अपन चेलानसे कही, “बिनके पचास पचासकी लाईनमे बैठान लगाबओ।”
\v 15 बे फिर आईसी करीं, और सबके बैठाईं ।
\v 16 तव बा पाँच रोटी और दुई मछरी लैके स्वर्ग घेन देखके आषिस दइ, और तोडके आदमीके बाटओ कहिके चेलानके दइ ।
\v 17 और सब खाईके अघाए गए, और चेला उबरो भओ टूक्रा बाह् डाल्बा उठाई।
\v 18 एक चोटी येशू इकल्लो प्रार्थना करत रहए, चेला बाके सँग रहँए, और बा बिनसे पूछी, “आदमी मोसे कौन हए ,काहात हँए?”
\v 19 बे कहीं, “कोई बप्तिस्मा देनबारो यूहन्‍ना काहात हए, कोई यलिया और कोई, अग्गुक् अगमवक्ता मैसे एक जनी फिर उठो हए कहिके काहात हँए।”
\v 20 बा बिनसे कही, “तव तुम का काहात हओ ? मए कौन हऔ ?” तव पत्रुस कही, “परमेश्‍वरको ख्रीष्ट !”
\v 21 तव बा बिनके आज्ञा दैके कही, और सँगए चितौनी फीर दई , काहेकी बे जा बात कोइके ना बतामंए ।
\v 22 तव बा कही, “आदमीको लौड़ाके बेढम दु:ख उठान पणैगो, और बो धर्म-गुरुसे, मुख्य पुजारी और शास्त्रीसे तुच्छ समझो जए हँए, बे मारंङ्गे और तिसरो दिनमे मरोसे जिन्दा हुइके उठैगो।
\v 23 तव बा सबसे कही, “कोई मीरपच्छु आन इच्छा करैगो कहेसे बा अपनएके इन्कार करए, और रोजदिन अपन क्रुस बोकके मिर पच्छु लागाए।
\v 24 काहेकी जैन अपन प्रण बचान इच्छा करत हए, बा बाके गुमाबैगो। तव जौन मिर ताँही अपन प्रण गुमाबैगो, बा बाके बचैहए।
\v 25 काहेकी सारा जगत पाएके अपनैके नाश करौगो औ गुमाबैगो कहेसे, आदमीके का फाइदा होबैगो ?
\v 26 पर कोई मोसे और मिर वचनसे शर्माबैगो कहेसे आदमीको लौड़ा फिर अपनो महिमामे, और पिताकी और पवित्र दूतगणकी महिमामे आत बाके सँग शर्मा बैगो ।
\v 27 तव नेह्त्य मए तुमसे काहात हओऔ, हिंया ठाणनबारे कोई-कोई हँए, जो परमेश्‍वरके राज्य ना देखनसे अग्गु मरनको स्वाद चाखन ना पामङ्गे ।
\v 28 जा बातके कमसे कम आठ दिनपिच्छु पत्रुस, यूहन्ना और याकूबके अपनेसँग लैके प्रार्थना करन जातए जा बात कही ।
\v 29 जब बा प्रार्थना करत रहए बिनको रूप बदल गओ, और बिनकी झुला सेतो हुइके चम्को उज्यारो भऔ।
\v 30 तव बासे दुई जनी बातचित करत रहँए, बे मोशा और एलिया रहँए ।
\v 31 बे महिमित रुपमे दिखाने और बे येशूसे उठाएके लैजानके बारेमे बातचित करत रहँए । जा बात बिनके यरूशलेममे जाएके पूरो करन रहए ।
\v 32 तव पत्रुस और बकसँग होनबारे निधाए गए रहँए । तव बे उठेके पिच्छु बे बाके सँग ठणेभए दुई जनी आदमीके और बक महीमा देखिँ ।
\v 33 तव बे दुई आदमी बाके सँग बिदा हुइके जानलागे पत्रुस येशूसे कही, “गुरुजी हमके हिनाऐ बैठन अच्छो हए । हम तिन राहन बारो बना मए- एक तुम्हर ताँही, एक मोशाक ताँही और एक एलियाके ताँही ।” बे काके बारेमे काहात रहए बिनके पता ना रहए।
\v 34 बा जा बत बेलतए बेलत एक बादर आएके बाके तोपदई, बा बादर भितर घुसन लगो बे अच्मो मनगाए।
\v 35 "तव बादर से आइसे कहिके एक आवाज निकरो, " जा मीर पुत्र हए, जौनके मए छनो हओऔ । जाको वचन सुनऔ।”
\v 36 जा शब्द आएके पिच्छु येशू बहुँवा इकल्लो रहए। बे चूपचाप रहँए, और बे जा देखिभैई बात बे दिनमे कोइसे फिर ना कहीं ।
\v 37 दुसरे दिन जब येशू और बे चेला पहाड़से उतरे,एक बाड़ी भीड़ बासे भेटन आई ।
\v 38 भीड़से एक जनी आदमी चिल्लाएके कही,''गुरुजी मए तुमसे बिन्ती करत हऔ, मीर लौड़ा के उपर कृपा-दृष्टी करओऔ । काहेकी बा मीर इकलो लौड़ा हए ।
\v 39 देखाओऔ, एक दुष्टआत्मा बाके पक्णत् हए, और बा अचानक किंकिंयात हए, और बा अईठत हए और बा फुपना निकरन लगत हए। बाके बा लदबद छोड़त हए।
\v 40 बा दुष्टात्माके निकार देओ कहिके मए तुमर चेला से बिन्ति करो, पर बे ना निकार पाईं ।
\v 41 ” तव येशु जावफ दई,” अविश्‍वासी और हाठी पुस्ता, मए कब तक तुमर संग रहमङ्गो, और तुमके कब तक सह मओं ? तुमर लौड़ाके हीना लाओ ।”
\v 42 पर बक आतै खिना भुतात्मा बा के जमिनमे गिराए दई और अइठान लागो । पर येशु बा अशुध्द आत्माके डँटी, और बा बालकाके अच्छो बनाएके बाको दौवाके सौँप दई ।
\v 43 परमेश्‍वर को माहानता देखके बे सब हक्का चक्का पड़े । येशुको करो भओ हरेक काममे सब आदमी छक्क पड़के देखिं, बा अपन चेलानसे कही,
\v 44 जे बचन तुमर कानको गहिराइ तक पुगए कहिके आदमी को लौड़ा पक्णाओ पणन लागो हए ।”
\v 45 पर बे जा बातके ना समझ पाईं और जा ना समझ पामै कहिके जा गुप्तमे धारे रहए । बे जा बारेमे बा से पुछन डरात रहँए ।
\v 46 बा समय बे मैसे बडो कौन हए, जा बारेमे आपसमे बादविवाद चलो ।
\v 47 पर येशु बिनको मानके विचार पता पाएके एक बालकके लैके अपन ठीन लाई,
\v 48 और बिनसे कही, “ जौन मिर नाउँमे जा बालक के ग्रहण करैगो, बा मोके ग्रहण करैगो, और जौन मोके ग्रहन करैगो ,बा मिर पठान बारोके ग्रहण करैगो । काहेकी तुम सबए मैसे जौन सबसे छोटो हए, बाहे सबसे बडो हए ।”
\v 49 तव यहुन्‍ना कही, “गुरुजी, एक आदमी तुमर नाउँमे भुत निकारत हम देखे, और हम बासे मनाही करे । काहेकि बा हमर संग तुमर अनुसरण ना करत हए ।”
\v 50 तव येशु उनसे कही,” उनके मनाही मात करऔ, काहेकि जौंन तुमर बिरुद्द ना हए, बा तुमर पक्ष मे हए ।”
\v 51 बाको स्वर्गारोहणको दिन जौने आइगओ रहए, बा यरुशलेमघेन जान निर्णय करी ।
\v 52 तव बा समाचार लानबारे आदमीके पहिलेसे पठाई रहए | बे गए, और बाक ताँही सबए बात तयार करन सामरीको एक गाउँमे घुसे ।
\v 53 पर यरुशलेमघेन जान बाको दृढ़ विचार करी ,पर बाके अपने आदमी बाके स्वागत ना करीं।
\v 54 तव जा देखके बाक चेला याकूब और यूहन्ना कहीं, “प्रभुजी, का तुम चाहत हओ कि स्वर्गसे आगी बर्साएके जे भस्म होमाए कहिके हम आज्ञा करँए ?”
\v 55 पर घुमके बा बिनके ढँटी ।
\v 56 तव बे दुसरे गाउँघेन गए ।
\v 57 बा डगरमे जातपेती, एक जनी आदमी बासे कही, “हे प्रभु, तए जहाँ जए हए मए तिर पिच्छु लागङ्गो।”
\v 58 तव येशू बासे कही, “सेराके भार होत हए, और आकाशके चिरैयँनके घुस्ला, पर आदमीक् लौड़ाके ता मुण धरन ठाउँ फिर ना हए।”
\v 59 बा दुसरेसे कही, “मिर पच्छु लाग ।” पर बा कही, “पहिले मिर दौवाके गाडन जान दे ।”
\v 60 बा बासे कही, “मुर्दनके अपने मुर्दा शरीर गाड्न देओ, तव तुम जएके परमेश्‍वरके राज्यको सुसमाचार प्रचार करओ ।”
\v 61 दुसरो फिर कही, “प्रभु, मए तुमर पच्छु लागङ्गो, पर पहिले अपन घर बारेन्से बिदा लेनदेओ।”
\v 62 तव येशू बासे कही, “अपन हात हरमे लगाईके पच्छु देखन बारो कोइ फिर परमेश्‍वरके राज्यको योग्य ना होत हए ।”
\c 10
अध्याय 10
\v 1 जाके मारे प्रभु और सत्तरी जनीनके नियुक्त करी, और जाहँ बा अपनए जान चाहत रहए शहर और गाउँमे अपनेसे अग्गु बिनके दुई-दुई जनी करके पठाई ।
\v 2 बा बिनसे कही, “फसल त प्रसस्त हए, पर खेतहरा थोड़ी हँए । जहेक मारे फसलके प्रभुसे प्रार्थना करओ, और बा अपन फसलमे खेतहराके पठाए देबए ।
\v 3 जाओ, देखओ, मए तुमके गुलहाके बिचमे भेडक बच्चा कता पठात हऔ ।
\v 4 न त पैसकी थैली, न त झोली, ना जुता बोकओ, न डगरमे कोइसे अभिवादन करओ ।
\v 5 "जौन घरमे घुसऔ पहिले काहबऔ, जा घरमे शान्ति होबए !' "
\v 6 अगर हुँवा प्रिय आदमी हँए तव तुमरी शान्ति बाके सँग राहाबैगी, पर यदी ना हए कहेसे बा शान्ति तुमर ठीन घुमके अए हए।
\v 7 "बिनके दओ चिज खाए पिएके बा घरमे बैठऔ। काहेकी खेतहर अपनो मजदूरीको योग्य होत हए । एक घरसे दुसरे घरमे मत घुसऔ । "
\v 8 "जब तुम कोइ शहेरमे घुसऔ, और बे तुमके स्वागत करए कहेसे , तुमर अग्गु धरो भोजन खाओ, "
\v 9 हुवाँ भए रोगीनके अच्छो करऔ, और बिनसे काहाबओ, 'परमेश्‍वरको राज्य तुमर ठीन आएगऔ हए ।'
\v 10 ' पर जब तुम कोइ शहेरमे घुसै गे, और बे तुमके स्वागत ना करङ्गे कहेसे, तव निकरके बा शहेरके सडकमे जाओ, और कहबओ,
\v 11 "हमर टांगमे चिम्टो तुमर शहेरको भुआ समेत हम तुमर विरुध्दमे झार देत हँए । तव फिर जा जानौ, कि परमेश्‍वरको राज्य जौने आइगौओ हए ।"
\v 12 मए तुमसे काहातहऔं, बा दिन बा शहेरसे सदोमको हालत सहरान बारो हुइ हए ।
\v 13 "धिक्कार तोके खोराजीन ! धिक्कार तोके, बेथसेदा ! काहेकी तुमरमे भओ समर्थ्यको काम टुरोस और सिदोनमे करोभओ देखते तव बे अग्गुसे भाङ्ग्रा लागएके भुवामे बैठके पश्‍चात्ताप करते । "
\v 14 पर न्यायके दिनमे तुमसे त टुरोस और सीदोनको हालत सहन बारो हुइ हए ।
\v 15 और तए, कफर्नहुम ! का तए आकाशमे उचो होबैगो का ? तए पतालमे गिरैगो ।
\v 16 जौन तुमर बात सुनत हए, बा मेरो बात सुनत हए । जौन तुमके अस्वीकार करहए, बा मोके अस्वीकार करहए, और जौन मोके अस्वीकार करहए, बा मोके पठान बारोके अस्वीकार करतहए।
\v 17 बे सत्तरी जनी आनन्दसे घुमके आएके अइसो कहीं, “प्रभु जी, तुमर नाउँमे भूत फिर हमर बशमे आतहँए ।”
\v 18 बा बिनसे कही, “मए शैतानके स्वर्गसे बिजुलीकत गिरत देखो।
\v 19 मए तुमके साँप और बिछी कुचलनके और शत्रुको सबए शक्ति उपर अधिकार दओ हऔं, और कोइ बातसे तुमके नुकसान ना हुइहए।
\v 20 तहुंफिर दुष्टात्मा तुमरे वंशमे हँए कहिके खुसी मत होबऔ, पर तुमर नाँउ स्वर्गमे लिखो हए कहेके खुसी होबओ।"
\v 21 बा बेरा येशू पवित्र आत्मामे उत्साहित भओ, और कहि, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्बीको परमप्रभु, मए तुमके धन्यवाद चढात हऔ, काहेकी तुम जा बात बुद्धीमान और समझदारसे लुकाएके धरे बालकनके प्रकट करे । काहेकी, पिता तुमके जहे अच्छो लागो।
\v 22 मिर पिता सब चिज मोके सुम्पदै हए। पुत्र का हए कहिके पिता बाहेक कोइ ना जानत हए, पिता कौन हए कहिके पुत्र बाहेक, और पुत्र बाहेके जौने प्रकट करन इच्छा करत हए, और बा बाहेक कोइ पिताके ना जानत हए ।”
\v 23 चेला घेन घुमके बा बिनसे चुपकेसे कही, “धन्य हए बे आँखी, जौन तुमरी देखिभई जा बात देखत हँए ।
\v 24 काहेकी मए तुमसे काहात हऔ, बहुत अगमवक्ता और राजानके तुम देखत हओ, वे देखन इच्छा करीं रहए, पर देख ना पाईं और बे सुनन इच्छा करीं, पर सुन ना पाईं।”
\v 25 ” व्यवस्थाको एक जनी पण्डित बाके परीक्षा करन ठाणो रहए और जा सवाल करी, “गुरुजी, अनन्त जीवन पान ताँही मोके का करन पणैइगो ?”
\v 26 बा बिनसे कहि, व्यवस्थामे का लिखो हए ? तुमका पढत हओ ?”
\v 27 बा कही, “तए परमप्रभु, अपन परमेश्‍वरके अपन सारे हृदयसे, अपने सारे प्राणसे, अपन सारे समझसे और अपने सारे मनसे प्रेम कर, और अपनो पड़ोसिके अपन कता प्रेम कर।”
\v 28 बा बिनसे कही, '' तुम ठिक ज़वाफ दए । अइसीए करओ, और तुम जिबैगे।"
\v 29 तव बा अपनएके धर्मी दिखानके इच्छा करके येशूसे कही, " मेरो पणोसी कौन हए ?”
\v 30 येशू ज़वाफ दैके कही,'' एक आदमी यरुशलेमसे यरीहोघेन जात रहए । बा डाँकुनके फेला पणीगऔ। बे बाके नङ्गो करके पिटीं, और अधमरो करके छोडदईं ।
\v 31 ठीक एक जनी पुजाहरी बहे डगर हुइके जात रहए, और बा अधमरा आदमीके देखके दुसरो घेन घुमके गओ ।
\v 32 अइसीए करके एक जनी लेवी फिर बहे ठाउँमे आएके बाके देखी बा फिर दुसरे घेन घुमके चलो गओ।
\v 33 पर एक जनी सामरी बा यात्रमे जात रहए बा आदमीक भओ जगाहामे आए पुगो, और बाके देखके बाको मन दयासे भर गओ ।
\v 34 और बाके ठिन जाएके तेल और दाखमध लगाएके बाके घाउमे पट्टी बाँध दई, और अपन गदहा उपर चढाएके बाके एक धर्मेशालामे लाई, बाके रेखदेख करी।
\v 35 दुसरे दिन बा चाँदीके दुई सिक्का धर्मशालाके मालिकके दइके कही, “इनको रेखदेख करीओ और जाधा खर्च लागैइगो मए घुमके आइके तुमके तीर देहऔं ।”
\v 36 येशू पुछके कही, “तुमर विचारमे जे तिन जनी मैसे डाँकुके हातमे पणो आदमीक पणोसी कौन ठहीरो ?”
\v 37 बा कही, “बाके उपर दया दिखान बारो आदमी ।” तव येशू बिनसे कही, "जाओ और तुम फिर आइसीए करओ।”
\v 38 बा जातै जात बा कोइ गाउँमे घुसो, और मार्था नाउँ भइ एक बैइयर बा अपन घरमे स्वागत करी ।
\v 39 मरियम नाउँ भइ बिनकी एक बहिनियाँ रहए। बा येशूके पाउँ ठीन बैठके बाको वचन सुनत रहए ।
\v 40 पर मार्था सेवा- सत्कारको बहुत काममे इरझी राहात रहए, बा येशू ठिन आएके कही, ''प्रभुजी मिर बहिनियाँ सेवा-सत्कारको काममे मोके इकल्लो छेड़े पणे हए, तुम के पता ना हए ? बासे कहे देओ, और बा मोके साहेता करए।”
\v 41 तव येशू जवाफ दैके बासे कही, “मार्था, मार्था तुम बहुत बातके बारेमे चिन्ता करत हओ, और घबणात हओ।
\v 42 पर जरुरत त एकए बातकी हए, बहे अच्छी बातके मरियम छाने हए, जो बिनसे कबही ना छिनएगो ।"
\c 11
अध्याय 11
\v 1 बा कोई एक जगहामे प्रार्थना करत रहए । बा जब प्रार्थना कर डारी, तव चेलन मैसे एक चेला कहि, “हे प्रभु ,युहन्ना अपन चेलनके सिखाओ जैसो प्रार्थना करन हमके फिर सिखा ।“
\v 2 “ येशू उनसे कही, "जब तुम प्रार्थना करत हओ तव अइसे कहीयो' हे पिता, तुमर नाउँ पबित्र होबए । ,तुमर राज्य आबए ।
\v 3 हमर दिन भरको रोटी हमके रोज दिन दिए ।
\v 4 हमर पाप क्षमा करिए, काहेकी हम फिर हमर बिरुद्धमे अपराध करन बारेन के क्षमा करत हंए। हमके परिक्षामे पड़न मत दिओ’ ।
\v 5 और बा उनसे कही , तुम मैसे कोइक एक सङ्गि हए बे आधि रातके बाके ठिन जाइके काहात हए। सङ्गि मोके तिन रोटी सापट देओ ।
\v 6 काहेकी मिर एक जनि सङ्गि यात्रासे मिर ठिन आओ हए, और बाके खान देन मिर ठिन कछु ना हए ।'
\v 7 बा भितर से जवाफ देत हए, मोके मत झोझिंया । फाटक पहीलेसे बन्द हुईगओ हए,और मिर लौड़ा लौड़िया मिर सँग सितरीमे हँए । मए उठके तोके कछु ना दए पए हऔ ।“
\v 8 मए तुमसे काहात हऔ, बा उठके तुमके कछु ना देनसे फिर ,तुम बा के सँगी होनके बजैसे फिर लगातार मागएगे बा ऊठके और तुमके जितनो जरुरत हए उतनो जरुर रोटी देबएगो ।
\v 9 मए तुमसे काहात हऔ, मगओ त तुमके मिलैगो । ढुणैगेता तुम पाबैगे ,खटखटाबैगेता तुमर ताँही खुलो जाबएगो ।
\v 10 काहेकी सबए जौन मागत हए ,तव बा पात हए । जौन ढुड़त हए तव बाके मिलत हए,और जौन खटखटात हए , बाके ताँही खुलत हए।
\v 11 तुम मैसे कौन अईसो दौउव हुई हए, जौनको लौउड़ा रोटी मागत हए तव पत्थर देहए ,कि मछरी मागहए ता मछरीक बदला साँप देहए ?
\v 12 औ अण्डा मंगत हैता बाके बिछी देहए ?
\v 13 तुम दुष्ट हुईके अपन लौड़ा लौड़ियाके अच्छी चिज देन जनत हओ कहेसे , तुमर स्वर्गीय पिता बासे मागन बारेन के कित्तो जाधा पबित्र आत्मा ना देबएगो का ?
\v 14 बा एक भुत निकारत रहए,जो गुगा रहए, भुतात्मा निकरो तव बा गुगा आदमी मसकन लगो, जा देखकेआदमी अचम्मो मान गए ।
\v 15 पर बे मैसे कोई त ,कहओ, " भुतको मालिक बालजिबुल से भुतके निकारत हए ।"
\v 16 पर कितनो आदमी बाकी परिक्षा करन ताँंही स्वर्गसे एक चिन्ह माँगीं।
\v 17 पर येशू बिनको बिचार पता पाएके बा उनसे कही,जौन राज्यमे फुट होत हए, बा उजाड़ होत हए । जौन घरमे फुट होत हए, बा खतम् हुइ जात हए।
\v 18 शैतान के फिर अपने मे मिलाप नाहुई हए कहेसे ,उनको राज्य कैसे टिकैगो ? काहेकी तुम काहात हओ, कि मए,बालजिबु (भुतनको मालीक)से भुत भजात हओ ।
\v 19 मए बालजिबुल से भुत निकारत हओ कहेसे तुमर लौड़ा लौड़िया कौनसे, बिनके निकरात हए ? काहेकी बे तुमर न्याय करङ्गे ।
\v 20 पर यदी मए परमेश्‍वरको नाउँसे भुत निकारत हओ कहेसे परमेश्‍वरको राज्य तुमर ठिन आएगौ हए ।
\v 21 हतियार लैके तयार हुईके बलवान आदमी अपन घरको रक्षा करत हए कहेसे, बक माल समान सुरक्षित होबएगो ।
\v 22 अगर बासे फिर बलवान आदमी आईके बाके लणाई करके बाके जितैगो कहेसे, बे धरे भए बक जम्मए हतियार छिनाएके लैजात हए , और बक मालसमान लुटके लैजात हए ।
\v 23 जौन मिर पक्षमे ना हए, बा मिर बिरुद्धमे हए,और जौन मिर सँग ना बटोरैगो,बा बिगदात् हए ।
\v 24 जब अशुद्ध आत्मा आदमीसे निकरके जात हए कहेसे बाआराम जगह ढुणत हए , बा कोइ जगहा ना पाएके बा काहात हए मए अपन पुराने जगह मे जएहओं जाहँसे मए आओ हओं बा हुँव लौटके चलोजामङ्गो ।
\v 25 घुमके पिछु बा अपन घर सफा और अच्छो देखत हए ।
\v 26 तव बा अपनेसे फिर जद्धा दुष्ट और सात आत्मा संगमे लात हए,और बा आदमीक पच्छुके दशासे पहिलेसे जद्धा खराब होत हए ।
\v 27 बा जा बात कहतए काहत ,भिड मैसे एक बैइयर चिल्लाएके कही”धन्य बा बैइयर जौन तोके गर्भधारण करी और अपन दुध पिबाई ।"
\v 28 पर बा कही, "बलकी बे धन्य हँए,जौन परमेश्‍वरको बचन सुनत हँए,और पालन करत हँए ।"
\v 29 भिड जमा होतै जात बा कही “जा पुस्ता दुष्ट पुस्ता हए ।जा चिन‍्ह ढुणत हए , पर योनाको चिन्ह बाहेक जाके और कोई चिन्ह ना मिलैगे ।
\v 30 काहेकी जौन तरिकासे (रितसे) योना निनबेके आदमिक ताँहीं चिन‍्ह भओ रहए। बहे तरिकासे (रितसे)आदमीक पुत्र फिर जा पुस्ताके ताँही चिन‍्हा हुई हए।
\v 31 दख्खिन देशकी रानी आदमीके विरुध्दमे दोषी ठहारान ताँही उठएगी, काहेकी बा पृथ्बिक किनारेसे सोलोमानको बुद्धि सुनन ताँही आई रहए । पर देखओ,हियां एक आदमी हए , जो सोलोमानसे महान हए ।
\v 32 निनबेक आदमी न्यायमे जा पुस्ताकसँग ठाड़के जाके दोष लगामङ्गे । काहेकी बे योनाको प्रचार मे पश्ताप करीं,और देखओ हिया एक आदमी हए,जो बा योनासे फिर महान हए ।
\v 33 “कोई दिया पजारके गुप्त जगहामे औ ब्रतन तरे ना धरैगो, पर भितर जानबारे सबएके उजियारो देबए कहिके आरोमे धरत हँए ।
\v 34 तुमर शरिरको दिया तमुर आँखी हए, तुमर आँखी ठिक हए त तुमर सबए शरीर उजियारो हुईहए, पर खराब हए कहेसे ,तुमर शरीर फिर अँध्यारो हुई हए ।
\v 35 जहे मारे साबधान राहाबओ, तुमरमे भओ उजियारो अँध्यारो ना होबए।
\v 36 अगर तुमर शरीर उजियारोसे पुरा हए कहेसे ,औ कोई भाग अँध्यारो ना हए कहेसे ,बा सबए उजारो हुई हए ,अइसिए करके दियाके जैसो तुमर पुरी शरीर फिर उजियारो चम्कए । ।
\v 37 जब बा बोल डारी रहए, फरिसी बाके अपने घरमे खानके ताँही बुलाईं । बाके पिछु येशू गओ और आड़ लैके बइठ गओ ।
\v 38 खानु खानसे पहिलेहात ना धोनके बजैसे फरिसी अचम्मो मानगए ।
\v 39 पर प्रभु उनसे कही, तुम फारिसी कटोरा और गिलासके बहेर त माजत हओ, पर भितर त लुट और दुष्टतासे भरे हओ ।
\v 40 हे मुर्ख आदमी तुमके जौन बहेरको भाग बनाई, बहे फितरको भाग फिर बनाई हए कि ना ?
\v 41 पर भितरको दान स्वरुप देबओ ,और तुमर ताँही सब चिज शुद्ध हुई जए हए ।
\v 42 पर तुम फरिसिनके धिक्कार ! काहेकी तुम पुदिना,आरुद और हरेक जडिबुटीको दशांश देत हओ, पर परमेश्‍वरको प्रेमऔर धार्मिक्ताके बेवास्ता करत हओ । पर तुमके परमेश्‍वरको प्रेम और धार्मीक्ता तराहा काम करन रहए । बे काम करन तुम कमजोर मत होबओ ।
\v 43 “तुम फरिसीके धिक्कार ! काहेकी तुम सभा घरमे मुख्य मुख्य आसन और बजारमे आभिवादन लेन तुमके अच्छो लगत हए” ।
\v 44 “तुमके धिकार ! काहेकी तुम बा मरघटके गड्‍‍डा हानी हओ, जो ना दिखात हए,और चालए ना पाएके आदमी बिनके उपर नेगत हए”।
\v 45 “ब्यबस्थाको पण्डित मैसे एक आदमी बा से कही, “ गुरु जी जा बात कहिके तुम ता हमर फिर बेज्जत करत हओ ।
\v 46 बा कही, “तुम ब्यबस्थाके पण्डितनके फिर धिक्कार ! बोकन ना सीकन बारो बोझ आदमीक उपर लादत् हओ ,पर तुम अपनए एक उङगरिसे फिर बा बोझके ना छुईत हओ ।
\v 47 “तुमके धिक्कार ! काहेकी तुमर पुर्खनके मारके अगमवक्तानके मृत्युके गड्डा तुम बनात हओ , पर बिनके मारन बारे बीनके पुर्खा रहए ।
\v 48 आईसी तुम अपन पुर्खाको साक्षी हओ,और उनकेसँग सहमत जनाए, काहेकी बे बा समयके अगम बक्तानके मारि रहँए और जौनको मृत्युको गड्डाके तुम आज तकके ताँहीं यादगार बनाए हओ ।
\v 49 जहेमारे परमेश्‍वरको विवेकसे फिर काहात हए, मए उनके ठिन अगमवक्ताको और प्रेरितके पठामङ्गो और बे मैसे कोइके बे मरत हँए और कोइके सतामङ्गे।
\v 50 संसारको सुरुसे सबए अगमवक्ताको हत्याको लेखा जा पुस्तासे लेमङ्गे ।“
\v 51 हँ , मए तुमसे काहात हऔ ,हाबिलको खुनसे लैके वेदी और पबित्रा ठउँमे मरे भए जकरिया तक्को खुनको लेखा जा पुस्तासे लेमङ्गे ।
\v 52 “ तुम ब्यबस्थाके पण्डितके धिक्कार ! काहेकी तुम ज्ञानको चाभी लेन त लए, पर तुम अपनए फिर भितर घुस ना पाए और घुसन बालेनके फिर रोकत हओ ।
\v 53 जब बा हुवाँसे निकरो तब शास्त्री और फरिसी बाको घोर बिरोध करत , बहुत बिषयमे बासे पुछन लगो ।
\v 54 और बाको मुहुसे निकरी भई बातमे बाके पकणन दाउमे बैठे ।
\c 12
अध्धाय १२
\v 1 जहए समयमे जब हजारौकि भिड़ जम्मा भओ , यित्तो तक्की एक दुसरेके चिबदान लागे , बा पहिले अपन चेलानसे काहान लागो, “ तुम फरिसीको खमिरसे होशियार बैठओ । बा खमिर बिनको कपट आचरणको हए ।
\v 2 लुकी भइ अईसी कोइ बात ना हए, जो प्रकट ना हुईहए , छिपो कोई बात ना हए ,जो पता ना लागत हए ।
\v 3 जहेमारे जो तुम अँध्यारोमे कहे हओ, बा उज्यारोमे सुन हए । गुप्त कोनेसे कही बात घरके छानीसे प्रचार होबैगो ।
\v 4 मेरे संगीयो, मए तुमसे काहात हऔ, बिनसे मत डराबओ जौन शरिरमे मारत हए, पर बासे पच्छु और कुछ ना कर पएहए ।
\v 5 पर कैनसे डरान पणत हए, मए तुमके चेताउनी देहँऔ । बहेसे डरान पणत हए, जौन शरिरके मारके पिच्छु नरकमे फेकदेनको अधिकार हए । मए तुमसे काहात हओ, बिनसे डराबओ ।
\v 6 का दुई पैसामे पाँच चिरइयाँ ना बिकत हए ? बे मैसे परमेश्‍वर एकौके फिर ना भुलत हए ।
\v 7 पर तुमर त मुणक बार समेत गिने हँए । जहेमारे मत डराबओ ,तुम बेढम चिरइयाँसे जाद्धा मोलके हओ ।
\v 8 मए तुमसे काहात हऔ , सबए जो मोके आदमीक सामने स्वीकार कर हए, बाके आदमीक पुत्र फिर परमेश्‍वरके दुतके अग्गु स्वीकार करएगो ।
\v 9 “पर जौन मोके आदमीक अग्गु आस्वीकार करहए , परमेश्‍वरके दुतके अग्गु आस्वीकार होबैगो ।
\v 10 हरेक जौन आदमीक् पुत्रके बिरुद्धमे बोलैगो, बके क्षमा होबैगो , पर जौन पबित्र आत्माके बिरुद्धमे निन्दा करैगो ,बाके क्षमा ना हुईहए ।
\v 11 जब बे तुमके सभा घर,शासक और अधिकारीक सामने लामङ्गे,तव तुम कैसे और का जवाफ दे हओ, औ का काहान पणैगो बा चिन्ता मत करियो ।
\v 12 काहेकी बहे समय तुमके का काहान पणैगो पबित्र आत्मा तुमके सिखाबैगो ।
\v 13 भिड़से एक जनि बासे कही, “गुरु जी मिर ददासे कहे देओ,और बा अंशबण्डा कर देबए ।”
\v 14 “तव बा बासे कही” , मित्र कौन मोके तुमर उपर न्याय करन, औ तुमर सम्पत्ति बाँटदेन बारो बनाओ ?"
\v 15 “बा बिनसे कही”,हौंशियार राहाबऔ, सब तरह के लालच से बचके काम करओ, काहेकी आदमीक जिन्दगी बाके धन सम्पत्तिके प्रशस्तामे ना राहत हए।"
\v 16 बा बिनसे एक काहानी कही, कोई एक धनी आदमीको जमिनमे बहुत उब्जनी भओ ।
\v 17 बा मनए मनमे गुनन् लगो, मेरो अन्‍न धरन ताँही बिच्चा मिर ठिन ना हए ,अब मए का करओ ?
\v 18 तव बा कही , 'मए अईसो करङ्गो अपन बखारी फोणके और बणी बनामङ्गो,और मिर सब अनाज और माल समान बहेमे धरङ्गो ।
\v 19 तव मए अपन प्राणसे काहामङ्गो ' ए प्राण बेढम बर्ष तक् प्रशस्त सम्पत्ति तेरे ताँही जमा करो हओ । सुख-चैनमे बैठ ,खा,पी और मजा कर ।'
\v 20 “तव परमेश्‍वर बासे कही, ए मुर्ख आज रातके तेरो प्राण तोसे छिन ले हए ,और जो चिज तै अपन ताँही जम्मा करो हए, बा कौन को हुई हए ?
\v 21 अपन ताँही धन-सम्पत्ति जम्मा करन बारो , पर परमेश्‍वरके अग्गु धनी ना होनबारो आदमीको अवस्था अईसी हुई हए ।”
\v 22 बा अपन चेलासे कही ,“जहेमारे मए तुमसे काहात हऔ , अपन प्राणके ताँही का खामौ और शरीर के ताँही का पैधओ कहिके चिन्ता मत करओ।
\v 23 काहेकी प्राण भोजन से और शरीर लत्तासे बणो हए ।
\v 24 कौवानके विचार करऔ ; बे ना बोत हँए , ना काटत हँए , ना त कुठिया ,ना बखारी हए ,तव फिर परमेश्‍वर बिनके खबात हए । तुम चिरैयानसे बहुत मोलके हऔ ।
\v 25 तुमर मैसे कोई फिकरी करके अपन आयुके एक घडी तक थप सकत हऔ ?
\v 26 जहेमारे तुम यितका छोटो काम करन फिर ना सकत हऔ कहेसे , और बातकी चिन्ता काहे करत हऔ ?
\v 27 लिली फुलाके विचार करऔ , कैसे बे बढत हँए, न त बे परिश्रम करत हँए , ना त मेहनत करत हँए , पर मए तुमसे काहात हऔ, सोलोमन राजा फिर अपनो सारे गौरवमे जे मैसे एक विभुषित ना रहए
\v 28 पर आज होन बारो और कल आगीमे डारदेनो मैदानक घाँसके परमेश्‍वर अइसो आभुषित करत हए कहेसे , ए अल्पविश्वासि , बा तुमके और कित्तो जाद्दा आभुषित कर हए ।
\v 29 का खैहऔ और का पिहऔ कहिके तुम ढुड़त मत बैठऔ और चिन्तित फिर मतहोबऔ ।
\v 30 काहेकी संसारके सब आदमी जा बातके ढुणत राहात हँए । तुमर पिता जानत हए कि तुमके जे बातकी जरुरत हए ।
\v 31 पर परमेश्‍वरके राज्यके ढुणऔ , और जे सब बात फिर तुमके देबैगो ।
\v 32 छोटो बगाल, मतडराबऔ । काहेकी तुमके राज्य देनके ताँही तुमर पिता खुशि हए ।
\v 33 तुम अपन सम्पत्ति बेचके दान देबऔ । अपन ताँही खराब ना होनबारी थैली बनाबऔ । स्वर्गमे कबहु नष्ट ना होन बारो धन स्वर्गमे इघट्टा करओ । हुना चुट्टा ना चुरात हँए और किरा फिर ना लागत हए ।
\v 34 काहेकी जहाँ तुमर धन हए , हुँवा तुमरो मन फिर होतहए ।
\v 35 तुम अपन करहाँओ कसऔ और तमर दिया पजरी राहा बए।
\v 36 तुम बे आदमीक जैसे होबऔ , जो अपनो मालिक भोजसे घुमके आतए और फाटक खटखटात हए ,बे जल्दी बक ताँही फाटक खोलदेत हए ।
\v 37 बे नोकर धन्यके हए , जौन मालिक घर आएके बिनके जगो पात हए । नेहत्य मए तुमसे काहातहऔ , बे अपन फेटा कसके बिनके खान बैठात हए , और आएके बिनके सेवा करत हए ।
\v 38 अगर बे आधीरातमे बासे और देरमे आएके फिर नोकरके जगो पातहए कहेसे बे धन्यके हँए।
\v 39 पर जा जानओ , कि चुट्टा कौन बेरा आतहए कहिके घरके मालिक जान्ते तओ बे जगके बैठते और चुट्टानके घर फोरन और घुसन ना देते ।
\v 40 तुम फिर तयार राहाबओ , काहेकी तुमके ना सोँचो समयमे आदमीको पुत्र आबैगो ।
\v 41 पत्रुस कही ,”हे प्रभु , का जा काहानी हमर ताँही इकल्लो बताए हओ, कि और सबके ताँही ?”
\v 42 प्रभु कही,”बा विश्‍वासयोग्य ‍और बुद्दिमानी भण्डारे कौन हए , जौन बक मालिक अपन परिवारके खास समयमे बिनके भागमे पणो खानु देनताँही खटाबैगो ?
\v 43 बा दास धन्यको हए , जो बक मालिक आतपेती अइसीए करत पाबैगो ।
\v 44 नेहत्य मए तुमसे काहात हओ , बे बक अपन सारो सम्पति उपर अधिकार देबैगो ।
\v 45 तव बा दास अपन मनमे ,मिर मालिकके आन देर हुईहए कहेसे कमैया और टाहलुनके मारत हए, और बा खात पितए दाखमध्से मत्तात हए ।
\v 46 बा आशा नाकरो दिन मे बक मालिक घुमकेअबैगो , जो समय बक पता ना होबैगो ।और बक दण्ड देबैगो , और बा अविश्वासीनके ताँही तयार करोभओ जगहमे बाको नियुक्ति करैगो ।
\v 47 अपने मालिकके इच्छा जानके तयार ना रहनबारो और बिनको इच्छाजैसो ना रहनबारो दास त जाद्दा पिटाई खए हए ।
\v 48 पर मालिकके इच्छा ना जानके पिटाई खान योग्यके काम करनबारो थोडी पिटाई खाबैगो । प्रत्येक जौनके बेढम दइ हए , बासे मागेगो , और हरेक जौनके बेढम सौपी रहए , बासे जद्दी लेबैगो ।
\v 49 मए पृथ्वी उपर आगी बर्षान आओ हऔ ,और मए जो चाँहत रहओ बा हुइगऔ हए ।
\v 50 एक बप्तिस्मा हए ,जो मोके लेनए पणैगो । बा पुरा ना होन तक मोके बेढम कष्ट भोगन पणैगो ।
\v 51 का तुम सम्झात हऔ कि मए पृथ्वीमे शान्ति लान आओ हाऔ ? , मए तुमसे कहत हंऔ ,कि पर मए अलग-अलग करन आओ हंऔ ।
\v 52 कहेकी अब उइसो एक , परिवारमे पांच जनी एक दुसरेमे फुट हुईहए , तीन जनिके विरुद्दमे दुई और दुई जनीके विरुध्दमे तीन ।
\v 53 बिनके बिचमे फुट हुईहए दौवाक् विरुध्दमे लौड़ा और लौड़ाके विरुध्दमे दौवा , आइया लौड़ीयाके विरुध्दमे और लौड़ीया आइयके विरुध्दमे सास बहुक विरुध्दमे और बहु सास के विरुध्दमे ।
\v 54 येशू भीणसे फिर कही, “तुम पछारघेन बादर उठत भओ, देखके जल्दी कहत हऔ,“पानी पणैगो ,और उइसीए होत हए ।
\v 55 जब दख्खिन को हवा चलत हए तव तुम कहत हऔ ,घामो होबैगो, और उइसीए होतहए ।
\v 56 ए कपटीओ , तुम आकाश और पृथ्वीक लक्षणके बतान जानत हओ , पर वर्तमान समयके बारेमेअर्थ लगान काहे ना जानत हऔ ?
\v 57 कौन बात ठीक हए कहिके तुम अपनए कहे निर्णय नकरत हओ ?
\v 58 “तुम उजुर करनवालेसंग हाकिम ठीन जानसे पहले , डगरमे बासे मिलाप करओ ,न त बा तुमके न्यायधिश ठीन तानके लैजाएहए ,और न्यायधिश तुमके अफसरके हातमे सैँप देहए , और अफसर तुमके जेलखानामे डार देहए ।
\v 59 मए तुमसे काहतहऔ, तुम एक-एक पैसा ना तिरन तक बाहुनासे ना छुट पाबैगो ।”
\c 13
अध्धाय 13
\v 1 बहे समय हुवाँ बहुत जनी आए रहँए , जौन बे गालीलीके बारेमे बासे कहीँ , जो पिलातस हत्या करके बिनको खुन बलि भव पशुको खुनकेसंग मिलाएदैइ रहए ।
\v 2 तव येशु बिनके जवाफ दाईके कही ,“बे अइसो कष्ट भोगी कहेसे , का तुम मानत हओ , जे गालीली और सब गालीलीसे जाध्दा पापी हँए ?
\v 3 मए तुमसे काहात हओ , अइसो ना हए , पर तुम पश्‍चत्ताप ना कर हओ कहेसे तुम सब अइसीए नाश होबैगे ।
\v 4 औ का तुम मानत हओ , बे अठार जनी , जो सिलोआममे धरहरा गिरनसे मरे रहँए , का बे सब यरुशलेमवासी मैसे जध्दा पापी रहंए ?
\v 5 अइसो ना हए , पर मए तुमसे काहात हओ , तुम पश्‍चत्ताप ना करहओ कहेसे , तुम सब अइसीए नाश होबैगे ।
\v 6 येशू जा काहानी कही ; “कोई आदमी अपनो दाखबारींमे एक दाख लगाई रहए । बा पेणमे फल फरो हए कि कहिके बा आओ,
\v 7 तव बा मालिसे कही , तीन वर्ष हुइगओ , मए जा दाखको फल ढुणत हओ ,पर ना पाओ । जाके काटके गिराएदेओ , जा जमिन कहे अगोटे हए ?
\v 8 पर माली कही , “हजुर , जाके और एक वर्ष रहन देओ । मए जाके आसपास खोदके मल डारंङ्गो,
\v 9 और तव फल फरहए कहेसे ठिकै हुईहए, ना फरहए कहेसे तुम जाके काटके गिराय दीओ ।"
\v 10 येसू शबाथ-दिन कोई एक सभाघरमे बा शिक्षा देत रहए।
\v 11 हुवाँ एक बैइयर रहए,जोके अठारा बर्षसे बाके कमजोर करन बालो भुत लगो रहए । बा ढुकी हुईगई रहए,और अपन पुरो रुपसे सुध ना हुई पात रहए।
\v 12 येशु बाके देखी ,और बुलाएके कही “ए नारी ,तए अपनो कमजोर से मुक्त भओ ।"
\v 13 तव बा बक उपर अपनो हात धरी,और बा तुरन्तै सुध हुईगई और परमेश्‍वरको प्रशंसा करन लागी।
\v 14 सभाघरके शासक गुस्सा भए, काहेकी येशु शबाथ-दिनमे अच्छो करि रहए,और बे आदमीसे कहीं , “काम करन छै दिन हए । जहेमारे जा छै दिन भितर आएके अच्छो होबओ,शबाथ- दिनमे ना ।"
\v 15 पर प्रभु जवाफ दई, कपटी तुम ! तुमर मैसे कौन शबाथ दिनमे सार और तबेलासे अपन बर्धा कि गधा खोलके पानी पिबान ना लैजात हए ?
\v 16 अब्राहम कि जा लौड़ीया जो अठारा बर्ष तक शैतानके बन्धनमे रहए , शबाथ-दिनमे जा बन्धनसे ,बा मुक्त होन ना हया का ?"
\v 17 जब बा जे बात कही, बके बिरोधी सबए सरम मे पणगए, पर बाको करोभओ सब महिमामए काममे आदमी आनन्दित भए ।
\v 18 तव येशू कही “परमेश्‍वरको राज्य का जईसो हए ? बाको तुलना मए कासे करओ ?
\v 19 बा रायाक् बिजको एक दाना जईसो हए , जो एक आदमी लाएके अपन बारिमे लगाई,और बा बढके एक रुखा हुईगओ और आकाशके चराचुराङ्गी (चिराईया)बाको हाँगामे घुरघुसला बनाई ।"
\v 20 फिर बा कही “परमेश्‍वरको राज्यके मए कौनसे तुलना करऔ ?
\v 21 बा खमिर जैसो हए,जो एक स्त्री पच्चिस किलो चुनमे मिलाई,और पुरो चुन खमिर हुईगओ।"
\v 22 अब शहर-शहर और गाउ-गाउ हुईके यात्रा करतए शिक्षा देत बा यरुशलेम घेन गओ।
\v 23 कोई एक जनी बासे पुछि, “प्रभु का उद्धार पान बारे थोरि ही हँए ?" पर बा बिनसे कही
\v 24 पतरो फाटकसे जान प्रयाहस करओ ,काहेकी मए तुमसे काहात हऔं , गजब जनि घुसन ढुणङ्गे , पर ना जाए पए हँए ।
\v 25 एक चोटी घरको मालिक उठके फाटक बन्द करके पिच्छु ,तुम बाहिर ठाणके अईसी काहात फाटक ढक ढकाबईगे , प्रभु हमर ताँही फाटक खोलदेओ , ताकि हम भितर अए सकैं। , और बा जवाफ दैके तुमसे काहाबैगो “मए तुमके ना चिनत हऔं औ तुम काहांसे आए हओ ?
\v 26 तव तुम काहा बैइगे हम तुमर सामने खाए और पिए ,और हमर गल्लीमे तुम शिक्षा दए रहओ ।'
\v 27 बा कही , 'मए तुमसे काहात हऔ ,तुम कहाँसे आए हओ, मए तुमके ना जानत हऔं । दुष्ट काम करनबारे, मोसे दुर होबऔ ।'
\v 28 “जब तुम अब्राहम इसहाक,याकुब और सब अगमबक्ताके परमेश्‍वरको राज्यभितर देखैगे, तव तुम अपनए बाहिर फेंके जईहऔ ,तव तुम बिलाप करै गे और दाँत किटकिटा बैगे ।
\v 29 आदमी अगार पछार सिरे और दखिन्नसे आएके परमेश्‍वरको राज्यको भोजमेस बैठाङ्गे।
\v 30 देखओ,पच्छुबारे अग्गु और अग्गु बारे पिछु हुई हँए ।
\v 31 तुरन्तय कुछ फरिसी आएके बासे कहीं, हिनासे निकरके चले जाबऔ, काहेकी हेरोद तुमके मारन चाहात हए ।
\v 32 बा बिनसे कही, “जाएके बा सेरा से काहा ,देख आज और कल मए भुतके भजामङ्गो और अच्छो करन बारो काम करङ्गो,तव तिस्रो दिन मेरो काम पुरो हुइहए ।
\v 33 तव फिर आज कल और परसौ फिर मए लगातार देन जरुरी हए ,काहेकी येरुशलेमसे बाहिर कोई एकअगमबक्ताके मारन उचित ना हए ।
\v 34 यरुशलेम ए यरुशलेम तए अगमबक्ताके मारत हए,और तिर ठिन पठाए भएके उपर पत्थर बर्सात हए ! जैसे मुर्गिया अपन बच्चनके पखमा तरे लुकात हए, उइसिए मए कित्तो चोटी तिर बालकके लेन इच्छा करो, पर तए ना मानो ।
\v 35 देख , तेरो घर उजणो हए । मए तोसे काहात हऔं, जब तक तए, "धन्य हओ प्रमप्रभुको नाउँमे आनबारो " ना कै हए , तब तक मोके न देखैगे ।"
\c 14
अध्धाय १४
\v 1 एक शबाथ दिनमे-बा फरिसीके कोई एक जनि शासकके घरमे रोटी खान गओ ।फरिसी बाकी सेवामे बैठे रहँए ।
\v 2 मिर्गी रोगसे पिडित भओ एक जनी आदमी बक अग्गु रहए ।
\v 3 येशु व्यवस्थापक पण्डितसे और फरिसीसे पुछी “शबाथमे अच्छो करन उचित हए कि ना ?
\v 4 पर बे चुप लागे रहए ।और बा रोगिके शरिरमे हात धरके अच्छो करी और बाके जान दइ ।
\v 5 तव बा बिनसे कही, "तुमर मैसे अपन बर्धा औ गधा सबाथ-दिनमे कुईयामे गिर गओ कहेसे बाके तुम ना निकारए गे ?"
\v 6 तव बे जा बातको जवाफ ना दएपांई ।
\v 7 तव भोजमे आए भए पहुना आदरको स्थान छानि देखके बा बिनके एक काहानी कही ।
\v 8 “बिहाको भोजमे आए भए पहुना आदरको निउतो पाए हऔ कहेसे आदरको स्थानमे मत बैठऔ ! तुमसे जाधा ईज्जत बारो आदमी बा हुवाँ निउतो पाई हुईहए ।
\v 9 जब बुलाए भए दोनो जनीआमङ्गे बा तुमसे आएके काहाबैगो , जिनके बैठन ठउँ देबऔ' और तुम त शर्मके मारे सबसे तरेको जगहमे बैठन पणैगो ।
\v 10 पर जब तुम निउतो पाएहओ , जाएके तरेके ठाउँमे बैठओ , और मेजमान आएके तुमसे काहाबइगो ; ए मित्र उपर जाएके बैठऔ । बा समय (बेरा) तुमरसंग खानु खान बैठन बारेक सामने तुमर इज्जत होबैगो ।
\v 11 काहेकी हरेक जो अपनएके उचो बनातहए बा निचो होबैगो , और अपनएके निचो बनान् बारो उचो बनैगो ।
\v 12 तव बाके निउतो देनबारेसे फिर बा कही ; तुम सबेरे औ सन्झाके भोज लगातपेती, अपन मित्रके , अपन ददाभैयाके औ तुमर कुटुम्बके औ धनी पडोसीके निउतो मतदेबौ नत बे फिर सट्टामे तुमके निउतो दैके तुमर गुन चुकाए देहंए ।
\v 13 पर जब तुम भोज लगातपेती , गरिब , लुला , लङड़ा , अन्धा के बुलाबओ ,
\v 14 और तुम अशिष पाबैगे , काहेकी बे तुमर गुण घुमाए ना पामङ्गे । पर मृत्यृसे धर्मीको पुनरुत्थान होत तुम जाको प्रतिफल पाबैगे ।“
\v 15 बाकेसंग खान बैठन बारे मैसे एक जनी जे बात सुनके कही, "बा धन्य हए , जो परमेश्‍वरको राज्यमे भोज खाबैगो ।"
\v 16 पर बा बासे कही ; कोइ एक आदमी सन्झीको एक बणो भोज तयार करी ,और बेढमके निउतो दई ।
\v 17 जब भोज तयार भओ बा अपन नोकरके भोजन खान समयमे निउतो पाए भएके अइसो बुलान पठाई ; सब चिझ तयर हए ।'
\v 18 पर बे सब समान रुपमे एकैहानी बाहाना बनान् लागे । पहिलो बासे कही , मए एक खेत मोल लओ हऔं, मोके बा देखन जान पणैगो , मए बिन्ती करत हऔ, मोके माफ करऔं ।
\v 19 फिर दुसरो कही ,मए पाँच गोई ब्रधा मोल लओ हऔं , मए बे देखन जएहऔं । मए बिन्ती करत हऔं , मोके माफ करओ
\v 20 फिर एक और कही, मए बिहा करो हऔं , जहेमारे मए ना अए पएहऔं ।'
\v 21 तव नोकर आएके अपन मालिकके जा बात कहेदैइ तव बा दिक्काएके अपन नोकरसे कही , शहेरके डगरमे और गल्लीमे जल्दी जाओ, और गरीब , लुला ,अन्धरा लङड़ाके हिया भितर लाबओ
\v 22 तव नोकर कही , हजुर तुमर आज्ञा करो भओ जैसो काम भव हए , फिरभि और ठाउ खाली हए।'
\v 23 मालिक नोकरसे कही , मेन डगर और गल्लीमे हुईसे जाएके आदमीके भितर आन कर लगाओ , और मिर घर भरए ।
\v 24 काहेकी मए तुमसे काहात हऔं , निउतो पाएभएसे कोई फिर भोजको स्वाद चाखन ना पामङ्गे ।'
\v 25 आदमीको बड़ो भीड़ बकसंग जात रहए , और बा घुमके बिनसे कही ,
\v 26 अगर कोई मिरठीन आबैगो , और अपन दौवा अईया , बैइयर , लौड़ा लौड़ीया और ददाभैया , दिदीबहिनीयाके अपन प्राणके समेत तुच्छ ना ठानैगो कहेसे , बा मेरो चेला ना हुईपए हए।
\v 27 जौन आदमी अपन क्रुस बोंकके मेरे पिच्छु ना लगत हए कहेसे , बा मेरो चेला ना हुईपए हए ।
\v 28 तुम मैसे कौन हए, जौन कोई एक धरहरा बनान इच्छा करत हए कहेसे , बा धरहरा बनाएके खतम करन खर्च अपनठीन हए कि नाहए कहिके का बा अग्गुसे हिसाब ना करहए का ?
\v 29 नत बा जग बैठाएके पिच्छु निभटाए ना पईहए कहेसे बाके ,देखके सबए बासे अइसो कहीके हँशी उड़ए हँए और काहमङ्गे,
\v 30 ’जा आदमी बनान त लागो पर निभटाए ना पाइ।'
\v 31 औ कौन राजा हुइहए जो राजासँग लडई करन जात अपनसँग भव दश हजार बाके विरुद्धमे आनबारो बीस हजार सेनासे लाड़ाई कर पएहए कि ना कर पएहए कहिके पहले बैठके सल्लाह ना करहए का ?
\v 32 बा ना कर पएहए कहेसे , बा दुसरो राजा दुर होत मिलापको शर्त पुछन राजदुत पठाबैगो ।
\v 33 जहेमारे तुमर मैसे अपनसँग भओ सब चिझ ना छोणैगो कहेसे बा, मेरो चेला ना हईपए हए।
\v 34 नुन अच्छो हए, और नुनको स्वाद चलो गओ कहेसे , कासे बा नुनाईन हुइहए ?
\v 35 बा ना ता जमिनके ताँही , ना खादके ताँही काम लागनबारो हुईहए । आदमी बाके फ्यंक्के मिलकाएदेत हँए । जौनके सुनन के कान हए , बे सुनए ।”
\c 15
अध्धाय १५
\v 1 अब सबए कर उठानबारे और पापी बाको वचन सुनन बाकेठीन आत रहँए ।
\v 2 " जा आदमी त पापीके ग्रहण करत हए , और बिनके संग खानपिन करत हए “ कहीके फरिसी और शास्त्री गनगन करन लागे ।
\v 3 तव येशू बिनके जा काहानी कही ।
\v 4 " तुमर मैसे कोइ आदमी हुइहए , जौनको एक सौ भेडा रहँए बिन मैसे एक हरात हए, उनानसौके वनमे छोडके हराओ भओ भेडाके ना पानतक्क बाके ढुणत राहत हए ?
\v 5 हराओ भओ भेडा पाएके पिच्छु खुशी होत बाके अपनो कँधामे धरत हए ।
\v 6 और घरमे आएके बा अपन संङ्गी और पडोसीनके बुलात हए , और बिनसे काहात हए , मिरसंग रमाओ काहेकी मए अपनो हरानो भेडा पाओ हऔं ।
\v 7 मए तुमसे काहात हऔं, अइसी पश्‍चात्ताप ना करन बारे उनानसौ धर्मी जन के ताँही पश्‍चात्ताप करन बारो एक जनी पापीके ताँही स्वर्गमे गजब आनन्द हुइ हए ।
\v 8 कौन बैइयर हुई हए जौनके ठीन दश चाँदीके सिक्का मैसे एक हराए गओ, तव दिया पजारके बा बाके ना पानतक घर बुढारके मेहनतसे ना ढुणहए तव ?
\v 9 हराओ भओ सिक्का पाएके पिच्छु बा अपन सङ्गी और पडोसीनके बुलाएके काहात हए , मिरसँग रमाओ , काहेकी मए मेरो सिक्का पाएगओ हऔं ।
\v 10 मए तुमसे काहात हऔं , अइसीए पश्‍चात्ताप करन बारे एक जनीके ताँही परमेश्‍वरके स्वर्गदुतके अग्गु आनन्द होत हए ।"
\v 11 येशू बिनसे कहि ,“कोई आदमीक दुई लौड़ा रहँए ।
\v 12 छोटो त दौवासे कही ,दौवा ,मेरो भागमे पणन बारो धन-सम्पत्तिको हिस्सा मोके देएओ ।' तव बा अपन सम्पत्ति बिनके बाँटदैई ।
\v 13 बहुत दिन नाहोतय सबए धन-सम्पत्ति बटोरके छोटो लौड़ा दुर देशमे चलो गऔ, और बा हुना मोजमजा करनमे अपन सम्पत्ति उड़ाए डारी ।
\v 14 बा सबए रुपैयापैसा खर्च करडारी रहए । बहे समय बा देशमे बडो अनिकाल पड़ो रहए , और बाके घटीकमी होन लागो ।
\v 15 बा गओ , और बा देशको एक जनी नागरीक ठिन काम मांगी । बा अपन खेतमे सोरा चुगान पठाई ।
\v 16 सोरा खान बारो चुगासे बा अपन पेट भरन चाहात रहए , औरकोई बाके कछु ना देत रहए ।
\v 17 जब बक होस खुलो , तव कही, मिर दौवाके गजब काम करनबारे नोकर चाकर पेट भरके खाएके , उबर जात हए , पर मए त भुकसे मर रहो हऔं !
\v 18 मए उठके अपन दौवाठीन जएहऔं, और बासे कएहऔं, 'दौवा,मए स्वर्गके विरुद्धमे और तुमर नजरमे पाप करो हऔं ।
\v 19 अब मए तुमर लौड़ा काहानको योग्य ना हऔं । मोके तुम काम करन बारे नोकर चाकर मैसे एक बिनही कता बनाए लेबओ ।'
\v 20 तव बा उठके अपन दौवा ठीन गओ । बा दुर होत बक दौवा बाके देखी , बा दयासे भरगओं ,और दौड़के गओ बाके गलबैइयां डारके बाके चुम्बन करी ।
\v 21 लौड़ा अपन दौवासे कही ,“दौवा मए स्वर्गके बिरुद्धमे और तुमर नजरमे पाप करो हऔं । मए अबसे तुमर लौड़ा काहानको योग्या ना हऔं ।'
\v 22 पर,“दौवा त अपन कमान बारे नोकरसे कही , जल्दी सबसे अच्छो लत्ता लाएके बाके पहींदाए देबओ , बाके हातमे औँगुठी और जुत्ता लगाएदेबओ ।'
\v 23 और तजानो भव पशुके मारओ, हम खाएके आनन्द मना मए । ,
\v 24 काहेकी जा मेरो लौड़ा मरो रहए , फिर जिन्दा भओ हए ,हरानो रहए ,और मए पाए गओ हऔं । तौबे आनन्द मनान लागे ।'
\v 25 बा समय बाको जेठो लौड़ा खेतमे रहए और बा घर ठीन पुगो तव नाचगानाको आवाज सुनी ।
\v 26 बा चाकर मैसे एक जनिके अपन ठिन बुलाई ; जा का होत हए कहिके पुछी ।
\v 27 बा बासे कही, तुमर भैया आएगओ हए,और तुमर दौवा पालो भओ मोटो पशु मारी हए । काहेकी बा सहीसलामत् घुमो हए ।
\v 28 पर बा दिक्काई गओ, और भितर जान ना मानी, और बाको दौवा बाहीर जाईके बाके मनान लागो ।
\v 29 पर बा दौवासे कही ,देख ईत्तो साल मए तुमर सेवा करो,और तुमर अज्ञा कभी उल्लंगन ना करो, तहु फिर मए अपन सङ्गी सँग आनन्द मनानके तुम मोके एक बकरा फिर कभी ना दए।
\v 30 पर तुमर सम्पत्तिके बेश्यनके सँग उड़ान बारो तुमर लौड़ा आतए तुम पालो भओ मोटो पशु बाके ताँही मारे ।'
\v 31 तव बा बासे कही, ' लौड़ा तए त मिर संग हर समय हए और मिर सबए सम्पत्ति तेरी हए ।
\v 32 पर हमके आनन्द और खुसी होन ठिक हए , काहेकी जा तेरो भैया मरगओ रहए ,फिर जिन्दा भओ हए, हरानो रहए ,और अभए पाएगए हँए ।"
\c 16
अध्धाय 16
\v 1 येशु अपन चेलासे कही, “कोइ धनी आदमीक एक जनी व्यवस्थापक रहए । तभैमारे अपन मालिकको धन सम्पत्ति उड़ाए रहो हए जा आभियोग वक विरुद्धमे लागो रहए ।
\v 2 तव मालिक बाके बुलाइके कही, तिर विषयमे जा मए का सुन रहो ,जा का हए ? व्यवस्थापकको कामको हिसाब मोके दे अब अग्गु तए व्यवस्थापक ना राहाबएगो ।'
\v 3 तव व्यवस्थापक अपन मन मनै कही, अब मए का करऔ काहेकी मिर मालिक मोसे व्यवस्थापकको काम छिनाए रहो हए । जोतन खोदन मिर ताकत ना हए, भिख मागन मोके शरम लगत हए ।
\v 4 अब मोके का करन पणैगो मोके पता हए । व्यवस्थापन को कामसे निकारके आदमी मोके अपन घरमे कैसे स्वागत करँए कहीके मए अइसो करङ्गो ।'
\v 5 तव बा मालिकको ऋणीनके एक-एक के बुलाई, और सुरु बालोसे कही, तिर मालिकको ऋण कित्तो हए ?'
\v 6 बा कही, तिन हजार लिटर तेल । तव व्यवस्थापक बासे कही , तिर तमसुक ला , और जल्दी बैठके पन्ध्रा सय लिटर लिख ।'
\v 7 फिर दुसरे से कही , तिर कर्जा कित्तो हए ? बा कही, तिन सय पचास कुन्टल गेहुँ ।' बा जासे कही , तिर तमसुक ला और तिन सय कुन्टल लिख ।'
\v 8 अब बाको मालिक बा अधर्मी व्यवस्थापकको तारीफ करी काहेकी बा चलाकीसे काम करी रहए । काहेकी जा संसारको आदमी अपनी पुस्ताके और आदमीसंग व्यवहार करत ज्योतिके सन्तानसे और जध्धा चलाक होत हंए ।
\v 9 मए तुमसे काहात हऔं , अपने ताँही संसारको धनसे मित्र बनाबओ, और जब धन नास हुईहए , तव बे तुमके अनन्त वासस्थानमे स्वागत करहँए ।
\v 10 जौन थोरी बातमे इमानदार होत हए, बा जध्धामे फिर इमानदार होत हए, और जो थोरी बातमे बेइमान होत हए, बा जध्धामे फिर बेइमान होत हए ।
\v 11 जहेमारे तुम संसारिक धनमे इमानदार ना हुई हओ कहेसे , तुमके सच्चो धनको जिम्मा कौन देहए ?
\v 12 अगर तुम दुसरेक धनमे इमानदार ना हुई हओ कहेसे , तुमर अपनो धन तुमके कौन देहए ?
\v 13 कोई फिर सेवक दुई मालिकको सेवा ना करपए हए, काहेकी बा एकके घृणा करके दुसरेके प्रेम करत हए , औ एकके प्रती भक्ती दुसरेके तुच्छ मनहए तुम परमेश्‍वर और धन दोनेको सेवा ना कर सकत हओ । "
\v 14 धनके लोभी फरिसी जा सब बात सुनके बाको हँशी करी ।
\v 15 तव बा उनसे कही , आदमीनके अग्गु अपनेके धर्मी ठहरानबारे तुम ही हओ । पर परमेश्‍वर तुमर हृदयके जानत हए, काहेकी आदमीनके विचमे जो उच्च गिनोगओ हए , परमेश्‍वरके नजरमे बा तुच्छ ठहरैगो ।
\v 16 यूहन्‍ना आनसे अग्गु अगमवक्ता और व्यवस्था काम करत रहए । बे दिनसे परमेश्‍वरको राज्यको सुसमाचार प्रचार करी रहए, और सब आदमी बा राज्य भितर जवर जस्ती घुचनके कोसिस करत हँए ।
\v 17 स्वर्ग और पृथ्वी बितके चली जाबएगी पर व्यवस्थामे लिखो भओ वचनसे एक अक्षर फिर रद्द ना होबएगो । ।
\v 18 जौन अपनी बैयर छोडके दुसरीसे व्यहा करत हए, बा व्यभिचार करत हए, और लोगासे छोडी बैयर व्यहा करन बारे फिर व्यभिचार करत हए ।
\v 19 एक सेट आदमी रहए , जो वहुमुल्य लत्ता पतरो मलमल पैधंके रोजदिन मनोरन्जनमे राहत रहए ।
\v 20 बाके फाटक ठीन लाजरस नाउँको एक आदमी गरिबके लाइके धरदेत रहँए ।
\v 21 बा सेट आदमीको टेबुल मैसे गीरो भओ टुक्रा खाइके लाजरस अपन पेट भरन इच्छा करत रहए और कुत्ता फिर आईके बाको घाउ चाटत रहँए ।
\v 22 बा गरीब आदमी मरगओ , और स्वर्गदुत बाके लैजाइके अब्रहामके संगमे धरी, बा सेट आदमी फिर मरो और गाणोगौ ।
\v 23 नरकमे कठोर कष्ट भोगत पेती बा अपन नजर उठाइके देखि और दुरसे अब्रहाम और बक छातीमे आड लओ भओ लाजरसके देखि ।
\v 24 और बा जोडसे चिल्लाएके कही , हे पिता अब्रहाम , मिर उपर दया करके लाजरसके पठाई दे , और बा अपन उँगरीको पोरा पानीमे डुबाईके मिर जिभके जुणो बनाए देबए, काहेकी मए जा ज्वालामे भयक्ङर दुःख पाए रहो हऔं ।'
\v 25 पर अब्रहाम कही , तए याद कर , तय अपन जीवन कालमे अच्छि अच्छी बातके , भोग करो और जा लाजरस दु;खए दु;ख भोगी , बा अब हिया अराममे हए , और तए कष्टमे हए ।
\v 26 जे सब बातसे ,औ हिंयासे तिर ठिन , बा पार जान बारे ना जाए पामए , और हुनासे हिंया हमर ठिन ना आए पामए , कहेके हमर और तुमर विचमे एक गजब गहिरो गड्डा हए ।'
\v 27 बा कही , पिता जहेमारे मए तुमके विन्ती करत हऔ, तुम बाके मिर दौवाके घरमे पठाए देबओ ,
\v 28 काहेकी मिर पांच भइया हँए , और बिनके चेतावनी देबओ , नत बिनके फिर जा डरलागन बारो कष्टमे आन ना पणए ।'
\v 29 पर अब्रहाम कही , विनके संगमे मोशा और अगमवक्ताको किताब हँए बे बा सुनंए ।'
\v 30 पर बा कही, नाए पिता आब्रहाम , मरे मैसे कोई एक आदमी विनके ठिन जैहै कहेसे , बे पश्‍चात्ताप करङ्गे ।'
\v 31 बा बासे कही, मोशा और अगमवाक्ताको बात बे ना सुनङ्गे कहेसे , मृत्युसे कोई जिन्दा हुइहे काहा बएगो कहेसे ,बे विश्‍वास ना करङ्गे ।"
\c 17
अध्धाय 17
\v 1 येशु अपन चेलन से कही, “ पाप करन लगान बारेके परिक्षा निहात्तय आतहए । पर धिक्कार बा आदमीके जौनके द्वाराबे आतहँए ।
\v 2 जौन आदमी जे छोटो मैसे एकके पाप करन लगात हए, बाके घाटीमे चकियाको पटा बाधके , बाके समुद्रमे फेक देनो बाके ताँही ठिक हुईहए ।
\v 3 अपन बारेमे होशियार बैठओ । तुमर भईया अपराध करहए तव बाके डाटओ,और बा क्षमा मागत हए कहेसे, तव तुम बाके क्षमा करिओ
\v 4 अगर तुमर सँगमे दिनमे सात चोटी तुमर बिरुद्धमे अपराध करि,और सातओ चोटी तुमरे ठिन घुमके आएके मए पश्‍चात्ताप करत हऔं ।करके कहेहए ,तव तुम बाके क्षमा करिओ ।
\v 5 प्रेरित प्रभु से कही “ हमर बिश्‍वस बढाई देवओ।"
\v 6 प्रभु कही ,"तुमरमे रायाको दाना जित्तो फिर विश्‍वास हुईहए तुम तुतको रुखाके ,तए उखडके समुद्रमे जा 'कए हओ , बा मानलेहए ।
\v 7 तुमर मैसे कौनको नोकर खेत जोतके कि भेडा चुगाईके अए हए तव बा नोकरसे तुरन्त आएके खान बैठ कए हए का ?
\v 8 का बा बासे अईसे ना कए हए ? मिर ताँही खानू तयार कर फेटाकस ,और खान पिन ना करन तक मेरो सेवा सत्कार कर । तव फिर तए खान पिन कर ।
\v 9 बा अपन नेकरके धन्यबाद ना देहए काहेकी हम कछु ना कहिके बा हमर ताँही करइगो ?
\v 10 अईसि तुमके अढाओ काम पुरा करके पिच्छु तुम फिर अईसि कएहओ ! हम बिनालायकके दास हए, हम त अपन कर्तव्य ईकल्लो पालन करहँए ।"
\v 11 येशु यरुशलेम घेन जात रहए । जा यात्रामे बा सामरिया और गालिलको सिमाना हुईके गओ ।
\v 12 बा एक गाँउमे घुसत दश जनी कोढीसँग बाको भेट भओ । दूरसे ठाणके बे ।
\v 13 जोडसे चिल्लाएके कही ,हे येशु गुरुजी , हमर उपर कृपा करओ ।"
\v 14 बा बिनके देखके कही “ जाओ जाएके पुजहारी ठिन अपनएके देखाओ । बे जातए जात अच्छे हुईगए ।
\v 15 बिनमैसे एक जनि अपना अच्छो होत देखी ,और जोडसे परमेश्‍वरको महिमा करत घुमो ।
\v 16 और येशुके धन्यवाद देत येशुके पाउमे घुपटा पडके बाके धन्यवाद दई । बा एक सामरी रहए ।
\v 17 येशू कही , "का अच्छे भए दश जनि ना रहँए ? और नौ जनि कहाँ गए ?
\v 18 का जा बिदेशी बाहेक घुमके आनबारे ,परमेश्‍वरको प्रशंसा करन और कोई ना हँए ?
\v 19 और बा बासे कही “उठ और अपन डगर लाग । तेरो बिश्‍वास तोके अच्छो करी हए ।"
\v 20 परमेश्‍वरको राज्य कब अए हए करके फरिसिको प्रश्‍नको जवाफमे बा बिनसे कही ,परमेश्‍वारको राज्य देखन जैसो ना आबैगो
\v 21 नाता आदमी कए हए , “देखओ हियाँ हए ! औ हुवाँ हए ! काहेकी देख्ओ, परमेश्‍वरको राज्य तुमर बिचमे हए ।"
\v 22 बा चेलनसे कही , “बे दिन आमङ्गे , जब तुम आदमीको पुत्रके कोई एक दिन देखन इच्छा करैगे ,तव तुम ना दिख् हओ ।
\v 23 आदमीनके तुम कए हओ , देखओ बा हुवा हए ! औ बा हिंया हए !' पर तुम मत जबओ, और , बिनके पिछु मत लगिओ ।
\v 24 काहेकी जैसी बिजली चमकत्त हए बादरको एक किनारे दुसरे किनारे तक उज्यारो करत हए ,आदमीको पुत्र फिरअपनो आन दिनमे उईसीए हुईहए ।
\v 25 पर पहिले बा बहुत कष्ट शहन पणैगो । और जा पुस्तासे बहिस्कृत हुईहए ।
\v 26 नोआको दिनमे जैसो भओ रहए ,आदमीको पुत्रको दिनमे फिर उईसी हुईहए ।
\v 27 नोआ जहाज भीतर ना घुसन तक बे खात पित और विहामे जात रहए औ जलप्रलय आओ और सबएके खतम करदई ।
\v 28 लोतके दिनमे फिर उईसी भओ रहए, आदमी खात रहँए ,पित रहँए , किनमोल करत रहँए, लगात रहए ,तमान बातके बनात रहए ।
\v 29 तव जौन दिन लोत सदोमसे निकरो, आकाशसे आगी और गन्धन बर्सो और सबके खतम करदई ।
\v 30 आदमीको पुत्र प्रकट होन दिनमे अईसी हुईहए ।
\v 31 बा दिन जो घरके उपर हए, बाको मालमत्ता घरभितर हए कहिके बे बिनके लेन तरे ना आमए । उईसी खेतमे होनबारे फिर घुमके ना आमाए ।
\v 32 लोतकी बैयरके याद करओ ।
\v 33 जौन अपन प्राण बचान ढुणैगो , सो बा गुमाबैगो और जौन अपनो प्राण गुमाबैगो, बाके बा बचाबैगो ।
\v 34 मए तुमसे काहत हऔं , रातके समयमे दुई जनि एक सँग हुईहए । एक जनि चलो जएहए और दुसरो छुटजए हए ।
\v 35 दुई जनि बैयार एकसँग चकिया पिसत हुईहँए । एक चली जएहए,दुसरी छुटजए हए ।
\v 36 (दुई जनि आदमी खेतमे हुईहँए,एक जनि चलो जए हए, दुसरो छुट जए हए ।)
\v 37 और बे बासे पुँछि, "कहाँ प्रभु ? "बा बिनसे कही," जँहा डोमर होत हए, हुवा गिद्धा फिर ईकट्टा होतहए ।"
\c 18
अध्धाय 18
\v 1 बे रोज प्रार्थना करतए रहामए और निराश ना होमए कहीके जहेमारे बा बिनसे एक काहानी कही ,
\v 2 बा बिनसे कही, "कोई एक सहरमे परमेश्‍वारको डर ना माननबारो ,और आदमीक ख्याल फिर ना करनबारो एक जनि न्यायधीश रहए ।
\v 3 बहे शहरमे एक बिध्वा रहए। बा बिनके ठिन आत रहए,और काहत रहए, 'मेरो वादिके अग्गु मेरो न्याय करदेओ ।'
\v 4 बा कुछ समय तक त ना मानी, और पिच्छुसे बा अपन मनसे कही मए परमेश्‍वारको डर ना मानत हऔं और आदमीको ख्याल फिर ना करत हऔं ।
\v 5 पर जा बिध्वा मोके हैरान करडारिहए । जहेमारे, मए जाको न्याय करत हऔं, नत जा ईकल्ली आएके मोके दिक्क बनाबएगी ।"
\v 6 प्रभु कही, “सुन बा अधर्मी न्यायधिश का काहत हए ।
\v 7 का परमेश्‍वर बाके जो रात दिन पुकारन बारे अपने चुने भएके न्याय ना करैगो का ? का बा बिनके ताँही देर करहए का ?
\v 8 मए तुमसे काहत हऔ , बा जलदिए तुमरो न्याय करहए । तहु फिर आदमीक् पुत्र आन पेती का बा पृथ्बीमे बिश्‍वास पएहए का ?"
\v 9 अपन उपर भरोसा करन बारे और अपनैके धर्मी बनानबारे औरनके तुच्छ बनानबारे कोई कोईके बा जा काहानी सुनाई रहए । ,
\v 10 " दुई आदमी प्रार्थना करन मन्दिरमे गए एक जनि फरिसी और दुसरो कर उठानबारो।
\v 11 फरिसी ठाणके अइसे प्रार्थना करी , हे परमेश्‍वर मए तुमके धन्यवाद देत हऔं ,मए और आदमीक जैसे फटहा, अन्यायी,व्यभीचारी औ जहे कर उठानबारो जैसो फिर नाहऔ ।
\v 12 मए हप्तामे दुई चोटी उपवास बैठत हऔ । मए पाओ भओ सब चिजको दशांश देत हऔं ।'
\v 13 कर उठानबारो दुरसे ठाडके स्वार्गघेन आँखी ना उठाएके अईसे काहात अपन छाती पिटी , हे परमेश्‍वार मए पापीके उपर दया कर ।'
\v 14 मए तुमसे काहत हऔं ,जा आदमी ता दुसरेसे धर्मी ठहरके अपन घरघेन गओ। काहेकी जौन अपनेके उचो बनाबैगो, बा छोटो होबैगो,पर जौन अपनैके छोटो बनाबैगो बा उचो होबैगो ।
\v 15 येशु छुईदेए कहिके आदमी बच्चनके बक ठिन लाई । तव चेला जा देखके बिनके डाँटी हप्काई ।
\v 16 येशु बिनके अपन ठिन बुलाइके कही , " छोटे बालकनके मिर ठिन आनदेओ, बिनके मत रोकओ काहेकी परमेश्‍वारको राज्य अइसिएनके ताँही हए ।
\v 17 निहात्तय मए तुमसे काहत हऔं , जौन एक बालक जैसो परमेश्‍वारके ग्रहण ना करहए ,बा कोई रितिसे बा भितर प्रबेश ना करपए हए ।"
\v 18 कोई एक जनि शासक येशुसे अइसो कहिके पुछी " हे असल गुरु, अनन्त जिवन पान ताँही मोके का करन पणैगो ?"
\v 19 येशु बासे कही, “ तए मोसे काहे असल काहत हए , एक परमेश्‍वार छोडके कोइ असल ना हए ।
\v 20 तए आज्ञा त जानतै हए - तए व्यभिचार मत कर ,हत्या मत कर ,ना चुरान ,झुटो गवाही मतदिओ, अपन दौवा और अइयाको आदर करियो । "
\v 21 बा कही, जे सब त मए मेरी जवानीके समयसे पालन करो हऔ।"
\v 22 जा सुनके पिच्छु बासे कही, तोके और एक बातको कमी हए । तिरसँग जो जित्तो हए बे सब बेचके गरिबके बाटदे,और तिर ताँही स्वार्गमे धन होबैगो, और आ मेरे पिच्छु लाग ।"
\v 23 पर जा बात सुनके, बा शासक बेढम उदाश भओ, काहेकी बा गजब धनी रहए ।
\v 24 तव येशू बाके देःखके बहुत दुखित भओ और कही, " धन समपत्ती होनबारेक परमेश्‍वरको राज्य भितर घुसन बेढम अगठो हए !
\v 25 काहेकी धनी आदमीके स्वार्गके राजमे घुसनसे ता ऊटके सुईको भारसे छिरन सजिलो हए !"
\v 26 तव सुनन बारे कही तव कौनको उद्धार हुईपए हए ?
\v 27 बा कही,आदमिके ताँही जो असम्बभ हए, बा परमेश्‍वरके ताँही सम्भब हए ।
\v 28 तव पत्रुस कही “देखओ अपन घर छोड़के हम तुमर पच्छु लागे हँए ।"
\v 29 तव बा बिनसे कही,सच्ची मए तुमसे काहत हओ,जौन घर औ बैयर औ अईया दौवा लौड़ा लौड़ीयाके परमेश्‍वरके राजके ताँही छोड़त हए ।
\v 30 बा जहए समयमे बेढम जद्धा प्रतिफल पाबैगो और आन बरो युगमे अनन्त जीवन हांसिल करैगो ।"
\v 31 येशु बाह्रा जनीके अलग लैजाए के कही, “देखऔ हम येरुशलेम घेन जात हँए और आदमीको पुत्रके बारेमे आगमबक्ता लिखो भओ हरेक बात पुरो होबैगो ।
\v 32 काहेकी बाके अन्यजातिनके हातमे सोंप देहँए और बे बाके मजाक उड़ाए हए और बकसँग गलत व्याबाहर करङ्गे बक उपर थुकङ्गे ।
\v 33 बे बक कोर्रा लगामङ्गे और मारङ्गे,तव तिसरो दिनमे बा मरके जिन्दा हुईके उठईगो ।"
\v 34 तव चेला जा बातके एकओ फिर ना सम्झि । बिनके ताँही जा बात लुकाएके धरी रहए ,तव जा कहिभइ बात बिनके सम्झमे ना आओ ।
\v 35 बा एरिहो के ठिन पुगो बा हुना एक जनि अन्धा आदमी डगरके किनारेमे बैठके भिक मागत रहए ।
\v 36 बा डगरसे एक भिड किनारेसे जात सुनी, “ जा का हए ?" काहेकी बा पुँछी ।
\v 37 आदमी बासे कहीँ, “ नासरत को येशु इतएसे जाए रहोहए ।"
\v 38 तब बा अईसे काहत चिल्लाई , “ हे येशु दाउदको लौड़ा मिर उपर दया कर ।"
\v 39 अग्गु अग्गु नेगन बारे बासे कहीं चुप लाग, कहीके डाँटी” तव बा और जोड़से चिल्लाई, “हे दाऊदको लौड़ा मिर उपर दया कर ।"
\v 40 येशु रुक गओ और बाके अपन ठिन लान आज्ञा दई बा झौने आएके पिच्छु बा बासे पुच्छी,
\v 41 तए का चाँहात हए ? मए तिर ताँहीं का करऔ” ? बा कही, प्रभु मए देखलेमऔ ।"
\v 42 तव येशु बासे कही, तए देखन बारो हुईजा तिर बिश्‍वास तोके अच्छो करि हए ।
\v 43 तव तुरन्तए देखन बारो भओ और परमेश्‍वरको प्रशंसा करतए बाके पिच्छु लागो । जा देखके सब आदमी परमेश्‍वरको प्रशंसा करीं ।
\c 19
अध्धाय 19
\v 1 येशु येरीहो हुईके हुनासे जात रहए ।
\v 2 हुवाँ जखायस नाउँ भओ एक जनी आदमी रहए बा कर उठान बारो मैसे मुख्य आदमी रहए, और धनि रहए ।
\v 3 येशु कौन हए कहिके बा देखन चांहात रहए पर ठुम्को हुईके भिडके कारनसे देख ना पाई ।
\v 4 बा बाके देखन अग्गु अग्गु दैडके एक गुलरको रुखामे चढ़ो , काहेकी येशु बहे डगर हुईके जात रहए ।
\v 5 जब येशु बा ठाउँमे आएपुगो, तव बा उपर देखके बासे कही, “ ए जखायास” जल्ली उतरके आ , काहेकी आज मोके तिर घरमे बैठन हए ।
\v 6 बा जल्दीसे उतरके आएगओ । और खुसीसे बाको सत्कार करी ।
\v 7 जब आदमी जा देखीँ बे सबए अईसो कहत बरबरान लागे, “बा पापीके घरमे पहुना हुईके गवओ हए ।"
\v 8 जखायास उठके प्रभु से कही, “ देख प्रभु मए अपन समपत्तिको आधो भाग गरिबनके देहऔं, और कोईसे अन्नयाए करके कछु लओ हऔ कहेसे मए बाको चार गुणा फिर्ता करदेहऔ” ।
\v 9 तव येशु बासे कही, “आज जा घरमे मुक्ति आओ हए काहेकी जा फिर आब्रहामको लौड़ हए ।
\v 10 जहए मारे आदमीको लउड़ा हराओ भओके ढुड़न और बचान आओ हए ।"
\v 11 बे जा बात सुन्तए बा बिनसे एक काहानी काहान लागो , बे यरुसलेमके जौने रहँए, और आदमीके परमेश्‍वरको राज्य तुरन्त प्रकट होन लागो कहिके समझि रहँए ।
\v 12 बा कही , " एक जनी खानदानी आदमी एक राजके पाईके लौटन के आन कहिके और कोई दुरके देशमे गओ ।
\v 13 बा अपन दश जनि नोकरके बुलाईके बिनके सोनोको सिक्का दईके कही ,जब तक मए लौटके ना आए हऔं, जहेसे व्यपार करिओ ।
\v 14 पर प्रजा बिनके अच्छो ना मानत रहँए और बे बिनके पिच्छु पिच्छु अईसो कहिके दुतनके काहान पठाई”,बे हमर उपर राज ना करए कहिके हम चाँहात हँए ।
\v 15 तव राज्य अधिकार पाईके लौटके पिच्छु अपन पैसा दएभए नोकरनके अपन ठिन बुलान हुकम् दई, व्यपारसे बे कित्तो नफा करि कहेके बा जाँनन् चाहत रहए ।
\v 16 तव पहिले आन बारो अईसो कही 'मालीक, तुमर सिक्कासे और दश सिक्का कमाओ हऔं ।'
\v 17 बा बासे कही, 'क्ष्याबास अच्छो नोकर, तए दश शहेरके उपर अधिकार पए हए ।'
\v 18 दुसरो आईके अईसे कही’ , मालिक तुमर सिक्कासे और पाँच सिक्का कमाओ हऔ ।'
\v 19 “बा बासे कही , 'तए फिर पाँच शहेरमे अधिकार करहए ।'
\v 20 एक और आईके आईसे कही, मालिक, देख,तुमर सिक्का हियाँ हए बा मए रुमालमे बाधके धरेहऔं ।
\v 21 मए तुमसे डराए गओ, काहेकी तुम कठोर आदमी हऔं । जो ना धरे हओ, बा लेत हओ । जो ना बोत हओ हुवासे कटनी करत हऔं ।'
\v 22 “बा बासे कही , तिर मुहु की बातसे मए तेरो न्याय करङ्गो ए दुष्ट नोकर जो धरो न हऔं बा लेत हऔं और जो बोओ नहऔं बा कटत हऔं , ' मए कठोर आदमी हऔ कहेके तय जानत रहए ।
\v 23 तव मिर सिक्का बैंकमे काहेना धरो ? मए अईके ब्याज समेत बा पातो ।'
\v 24 “तव जौने ठणन बारेनसे बा कही, हुवासे बा सिक्का लैके दश सिक्का होन बारेके दई देबओ ।'
\v 25 बा बिनसे कही, हजुर, बाके सँग त दश सिक्का हईए हँए ।'
\v 26 मए तुमसे काहत हऔं ,जौन सँग हए बाके और जद्धा देहए पर जौन सँग ना हए बाके सँग भओ फिर बासे छिनो जाएहए ।
\v 27 पर मए बिनके उपर राज करन ना चाहान बारेन के मिरबे सत्रुनके हिया लाबौ और बिनके मिर अग्गु मारओ’ ।"
\v 28 येशु जा बात कहिके येरुसलेम घेन गऔ ।
\v 29 जब बा बेथाफागे और बेथानिया के जौने जैतुन काहान बारो डगामे पुगो रहए, बा अपन चेलामैसे दुई जनिके अईसो कहेके पठाई,
\v 30 अग्गुके गाउँमे जाबऔ और भीतर जातए जात तुम गधाको एक बच्छरा बंधो पाबैगे, जौनके उपर हभैतक कोई आदमी ना चढ़ी हए । बाके खोलके हिना लाबऔ ।
\v 31 कोई काहाबए जाके काहे खोलत हऔ ?'कहेके तुमसे पुछए तव कहियो प्रभुके जाकी जरुरत हए।"
\v 32 बे पठाए भए गए, और बा बिनसे जैसे कही उईसियाए पाईं ।
\v 33 बे बछराके खोलन लागे तव बछरक मालिक बिनसे पुछी”, तुम जा बछराके काहे खोलत हओ ? "
\v 34 बे कहीं, “ प्रभुके जाकी जरुरत हए ।"
\v 35 चेला बाके येशु ठिन लाईं, और अपन लत्ता बछराके उपर धरके येशुके बक उपर बैठारीं ।
\v 36 बा जात पेती ,अपन लत्ता डगरमे बिछाईं ।
\v 37 बा जैतुन ड़ँगामे अएपुगो चेलाकी सबए भिड बाके देखके सबए शक्ति शाली कामके ताँही खुसी होत, परमेश्‍वरको प्रशंसा करत बडे जोरसे चिल्लान लागे ।
\v 38 “परम प्रभुके नाउँमे आनबारो राजा धन्यको हए ! स्वार्गमे शान्ति प्रमधाममे महिमा ।"
\v 39 औ भिडके कोई कोई फरिसि बासे कहीं,” हे गुरु तुमर ,चेलनके डाँटओ।"
\v 40 पर बा कही, “मए तुमसे काहात हऔं जे चुप लग् हँए तव पत्थर फिर चिल्लाए उठङ्गे ।"
\v 41 जब येशु जौने आए पुगो और शहेरके देखी बा बाके ताँही रोई ,
\v 42 "यदी तए जा दीनके बारेमे पता पातो, शान्ति कौन बातसे लातहए कहेके बात जानत होतो ! पर अभए जा बात तिर नजरसे लुको हए ।
\v 43 काहेकी तिर उपर अईसे दिन अमङ्गे, जब तेरो सत्रु तेरो आस पाश जमा हुईके बाधँके घेरा लगामङ्गे , और सबए घेनसे पकडके तोके बँधङ्गे ।
\v 44 बे तोके और तिर भितर बैठन बारे तिर सन्तानके जमिनमे उठाईके पटङ्गे और एक पत्थर उपर दुसरो पत्थर फिर न हुईहए , काहेकी तेरो अपनो उपर भओ परमेश्‍वरको कृपा दृष्टिके तय चीन न पाओ ।
\v 45 तव बा मन्दिर भितर कुचो और किनबेच करन बारेनके निकारी,
\v 46 और बिनसे कही, “ धर्मशास्त्रमे लिखो हए, 'मेरो घर प्रर्थाना को घर हुईहए, ' पर तुम ता जाके डाकुको अड्डा बनाए हओ ।"
\v 47 बा हरेक दिन मन्दिर मे शिक्षा देत रहए । पर मुख्य पुजारी शास्त्री और जन्तानके प्रमुख आदमी बाके मारन ।
\v 48 ढुड़ी बे बाके मारन ताँहीं कोई उपय न पाँई, काहेकी सबए आदमी बाके बचनमे ध्यान दैके सुनत रहँए ।
\c 20
अध्धाय 20
\v 1 येशू मन्दिरमे आदमीनके शिक्षा देत रहए। और बिनके सु-समाचार प्रचार करत रहए। धर्म गुरुके संग मुखिया पुजारि और सास्त्रि बाके ठिन आए।
\v 2 बासे पुछीं हमके बता कैन अधीकारसे तुम जा काम करत हऔं ,और तुमके अधीकार देन बारो कौन हए ?"
\v 3 बा बिनके जबाफ दई, मए फिर तुमसे एक बात पुछत हऔं, मोके उत्तर देबओ।
\v 4 यूहन्‍नाको दओ भओ बप्तीस्मा स्वर्गसे रहए कि आदमी से ?"
\v 5 बे आपसमे बाहस करन लागे, "यदि हम स्वर्गसे काहामङ्गे कहेसे, तओ बे कए हँए,काहे बिश्‍वास ना करत हऔं ?'
\v 6 आदमीनसे काहा मङ्गे तव, सब आदमी हमके पत्थर मरहए, काहेकी यूहन्‍ना अगमवक्ता हए, कहीके विश्‍वास करत हए ।"
\v 7 जहे मारे बे जवाफ दई, ”हम ना जानत हए कहाँसे आओ हए ।"
\v 8 तओ येशु बिनसे कही, ” महु फिर तुमके कौन अधिकारसे जा काम करत हऔं, कहिके ना बतए हऔं।"
\v 9 बा आदमीनसे जा काहानी कही, ”एक आदमी दाखबारी लगाई और अधीया दैके, बहुत दिनके ताँही परदेश गओ।
\v 10 फरा पकन समयमे बा अपन हिस्साको फरा लेन अपनो एक नोकरके दाखबारीको मालिक अपनो अधीया बारो ठीन पठाइ, तव अधिया बारो बाके पिटके खाली हात पठाए दइ।
\v 11 बा फिरऔरदुसरे नोकर के पठाइ, तव बे बाके फिर पिटी बेजत करके खाली पठाई दइ।
\v 12 बा तिसरेके फिर पठाई बे बाके फिर घाएल बनाएके निकार दइ।
\v 13 और दाखबारीको मालीक , ’अब मए का करओ ? मए अपन प्यारो लौड़ा पठए हओं। शायद बाके बे आदर करङ्गे की। '
\v 14 तव अधीया बारे बाके देख्के आपस मे बात करी , 'जा त हकबारो हए, हम जाके मारडारए और सम्पतीको हक हमर हुइहए ।'
\v 15 और बे बाके दाखबारीके बाहिर लैजाएके मारी ।अब दाखबारीको मालीक बिनके का कर हए ?
\v 16 बा आएके अधिया बारेनके मरहए, और दाखबारी औरेनके देहए ।“आदमी जा सुनके कही, अइसे कबहु ना होबए।“
\v 17 तब बा बिनके देखके कही, ”जा धर्म शास्त्राको कहिनको अर्थ का हए ”जौन पत्थरके भवन बनान बारे खारिच करि रहँए, बहे त कोनेको मुण पत्थर बनो।
\v 18 बा पत्थर उपर गिरन बारे हरेके चकनाचुर हुइ जए हँए, तव जौन उपर बा गिरएगो बा बाके भुआ बनए देहए।"
\v 19 तव शास्त्री और मुखिया पुजहारी बहए बेरा बाके पकणन ढुणी । बिनके पता रहए, कि जा काहानी बिनके बिरुध्दमे कही रहए, तव बे आदमीसे डरात रहँए।
\v 20 बे मौका देखन लागे, और धर्मि हुइके चुपरन बारे जासुसके बे बिनके ठीन पठाई । येशुसे कही बातके गलत सावित बानाएके , बहए बातमे बाके फसाएके अधिकारीनके और हाकिमके हातमे बाके सौपङ्गे करके बे दाओ देखत रहँए ।
\v 21 बे बासे पुछी” गुरुजी हम जानत हए तुम ठीक बोलत हओ और ठीक सिखात हओ, कोइको पक्षपात नकरत हओ, पर सत्यके सँग परमेश्वरको डगर सिखात हओ ।
\v 22 हमके कैसरके कर तिरन ठीक हए कि ना ?”
\v 23 येशू बिनको कपट समझके कही,
\v 24 मोके एक सिक्का दिखाबओ, जामे कौनको चित्र और कौनको नाउँ लिखो हए, ? ”बे कही, कैसरको।"
\v 25 बा बिनसे कही,”जहए मारे जो कैसरको हए बा कैसरके देबओ और जो परमेश्‍वरको हए बा परमेश्‍वरके देओ।"
\v 26 आदमीके अग्गुबे बाके बातमे फसाए ना पाई, और बाके बातमे बे अचम्मो मानके छक्क पणके कछु ना कहेपाँइ।
\v 27 तओ पिच्छू बाके ठिन कोइ सदुकी आए । मरके पुनरुत्थान ना होत हए, कहिके बिनको बिचार रहए। बे बासे पुछी,
\v 28 ”गुरुजी मोसा हमके लिखिरहए, कि कोई आदमीको विवाहित ददा बिना सन्तान मरत हए कहेसे, भईया बाके बैयरसे बिहा करके ददाको सन्तान खणा करन पणत रहए ।
\v 29 सात भईया रहँए जेठो एक बैयरलाई और बिना सन्तान मरगऔ
\v 30 और मझलोसे,
\v 31 और सझलोसे बहए बिहा करी और उइसे करके बे सातओ जनि बिना सन्तान मर गए
\v 32 पिच्छु बा बैयर फिर मर गई,
\v 33 जहए मारे मरके पुनुरुत्थान हुइहए, बा बैयर बिन मैसे कौन कि बैयर हुइहए ? काहेकि बा सातौ जनिकी बैयर भइरहए ।"
\v 34 येशु बिनसे कही , जा युगमे, आदमी बिहा करत हए, और बिहा कर देत हए ।
\v 35 पर बा युग तक पुगन योग्य ठहेरन बारे और मरके जिन्दा हुइके उठन योग्य होन बारे ना विहा करत हँए, ना विहा कर देत हँए।
\v 36 बे फिर मरत ना हँए कहेकी बे स्वर्गदुतके सामान होत हँए, और पुनरुत्थानके सन्तान होनके कारन बे परमेश्‍वरके सन्तान हँए ।
\v 37 पर मरन बारे जिन्दा हुइके उठङ्गे कही बात मोसा फिर झुणाके विवरनमे परमप्रभु अब्राहमको परमेश्‍वर,इसाहकको परमेश्‍वर और याकुबको परमेश्‍वर कहेके दिखाइ दइ।
\v 38 बा मरन बारेन को परमेश्‍वर ना हए, पर जीन्‍दनको परमेश्‍वर हए, काहेकी सब बाके ताँही जित हए ।"
\v 39 और शास्त्रि मैसे कोइ कोइ कहीँ गुरुजी तुम ठिकए कहे।"
\v 40 तब पिच्छु कोइ बासे प्रश्‍न पुछनको हिम्मत ना करी।
\v 41 येशू बिनसे कही ,”ख्रीष्ट दाउदको पुत्र हए कहेके बे कैसे काहत हए ?
\v 42 काहेकी भजनके पुस्तकमे दाऊद अपनए कहीहए,” परमप्रभु मिर प्रभुसे कही ,”तुम मिर दहिना हात घेन बैठओ।
\v 43 जब तक तुमर शत्रुनके तुमर पाउदान ना बना मङ्गो।'
\v 44 अइसिए दाऊद ख्रीष्टसे प्रभु कहत हए, फिर कैसे बा दाऊद को पुत्र भओ ?"
\v 45 ४५ और सब आदमी सुनत करत बा अपन चेलनसे कही,४६
\v 46 लम्बो कुर्ता पैधके इतए उतए नेगत,और बजारमे अभिबादन ढुणत,और सभाघरमे प्रमुख आसन और भोजमे आदरको स्थान रुचान बारे शास्त्रीनसे होसियार रहबओ।४७
\v 47 बे बिधवनको घर हणपत हए, और लम्बो देखावटी प्रार्थना करत हए ।जो जध्धा दण्ड पामङ्गे।
\c 21
अध्धाय 21
\v 1 बा धनीके देखि अपन-अपन भेटी दान पात्रमे धरत देखि।
\v 2 बा गरीब बिधवाके हुँवा दुई पैसा चढात फिर देखि।
\v 3 तब बा कही निहात्य मए तुमसे काहात हऔ,जा गरीब विधवा औरनसे सबसे जाधा चढाइ हए।
\v 4 काहेकी जे सब अपने बहुतमैसे भेटी चढाई हए ,पर जा गरीबी मैसे अपन सबए जिविका दई।"
\v 5 अब कोइ-कोइ सुतरे -सुतरे पत्थर और दानमे पाएभए समान सजाए भए मन्दीरके बारेमे बात करन लागे, येशु काहान लागो।
\v 6 तुम जो देखे हऔं, अइसो समय आबैगो जब एक पत्थर उपर दुसरो पत्थर ना राहाबैगो ,बे सबए भसम हुइ जएहए ।"
\v 7 बे बासे पुछी, गुरुजी जे सब कब हुई हए ? और जे सब बात होत तव का चिन्ह हुइहए ?
\v 8 बा कही, होसीयार रबहो, तुमके कोइना बह काबए । मिर नाउँमे तमान आदमी मए बहए हऔं, और समय जौने आएगओ हए, कहीके कए हँए । उनके पिछु तुम मत लागऔ ।
\v 9 तुम जब लड़ाई और खैलाबैला कि बात सुनएगे तव तुम मत डराबऔ, काहेकि पहिले जे घटना होनए पणैगो, पर अन्त्य तुरुन्तए ना होबएगो ।"
\v 10 तव बा बिनसे कही, “ राष्ट के बिरुध्दमे राष्ट और राज्यके बिरुध्द राज्य उठँङ्गे ।
\v 11 भैयङ्कर हालाचाला आमङ्गे तमान जघामे भुक्मरी और हैजा आमङ्गे,भैयङ्कर लड़ाई होमङ्गे, औ बादरमे बणे बणे चिनह होमङ्गे ।
\v 12 पर जे सब बात होनसे अग्गु आदमी तुमके पकण्ङ्गे, और सतामङ्गे और तुमके सभा घरमे सौप देहँए, और झेलमे डार देहँए। तुमके मिर नाँउ के बजैसे राजा और हाकिमके अग्गु पुगए हँए ।
\v 13 पर तुमर ताँही जा एक गवाही देनको अवसर हुइहए ।
\v 14 जहय मारे अपन बचावके ताँही का काहामङ्गो सो अग्गुसे मत सोंचओ कहिके अपने मनमे पक्का करऔ ।
\v 15 काहेकी मए तुमके अइसो मसकनके ताँही बचन और बुद्धी देहओं। कि तुमर बिरोधि उत्तर ना दै पै हँए, और खन्डन फिर ना कर पै हँए ।
\v 16 पर तुमर अइया- दौवा और दादा भैया, नातेदार और सँगी फिर तुमके पकणा बाए देहँए, और तुम मैसे कोइ-कोइके बे मारङ्गे ।
\v 17 मिर नाउँके ताँही तुमके सब आदमी घृणा करङ्गे।
\v 18 पर तुमर शरीरके एक बार फिर नष्ट ना हुइहए।
\v 19 तुमर धैरियके द्वारा अपनो प्राण पाबैगे औ बचा बएगे।
\v 20 पर जाब तुम येरुसलेमके,सेनानसे घिरो देखैगे, तव बाको बिनास जैने आए गैहए कहिके जानऔ ।
\v 21 तब यहुदियमे होनबारे पाहाण घेन भाजँए । शहेर भितर होनबारे बाहिर भाजँए, और बाहिर गाउँमे होनबारे शहेर भितर ना घुसए ।
\v 22 काहेकी लिखो भौबात सब बात पुरो होन हए , बे बदला लेनके दिन हुइहँए ।
\v 23 हाय बा दिन मे गर्बबति और दुध खबान बारी बैइयरऐं ! काहेकि बा देशके उपर बणे- सङ्कट आबएगो,और बे आदमीके उपर क्रोध आए पणैगो ।
\v 24 बे तरवारसे मारेजामङ्गे, और सब देशमे बे कैदी बनाएके लैजामङ्गे और गैर यहुदीयनको समय पुरो ना होन तक बे यरुसलेममे कैदी बनायके धरङ्गे ।
\v 25 शुरज, जोनि और तारामे चिहना दिखाइ देमङ्गे,और समुन्द्रको गरजन और छालसे ‘पृथ्वीके राष्ट शंकष्टमे पणके व्याकुल होमङगे
\v 26 संसारमे होनबारो घटनाको अशंकासे आदमी बेहोस होमङ्गे काहेकी बादरको शक्ती डगमगाबैगो ।
\v 27 तव आदमीक लैड़ाके शक्ती और मह महीमासंग बादरमे आत बे देखङ्गे।
\v 28 जब जे बात होमङ्गी,तव उठओ और अपन मुणीयाके उपर उठएके देखओ, काहेकी तुमर उद्धार जौने हए।"
\v 29 येशू उनसे एक काहानीमए कही गुलरको रुखा और सबै रुखाके देखओ,
\v 30 बिनको पतझर देखके तुम अपनै पता पएहओ, कि, ग्रिष्म ऋरु जौने हए।
\v 31 जहेमारे तुम फिर जब जा बात होत देखैगे, तव परमेश्‍वरको राज्य जौनेहए कहीके पता पाबैगे।
\v 32 निहात्या मए तुमसे काहात हऔ, जे सब घटना पुरो ना होनतक जा पुस्ता ना बितैगो ।
\v 33 आकास और पृथ्वी बित जैहए, पर मिर बचन ना बितैगो ।
\v 34 पर तुम अपने बारे मे होशियार राहबओ । नित भोक बिलास सराबी पन और जिवनको चिन्तासे तुमर मन नाभरए, नित तुमर उपर बा दिन इकबरीए फाँसि हानि आए जएहए।
\v 35 काहेकी अइसीए त सारे पृथ्वीभरमे बैठन बारे सबए जनीके उपर फाँसी हानि आए पणैंगो ।
\v 36 पर आनबारो जा सब बासे उम्कन ,और आदमीके पुत्रके अग्गु ठाणंन सामर्थ होन ताँही, सब समय प्रार्थना करत राहबओ।"
\v 37 येशु दिनमे मन्दीर मे शिक्षा देत रहए, और रातके जैतुन काहान बारो डंगा मे रात गुजारत रहए ।
\v 38 बक बचन सुनन् ताँही सबए आदमी सबेरे से मन्दीर मे आत रहँए ।
\c 22
अध्धाय 22
\v 1 अखमीरी रोटिको तेवहार जौने आएगओ रहए । जौनसे निस्तार तेवहार काहात हँए ( दासत्वसे छुटकाराको दिन ) ।
\v 2 मुख पुजारि और शास्त्री बाके कइसे मारै कहिके सल्लाहा करत रहँए, पर बेआदमीनसे डरात रहँए ।
\v 3 बाह्र जनी मैसे यहुदा इस्करियोत के भितर शैतान घुसगओ ।
\v 4 येशूके बिनके हात मे कैसे पकण बामओ कहिके मुख पुजारि और कप्तानके ठिन जाएके बा सल्लाहा करी ।
\v 5 बे खुशी भय, और बाके रुपैया देन कबुल करीं ।
\v 6 बा सहमत हुइगओ, और भिण ना भओ बेरामे बाके पकणन मौका ढुणन लागो ।
\v 7 अखमिरी रोटीको तेवहारको दीन रहए जौनदीनसे निस्तारको थुमा (बकरा) बलीदान चणांन पणंत रहए ।
\v 8 बा पत्रुस और यूहन्‍नाके अइसे कहिके पठाइ, ”जाएके हमर ताँही निस्तार तेवहारको भोज (खानु) तयार करऔ,
\v 9 बे बासे कहीं, ”हम जा भोज (खानु) कहाँ तयार करँए ?
\v 10 बा उनसे कही, "सुनओ , जब तुम शहेर मे घुसओ, पानीको घल्ल बोकन बरो एक जनी आदमीसे मिलैगे । बा जौन घरमे घुसैगो हुँआ तक बाके पिच्छु लगियो।
\v 11 तब तुम बा घरको आदमीसे कहियो, ’गुरु तुमसे पुछत हए , मोके अपन चेलन सँग निस्तार तेवहारको भोज खान बारो कोठा काहँ पर हए ?'
\v 12 बा तुमके उपर तल्लामे सजोसजाओ भओ बणो कोठा दिखाबैगो, और हुँवए तयार करीओ ।
\v 13 अइसिए बे गए और बा कहो हानी पाइगए , और बे निस्तार तेवहारको भोजको खानु तयारी करीं ।
\v 14 और जब समय आओ, बा प्रेरितनके सँग भोजन करन बैठो।
\v 15 बा उनसे कही, "मए दुःख भोगनसे अग्गु जा निस्तार तेवहारको भोजन तुमर सँग खान बणो इच्छा करो रहओं ।
\v 16 काहेकि मए तुमसे काहात हऔ , परमेश्‍वरके राज्यमे जा पुरो ना होन तक मए जा भोज फिर ना खामङ्गो ।"
\v 17 तव येशू कटोरा लइ,और जब बा धन्या बाद चढाएके बा कही,”जा लेबओ ,और तुम आपस मे बँटओ ।
\v 18 काहेकि मए तुमसे काहत हऔ, परमेश्‍वरको राज नाआन तक अब मए अङ्गुरको रस ना पिमङ्गो।"
\v 19 और बा रोटी लई, और धन्या बाद चढएके बाके तोडी और उनके अइसो कहिके दई , तुमर ताँही दौ भओ जा मिर शरीर हए ।मिर यादमै जा करीओ।
\v 20 अइसी कहिके खाएके बा कटोरा लैऔर कही, ”जा कटोरा तुमर ताँही बहो भओ मिर खुनमे भओ नयाँ करार हए ।
\v 21 पर ध्यान देबओ । मोके धोका देन बारो जहे टेबुलमे हए ।
\v 22 काहेकि आदमीको लौड़ात कहो भओ समयमे जान पणत हए । पर बा आदमीके धिक्कार हए जौनसे बाके विश्‍वासघात होबएगो ।"
\v 23 और बिन मैसे कौन अइसे करैगो बे अपनए सवाल करन लागे ।
\v 24 अब बे मैसे सबसे बड़ो कौन हए कहिके बिनके बिचमे बाद बिवाद होन लागो ।
\v 25 बा बिनसे कही,अन्या जातिक राजा उनके उपर अधिकार करत हए, और बिनके उपर अधिकार चलान बारेनसे आदरको अगुवा काहत हए ।
\v 26 पर तुम मे अइसो मत होबऔ । तुम मैसे जैन बड़ो हए, बा सबसे छोटो बनए और सबसे जरुरि बात काहए कहेसे बा सेबा करन जैसो होबए ।
\v 27 काहेकि बड़ो कैन हए ? खानु खान बैठन बारो कि सेवा करन बारो ? का खनु खान बैठन बारो ना हए ? पर मए त तुमर बिचमे एक जनी सेवा करन बारो जैसो हऔं ।
\v 28 पर मिर परिक्षामे मोके साथ देन बारे तुमहीं हऔ ।
\v 29 जैसे मिर पिता मोके एक राज्या दै हए ,मए फिर तुमके दे हऔ ।
\v 30 ताकि मिर राज्यामे तुम मिर टेबुलमे खाबैगे और पिबैगे, और इस्राएलके बाह्रए कुल मए न्याय करके सिंहासनमे बैठैगे ।
\v 31 सिमोन, हे सिमोन देख शैतान तुमके गेहुं हानि निखारन बारो अनुमती मागी हए ताकि बा तुमके अपने हातमे कर सकए ।
\v 32 पर मए तिर विषवास ना डगमगाए कहिके तिर ताँही प्रार्थना करो, और तुम फिर घुमके तुमर भैयानके मजबुत करीओ ।
\v 33 तव पत्रुस बा से कही, "हे प्रभु मए तिर सँग झेल खानामे और मृत्यु तक जान तयार हऔं ।"
\v 34 तव बा कही , "पत्रुस, मए तोसे काहत हऔ, तए मोके ना चिनत हए, कहिके तिन चोटि इनकार ना करन तक, आज मुर्गा ना बासैगो ।"
\v 35 येशु बिनसे कही,जब मए तुमके थैलि और झोलि और जुता बिना पठाओ रहओ, का तुमके कोइ चिजको कमी भओ ? बे कहि ना भओ ।
\v 36 बा कही,पर अब जौनके थैलि हए ,बा बाके बोकए, उइसी झोला फिर बोकए । और जौनक सँग तरवार ना हए,और बा अपनो लत्ता कपडा बेचके तरवार लेबए ।
\v 37 काहेकि मए तुमसे काहत हऔ, बा अपराधी सँग गिनैगो, कहिके मिर बारेमे जो अगमवाणी लिखि हए बा पुरो होनए हए । हाँ मिर बारेमे लिखो बात पुरा हुइ रहो हए।
\v 38 तब चेला कहीँ, हे प्रभु देख, हियँ दुई तरवार हँए। "और बा कही, इतका होएसे पुग जए हए ।"
\v 39 बाहेर निकरके रोज दिन हानी डंगामे गओ।और बके चेला फिर पच्छु-पच्छु लागे ।
\v 40 बा ठाँउमे पुगके बा उनसे कही , "तुम प्रार्थना करे राहबओ, और परिक्षामे मत पणऔ ।"
\v 41 बा बिनसे प्रायःतिस मिटर दुर जाएके घुटो टेकके प्रार्थना करि ।
\v 42 "हे पिता, तिर इच्छा हए कहेसे, जा कटोरा मिर ठिनसे हटाए दे । पर मेरि इच्छा ना, पर तिर इच्छा पुरी होबए ।"
\v 43 तव स्वर्गसे एक दुत बाके बल देन बाके ठिन दिखाइ पणो ।
\v 44 गजब सँकष्टमे पणके आग्रह पुर्वक बा प्रार्थना करन लागो, और बक पसिना खुनको बुदा बुदा हानी जमिनमे गिरत रहए।
\v 45 जब बा प्रार्थनासे उठके चेला ठिन आतपेति, बा बिनके शोकके बजैसे निधानो देखि ।
\v 46 और बा उनसे पुछी, तुम काहे निधाए रहेहऔ ? उठऔ और परिक्षामे ना पणन ताँही प्रार्थाना करऔ ।"
\v 47 देखओ बा मसकतय मसकत एक भिण हुंवा आएगइ । बाह्र चेला मैसे एक जनी यहुदा कहिन बारो अग्गु अग्गु आओ । बा येशूके चुमन, बाके ठिन आओ ।
\v 48 पर येशु बासे कही, यहुदा का तय आदमीक पुत्रके चुम्बनसे विशवा घात करन चाहत हए ?"
\v 49 तव बक जौने जौनेमे भए जो होत रहए ,ब देखि , बे कहीँ, "प्रभु का हम तरवरा चलामए ? "
\v 50 बे मैसे एक आदमी प्रधान पुजारिक नोकरके मारी,और बक दहिना कान काट दई ।
\v 51 पर येशु कही, " हुइगओ ,"अब अइसो मत करऔ ।"और बा आदमीक् कान छुइके, बा बाके अच्छो कर दई।
\v 52 और बाके बिरुद्धमे आए भए मुख पुजारि, मन्दीरके कप्तान और धर्म गुरुसे बा कही," का तुम डँकुके विरुद्धमे आए हानी तरवार और लठ्ठी लैके आए हऔ ?
\v 53 मए रोज दिन मन्दीरमे तुमर सँग रहऔ, तुम मिर बिरुद्धमे हात ना उठाए । पर अब तुमर समय हए,और अन्धकारको शक्ति जहे हए ।"
\v 54 बे येशुके पकणके लैगए, और बाके प्रधान पुजारिके घरमे लाईं । पर पत्रुस दूरसे बाके पिछु पिछु लागो ।
\v 55 हुंवा आगनके बिचमे आगि पजारके आदमी जमा हुइके बैठे रहँए ।पत्रुस फिर उनके बिचमे बैठो ।
\v 56 एक नेकर्नि आगिके उजियारेमे बाके बैठो देखके अच्छेसे देखी, और कही, "जा आदमी फिर बिनके सँग रहए ।"
\v 57 पर पत्रुस अएसो कहिके इन्कार करी , ए नारि, मए बाके ना चिनत हऔ ।"
\v 58 थोरि देर पिच्छु दुसरो बाके देख्के कही ,तए फिर बेहि मैसे कोइ एक हए । तव पत्रुस जवफ दई,”ए आदमी, मए ना हऔं ।"
\v 59 लगभग एक घण्टा पिच्छु और एक जनी जोर दैके अइसो कही, "निहात्य जा आदमी बहेके सँग रहए, काहेकि जा फिर गालीलीएको हए ।"
\v 60 पर पत्रुस कही, ए आदमी, तुम का काहत हऔ ,मए ना जानत हऔं ।" बा मस्कतै मस्कत मुर्गा बास्दै ।
\v 61 और प्रभु घुमके पत्रुसके देखी । आज " मुर्गा बासनसे अग्गु तए मोके तीन चोटी इन्कार करहए । कहीके प्रभुको कहो भओ बचन याद भओ । "
\v 62 और बा बाहीर निकरके धर धरउटी रोन लागो ।
\v 63 तव येशुके पक्रके आदमी बाके खिसबांइ और पिटीं ।
\v 64 बाकी आंखीमे पट्टीसे लपेटके बासे पुछी, तोके मारन बारो कौन हए ? "ले अगमवाणी कहा !
\v 65 बे बा के बिरुद्धमे घृनापूर्ण बात कहीं और बाके उपर ईश्‍वार -निन्‍दाको आरोप लगाईं ।
\v 66 उज्यारो होतए जमा भए ,जनतनके धर्म गुरु, मुखीय पुजारी और शास्त्री दोने बाके अपन महासभामे लै गए।
\v 67 और कही,” तए ख्रीष्ट हए कहेसे हमके बता ।" बा उनसे कही, मए बतए हऔं कहेसे फिर तुम ना पतियए हओ ।
\v 68 मए सवाल करङ्गो कहेसे, फिर तुम जवाफ ना देहऔं ।
\v 69 पर आदमीको पुत्र परमेश्‍वरको शक्तीको दहिना घेन बैठैगो ।
\v 70 तव बे सब कही, तव का तए परमेश्‍वरको पुत्र हए ?" बा बिनके उत्तर दई, तुमही काहत हऔ । "
\v 71 बे कही," हमके अब और का शाक्षीको जरुरत हए ? कहेकी हम बहेके मुहसे सुन लए ।"
\c 23
अध्धाय 23
\v 1 बे सबए दलके उठे, और बाके पिलातस ठिन लैगए ।
\v 2 बे बाके उपर अइसो कहिके आरोप लगान लागे, जा आदमी हमर देशके बहकात हम पाए गए । जा कैसरके कर तिरनसे रोकत हए, अपनेके मए ख्रिष्ट, एक राजा हऔं कहिके काहत हए ।"
\v 3 पिलातस बासे पुछी, का तए यहुदिक राजा हए ? "येशु “जबाफ दैके कही, तुमही अइसो काहत हऔ ।
\v 4 तव पिलातस मुख्य पुजारि और भिडसे कही, मए जा आदमीमे कछु दोष ना पाओ ।
\v 5 तव बे बणे जोर दैके कहीं ,जा सारा यहुदिया और गालीलीसे जा जगाहा तक शिक्षा देत आदमीके भडकात हए ।"
\v 6 तव पिलातस जा सुनके, जा आदमी गालीलीको हए कि, कहिके पुछी ।
\v 7 तव बा हेरोदको इलाकाको आदमी हए, कहिके पता पएके पिलातस येशूके हेरोद ठिन पठाइदै ।
\v 8 जब येशुके देखी हेरोद बेढम खुशी भऔ । काहेकि बा बाके बारेमे सुनी रहए, बेढम दिनसे बाके देखन इच्छा करत रहए, और बा कुछ अचम्मो काम करो भओ देखन आशा करत रहए ।
\v 9 हेरोद येशूसे बेढम सवाल पुछी, और येशू बाके कछू जवाफ ना दई ।
\v 10 मुख पुजारी और शास्त्री ठाणके येशूके जोणतोणसे दोष लगान लागे ।
\v 11 हेरोद अपन सिपैया सँग मिलके बासे घृणापुर्ण व्यवहार करी, और बाको हँशी उड़ाइ। पिच्छु बाके अच्छो कपडा पहिदायके पिलातस ठीन घुमाएके पठाए दई।
\v 12 बहे दिन पिलातस और हेरोध दोनो आपसमे मित्र भए। काहेकि अग्गु बिनके बिचमे दुश्मनि रहए।
\v 13 तव पिलातस मुख पुजारी शासक,और जनताके जमा करी।
\v 14 बा बिनसे कही ,तुम आदमीके भणकान मारे जाके मिर अग्गु लाए। तुमारे अग्गु मए शोद पुछ करो, तुम इनके उपर लगाओ भओ दोष मए ना पाओ।
\v 15 हेरोद फिर दोष ना पाई, कहिके बे जाके हमर ठिन घुमाइ दई। अब देखओ जा मृत्यु दण्ड पानको योग्या कछु काम ना करी हए।
\v 16 जहेमारे मए जाके सजाए करके छोड देहऔ।
\v 17 तेवहारको उपलक्षमे बिनके ताँही पिलातस एक जनी कैदीके छोड़देन पडत रहए।
\v 18 बे सब एकसँग अइसो कहिके चिल्लाईं ”जाके हमरे बिचसे हटाए देओ, और हमर ताँही बारब्बाके छोड देबऔ ।"
\v 19 बारब्बा शहेरमे भओ विद्रोह और हत्याको काण्डमे झेलमे थुनो भओ एक आदमी रहए ।
\v 20 येशुके छोणन इच्छा करके पिलातस फिर उनके सम्झाइ ।
\v 21 पर बे अइसो काहत चिल्लाईं बाके क्रुसमे टाँग देओ, बाके क्रुसमे टँगदेओ । "
\v 22 तव बा तिसरो चोटी बिनसे कही, "काहे , जा आदमी का खराब करी हए ? मए त जाके मृत्यु दण्ड देन कोइ बजैए ना पाओ, जहेमारे मए जाके सजाय करके छोड देहऔं ।"
\v 23 तव बे बणो जोरसे चोल्लाईं बाके क्रुसमे टँगन पणैगो, कहिके माग करन लागे । बिनको चिल्लानो सफल भऔ।
\v 24 तव पिलातस बिनको मांग पुरा करदेन फैसला करी ।
\v 25 पिलातस बारब्बाके छोड दई,जो विद्रोह और हत्या काण्डमे झेलमे पणो रहँए बहेके छोड देओ कहिके बे माँग करी रहँए ,पर येशुके त बे बिनके इच्छामे सौप दई।
\v 26 बे बाके बाहुनासे लैजात पेती, गाँउसे आनबारो शिमोन नाउँको कुरेनि निबासीके पकणी, और क्रुस बोकके बाके पिच्छु पिच्छु जान लगाईं।
\v 27 आदमीको बणो भिण बाके पिच्छु लागो, बा मे बैइयर फिर रहँँए जो , बिलखात रहँए और रोत रहँए ।
\v 28 तव बिनके घेन घुमके येशु कही, यरुसलेमके लौड़ीय , मिर ताँही मत रोबओ, पर तुम अपन ताँही और अपन लौड़ा-लौड़ीयाके ताँही रोबऔ ।
\v 29 काहेकि बे दिन आन बारे हँए, जब आदमी काहामङ्गे धन्या बाँझी और गर्भधारन ना करन बारी कोख और दुध ना खबान बारी बैइयर ।
\v 30 तव बे पाहडसे काह मङ्गी हमर उपर गिर और डँगासे काहा मङ्गी हमके तोप ।'
\v 31 काहेकी बे ता, हरो रुखा होत जा काम करत हँए, तव सुक्खा होत का करङ्गे ?"
\v 32 अब बे दुई अपराधीनके फिर बाके सँग मृत्यु दण्ड देन ताँही लैगए रहँए ।
\v 33 जब बे खप्पेर कहिन बारो ठउँमे आए,तव हुँव बे बाके क्रुसमे टाँगी,और बे अपराधी मैसे एक आदमीके दहीना घेन और दुसरेके दिब्रा घेन क्रुसमे टाँगी ।
\v 34 तव येशु कही, "हे पिता, यिनके क्षमा करीए, काहेकि जे का करत हँए सो ना जानत हँए ।" तव बे बाको कपणाको चिट्टा डारीं ।
\v 35 आदमी ठाणके देखत रहँए , शासक बाको मजाक उड़ाईं, " जा परमेश्‍वरको ख्रिष्ट हए कहिसे जा औरनके बचाई, औ अब अपनेके बचाबए ।"
\v 36 सिपैया फिर आएके बाके सीर्का देत अइसो कहिके अपमान करीं,
\v 37 तए यहुदिक् राजा हए कहेसेत अपने आपके बचा ।
\v 38 जा यहुदिनको राजा हए कहीके " हुवां बाके उपर दोष-पत्र फिर रहए ।
\v 39 क्रुसमे टँगो अपराधि मैसे एक जनी अपराधि बाके अपमान करत कही, " का तुम ख्रीष्ट ना हऔ, तुम अपनेके और हमके बचाओ ।"
\v 40 तव बा के ढाँटके दुसरो कही , "तय फिर दण्डमे पणो हए, तहुं फिर परमेश्‍वरको डर ना मानत हए ?
\v 41 हमर दण्ड त न्यायसे हए, काहेकि हम त अपनो कामको ठिक फल भोग रहे हँए, पर जा आदमी ता कोइ गलत काम ना करी हए ।"
\v 42 तव बा कही , हे येशु तुम अपने राज्यमे आबओ तव मेके सम्झीओ ।
\v 43 बा बासे कही सच्ची मए तुम से काहत हऔं, आजै तुम मिर सँग स्वर्ग लोकमे हुइ हऔ ।
\v 44 लगभग दुपाहरको बाह्र बजो रहए, और तीन बजे तक सारे देशमे अन्धकारसो छैगऔ ।
\v 45 दिनको तेज कम हुइगऔ, और मन्दीरको पर्दा बिचसे फटके दुई भाग हुइगऔ ।
\v 46 येशू बणो जोरसे चिल्लाइके कही, “हे पिता मए मेरो आत्मा तुमारे हातमे सौपत हऔ । यितकै कहिके बा अपने प्रान त्याग दई ।"
\v 47 जा सब देख के कप्तान अइसो काहत परमेश्‍वरको महिमा करी ,नेहात्य जा धर्मी आदमी रहए ।"
\v 48 जा ठाउँमे आएभए सबए भिड हुवाँपर भओ घटना देख्के बे अपनी छाती पिटतए घुमगए ।
\v 49 तव बक चिनेजाने और गालीलसे बाके पिच्छु आनबारे बैइयरंए दूरसे ठाणके जा घटना देखीं रहँए ।
\v 50 योसेफ नाउँ भव एक जनी अच्छो आदमी रहए ।बा माहा सभामको सदस्य फिर रहए ।
\v 51 बा बिनके सल्लाह और कर्यमे सहमति ना दई रहए । बा यहुदीनको अरिमाथीया शहरको आदमी रहए । बा परमेश्‍वरको राज्यको डगर देखत रहए ।
\v 52 बा आदमी पिलातस ठिन जाएके येशुको लास मागी ।
\v 53 बा को लास तरे उतारके मलमलको कपडामे लपेटके,और चट्टानमे ढोडर बनाएके एक चौरामे (चीहान) धरी, जहँ कबहु कोइके ना धरि रहँए ।
\v 54 बा तयारीको दिन रहए, और शबाथ-दिन शुरु होन लागो रहए ।
\v 55 गालीलसे बाके सँगमे आन बारि स्त्री पिच्छु पिच्छु गईं , और बा मृत्युके गड्डामे येशूकोशरीरके कैसे धरि रहए,बाके देखिं ।
\v 56 तव घुमके बे सुगन्धीत मलहिन और अत्तर तयार करके , तव व्यवस्थाके कहो जैसो शबाथमे बे विश्राम करीं ।
\c 24
अध्धाय 24
\v 1 1 हप्ताक् पहिलो दिन सबेरे बे बैइयर तयर करके सुगन्धीत मसला मरघटैयामे लैके आईं ।
\v 2 बे पत्थर गड्डासे हटो पाईं ।
\v 3 तव बे भितर घुस्के प्रभु येशुक शरीर ना पाईं ।
\v 4 जब बे जाके बारेमे अलमल्लमे पणगइ रहँए, अचानकसे चमकन बारो लत्ता पैधे दुई लोग बिनके ठिन ठाणगए ।
\v 5 बे डराए गईं और जमिन घेन मुण झुकाईं ,तव बे दुई लोग कहीं,” तुम जिन्दाके मरेनके बिचमे काहे ढुणत हओं ? "
\v 6 बा हियँ ना हए , पर जिन्दा हुइके उठगओ हए ! गालीलमे होत बा तुमसे का कही रहए, बा याद करओ ।
\v 7 कि आदमीक पुत्रके पापीआदमीके हातमे सौंपङ्गे और क्रुसमे टँगङ्गे, और तीसरो दिनमे जिन्दा हुईके उठन जरुरि हए ।"
\v 8 तब बे बैइयर बाको बचन सम्झीं ।
\v 9 और मरघटैयासे घुम्के बे जा सब बात एघार चेलनके और सबएके बताई दईं ।
\v 10 बे बैइयर ,मरियम मग्दलिनी, योअन्‍ना और यकुब कि अईया मरियम रहँए । बिनके सँग और बैइयर फिर जा बात प्रेरितके बताईं ।
\v 11 तव बे जा बातके बेकार हए कहिके सम्झीं और बे विश्‍वास ना करीं ।
\v 12 तव पत्रुस उठके मरघटैयामे दौणके गओ, और निहारके देखि, सुती लत्ताक् पट्टी इकल्लो देखी । तब पत्रुस बा घटना देखके अचम्मो मानके बा गइभओ ।
\v 13 बहे दिन बाके चेला मैसे दुई जनी यरुशलेमसे प्रायः साठी किलोमिटर दुरको इम्माउस नाउँको एक गाउँ घेन गए रहँए ।
\v 14 घटे भए सब घटनक् बारेम् बे अपसमे बातचित करीं ।
\v 15 बे अपसमे बातचित करत और बहेस करत समय येशु अपनए बिनके ठिन आएके बिनके सँग गओ ।
\v 16 पर बिनकी आँखी बाके ना चिनन् बारी बनाए दई रहए ।
\v 17 येशू बिनसे कही ,” तुम नेगत आपसमे का बहस करत रहओ ? बे उदास हुईके ठौण रुकी गए ।
\v 18 बे दुई मैसे क्लोपास बाके जवाफ दई, ”जे दिनमे यरुशलेममे भए बातके पता ना पान बारे आदमी का तुम इकल्ले हओ ?"
\v 19 बा बिनसे पुछी, का बात , बे जवाफ दईं येशु नासरिके बारेमे बा एक अगम वक्ता रहए , और परमेश्‍वर और सब आदमीके अग्गु काम और बचन मे शक्तीशाली रहए ।
\v 20 तव मुखीया पुजारि और हमर शासक बाके मृत्यु दण्डके ताँही सौँपी, और बाके क्रुसमे टाँगी ।
\v 21 इस्राएलको उद्धार करन बारो बहे हए, कहिके हम आसा करे रहँए । जा सब बात छोडके जा घटना घटके आज तिसरो दिन हए ।
\v 22 जा बाहेक हम मैसे कोई कोई बैइयर अचम्मो बताईं हँए । बे आज सबेरे चिहानमे गईं रहए ।
\v 23 और येशुक शरीर ना पाईं, बे आएके हमके सुनाईं, हम स्वर्गदुतके देखे, बा येशु जिन्दा हुइगओ हए कही ।
\v 24 हम मैसे कोई-कोई मरघटैयामे गए,और बे बैइयर जो कहीं रहँए, उइसी पाए, पर बाके ना देखे ।"
\v 25 येशू बिनसे कही,” अबुझ आदमी तुमर ह्रदय यित्तो सुस्त काहे भओ हए, का अगमवक्ता कही बातमे विश्‍वास ना करत हऔ ?
\v 26 का ख्रिष्टके जा कष्ट भोगनो और अपनी महिमामे प्रवेश करन जरुरी ना हए का ?"
\v 27 तव मेशा और सब अगमवक्तासे सुरु करके बा धर्म शास्त्रमे अपने बारेमे लिखी बातको अर्थ बिनके खोल दई ।
\v 28 बे जौन गाउँमे जात रहँए, बाके जौने पुगे। बा और दुर जानके चाहत रहए, जैसो व्यवहार करी ।
\v 29 तव बे बाके अइसो कहीके कर लगाईं, ”हमर सँग बैठओ, काहेकी साँझा होन लागो, और दिन बहुत ढल गओहए ।" और बा बिनके सँग बैठनके घर भितर घुसो ।
\v 30 जब येशु बिनके सँग खान बैठो बा रोटी लैके आशिर्वाद दई, और तोडके बिनके देन लागो ।
\v 31 तव बिनकी आँखी खुली, और बे बाके चीनी । और बा बिनके नजरसे अलोप हुइ गओ ।
\v 32 बे आपसमे कहीं, बा हमर सँग डगरमे बात चित करत,और हमके धर्म शास्त्रको अर्थ ,खोल देन पेती का हमर हृदय भिरत जलन ना भओ रहए का ?"
\v 33 बहे बेरा बे उठके और यरुशलेम घुमे । और एघार चेला और बिनके सँग जम्मा भएनके भेटीं,
\v 34 और बिनसे अइसो कहीं, ” प्रभु सँच मे जिवित हुइके उठीगओ और सिमोन ठिन दिखानो रहए ।
\v 35 तुमर डगरमे भई बात और रोटि तोड़ात पेती कैसे प्रकट भओ ,सो बात फिर बताए दईं ।
\v 36 बे जा बात काहत पेती येशु बिनके बिचमे प्रकट भओ रहए, और बे डरके मारे घबणाए गए । और बिनसे कही तुमके शान्ती होबए ।"
\v 37 बे झस्के, और डरके मारे घबणाए गए, और हम त प्रेत देखे रहँए कहिके सम्झीं ।
\v 38 तव बा बिनसे कही, " तुम काहे बिचल्लीत होत हऔ,और तुमर ह्रदयमे काहे सवाल उठात हओ ?
\v 39 मिर हात और मिर पाओं देखै, महि हऔ, मोके छुइके देखओ । काहेकि प्रेतनको मासु और हड्डी ना होत हए, तव तुम देखत हऔ, मिर त हँए । "
\v 40 अइसीए कहिके पिच्छु बा बिनके अपन हात और पाँओ दिखाई ।
\v 41 तव खुशिसे पत्यान ना सकन जैसो बे अचम्मो पणत समय बा बिनसे कही, का तुमर ठिन हियाँ कुछ खान बारो चिज हए ।
\v 42 बे बाके पकाओ भओ एक मछरी दईं ।
\v 43 तव बा बाके लैके बिनके अग्गु खाई ।
\v 44 बा बिनसे कही ,”तुमर सँग होत पेति मए तुमसे बोलो रहओ, कि मोसाको व्यावस्ता,अगमवक्ता और भजनके किताबमे मिर विषयमे लिखो सबए बात पुरो होन पणैगो ।"
\v 45 तव धर्मशास्त्र समझन ताँही बिनको दिमाँकके खोल दई ।
\v 46 बा बिनसे कही ,अइसो लिखो हए की ख्रिष्ट दुःख भोगैगो और तिसरो दिनमे मृत्युसे जिन्दा होन पणैगो ।
\v 47 तव यरुशलेमसे सुरु करके सब जातिनके बाको नाउँमे पश्‍चाताप और पाप क्षमाको प्रचार होन पणैगो।
\v 48 तुम जा बातके साक्षी हओ ।
\v 49 देखओ, मए मिर पिताको प्रतिज्ञा तुमर ठिन पठात हऔ, पर उपरसे शक्ती ना पान तक तुम हियाँ शहरमे बैठे रहीओ ।"
\v 50 तव पिच्छु बा बिनके बेथनियँ तक लैगओ,और अपन हात उठएके बिनके आर्शिवाद दई ।
\v 51 बा बिनके आर्शिवाद देतए देत, बा बिनसे छुटिगओ और स्वर्गमे चले गओ ।
\v 52 बे बाको उपासना करीं,और बणो आन्‍नद साथ यरुशलेम लौटआए ।
\v 53 और बे परमेश्‍वरको प्रशँसा करत मन्दिरमे रोज रहन लागे ।