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\h Matthew
\toc1 Matthew
\toc2 Matthew
\toc3 mat
\mt Matthew
\c 1
मत्तीसे लिखो भओ सुसमचार
अध्याय १
\v 1 अब्राहमको लौड़ा ,दाउदको लौड़ा येशू ख्रीष्टको वंशावली।
\v 2 अब्राहम इसाहकको पिता रहए, और इसाहक याकूबके पिता रहए, और याकूब यहुदा और बिनको ददा भैयनको पिता रहए।
\v 3 यहूदा फारेस और जाहेरको पिता रहए, बिनकि अइया तामार रहए। फारेस हेस्रोनको पिता, और हेस्रोन आरामको पिता रहए।
\v 4 आराम अम्मिनादाबको पिता, अम्मीनादाब नहसोनको पिता और नहशोन सल्मोनको पिता रहए,
\v 5 सल्मोन राहाबसे बोआजको पिता ।बोअजस रुथसे ओबेदको पिता, ओबेद यिशैको पिता रहए,
\v 6 यिशै दाऊद राजाको पिता रहए। दाऊद सोलोमनको पिता रहए। बाकि अइया उरियाहकि बैयर रहए।
\v 7 सोलोमन रहबामको पिता,रहबाम अबियाको पिता , अबिया आसाको पिता रहए।
\v 8 आसा यहोशापातको पिता,यहोशापात यहोरामको पिता, और यहोराम उज्जियाहको पिता रहए ।
\v 9 उज्जियाह योतामको पिता,योताम आहाजको पिता, आहाज हिजकियाको पिता रहए ।,
\v 10 हिजकिया मनश्शेको पिता, मनश्शे अमोनको पिता,अमोन योशियाहको पिता रहए ।,
\v 11 बेबिलोनमे बन्दि बनाएके लैजान समयमे योशियाह यकोनियास और बिनके ददाभाइयानके पिता भए।
\v 12 बेबिलोनमे बन्दी बनाएके पिच्छुःयकोनियास शालतिएलको पिता भओ, शालतिएल यरुबाबेलको पुर्खा रहए ।,
\v 13 यरुबाबेल अबिउदको पिता, अबिउद एल्याकीमको पिता,और एल्याकीम आजोरको पिता रहए।
\v 14 आजोर सादोकको पिता, सादोक आखिमको पिता, और आखिम एलिउदको पिता रहए ।
\v 15 एलिउद एलाजारको पिता,एलाजार मत्तानको पिता, और मत्तान याकूबको पिता रहए।
\v 16 याकूब बहे मरियमको लोगा योसेफको पिता रहए,जौनसे येशूको जनम भओ,जो ख्रिष्ट कहेलाव गओ।
\v 17 अब्राहामसे दाऊद तक चौध पुस्ता, दाऊदके समयसे बेबिलोनसे बन्दी बनान समयतक चौध पुस्ता,और बेबिलोनसे बन्दी बनानसे ख्रिष्टको समयतक चौध पुस्ता भए ।
\v 18 येशू ख्रिष्टको जनम जा प्रकारसे भओ । बाकी अइया मरियमकी योसेफके संग विहाके ताँही मगनी भओ रहए, पर बिनको एक-दुस्रेसे सम्बन्ध होनसे अग्गु मरियम पवित्र आत्मासे गर्भवति हुइगइ करके पता चलो।
\v 19 पर बकलोगा योसेफ धर्मी अदमी रहए और बा बक शर्ममे ना होन देनके चाहत रहए । जहे मारे बाके चुप्पेसे छोडनको इच्छा करी।
\v 20 पर जब बा जे बातनके सोंचत रहए,सपनेमै परमप्रभुको दुत दिखाएदै,और बासे जा कहि,’’योसेफ,दाऊदको लौड़ा, मरियमके अपनि बैयरके रुपमेअपनानके ताँहि मत डराबै, काहेकि जौन बाके गर्भमे हए, बा पवित्र आत्मासे हए।
\v 21 बा एक लौड़ा जनमाबैगी और तुम बाको नाउँ येशू धरैगे, काहेकि बा अपने अदमिनके बिनके पापसे बचाबैगो।
\v 22 अगमवक्तासे परमप्रभुको कहो भओ वचन पुरो होन ताँही जा सब भओ
\v 23 ”देखओ कन्या गर्भवति होबैगि, और एक लौड़ा जनमा बैगि और बाको नाउँ इम्मानुएल धरोजाबएगो,”जौनको अर्थ होत हए,”परमेश्‍वर हम सबैकेसँग।
\v 24 योसेफ निद से उठो, और परमप्रभुको दूत जो कहि बहे तरिकासे करी और बा मरियमके अपनि बैयरके रुपमे स्विकार करी।
\v 25 पर बाको लौड़ा ना जनमन तक बाके सँग सहबास ना करी । योसेफ बाको नाउँ येशू धरी।
\c 2
अध्याय २
\v 1 हेरोद राजाको समयमे यहुदियाको बेथलेहेममे जब येशूको जनम भओ, पूर्बसे ज्योतिषी यरुशलेम मे अए पुगे और बे कहिँ,
\v 2 "यहुदियाको राजा हुइके जनमन बारो कहाँ हए ? काहेकी हम बाको तारा पूर्वमे देखेहँए और बाके दण्डवत करन् आए हँए ।”
\v 3 जब हेरोद राजा जा सुनी, बा बेचैन हुइगौ, और बिनके सँग सबए यरुशलेम फिर बेचैन हुइगए ।
\v 4 हेरोद सबए मुखिय पुजारी और जनताके शास्त्रिनके जमा करी और “ख्रिष्टको जलम कहाँ होबैगो ? कहिके पुछपाछ करीँ।
\v 5 बे बासे कहीँ यहुदियाको बेतलेहेम मे काहेकि अगमवक्तासे अइसिए लिखो हए
\v 6 और यहुदाको देशमे ,ए बेथलेहम , यहुदाको शासकनके बिचमे कोइसे फिर निच(तुच्छ) ना हए,कहेकि तोसे एक शासक निकरके अबैगो जैान मिर आदमी इस्राएलको रेखदेख करैगो’।“
\v 7 तब हेरोद बे ज्योतिषिनके चुप्पेसे बुलाएके तारा कौन समयमे देखानो हए ,सो बिनसे पता लगान बुलाई।
\v 8 बा बिनके अइसो कहिके बेथलेहेममे पठाइ “जाओ, और अच्छेसे बा बच्चाके ढुणिओ। बाके पाएके मोके खबर करिओ, और म]ए फिर बाके ढोक करङ्गो।
\v 9 “बे राजाको बात सुनके बे अपने डगर चलेगै जौन तारा अगारमे देखि रहैं, बा तारा उनके अग्गु-अग्गु गओ, और बच्चाभै जगाहामै पुगके बा तारा हुंए रुक्गऔ।
\v 10 जब बे बा तारा देखिँ , तब बे गजब आनन्दित हुइके खुशी भए।
\v 11 और बे घर भितर घुसके और बे छोटो बच्चाके बाकि अइया मरियमके संग देखि और घुँटो टेकके बाके ढोक लागीं और फिर बे बाकी आराधना करीं ।बे अपनि महिंगी चीज निकारके बाके सोनो, सुगन्धीत धुप और मुर्रकी भेटी चणाई।
\v 12 और हेरोदके जौने घुमके ना जान ताहीँ परमेश्‍वरसे सपनामे चेताबनि पएके बे दुसरी डगर हुइके अपने देशमे चलेगए।
\v 13 बे जाएके पच्छु ,सपनेमै परमप्रभुको एक दुत योसेफ ठिन दिखानोऔर बासे अइसो कहि “उठ छोटोसो बच्चा और बाकि अइयाके संगए लैके मिस्र दोशमे भाजके जा,और मै तुमसे ना कहान तक हुंअए रहिइयो, काहेकि हेरोद छोटोसनो बच्चाके मारनताँही ढुणरहो हए।
\v 14 बा रात उठे और बा छोटोसनो बच्चा और बाकि अइयाके संगए लैके औ मिस्र देशमे गइभए।
\v 15 हेरोद ना मरन तक हुंए बैठे रहए। अगमवक्तासे परमप्रभुको कहोभओ बचनअइसो पुरो भओ ,” मए अपन लौड़ा मिश्रदेशसे बुलाओ हओं ।
\v 16 तब ज्योतिषि बाके छक्काइ हँए कहिके हेरोद पतापाइ,और बा दिक्कसे चूर हुइगओ
।बे ज्योतीषिसे पता पाओ भओ समयमे बेथलेहम और बा ठांओ भितरके दुइ वर्ष और बासे तरेके और बेथलेहेम मे सबए बच्चनके मारन लगाईं।
\v 17 तब यर्मिया अगमवक्ताको कहोभओ बचन पुरो भओ
\v 18 , रामामे एक शब्द सुनाइदै, दाहारा छोण-छोणके रोइ और विलख-विलख के बणो अबाज,राहेल अपन बच्चनके ताँही रोइ ,और सान्त्वना बा इनकार करी,काहेकि बिनके बच्चा अब ना रहे।“
\v 19 तव हेरोद मरो, देखौ ,परमप्रभुको एक दुत सपनेमे योसोफके जौने मिश्रमे दिखानो और अइसो कही
\v 21 , उठ बच्चा और बाकी अइयाके संगमे लैके इस्राएल देशमे जा,काहेकि बच्चाके ज्यान लेन बारो मर गौ हए ।
\v 20 “बा उठो बच्चा और बाकि अइयाके लैके इस्राएल देशमे लौट गओ।
\v 22 पर यहुदियामे अपन दौवा हेरोदके सट्टामे आर्खिलाउस राज करन डटो हए कहेके सुनि बा उतया जान डराए गए । परमप्रभुसे सपनेमे चेतउनि पाएके बा गालीलके प्रदेश घेन गओ।
\v 23 और जाएके नासरथ कहन बारो नगरमे बैठो। अइसिए अगमवक्ताको कहोभौ बचन पुरो भओ ,”बासे नासरि काहामङ्गे।“
\c 3
आध्याय ३
\v 1 बहए समय बप्तीस्मा देन बारो युहन्‍ना यहुदियाको उजाड ठाउँमे आओ, और अइसो काहतय प्रचार करन लागो,”
\v 2 पश्‍चात्ताप करओ,काहेकि स्वर्गको राज जौने आएगव हए।“
\v 3 काहेकि जा बहए हए, जौन के बारेमे यशैया अगमवक्ता अइसो कहि रहए।“ खण्डहर जगाहमे एक जनिको चिल्लानकी अवाज ,परमप्रभुकी डगर तयार करऔ, बाकि डगर शुध बनाबओ ।"
\v 4 यहुन्‍ना उटको बारको कपणा लगात रहए और करहंओमे चमड़ाको फेटा बँधत् रहए । बा सलह और जङ्गली भौंरको साहत खात रहए ।
\v 5 यरुशलेम और सबए ,यहुदिया और यर्अदन नदियाके आरपारके सबय घेनके आदमी बाके जौने आए,।
\v 6 औरअपने पापके मानतय यर्दन नदियामे बासे वप्तीस्मा लईं।
\v 7 पर फरिसी और सदुकि मैसे बहुत जनी वप्तिस्मा लेन आत देखके बा उनसे कही,”ए संपके बच्चा, आन बारो क्रोद से भाजन कैन तुमके चेतावनि दई ?
\v 8 पश्‍चत्ताप करओ औेर सुहान बारो फल फराबओ !
\v 9 और अब्राहम हमरो पिता हए कहेके आपसमे मत कहाबओ। काहेकि मए तुमसे काहात हओं,परमेश्‍वर जे पत्थरनसे फिर अब्राहमके ताँही सन्तान पैदा कर सकत हए ।
\v 10 अभए रुखाके जर मै कुणाहरी पणगइ हए । जा कारनसे अच्छो फल ना फरान बारो सबए रुखा काट्के गिराए जैहंए ,और आगी मै फेक देहंए।
\v 11 ”मए ता तुमके पश्‍चात्तापके ताँही पानीसे बप्तिस्मा देत हओं, पर मिर पिच्छु आनबारो मोसे बहुत शक्ति-शालि हए,जैनको जुता बोकनको योग्य मए ना हओ।बा तुमके पवित्र आत्मा और आगिसे बप्तिस्मा देबएगो।
\v 12 बा को सुपो बहेके हात मै हए,और बा अपने आँगनके पुरो सफा करएगो और अपनो गेहुं बखारी मै जमा करएगो,पर भुसाके त ना बुझनबारी आगीमे पजार देहए ।
\v 13 तव येशु गालीलमे युहन्‍ना जौने बासे बप्तिस्मा लेन यर्दनके नदीयमे आओ।
\v 14 पर युहन्‍ना एइसो कहिके बाके रोकन चाहत रहए ,”पर मोके त तुमसे बप्तिस्मा लेन जरुरि हए,और का तुम मेरे जौने आए ?
\v 15 पर येशु बासे कही”अभए अइसियए होन देबओ काहेकि अइसियए हमके सबए धर्मीक्ता पुरो करन पणत हए। तव यहुन्‍ना राजी हुइगओ।
\v 16 और येशु बप्तिस्मा लइके तुरन्तए पानी से बाहेर निकरो और स्वर्ग खुल्गओ ,और बा परमेश्‍वरको आत्माके कबुतरके जैसो तरे आत भओ और अपने ऊपर आत भओ देखी ।
\v 17 तब स्वर्गसे जा बाणी आइ, “जा मेरो प्यारो पुत्र हए, जासे मए गजब खुशी हओं।“
\c 4
आध्याय ४
\v 1 जब दियाबलससे (शैतान)परिक्षा करनके ताँही पवित्र आत्मासे येशु उजाड स्थानमे लइगओ।
\v 2 बा चालिस दीन और चालीस रात तक उपवास (ब्रत) बैठनके पिछु गजब भुकाए गओ।
\v 3 तब परिक्षा करन बारो बाके जौनेआएके कही,”तुम परमेश्‍वरके लौड़ाऔर हओ तव जा पत्थरसे रोटि होबए कहिके आज्ञा देबओ।“
\v 4 पर येशु जवाफ दई,”लिखो हए,”आदमी रोटिसे इकल्लो ना पर परमेश्‍वरके मुहसे निकरो भओ हरेक वचनसे जिन्दा राहत हए।“
\v 5 तब दियाबलस बा के पवित्र नगरमे लैजाएके मान्दिर कि छतमे धरी ।
\v 6 और बा कही “तुम परमेश्‍वरके लौड़ा हओ तव, हिना से तरे कुद जाओ,काहेकि अइसो लिखो हए,बा अपने दुतनके जिम्मामे तुमके देबएगो और वे तुमके अपने हातए-हात थामङ्गे नित तुमरो टाङ पत्थरमे ठुकएगो ।,
\v 7 “येशु बासे कही ,”लिखो हए,’तए अपनो परमपभु अपने परमेश्‍वरकी परिक्षा मत कर।,
\v 8 फिर दियाबलस बाके एक उचो पहाडमे लैजाएके संसारको सबए वैभब बा के राज्याके दिखाइ
\v 9 , और बा से कहि “तए घुप्टा पणके मोके ढोक लगएगो तव,जे सबए चीज मै तुमके देमङ्गो।
\v 10 तब येशु बा से कहि,”शैतान दुर हुइजा ! काहेकी लिखो हए,तए परमप्रभु अपने परमेश्‍वरके ढोक लग,और बहेकि इकल्लो सेवा कर।“
\v 11 तब दियबलस बा के छोडके चलोगओ और स्वर्गदुत आएके बाकी सेबा टाहल करी।
\v 12 यूहन्‍ना झेलमे पणगओ हए कहेके येशु सुनके और गलील घेन जान लागो
\v 13 ,और नासरत छोडके कफर्नर हुम मे जाएके हुंआ बैठन लागो। जा सहर जबुलुन और नप्तलिके क्षेत्रमे ,गालील समुन्द्रके किनारे पणत् हए।
\v 14 यशैया अगमवक्तासे कहो भओ बचन अइसो पुरो भओ
\v 15 ”जबलुनको मुलुक और नप्तालिको मुलुक यर्दन पार ,समुन्द्र घैन अन्य जातिनको गालिल,
\v 16 अन्धकारमे वैठन बारे आदमी एक बाणो ज्योति देखी हंए मृत्युकि छाँहींको देशमे बैठन बारेनके उपर एक ज्योति दिखाइ हए।
\v 17 “ बा समयसे प्रचार करतए येशु कहान लागो ,”पश्‍चात्ताप करओ , काहेकि स्वर्गको राज्य जौने आए गओ हए।
\v 18 गालिल देशमे समुन्द्रके कीनारे नेगतए बा पत्रुस कहान बारो सिमोन और बाको भैया अन्द्रियास, दोनो भइयानके समुन्द्रमे जार डारत देखी। बे मछुवारे रहँए।
\v 19 येशू बिनसे कही,”मिर पिच्छु लागओ, और मै तुम के आदमी को मछुवारो बनामङ्गो।“
\v 20 तब बहे समयमे जार छोणके बे बाके पिच्छु लागे।
\v 21 जब येशू हुँवा से जातै-जात बा दुइ भइयानके देखी,। ,जबदियाको लौड़ा याकुब और बक भइया युहन्‍ना बिनको दौव जबदिया संग नैंयामे अफ्‍नो जार थिगरत् रहए । , और बा बिन्के बुलाइ,
\v 22 तब बहे समय नैंया और अपने दउवाके छोणके बे बा के पिच्छु लग्गए।
\v 23 और येशु बिनके सभाघर मे सिकातए,राज्य को सु-समाचार प्रचार करतए, और आदमीनमे बे सबए तरहाके रोग और शरिरकी कमजोरी अच्छो करतए सबए गालील भर घुमी।
\v 24 बा को काम सबए सिरीया भर फैल गओ,और बिमारि और तमान प्रकारके रोग और दुःखसे सताए भए,भुत लागे, और मिर्गि लागे भए और अपङ्ग(पक्षघाति)भए सबए आदमी बक जौने लाईं। बा बिनके अच्छो करी।
\v 25 और गालील,डेकापोलिस, यरुश्लेम, यहुदिया और यर्दन पारसे बहुत बणि भीण बाके पिच्छु लागी।
\c 5
अध्याय ५
\v 1 जब येशु भिड़ के देखके बा उचो डंगामे चड़गओ,और बा बैठनसे पिच्छु ,चेला बाके जौनेआए।
\v 2 बा मुंहु खोलि और शिक्षा देन लागो।
\v 3 ”धन्य आत्मामे दीन होनबारे, काहेकि स्वर्गको राज्य बिनही को हए।
\v 4 धन्य शोक करन बारे, काहेकी बे सानत्वना पामङ्गे।
\v 5 धन्य नम्र होनबारे, काहेकी बे पृथ्वीको राज्य पमङ्गे।
\v 6 धन्य धार्मीक्ताके ताँही भुके और प्यासे, काहेकी बे तृप्त होमङ्गे।
\v 7 धन्य दया दीखान बारे, काहेकी बे दया पामङ्गे ।
\v 8 धन्य शुद्ध हृदय होनबारे, काहेकी बे परमेश्‍वरके देखङ्गे।
\v 9 धन्य मेलमिलाप करानबारे ,काहेकि बे परमेश्‍वरके लौड़ा कहेलामङ्गे।
\v 10 धन्य धार्मिक्ताके ताँही सताएभए ,काहेकी स्वर्गको राज्य बिनहीको हए।
\v 11 धन्य हओ तुम, जब आदमी मिर ताँही तुमरि बदनाम करऐ और सतामए और झुट बोलके तुमर बिरुद्धमे सबए तरिकाको खराब बात काहा मए।
\v 12 तव रमाबओ और खुशि होबओ,काहेकि स्वर्गमे तुमरो बहुत बणो इनाम हए। काहेकि ऐसिए तुमसे अग्गु आएभए अगम बक्तानके बे सताइ रहैं।
\v 13 ”तुम पृथवीके नुन हओ,पर नुनको स्वद चलो जाएगो तओ बा कासे नुनान होबएगो ? बा त बाहेर फेकन और अदमीनके टाङसे रौउदन बाहेक और कछु काम को ना राहाबइगो।
\v 14 ”तुम संसारकि ज्योति हओ। डंगामे बैठो भओ शहर कबहु ना लुक सकत् हए।
\v 15 आदमी दिआ पजारके छपरियसे नातोपत हए, पर सामदानि मे धरत हए, ताकि घरमे होन बारे सबै के ताहिं ऊज्यारो देबै।
\v 16 ऐसिए तुमर ज्योति आदमीनके अग्गु चम्कए, और बे तुमरो अच्छो काम देखऐं और तुमरो स्वर्ग मे होनबारो पिताकि महिमा करऐं।
\v 17 ”व्यावस्ता औ आगमवक्तकनके मै रद्द करन आओ हओ ,करके मत सम्जै।मए रद्द करन ना, पर पुरो करन आओ हओं।
\v 18 काहेकि मैए सचमुच तुमसे काहात हओं,जब तक स्वर्ग और पृथ्वी खतम ना हुइ हए तबतक सब बात पुरि ना होन तक,कोइ किसमको एक बिन्दु फिर नाहटैगो।
\v 19 जहए कारनसे जौन जे आज्ञानके सबसे छोटोके उलङघन करहए,और आदमीनके ऐसिए सीकाबैगो,स्वर्गके राज्य मे बा सबसे छोटो कहेलाबैगो।पर जेा जे आज्ञनके पालन करन सीकाबैगो,स्वर्गके राज्य मे बा सबसे बड़ो कहलावैगो।
\v 20 काहेकि मै तुमसे काहात हओ, तुमरो धार्मीक्ता शास्त्री और फरिसीसे बड़ो नाहोबैगो तओ तु कोइभी तरिकासे परमेश्‍वरके राज्यमे घुसन ना कर पाबैगे।
\v 21 तुम सुनेरहओ, प्राचीन समयके अदमीनसे अइसो कही रहँए ‘तुम हत्या मतकरिओ ‘और जो हत्या करएगो बा दण्डके भागिदार होबैगो’।
\v 22 पर मए तुम से अइसो काहात हओं ,जौन कोइ अपने भाइया से क्रोध करइगो बा दण्ड के भागिदार हएऔर जौन कोइ अपने भइया को अपमान करइगो, बा माहा शभा मए जवाफ देही होबइगो। पर जो अपने भइयाके ‘तए मुर्ख’ हए काहाबइगो ,बा नर्कके आगीमे पड़नके खतरामे होबइगो।
\v 23 जहए करन से तुम बेदी मे अपनी भेटी चढ़ान जानसे पहीले ,तुमरे भइया के बिरुद्धमे कछु हए तओ,तुमके याद हुइगओ हए तव,
\v 24 अपनी भेटीके हुंए बेदी के अग्गु छोणके ,और जा । पहीले अपने भइया से मेलमीलाप कर ,और बाकेबाद आएके अपनि भेटी चढ़ा।
\v 25 ”अपने बिपक्ष संग अदालत मे जात डगरएमै मिलाप करले,नत बादी (बिपक्ष) तुमके न्यायाधीश के हातमे सौँप देहए और न्यायाधीश हाकीम के हातमे सौँप देहए ,और तुम झेलमे पणजैहओ।
\v 26 निहात्य ,मए तुमसे काहत हओ तुम एक-एक पइसा ना तीरन तक ,तुम हुंआसे छुट्ना पइहओ।
\v 27 ”तुम अइसो काहात सुने हओ,”तुम व्याभिचार मत करओ,।
\v 28 पर मै तुमसे काहात हओ ,जो कोइ दुसरी स्त्रिरीके कूइच्छासे देखइगो ,बा पहीलेसे अपने हृदय मे व्याभिचार कर लईहए।
\v 29 काहेकि तुमरी दहिनी आंखी तुमके पाप करन लगात हए तव बाके निकार के फेक देबओ,काहेकी तुमरो सबए शरीर नर्कमे फेकनसे अच्छो त तुमर शरीरको एक अंग गुमानो अच्छो होबईगो।
\v 30 तुमरो दहीना हात तुमके पाप करन लगात हए,त बा के काट् के फेक देओ।काहेकी तुमर सबए शरीर नर्क मे जानसे त शरीरको एक अंग गुमानो अच्छो हुईहए।
\v 31 ”अइसो फिर काहात हए,की जौन कोई अपनी बईयर के छोणन चाहत हए,बा बाके त्याग पत्र लीख्देबए “।
\v 32 पर मै तुमसे काहात हओ ,जौन कोई अपनी बइयरके व्याभिचारके करनसे बाहेक औरकोइ कारनसे छोणएगो ,बा बाके व्याभिचारी बना बईगो ,और जो कोई अइसी छुटी भई बइयरनसे विहा करएगो बा व्याभिचार करइगो।
\v 33 ”फिर तुम जहओ सुने हओ,की प्रचीन समयके अदमी से कही रहए,”तए झुटी कसम मत खाबए,पर परमप्रभुके ताँही खाइ भइ कसम तए पुरि कर ।
\v 34 “ पर मए तुम से काहात हओ, कसम मत खाबओ। स्वर्ग के नाउँ मे कसम मत खा बओ,काहेकी बा परमेश्‍वरको सिंहासन हए,
\v 35 ना पृथ्वीको ,काहेकी बा रमेश्‍वरको पाउँ दान हए,ना यरुशलेमको काहेकी , बा माहाराजाको शहेर हए।
\v 36 अपने मुणकी कसम मत खाओ, काहेकी तुम अपने बारके कारो की सेतो ना बना सकत् हओ।
\v 37 तुमरो कहो भओ बचन’ हं त हं ,ना त ना ‘इकल्लो होबए।जासे अलाबा दुस्ट से अत हए।
\v 38 तुमसब सुने हओ,अइसो कहि रहए,’अँखी को बदला अँखी, दँत को बदला दँत”।
\v 39 पर मए तुमसे काहत हओं,दुष्टको मुकाबला मत करओ।जउन तुमरे दहीना गलउवा मे मारत हए बाके ताँही दुस्रो गलउवा रोक देबओ।
\v 40 जउन आदमी तुमर उपर मुद्दा चलाएके कपड़ा लेन दाबी करत हए तओ बा केअपने पिछउण फिर दइ देबओ।
\v 41 यदी कोइ तुमके एक कीलो मिटर दुर लइजान मजबुर करत हए ,बा के सँग दुई किलो मिटर जाएदेओ।
\v 42 तुम से मागन बारे के देओ और तुम से कर्जा लेन बारेके मिनाहा मत करओ।
\v 43 ”तुम अइसो काहात सुने हओ, तुमरे पणोसी से प्रेम करओ, और दुस्मनसे घृरणा करओ,।
\v 44 ‘पर मै तुमसे काहात हओ, तुमरे सत्रुसे प्रेम करओ, और तुमके सतान बारेनके ताँही प्रार्थना करओ ,तुमके सरापन बारेनके आशीष देओ
\v 45 और तुम स्वर्गमे होन बारो अपने पिताके लौड़ा होबए गे। बा खराब अच्छे दोनेन्के दिनको घामु देत हए,और धार्मी और पापी दोनेन्के बर्खा देत हए।
\v 46 काहेकी तुम प्रेम करन बारेनसे इकल्लो प्रेम करत हओ तव तुमके का इनाम हए? काहेकी महसुल उठान बारे फिर त अइसीए ना करत हँए ?
\v 47 तुम अपने ददा भइयनके इकल्लो अभीवादन करत हओ तव औरन से जद्धा का करे?का अन्य जातिफिर अइसो नाकरत हँए का?
\v 48 जहे कारन से जैसो तुमरो स्वर्गमे होन बारो पिता सिद्ध हए, उइसिए तुम फिर सिद्ध हो बओ।“
\c 6
अध्याय ६
\v 1 “ तुम अदमीनके दिखान ताँही धर्म के काम मत करओ। नत स्वर्गमे होन बारो पिता से तुम कछु इनाम ना पाबइगे।
\v 2 ”जहे कारन से तुम दान देत हओ, तव अपने अग्गु तुरही मत बजाओ। जइसेकी पाखण्डी सभाघरमे और सडकमे आदमीसे प्रशंसा पान ताँही करत हए। सचमुच मए तुम से कहत हओ की बे अपनो इनाम पाएडारी हँए।
\v 3 पर जब तुम दान देत हओ ,तव तुमरो दाहीना हात का करत हए,जा बात डीबरा हात पता न पाबए ।
\v 4 तुमरो दान गुप्तमे होबए ,और गुप्तमे देखन बारो तुमरो पिता तुमके इनाम देबएगो।
\v 5 ”जब तुम प्रार्थना करत हओ तव पखण्डीन के जइसो मत होबओ, काहेकी बे सभाघरमे और सणकके कुनइठेमे आदमी देखऐ कहीके प्रार्थना करन मन पणात हए। सचसच मए तुम से काहत बे अपनो इनाम पए लइ हऐ।
\v 6 पर जब तुम प्रार्थना करत हओ तव अपने भितरके कोने मए जाइके और फाटक बन्द करके गुप्त मए देन बारो तुमरो पिता से प्रार्थना करओ,और गुप्त मए देखन बारो तुमरो पिता तुमके इनाम देबइगो।
\v 7 और प्रार्थना करत अन्या जातिनके जइसे मत बरबराओ। काहेकी गजब शब्द मए बोलङ्गे तव हमरी सुनवाइ होबएगी कहीके बे बिचार करत हए।
\v 8 जाकमारे बिनके जइसे मत होबओ ।काहेकी तुमके मागन से पहीले तुमके का-का चीजकी जरुरत हए ,जा सब तुमरो पिता जानत हए।
\v 9 ”पर तुम जा किसिम से प्रार्थना करओः
हे हमरो पिता ,तए जे स्वर्ग मे हए,
तेरो नाउँ पवित्र होबए,
\v 10 तेरो राज्य आबए,
तेरि इच्छा स्वर्ग मे जइसे पुरि होत हए।
बइसेही जा पृथ्वी मए पुरि होबऐ
\v 11 हम के आज हमरी दीन भरकी रोटी दे,।
\v 12 हमरे अपराध के क्षमा कर,
जइसे की हम अपने अपराधीन के क्षमा करे हँए।
\v 13 हमके परीक्षा मे पणन मत दे,और दुष्ट से बचा।काहेकी राज्य ,पराक्रम और महीमा सदासर्वदा तेरी होबए।
\v 14 काहेकी तुम आदमीन के अपराध क्षमा करइगे तव तुमर स्वर्गमे होन बारो पिता तुमके क्षमा करएगो।
\v 15 पर तुम आदमीनको अपराध के क्षमा ना करइगे तव तुमर पिता तुमर अपराध क्षमा ना करइगो।
\v 16 “जब तुम उपवास बइठत हओ ,तव पखण्डीन के जइसे उदासी चेहेरा मत दीखाबओ। काहेकी आदमीन के अग्गु उपवास उदास बइठो हओ दीखान ताँही वे अपनो मोहोके अँध्यारो बनात हँए। सचमुच मए तुम से काहात हओ ,वे अपनो इनाम पएलइ हँए।
\v 17 पर तुम उपवास बइठे हओ ,तव अपने मुणमे तेल लगाओ,और अपने मुहुके धोबओ।
\v 18 और तुमरो उपवास आदमी ना पर गुप्त मे बइठन बारो तुमरो पिता देखऐ,और गुप्तमए बइठन बारो तुमरो पिता तुम के इनाम देबएगो
\v 19 ‘अपने ताँही पृथ्वीमे धन सम्पति मत इघट्टा करओ, जहँ कीरा और काई लागके खतम होत हए और जहँ चुट्टा घर काट के बा चुरात हए।
\v 20 पर अपने तांही स्वर्ग मे धन ,सम्पति धरओ ,जाहँ किरा और काई खतम ना करत हए ,और चुट्टा फिर ना चुरात हँए।
\v 21 काहेकी जाहँ तुमरो धन होबइगो, हुवाँ तुमरो मन होबइगो।
\v 22 “आँखी शरीरकी बत्ति हए।अगर तुमरी अँखी स्वस्थ्या हए कहेसे ,तुमरी सबए शरीर उज्यारो मे हँए।
\v 23 पर तुमरी अँखी खराब हँए ,कहेसे तुमरो सबए शरीर अँध्यारोमै हँए। अगर तुमर भीतरको उज्यारो अँध्यारो हुइजए हए कहेसे ,बा अँध्यारो कितनो घोर हुइहए।
\v 24 “कोइ भी दुई मालीकको सेवा ना कर पए हए । काहेकी बा एक के खराब मानएगो, और दुसरे के प्रेम करइगो। औ बा एकके भक्ती दीखाबइगो,और दुसरेके तुच्छ मानएगो। तुम परमेश्वर और धनकी सेवा ना कर पाबइगे।
\v 25 “जहे कारन से मए तुमसे काहात हओ, का खामङ्गे, का पिमङ्गे कहीके अपने प्राणके ताँही और का लगामङ्गे’ कहीके अपने शरीरके ताँही चिन्ता मत करओ। का जीवन खानबारी चिज से और शरीर लत्ताकपणा से उत्तम ना हए?
\v 26 अकाशमे चिरइ चुरगनीन के देखओ। बे नत बिज बोत हँए,नात अन्न कटनी करत हँए, ना भकारी मे धरत हँए, पर स्वर्गको पिता बिनके खबात हए। का तुम बिनसे बहुत मुल्याबान ना हओ ?
\v 27 तुम मैसे कौन चिन्‍ता करके अपन आयुमे एक घणी फिर थप सकत हए का ?
\v 28 "और लत्त कपडा के ताँही तुम काहे फिक्री करत् हऔ? मैदानके लिली फुलाके देखौ, बे कैसे बढत् हंए| बे ना परिश्रम करत् हँए, ना डोरा बटत् हँए । "
\v 29 पर मए तुमसे कहत् हऔ, सोलोमन राजा फिर अपने साबै गौरबमे इनहीके जैसो एक सम्पन्न रहए ।
\v 30 आज होनबारो और कल आगीमे फेकन बारो घाँसके परमेश्‍वर अइसे पैधात् हए तव, ए अल्प बिस्वासीओ, का तुमके औरजद्धा बा ना पैधाबै गो ?
\v 31 जहेमारे का खाएहऔ?' कि 'का पिहऔ ?' करके चिन्ता मतकरऔ ।
\v 32 काहेकि जे सब बात अन्याजाती ढुणत हँए और जे बात तुमके जरुरत हए कहेन बारि बात तुमर स्वर्गिया पिता जानत हए |
\v 33 पर पहिले बाको धार्मिक्ता और बाको राज्यके ढुड़ओ औ जे सब चिज तुमके दौ जाएगो ।
\v 34 जहेक मारे कलके ताँही चिन्ता मत करओ,काहेकि कल्लकि चीन्ता बा अपनए करएगो ।हरेक दिनको अपनिए बहुत चीन्ता हए।
\c 7
अध्याय 7
\v 1 औरनके दोषी मत ठहरबओ, और तुम फिर दोषी ना ठहरैगे,
\v 2 कहेकी जैसी तुम औरनके दोषीबनात हओ ,उइसिए , तुमके फिर दोषी बनाओ जैहए । जौन नापसे तुम नापत हओ, बाहे नापसे क तुमर ताँही फिर ना नापो जैहए ।
\v 3 और कहे तुम अपन भैयाके आँखीमे भओ पैराको कुराके देखतहऔ, पर तुम अपनी आँखीमे भओ बुँटा फिर पता ना पातहओ ?
\v 4 तुमर अपनी आँखीमे बुँटा हए ,तव कैसे तुम अपन भैयासे कहे हओ, 'मोके तुमर आँखीसे कुरा निकारन् दे ।'
\v 5 ए ढोंगी, पहिले अपने आँखीमे भओ बुँटाके निकार, और तुम अपन भैयाके आँखीमे भओ कुराके निकारन ताँही तुम सफासे देख पैहओ ।
\v 6 "जो पवित्र हए बा कुत्तानके मत देबओ| अपन मोती सोराके अग्गु मतफेकौ, नत बे अपन टाँगसे बाके कुचलडारङ्गे और घुमके तुमके आफत कर हँए ।"
\v 7 "मागौ और तुमके दओ जाएगो, ढुणओ और तुम पाबएगे, ढकढक्बओ और तुमरे तांही फाटक खुलोजाबइगो | "
\v 8 कहेकी मागन बारे सबए, दऔ जाबएगो ।, और ढुणन बारे सबए पए हंए । और खटखटान बारेनके तांहि खुलोजाबएगो ।
\v 9 "तुमर मैसे कौन यैसो आदमी हए, जौनको लौड़ा रोटी मागत हए औ बाके पत्थर देहए ? "
\v 10 कि मछ्री मगैगो तव बा सँप देहए ?
\v 11 जकमारे तुम दुष्ट हुइके फिरअपन लौड़ा-लौड़ीयानके अच्छो चिज देन जानत् हओ कहिसे स्वर्गमे होनबारो तुमर पिता बासे मागन बारेनके कितो जद्धा करके अच्छि चीज ना देहए का ?
\v 12 जा कारनसेआदमी तुमरसंग जैसी व्यबहार करत् हंए, तुम फिर बिनके संग उइसीए व्यवहार करओ,। काहेकी जहे व्यवस्था और अगमवक्ताको शिक्षा हए ।
\v 13 "पतरो फाटकसे भितर कुचओ, कहेकी बिनासमे पुगन बारो फाटक सहज होतहए और बासे भितर घुसन बारे बहुत होतहए|"
\v 14 काहेकी जीवनमे पुगानबारो फाटक पतरो होतहंए और डगर कठिन होतहए, , और बा पानबारे थोडी होतहंए|
\v 15 “झुठो अगमवक्तासे होशियार बैठीओ, जो तुमरे ठिन भेडाके भेषमे अतहए, और भितर डरलागन् बारो गुल्हा कता होतहए|
\v 16 बिनके फरासे तुम बिनके चिनइगे| का आदमी काँटोके पेणसे अंगुर औ सिउँडसे गुलर तोरत हए का?
\v 17 ऐइसीए करके हरेक अच्छो रुखा अच्छो फरा फराबैगो| और खराब रुखा खराब फरा फरए हए ।
\v 18 अच्छो रुखा खराब फरा ना फराए सकत हए, ना ता खराब रुखा अच्छो फरा फारए सकत हए।
\v 19 अच्छो फरा ना फरानबारो हरेक रुखा काटके उजाणो जएहए, और आगीमे फेको जएहए ।
\v 20 अइसीय बिनके फरासे हि तुम बिनके चिनैगे ।
\v 21 "मोके 'प्रभु, प्रभु' कहान बारे सब स्वर्गके राजमे घुसन ना पए हँए ।| स्वर्गमे होनबारो मिर पिताको इच्छा पालन करन् बारे आदमी इकल्लो स्वर्गके राजमे प्रवेश करन पए हँए । "
\v 22 बा दिन बहुत आदमी मोसे कएहए, 'हे प्रभु, हे प्रभु, का हम तुमरे नाउँमे अगमवाणी ना बोले रैंए का ? तुमरे नाउँमे भुत भजए ना हए का ? और तुमरे नाउँमे अनेक शाक्तिशाली काम करे ना हए का ?”
\v 23 और मए बिनसे सफासे काहमङ्गो, मए तुमके कब्हु ना चिनत हओ । ए खराब काम करन् बारे मोसे दुर हुइजाओ ।
\v 24 "जहेमारे कि जौन मिर जा बचन सुन्तहए और पालन करत् हए, मए एक बुध्दिमान आदमीसे बाको तुलना करत् हौ, जौन अपन घर चट्टान उपर बनाइ । "
\v 25 और पानी पड़ो, और बैहिया अई, और आँधी चली और बा घर उपर ठुको, ताहु फिर बा घर ना उज्णो| कहेकी बा चट्टान के ऊपर बनाइँ रहए ।
\v 26 पर जौन मिर जा वचन सुनके फिर पालन ना करत हए, बाको तुलना एक मुर्ख आदमीसे करत् हओ, जौन अपन घर रेता उपर बनाई ।
\v 27 पानी पड़ो, और बहिया अई, और आँधी चली और बा घर उपर ठोंकी, और बा घर उजड़ गओ, और बाको बणो बिनास भओ।”
\v 28 ” जब येशु जा बचन कहे डारी पिछु भीड बाकि शिक्षा सुनके बहुत अचम्मो पड़गए ।
\v 29 काहेकी बा बिनके शास्त्रीन के जइसो ना कि, बल्कि अधिकार पाओ भओ आदमी जैसो सिकात रहए ।
\c 8
अध्याय ८
\v 1 जब येशु बा डाँगासे उतरके पिछु बड़ी भीड बाके पिछु लाग् गई ।
\v 2 एक कोढ़ी बाके ठिन अओ, और बाके अग्गु घुँटो टेकके कही, “हे प्रभु, तुमर इच्छा हए कहेसे मोके अच्छो करसक्त हओ”।
\v 3 बा अपन हात पसारके बाके छूई और कहि, “मए इच्छा करत् हौ, तुम अच्छे हुइजाओ|” तुरन्त बाको कोढरोग अच्छो हुइगओ।
\v 4 तव येशू बासे कही, “कोइके मत बताबए ।तए जा और अपनएके पुजारीके ठिन दिखा, और मोशा आज्ञा करी जैसो भेटी चढा, और आदमीके ताँही गबाही होबए ।”
\v 5 ” जब येशू कफर्नहुममे घुसत एक जनी कप्तान बाके ठिन आएके बिन्ती करन् लागो बा कही ,
\v 6 "हे प्रभु, मिर नोकर लुन्जा रोगसे बहुत दु:ख पाएके घरमे पणो हए ।” "
\v 7 येशु बिनसे कही, “मए आएके बाके अच्छो करङ्गो ।”
\v 8 तव कप्तान कही, “हे प्रभु, तुमके मेरे घरमे स्वागत करन् को योग्य मए ना हओं ।| बल्कि तुम वचन इकल्लो बोलदेबओ, और मेरो नोकर अच्छो हुइजए हए ।
\v 9 काहेकी मए फिर अधिकारीके अधिनमे हओं, और मिर अधिनमे सिपाही हँए । मए एक जनीसे 'जा' कहतहओ, तव बा जातहए, और दुसरे से कहतहओ 'अएजा' तव बा आतहए । मेरो कमैयासे 'अइसो कर' कहतहओ, तव उइसी करत् हए ।|”
\v 10 बिनकी बात सुनके येशू अचम्मो मानि, और बाके पिछु आन बारेंनसे कही, “नेहत्तय, मए तुमसे कहत् हओं, इस्राएलमे फिर इतनो भारी बिश्वास मए ना पाओ रहओ ।
\v 11 मए तुमसे कहतहओं,बहुत जनी पुर्व और पश्‍चिमसे आमङ्गे, और अब्राहाम, इसहाक और याकुबके सँग स्वर्गके राज्यको भोजमे वैठङ्गे ।
\v 12 पर राज्यके सन्तान बाहिर अन्धकारमे फेकेजए हँए| हुवाँ आदमी रोमङ्गे और दाँत किटकिटए हँए ।”
\v 13 तव येशू कप्तानसे कही, “जाओ जैसो तुम बिश्वास करेहौ, उइसी तुमके होबए ।” तव बाको नोकर बहे घणी अच्छो हुइगओ ।
\v 14 जब येशु पत्रुसके घरमे आओ बा पत्रुसकी सास बुखारसे खटीयमे पणी देखी ।
\v 15 येशु बिनको हात छूई, और बुखार बिनके छोडदै। और बा उठके उनकी सेवा करन लगी ।
\v 16 जब संन्झा भओ , अदमी भुत लागे बहुत जनी बिमारीनके येशु ठिन लाई | और बा वचनसे भुतनके बाहेर निकारी, और जित्तो बिमार रहँए, सबके अच्छो करी ।
\v 17 "यशैया अगमवक्ताक बोलो भओ ऐसो बचन पुरो भओ , “बा ""अपनए हमर बिमारके लई, और हमर रोग उठाएके लैगओ ।”
\v 19 " जब येशू अपन आसपास बणी भारी भीण देखि, बा गालील समुद्रके बा पार जानके आज्ञा दै ।
\v 18 एक जनि शास्त्री बाके ठिन आओ, और बासे कही, “गुरुजी, तुम जहाँ-जहाँ जातहौ, मए तुमर पिछु आमङ्गो”
\v 20 येशू बासे कही, “सेराके भार और आकाशके चिरैचुरङ्गिनके घुरघुसला होत हँए, पर आदमीक पुत्रके ताँही ता मुण धरन ठाउँ फिर ना हए ।”
\v 21 चेला मैसे एक जनि कही, “प्रभु, पहिले मोके मिर दौवाके गणन देओ ।”
\v 22 तव येशू कही, “मिर पिछु आ, मुर्दाके बिनको आपनो मुर्दा गाणन छोणदेओ ।”
\v 23 जब येशु नैयामे चढो तव बाके चेला फिर बाके पिछु लागे|
\v 24 आचानक समुद्रमे बणी भारी आँधी आइ, और लाणुरासे नैयाँ तुपन् लागी । येशू सोत् रहए ।
\v 25 चेला आएके अइसे कहत जगई, “बाचाओ प्रभु ! हम नष्ट होन लागे ।”
\v 26 ” येशू बिनसे कही, “अल्पबिश्‍वासी आदमी, तुम कहे डरात् हऔ ?” तव उठके आँधी और समुन्द्रके डाँटी । और बा हुँव बिलकुल सान्त हुइगओ ।
\v 27 "जा त कैसो आदमी हए, काहेकी आँधी और समुन्द्र फिर जाकि कहिना मन्त हँए" कहिके बे आदमी छक्क पणीगए ।
\v 28 जब येशु बा पारसे गदरिनीके मुलुकमे आओ रहए , तव भुत लागे दुई आदमी गड्डासे निकारके बाके भेटि । बे इत्तो डरौने रहए, कि कोइ फिर हुँवासे आन-जान ना कर पात रहए ।
\v 29 देखओ बे अइसे कहत चिल्लाई, हे परमेश्‍वरको पुत्र, तुमसे हमर का मतलब हए ? का कहोभओ समयसे पहीले हि तुम हमर ठिन दुःख देन आए हओ ?
\v 30 बिनसे कुछ दुर सोराको एक बगाल चुगत् रहए ।
\v 31 भुत बासे बिन्ती करी, “अगर तुम हमके निकारत् हओ कहेसे , हमके बा सोराके बगालमे पठए देबओ ।”
\v 32 "और बा बिनसे कही, “जाओ" तव बे निकरके सोराके भितर घुसगए, और सोराको जाम्मए बगाल समुन्द्र घेन हुरतएगए, और पानीमे डूबके मरगए ।
\v 33 " सोरा चुगान बारे अदमी बा हुँवसे भाजके सहेरमे गए ,बे सब बात और खास करके बे भुत लगे बारेन् के का भओ सो सुनाएदैं ।
\v 34 तव जम्मए सहेरके येशूके भेट करनके आए ।, और बाके देखके आदमी बिनको इलाकासे छोणके चलो जाए कहीके बासे बिन्ती करीं ।
\c 9
अध्याय ९
\v 1 येशु एक नैयामे चढके बा पार गओ, और बा अपनो सहेरमे अओ|
\v 2 आदमी खटियामे पणो एक जनी लुन्जाके बाके ठिन लाइ । येशू बिनको बिश्‍वास देखके लुन्जासे कही, “ लौड़ा साहस कर । तेरो पाप क्षमा हुइगए हए ।”
\v 3 ” देखओ शास्त्री मैसे कित्तो आपसमे काहन लागे, “जा परमेश्वरके निन्दा करत् हए ।”
\v 4 येशू उनको बिचार जानके कहि, “तुम कहे अपन हृदयमे दुष्ट बिचार करत् हओ ?
\v 5 का काहन सहज हए, तिर पाप क्षमा भओ' कि 'उठ और नेग' काहन ?
\v 6 पर आदमीक पुत्रके पृथ्बीमे पाप क्षमा करनको अधिकार हए कहिके तुम जान सकओ ।” तव बा लुन्जासे कहि, “उठ, अपनी खटिया बोक, और घरए जा ।”
\v 7 तव बा आदमी उठो, और अपने घरघेन गओ| ।
\v 8 जब भीड जा देखि बे अचम्मो मानी आदमीनके ऐसो अधिकार देनबारो परमेश्‍वरको प्रशंसा करीं ।
\v 9 येशू हुवाँसे जातपेती मत्ती कहन बारो एक आदमीके कर उठन बारो अड्डामे बैठो देखि, और बिनसे कहि, “मिर पिछु लाग ।” तव बा उठो और बाके पिछु लागो ।
\v 10 जब येशु खानु खान बैठो देखओ, बहुत जनी कर उठनबारे और पापी आए येशू और बाके चेलासंग खान बैठे|
\v 11 जब फरिसी जा देखी, तव बाके चेलानसे कहीँ, “कहे तुमरो गुरु कर उठानबारे और पापीसंग खातहए ?”
\v 12 जब येशु जा सुनी बा कही, “निरोगीके बैद्धकी जरुरत ना होतहए, पर रोगीनके होतहए ।
\v 13 तव जाएके जाको अर्थ का हए तुम सिकओ: मए बलिदान ना, पर दया चाँहतहऔं ।” काहेकी मए धार्मिनके ना, पर पापीनके ताँही आओ ।”
\v 14 ” तव बप्तिस्मादेन बारो यूहन्नाके चेला बाके ठिन आए, और बासे पुछी, “काहे हम और फरिसीन जैसो उपवास बैठतहए, और तुमरे चेला उपवास ना बैठतहए ?”
\v 15 येशू बिनसे कही, “का दुलहा संग अएभए बरैतियासंग शोक मनातहए ? पर बे दिन आमङ्गे जब दुलहा बिनसे अलग होबएगो । और बे उपवास बैठङ्गे ,
\v 16 "कोइ फिर पुरानो लत्तामे नयाँ कपणाको थिग्रा ना लगात हए । काहेकी नयाँ थिग्रा पुरानो लत्ताके फारदेतहए, लत्ता और जाद्धा फटजातहए । "
\v 17 " कोइ पुरानो खालको मशकमे नयाँ दाखमध ना ,धरतहए नत मशक फुटजाबैगो, और दाखमध गिरजएहए, और मशक नष्ट हुइजएहए । काहेकी नयाँ दाखमध नयाँ खालको मशकमे धरत हए और दोनो बच जत हंए ।”
\v 18 जब येशु बिनसे जा बात काहत रहए, देखओ त एक जनी शासक आओ, और येशुके दण्डवत करके कही, मिर लौड़ीया भर्खर मरीहए, और आएके बाके मुण उपर तुम हात धरदेओ, और बा जीन्दा हुइजएहए ।”
\v 19 येशू उठो और बिनके पिछु लागो और चेला फिर बाके पिछु गए ।
\v 20 देखओ बाहृ वर्षासे बहुत रगत बहनबारी एक बैइयए येशुके पिछुसे आएके बाको कुर्ताके कुन्छ छुई ।
\v 21 काहेकी बा मनए मनमे सोचिरहए, “मए बाको कुर्ताक् कुन्छ छुइहओ खिनक् मए अच्छो हुइजएहओ ।”
\v 22 पर येशु घुमके बा बैईयरके देखी, और कही, “लौड़ीया, सहास कर, तेरो बिश्‍वास तोके अच्छो करी हए ।” बा बैइयर बहे घणी अच्छी हुइगै, ।
\v 23 जब येशू शासकके घरमे अएपुगो,पर बा बसुली बजानबारे और भीडसे खैलाबैला मचोदेखी, ।
\v 24 बा बिनसे कही, “बाहिर जाओ, काहेकी लौणीया मरी ना हए, लिकन सोतहए ।” बे बाको खिल्ली ऊड़ाइ ।
\v 25 जब भीड के बाहिर निकरके बा घर भितर घुसो, और बा लौणीयाको हात पकणी, और बा लौणीया उठगइ ।
\v 26 जा बातके बारेमे मुलुक भर हल्ला उणिगओ|
\v 27 "येशू हुवाँसे जातपेती दुई जनि आँधरा "हे दाउदको पुत्र हमरे उपर दया कर "कर्के चिल्लात बाके पिछुपिछु लागे । "
\v 28 बा घरमे कुचो तव आँधरा आदमी बाके ठिन आए । येशू बिनसे कही, “मए जा कर सकङ्गो कहिके तुम बिश्‍वास करत् हओ ?” बे बासे कहीं, “हँ प्रभु ।”
\v 29 ” तव बा बिनको आँखी छुइके कही, “तुमरो बिश्‍वास जैसो तुमके होबए ।”
\v 30 और उनकी आँखी खुलिगई| येशू अइसे करके बिनके मिनाहा करी, “जा बात कोइके पता ना होबए|”
\v 31 तव बे गए, और बा इलाका भर बाको चर्चा फइलाए दईं ।
\v 32 जब बे दुइ जनी आदमी निकरके जात रहँए, तव भुत लागो एक जनि गुँगा आदमी बाके ठिन ल्याईं ।
\v 33 जब "भुत निकरके गओ बा गुँगा बोली । और ""इस्राएलमे कबहू अइसो ना देखे रहँए, कहत भीड अचम्मो पणगए । "
\v 34 और फरिसी अइसो काहन लागे, “भुतके मालिकसे जा भुत निकरत् हए ।”
\v 35 येशू सबए शहेर और गाउँघेन बिनको सभाघरमे शिक्षा देत और हरेक किसिमके रोग और कमजोरनके अच्छो करत् जान लागो|
\v 36 पर भीडके देखके बाको हृदय बिनके ताँही दयासे भरगओ । कहेकी बे बक्रेहरा बिनाके भेडा जैसे हैरान और बेसहराके रहँए ।
\v 37 तव बा अपन चेलनसे कही, “फसल त बहुत हए, पर खितहारा थोरी हँए ।
\v 38 जहेमारे फसलके प्रभुसे प्रार्थना कराओ,की बे अपनो फसलके ताँही खितहारानके पठाए देबए ।”
\c 10
अध्याय १०
\v 1 येशू अपन बाहृ चेलान् के बुलाएके अशुध्द आत्मा निकारन् और हर प्रकारके रोग और दुर्बलता अच्छो करन् अधिकार बिनके दई।
\v 2 बाह्र प्रेरितके नाउँ जेही हए,पहिलोको पत्रुस काहन बारो सिमोन और बिनको भैया अन्द्रियास, जब्दियाक लौड़ा याकुब और बिनको भैया यूहन्‍ना,
\v 3 फिलिप और बारथोलोमाइ, थोमा और कर उठानबारो मत्ती, अल्फयसको लौड़ा याकुब और थेदियस,
\v 4 सिमोन कनानी और यहूदा इस्करियोत, जौन येशूके पक्णए दइरहए।
\v 5 येशू जे बाह्र चेलनके अइसो आज्ञा दैके पठाई, “अन्यजातिंनके बीचमे मत जाओ, और सामरीनके सहेरमे मत घुसओ।
\v 6 पर इस्राएल जातिके हराए भए भेड़ाके ठिन जाओ।
\v 7 "स्वर्गको राज जौने आएपुगो हए,' काहातए प्रचार करओ।
\v 8 " बेमार के अच्छो करओ, मरेन्के जिन्दा करओ, कोढीनके शुध्द करओ, भुतन्के निकारओ। तुम सेंतएमे पाएहओ, सेंतएमे देओ।
\v 9 तुम अपन फेंटामे सोनो चाँदी और तामाके लोटा मत बोकओ,
\v 10 यात्राके ताँही झोला, दुई जोण कुर्ता, जुता, लकणी मतलेओ। काहेकी खितहाराके बाको खानु पानपणात् हए।
\v 11 "जौन शहेर कि वा गाउँमे तुम घुस हओ, हुँवा जानोमानो कौन हए बोके ढुणओ, और हुँवासे बिदा न होन तक हुवाँए बैठओ। "
\v 12 तव घर भितर कुचके अभिबादन करीओ।
\v 13 बा घरमे जानन् बुझन बारे हएँ तव, तुमर शान्ति बा घरमे अबैगो। जौन बा घरमे जानन् बुझन बारे ना हँए तव, तुमर शान्ति तुमरी सँग घुमके आएजाए हए।
\v 14 अगर कोइ तुमके ग्रहण न करी और तुमरो बचन न सुनी तव बा घरसे निकरतय अपन टाँगको भुवा झारदिओ।
\v 15 नेहत्य, मए तुमसे कहत् हौऔं, न्यायके दिनमे बा शहेरको दशा सदोम और गमोराको हालतसे फिर जद्धा हुइहए।
\v 16 "देखओ, मए तुमके गुलहाके बीचमे भेणा कता पठाओहऔं, जहेमारे तुम साँप कता चलाक और कबुतर कता निर्दोष होबओ। "
\v 17 पर आदमीनसे होशियार हुइयो, कहेकी बे तुमके अदालतमे सौपदेहँए, और बे सभाघरमे तुमके कोर्रा लगए हँए।
\v 18 तुम मेरे खातिर हाकिम और शासकके जौने ठाडे जएहऔ, तव बे और अन्य जातिनके ताँही साक्षी हुइहओ।
\v 19 पर जब बे तुमके पकणाए देहँए, तव कैसे का बोलङ्गो कहिके चिन्ता मतकरओ काहेकी तुम का मसकङ्गो, बहे घडी तुमके बताओ जएहए।
\v 20 काहेकी बोलन् बारे तुम अपनए ना हुइहओ। पर तुमर पिताको आत्मा तुमसे बोलैगो।
\v 21 "भैया भैयाके मरनके ताँही पकणाए देहए, और दौवा लौड़ा-लौणियाके, और लौड़ा-लौणिया अइया- दौवाके बिरुध्दमे उठङ्गे और बिनके मारन लगाएहँए। "
\v 22 मिर नाउँके ताँही सबसे तुम घृणित हुइहओ पर जो अन्त तक स्थिर रयहए, बाको उध्दार हुइहए।
\v 23 जब बे तुमके एक शहेरमे सताए हँए तव दुसरेमे भजिओ। काहेकी नेहत्य मए तुमसे कहतहऔं, आदमीको पुत्र आनसे अग्गु तुम कोइ रीतिसे इस्राएलके सब शहेर घुम डरहओ।
\v 24 "चेला अपन गुरुसे और कमैया अपन मालिकसे बड़ाो न होत् हए। "
\v 25 चेला अपन गुरु और अपन मालिक जैसो होनो बक ताँही काफी हए।यदि बे घरके मालिक से भुत कहीं तव बे बाके घारानेको और कित्तो जद्धा बदनामी करङ्गे।
\v 26 "जहेमारे बिनसे मत डराबओ। काहेकी तोपके प्रघट न होनबारो और लुकाएके पत्ता होनबारो कोइ ना हए। "
\v 27 जो मए अन्धकारमे कहत् हओ, बा तुम उजियारेमे कहेदेओ और जो तुम कानसे सुनत हओ, बा घरकी चुरीसे प्रचार करओ।
\v 28 बिनसे मतडरबओ जो शरीरके मारत हँए, पर आत्माके न मारपात हँए। पर, आत्मा और शरीर दोनाएके नरकमे नाश करन् बारेसे डराबओ।
\v 29 का एक पैसामे दुई गरगौटा न बिकत हँए ? बे मैसे एक फिर तुमर पिताके इच्छाबिना भिमे न गिर हँए।
\v 30 तुमर मुणके बार फिर सब गिन्ती भए हँए।
\v 31 जहेमारे तुम मत डराबओ, तुम बहुत गरगौटासे मुल्यवान हऔ।
\v 32 "जहेमारे जौन आदमीके अग्गु मोके स्वीकार कर हए, मए फिर बाके स्वर्गमे होनबारो मिर पिताके अग्गु स्वीकार कर हऔं। "
\v 33 पर जौन मोके आदमीके अग्गु इन्कार कर हए, मए फिर बाके स्वर्गमे होनबारो मिर पिताके सामने इन्कार कर हऔं।
\v 34 "मए पृथ्बीमे शान्ति लान आओ हओ करके मतसमझौ। शान्ति लान न आओ हऔ, बल्कुन तरवार चलान मए आओ हऔं।"
\v 35 काहेकी मए आदमीके बक दौवाके बिरुध्द,और लौणियानके बिनकी अइयाके बिरुध्द और बहुके बिनकी सासके बिरुध्द करन आओ हऔं।
\v 36 आदमीनको दुस्मन बाको परिवार भितरको हुइ हए।
\v 37 "जौन मोसे जद्धा अपन दौवा और अइयाके प्रेम कर हए, बा मेरो योग्यको ना हुइ हए। जौन मोसे जद्धा अपन लौड़ा और लौड़ीयाके प्रेम करे हए, बा मिर योग्यको ना हुइ हए। "
\v 38 जौन अपन क्रुस उठाएके मिर पिछु ना लग हए, बा मिर योग्यको ना हुइहए।
\v 39 जौन अपन प्राण बचाए हए, बा बाके खोबैगो, और जोअपन प्राण मिर ताँही खोबैगो बा जीवन पाबैगो।
\v 40 "तुमके ग्रहण करन् बारो मोके ग्रहण करत् हए, और मोके ग्रहण करन् बारो मोके पठान बारेके ग्रहण करत् हए। "
\v 41 अगमवक्ताके अगमवक्ताए मानके ग्रहण करन् बारो अगमवक्ताको इनाम पएहए।धर्मी जनके धर्मी जन मानके ग्रहण करन् बारो धर्मी जनको इनाम पएहए।
\v 42 जौन जे छोटे मैसे एकके मिर चेला मानके एक गिलास पानी पिन देहए, नेहत्य मए तुमसे कहत् हऔं, बा अपन इनाम कबहु न खोबैगो।”
\c 11
अध्याय ११
\v 1 अपन बाह्र चेलनके आदेश दैके पिछु येशू हुवाँसे बिनके शहेरमे सिखान और सुसमाचार प्रचार करन गओ।
\v 2 यूहन्‍ना ख्रीष्टक कामको चर्चा जेलमे सुनी, और अपन चेलनके बाके ठिन जा बात पुछ्न पठाई,
\v 3 "आनबारे का, तुमही हओ, कि हम और कोइकी प्रतिक्षा करँए ?”
\v 4 येशू बिनसे कही, “तुम सुने और देखीबात यूहन्‍नासे कहेदेओ,
\v 5 अन्धा देखत हँए, और लँगणा नेगत हँए। कोढी रोगबारे शुध्द होतहँए। बहिरा सुनत हँए। मरे जिन्दा हुइके उठेहँए, और गरीवनके सुसमाचार प्रचार हुइरहो हए।
\v 6 धन्य हँए बे, जौनके मोसे बाधा न होतहए।
\v 7 और बे जाएके पिछु येशू यूहन्‍नाके बारेमे भिडसे काहन लागो, “तुम उजाड-स्थानमे का देखान निकरे रहओ ? का हलनबरो कटीलाके ?
\v 8 तव तुम काहे निकरे ? का नरम कुर्ता लगान बारे आदमीके देखन ? नरम कुर्ता लगान बारे ता राजाके भवनमे बैठत हए ।
\v 9 तुम काहे निकरे तव ? का अगमवक्ताके देखन ? हाँ, मए तुमसे कहत् हऔं, अगमवक्तासे फिर महान आदमीके।
\v 10 "बा बहे हय जौनके बारेमे धर्मशास्त्रमे लिखो हए, "देखओ, मए अपन दुत तुमरे अग्गुअग्गु पठामङ्गो, जौन तुमरे अग्गु तुमर ताँहीं डगर तयार करैगो । "
\v 11 "नेहत्य, मए तुमसे काहत् हऔं, बैइयरसे जन्मो मैसे बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍नासे महान और कोइ ना हए। तहुँ फिर स्वर्गके राजमे जो सबसे छोटो हए, बा इनसे महान हए। "
\v 12 बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍नाके समयसे हबए तक स्वर्गको राज जोडसे अग्गु बढरहो हए, और शाक्तिशाली आदमी जबर जस्तिसे जाके पाक्णत् हँए।
\v 13 काहेकी यूहन्‍नाके समय तक सबय अगमवक्ता व्यवस्थासे अगमवाणी करी रहंए।
\v 14 तुम ग्रहण करन् राजी हुइहओ तव, आन बारे एलिया जेही हए।
\v 15 जौनको सुनन कान हए, बा सुनए।
\v 16 "अब जा पुस्ताको तुलना मए कासे करौं ? जा ता बजारमे खेलन बारे छोटे-छोटे लौड़ा-लौणिया हानि हएँ, जौन अपन संगीनके बुलातहए और काहत हँए, "
\v 17 "हम तुमरे ताँही बँसुरी बजाए, तव तुम न नाचे। हम बिलाप करे, और तुम न रोए ।'
\v 18 काहेकि यूहन्‍ना खात और पित न आओ, और बे बाके भुत लागोहए कहिके काहत् हँए ।
\v 19 आदमीक पुत्र खात और पित अओ, और बे काहत् हँए, “देखओ, घिचुवा, दारोहा, कर उठानबारे, और पापीनको संगी !'पर बुध्दि त ठीक हए तव बाके कामसे प्रमाणित हुइहए।"
\v 20 तव येशू जौन-जौन शहेरमे बहुत शाक्तिशाली काम करी रहए, बा बिनके डाँटन लागो, काहेकी बे पश्‍चात्ताप न करीँ रहँए।
\v 21 "धिक्कार तोके, ए खोराजीन ! धिक्कार तोके, ए बेथसेदा ! काहेकी तुमरे मे करेभओ शाक्तिशाली काम टुरोस और सीदोनमे करेभओ होते बे पहिलीए से बोरा लगाएके और भुवा लगाएके पश्‍चात्ताप कर डारते । "
\v 22 पर मए तुमसे काहत् हऔं, न्यायके दिनमे तुमसे जद्धा ता टुरोस और सीदोनको हालत तुमसे बहुत सहरानो हुइ हए ।
\v 23 ए कफर्नहुम, का तए बादरसे उचो हुइ हए का ? तए पातालमे गिरैइगो । काहेकी तिरमे करेभए शाक्तिशाली काम सदोममे करेहोते तव बे आजके दिन तक रही रहएतो ।
\v 24 पर मए तुमसे काहत् हओ, न्यायके दिनमे तोसे ता सदोम मुलुकके ताँही सहाज हुइहए ।
\v 25 ब बेरा येशू कही, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्बीक प्रभु, मए तुमके धन्यबाद चढात् हओं, कहेकी तुम जा बात बुध्दीमान और समझदारसे गुप्तमे धरे, पर बालकके बे प्रगट करे ।
\v 26 हे, पिता, काहेकी तुमके जहे अच्छो लगो ।
\v 27 "मिर पिता सब चिज मोके सौप दइ हए । पिता बाहेक पुत्रके कोइ चिनत नाहए, और पुत्र बाहेक पिताके कोइ चिनत नाहए,पर बेही चिनत हँए जौनके पुत्र पितामे प्रकट करन् इच्छा करत् हए ।
\v 28 "हे सब थके भए और बोझसे दबे भए, मिर ठिन अबओ, मए तुमके बिश्राम देहऔं "
\v 29 मिर जुवा अपने उपर लेबओ, और मोसे सिखओ, कहेकी मए नम्र और कोमल ह्रदयको हऔं, और तुम अपन आत्मामे बिश्राम पाबैगे।
\v 30 कहेकी मिर जुवा सहज हए, और मिर बोझ हलुको हए।”
\c 12
अध्याय १२
\v 1 बा समय येशू शाबाथमे* अन्‍नके खेत हुइके जात रहए। बाके चेला भुखाने रहए और अन्‍नके बाली तोरके खान लागे।
\v 2 पर जब फरिसी जा देखके बासे कहीं, देखओ, तुमरे चेला शबाथमे जो करन् ठिक ना हए, बहे करत् हंए।”
\v 3 तव बा बिनसे कही, “दाउद, और उनके संग होनबारे भुखाने रहँए तव बे बहे करी रहँए, का तुम पढे ना हओ ?
\v 4 कैसे बे परमेश्‍वरके भवनमे घुसके चढाओ भओ रोटी खाई रहएँ, जौन बा और उनके सँग रहनबारेनके खान ना रहय, पर बा पुजारीनके ताँही इकल्लो ठिक रहए।
\v 5 और का तुम व्यवस्था ना पढे , कैसे शबाथमे पुजारी मन्दिरमे शबाथके अपवित्र बनात हँए, और फिर निर्दोष ठहिरत् हँए ?
\v 6 पर मए तुमसे काहत् हऔं, मन्दिरसे महान एक जनी हिँया हए।
\v 7 पर मए बलिदान ना, दया चाहत् हौ' जाको अर्थ का हए सो तुम जन्ते तव तुम निर्दोषके दोष ना लगैते।
\v 8 काहेकी आदमीको पुत्र शबाथको प्रभु हए।”
\v 9 हुँवासे निकरके बा बिनको सभाघरमे गओ।
\v 10 देखऔ हुँवा पर एक हात सुखो भओ आदमी रहए। बे येशूके दोष लगान ताँही बासे पुछीं, “का शबाथमे कोइके अच्छो करनके ठीक हए ?”
\v 11 येशू उनसे कही, “तुम मैसे कोइको एक भेडा हए, और शबाथमे बा गड्डामे घुसगओ तव, का तुम बाके पकणके बाहिर न निकारैगे ?
\v 12 भेडासे आदमी कित्तो मुल्यवान हए ? जहेमारे शबाथमे भलो करन् ठीक हए।”
\v 13 तव येशू बा आदमीसे कही, “तए अपनो हात पसार” बा हात पसारी, और बा हात दुसरो हातहानी अच्छो हुइगओ।
\v 14 पर फरिसी बाहिर जाएके बाके कैसे नाश करंए करके बाके बिरुध्दमे सल्लाह करन् लागे।
\v 15 तव बा जा बात पता पाएके येशू हुँवासे गइभओ, और बहुत जनी बाके पिछु लागे, और बा उनके सबनके अच्छो करी,
\v 16 और बा कौन हए सो कोइके न बतानके चेताउनी बिनके दइ।
\v 17 यशैया अगमवक्तासे कहो बचन पुरा होनके ताँही जा भओ रहए।
\v 18 "मिर दास जौनके मए चुनो हओ, मिर प्रिय जौनसंग मए खुशी हओ, मए मेरो आत्मा बिनमे धरदेहओ, और बे जाति जातिनके न्यायको घोषणा करङ्गे। "
\v 19 " बे न त झगडा करेहँए, न त बहुत जोडसे चिल्लाय हँए, न त कोइ उनको सोर गल्लीमे सुनेहए।
\v 20 बे कोई फुटो बेत न तोरङ्गे, न्यायके बिजयमे नपुगान तक बा कोई फिर झिमझिम होत दियाके बे न बुतामङ्गे,
\v 21 और बहेक नाउँमे जाति-जातिके विश्‍वास करङ्गे।"
\v 22 तव बाके ठिन भुत लागो एक आँधरा और गुँगा आदमीके लाईं। येशू बाके अच्छो करी, हीयँ तक, गुँगो आदमी बोलन और देखन लागो।
\v 23 और सब भिड देखके अचम्मो मानके कही, “का जा आदमी दाउदको पुत्र हुइ सकत हए ?”
\v 24 तव जा सुनके फरिसी कही, “जा आदमी भुतको मालिक बालजिबुलसे भुत भजात हए।”
\v 25 तव बा बिनको बिचार पता पाएके बिनसे कही, “आपसमे फुट भव हरेक राज्य उजाड हुइ जए हए, और अपनय मे बटो भऔ हरेक शहेर औ परिवार न टिक पएहए।
\v 26 अगर शैतान शैतानके निकारत हए तव, बा अपनाए विभाजन हुइ जाएहए, तवअइसे बक राज्य कैसे टिकैगो ?
\v 27 अगर मए भुतके मालिकसे भुत भजात् हौओं कहेसे तुमरे लौड़ा कासे बे निकारत हँए त ? जहेमारे बे तुमर न्यायकर्ता हुइ हँए।
\v 28 अगर मए परमेश्‍वारको आत्मासे भुत भजात् हओं तव परमेश्‍वरको राज तुममे आइगओ हए।
\v 29 "पहिले बलि आदमीके न बाँधके बक घर भितरको धन सम्पति कैसे लैजाए पए हए ? बा बलि आदमीके बाँधके बक घर लुट पए हँए। "
\v 30 "जौन मिर संग ना हए, बा मिर बिरुध्दमे हए, और जौन मिरसंग बटोरत ना हए, बा बिग्दा बैगो। "
\v 31 बहेमारे मए तुमसे काहात् हओ आदमीनके करो पाप और ईश्‍वरको-निन्दा क्षमा हुइ हए, पर पवित्र आत्माके बिरुध्दमे करो निन्दा क्षमा ना हुइ हए।
\v 32 और कोइ परमेश्‍वरको पुत्रके बिरुध्दमे कुछ कही तव बा क्षमा हुइहए, पर कोइ पवित्र आत्माके बिरुध्दमे बोलैगो तव बाके ना, जा युगमे और ना आनबारो युगमे फिर क्षमा हुइहए।
\v 33 "कि रुखाके अच्छो बनाबओ, और बाको फरा अच्छो हुइहए। कि रुखाके खराब बनाबओ और बाको फरा फिर खराब हुइहए। काहेकी फरासे रुखा चिनत हँए। "
\v 34 ए साँपके बच्चाओ ! तुम अपनए दुष्ट हओ, अच्छी बात कैसे बोल पैहओ ? काहेकी ह्रदयमे जो भरी बात बहे मुँहुसे निकरत हए।
\v 35 अच्छो आदमी अपन भितर भरी अच्छो चिजसे अच्छो चिज निकारत् हए, दुष्ट आदमी अपन ह्रदयमे रहो भओ दुष्ट बातसे दुष्टए बात बाहिर निकारत् हए।
\v 36 औ मए तुमसे कहत् हओं, सबए व्यर्थकी बात जो आदमी बोलतहए, न्यायके दिनमे बिनको बाको लेखा देन पणैगो।'
\v 37 काहेकी तुमर वचनसे तुमर न्याय हुइ हए,औ तुमरी बचनसे तुम दोषी ठही रैगे।”
\v 38 तव शास्त्री और फरिसी मैसे कोइ-कोइ बासे कहीँ, “गुरुजी, हम तुमसे एक चिन्ह देखन चाहत हँए |”
\v 39 बा बिनके जबाफ दइ, “दुष्ट और व्यभिचारी पुस्ता चिन्ह ढुणत् हँए। पर जा पुस्ताके योना अगमवक्ताक् चिन्ह बाहेक और कोइ चिन्ह ना दओ जएहए।
\v 40 काहेकी जैसी योना बहुत बड़ी मछ्रीके पेट भितर तीन दिन और तीन रात रहो, उइसी आदमीको पुत्र फिर पृथ्बीके गर्भमे तीन दिन और तीन रात रएहए।
\v 41 निनबेके आदमी न्यायके दिनमे जा पुस्ता संग ठाणहँए।, और जाके दोषी ठए रैहँए, काहेकी बे योनाके प्रचार सुनके बे पश्‍चात्ताप करीरहँए, पर देखओ, योनासे महान कोइ हियाँ हए।
\v 42 दक्खिनकी महारानी न्यायके दिनमे जा पुस्ताके संग ठाड़ैगी, काहेकी बे पृथ्वीके छोरसे सोलोमनकी बुध्दीक् बात सुनन् आई पर देखौ, सोलोमनसे महान कोई हिंयाँ हए।
\v 43 जब कोइ दुष्ट आत्मा आदमीसे निकरके जात् हए, बा विश्राम ढुणत् सुखो ठाउँ घेन घुमत् हए, पर कहु ना पात हए।
\v 44 तव बा काहत हए, 'जहाँसे मए निकरके अओ हओं, हुवाँए अपन घरमे मए घुमके जएहओ।' घुमके आतपेति बा घर खालि, सफा करो, और सजो पात् हए।
\v 45 तव बा जात् हए और अपनसे जद्धा दुष्ट और सात भुतात्मा ल्यात हए, और भितर घुसके बे हुवाँ बैठत हँए, और बा आदमीको पिछुको दशा अग्गुसे और खराब होत हए। जा दुष्ट पुस्ताके फिर अईसीए हुइ हए।”
\v 46 जब येशू भिडसंग बोलत रहए बहेबेरा बक् अइया और भैया बाहिर ठाड़े रहँए, और बासे बात करन् चाहत रहँए।
\v 47 "तव एक जनि येशूसे कही, "देखओ, तुमरी अइया और तुमर भैया बाहिर ठाड़े हँए, तुमसे बात करन् चाहत हँए।”
\v 48 " पर बासे बोलन बारेसे येशू कही, “मिर अइया कौन हए ? मिर भैया कौन हँए ?”
\v 49 और बा अपन हातसे चेलनके दिखत कही, “देखओ मिर अइया और मिर भैया जेही हँए |
\v 50 काहेकी जौन स्वर्गमे होनबारो मिर पिताको इच्छा पालन करत् हए, बेही मिर भैया, और मिर बहिनियाँ, और मिर अइया हँए।”
\c 13
अध्याय १३
\v 1 बहे दिन येशू घरसे निकरके समुन्द्रके किनारे बैठो।
\v 2 और बहुत भारी भिड बाके ठिन इक्कठा भओ, कि बा नैयाँमे बैठो, और सब आदमी ढाओ किनारे ठाड़े रहँए।
\v 3 तव येशू काहनीयमे बिनसे बहुत बात कही | बा अइसे कही, “ देखाओ एक जनी बिज बोन बारो बिज बोन निकरो।
\v 4 और बोत पेति कोइ बिज डगर घेन पणे, और चिरैचुरंगनी आएके बे खाए डरीँ।
\v 5 कोइ बिज पत्थर बारी जमिनमे पणे, जहाँ बहुत मट्टी ना रहए, और गहीरो मट्टी ना हुइके बे जल्दी जमे।
\v 6 तव घामु लागो बे ओई लयाए गए, और जर न हुईके बे सूख गए।
\v 7 और त काँटोके बीचमे पणे, तव काँटो बढे और बिनके दबए दईं।
\v 8 और बिज अच्छी जमिनमे पणे, और कोइ सौ गुण, साठ गुण, कोइ तीस गुण फरा दईं।
\v 9 जौनक कान हए, बा सुनए।”
\v 10 और चेला आएके बासे कहीँ, “तुम बिनसे काहे कहानीमे बोलत् हओ ?”
\v 11 येशू बिनसे जबाफ दैके कही, तुमके ता स्वर्ग-राजको रहस्यको ज्ञान दओ गओ हए, पर बिनके ना दै हए।
\v 12 काहेकी जौन के संग हए, बिनके और दओ जए हए, और बाकेसंग बहुत हुइ हए। पर जौनसंग ना हए, बाके संग भओ फिर बासे छिनो जए हए।
\v 13 जहे मारे मए बिनसे कहानीमे बोलत् हओ काहेकी बे देखन त् देखत् हँए, पर देख ना पात हँए, सुनन् ता सुन्त हँए, तव सुनके समझ ना पात हँए।
\v 14 बिनके ताँही यशैया अगमवक्ताको अगमवाणी बिनमे पुरा हुइ हए: 'सुनन् त बे सुन्त हए, पर कबहू ना सम्झत हए, देखन त देखत हँए, पर कबहू ना देख पात हँए।
\v 15 काहेकी जे आदमीके ह्रदय कमजोर हुइगए हँए, और बिनके कान बहिरा हुइगए हँए,और बे अपनी आँखी बन्द करेहँए, नत बे दिखते, और कानसे सुनते, ह्रदयसे समझते, और घुमते, और बे अच्छे हुइते।”
\v 16 पर तुमरी आँखी धन्य हँए, काहेकी बे देखतहँए। तुमरे कान धन्य हँए, कहेकी बे सुन्त हँए।
\v 17 नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओ, तुमर देखिबात बहुत अगमवक्ता और धर्मी जन देखन बहुत इच्छा करत् रहँए, पर देखन ना पाईं, और बे सुनि बात सुनन् बहुत इच्छा करत् रहँए, पर सुन ना पईं।
\v 18 "बिज बोनकी कहानी सुनओ। "
\v 19 जब कोइ राज्यको बचन सुन्त हए, और सो समझत ना हए, तव दुष्ट आत हए और बक ह्रदयमे जो बुओ रहए सो छिनके लैजात हए। डगर घेन बुए बीज त बेहि हएँ।
\v 20 पत्थरबारी जमिनमे बुए ता बेहि हँए, जौन बचन सुनके तुरन्त खुशीसे जल्दी बा स्वीकार करलेत हँए।
\v 21 पर बाको अपन जर ना हुइके बा थोरी देर तक टिकत् हए, और बचनके करण कष्ट और सतावट हुइके तुरन्त बा पिछु हट्जतहए।
\v 22 काँटोमे बुए भए ता बेहि हँए, जौन बचन सुनत् हए, पर जा संसारको चिन्ता और धन-सम्पतिको कपट वचनके दाबय देतहए, और बा फरा ना देत हए।
\v 23 पर अच्छी जमिनमे बुए ता बेहि हँए, जौन वचन सुनत् हँए, और समझत हँए, और सित‍्माओके फरा फरात् हँए। बे बुए भए बीजसे सौ गुणा, साठ गुणा, और तीस गुणा, फरा फरात् हँए।”
\v 24 येशू फिर बिनके दुसरी I कहानी सुनाई: “स्वर्गक राज एक आदमी जैसो हए, जौन अपन खेतमे अच्छो बीज बोइ।
\v 25 तव बा आदमी सोत बेरा बाको शत्रु आओ, और गेहुँके बीच-बीचमे उवाजौव बोएके गैभओ।
\v 26 जब पेण निकरो तव बामे दाना लागे, तव उवाजौव फिर दिखानो।
\v 27 बा जगहाकी मालिकसे कमैया आएके बासे कहीँ, 'मालिक, का तुम अपन खेतमे अच्छी बीज ना बोए रहओ का ? हुवाँ उवाजौव कहाँसे अईगओ ?' "
\v 28 "घरको मालिक बिनसे कही, 'कोइ दुश्मन अइसो करी हुइहए।” कमैया बासे कहीँ, 'का हम जाएके छाँटएँ ?
\v 29 " तव बा जमिनको मालिक कही, 'अइसे मत करओ, नत तुम उवाजौव नोचत पेति गेहुँसमेत नोचैगे। "
\v 30 फसलके समयतक दोनएके संगएसंग बढन देबओ। फसलके समयमे मए काटन बारेनसे कए हओ, 'पहिले उवाजौव नोचओ, जलानके ताँही पुरा बाँधओ, और गेहुँ ता मिर बक्खारीमे धरओ।”
\v 31 जाके पिच्छु येशू बिनसे दुसरी कहानी कही, “स्वर्गको राज भादीक् दाना जैसो हए, जो एक आदमी लैजाएके अपन बारीमे लगाई।
\v 32 बा सब बीजमे सबसे छोटो रहए, पर जब बढत् हए, तव बा सब सागसे बणो होतहए । बा एक रुखा हुइ जातहए। आकाशके चिरैचुरगूनी आएके बाके हाँगामे ठाट बनात् हँए।”
\v 33 येशू बिनके दुसरी कहानी कही, “स्वर्गको राज सोडा जैसो हए, जो एक बैइयर पच्चीस किलोग्राम चुनमे मिलाइ, और बा जम्मा सोडासे फुलके ठीक ना होन तक बाके एक ठाउँमे धरेरही।”
\v 34 येशू जा सब बात आदमीनके कहानीमे कही। बिना कहानीसे बिनके कुछ फिर ना कही।
\v 35 अगमवक्तासे आइसे कहो भओ बचन पुरा भओ: “मए अपनो मुहूँ कहानीमे खुलेत हओं, संसारके उत्पतिसे लुकीधरी बात मए बतए हओं।”
\v 36 जब येशू भीडके छोडके घरमे गओ, और बाके चेला बाके ठिन आएके कहीँ, “खेतके उवाजौवके बारेमे हमके कहानीमे बतए देबओ।”
\v 37 येशू बिनसे कही, “ जो बारीमे अच्छी बीज बोन बारो आदमीको पुत्र हए।
\v 38 बारी ता संसार हए; औ अच्छो बीज राज्यको सन्तान हए। और उवाजौव ता दुष्टके सनतान हए।
\v 39 उवाजौव लगान बारो शत्रु त दियाबलस हए। फसलको समय ता युगको अन्त हए। खितहारा स्वर्गदुत हँए।
\v 40 "जैसी उवाजौव नोचके आगीमे भस्म करत् हए, युगके अन्तमे फिर उइसी हुइहए, "
\v 41 आदमीको पुत्र अपन दुत पठाबैगो, और पाप करन् लगान बारेन्के हरेक चिज और दुष्ट काम करन् बारेक सबएके बे बाको राजसे बटोरङ्गे,
\v 42 और बे आगीकी भट्टीमे फेंक देहए। हुवाँ आदमी रोमङ्गे और दाँत किट किटामङ्गे।
\v 43 तव धर्मी जन अपन पिताके राजमे दिनकत्ता चहाकिले हुइहएँ। जौनक कान हए, बा सुनए।
\v 44 "स्वर्गको राज कोइ जमिनमे लुकाओ भओ धन जैसो हए। जो एक आदमी पाएके लुकाए रहात हए, और आनन्दित हुइके बा जात् हए और अपने ठिन भओ सबए बेचत हए और बा खेत किनत् हए।"
\v 45 "फिर स्वर्गको राज अच्छो मोती ढुणन बारो एक जनी व्यापारी जैसो हए।"
\v 46 बा एक बहुमुल्य मोती पाएके अपन संग भओ सबए बेचके बा मोतो मोल लई।
\v 47 "स्वर्गको राज समुन्द्रमे एक जारहा जैसो फिर हए, जोमे हरेक किसिमके मछ्री पणत् हँए। "
\v 48 और जार भरजात हए तव माछरर्‍या बाके किनारे तानके निकारत् हए, और बैठके अच्छेनके लौकामे जम्मा करत् हए और खराबनके बाहिर फेंक देतहँए।
\v 49 फिर युगके अन्तमे अइसीया हुइहए, स्वर्गदुत आएके दुष्टनके धर्मीनके बीचसे अलग कर हँए
\v 50 और उनके आगीकी भट्टीमे फेक देहँए। हुवाँ आदमी रुईहँए और दाँत किट किटाएहँए।”
\v 51 , “का तुम जे सब बातके समझत् हओ ?” चेला बाके जवाफ दैके कहीँ, “समझत हँए।”
\v 52 और बा बिनसे कही, “जहेमारे स्वर्गको राज्यको शिक्षा पाओ भओ हरेक शास्त्री एक घरको मालिक जैसो हए, जौन अपन बक्खारीसे नयाँ और पुरानो मुल्यवान सामान बाहिर निकारत् हए”
\v 53 जा कहानी बताएके पिच्छु येशू हुवाँसे गैभओ।
\v 54 तव येशू अपन नगरमे अएगओ बा उनके सभाघरमे बिनके अइसो शिक्षा दइ, कि छक्क पणके बे कहीं, “इनके जा बुध्दी और अचम्मो काम करन् शाक्ति कहाँ से पाई हँए ?
\v 55 का बा मिस्तरिक लौड़ा का ना हए ? का इनकी अइयाको नाउँ मरियम, और जक् भैया याकुब, योसेफ, सिमोन और यहूदा का ना हँए ?
\v 56 जक बहिनीया सब हमर संग संगए ना हँए का ? तव बा जे सब बात कहाँसे पात हए ?”
\v 57 और बे बासे चिणक पणे, “ पर येशू बिनसे कही अगमवक्ता को आदर ना होनबारो ठाऊँ कहीके अपनी परिवार और अपनी देशमे ईकल्लो हए । ”
\v 58 और बिनको अविश्‍वासके कारन बा हुवाँ शाक्तिके बहुत काम ना करी।
\c 14
अध्याय १४
\v 1 बा बेरा गालील प्रदेशको शासक् हेरोद येशूको चर्चा सुनी।
\v 2 बा अपन कर्मचारिनसे कही, “बा बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍ना हए। बा मरके जिन्दा भओ हए। जहेमारे शाक्तिमे जा काम उनसे हुइरहो हए।”
\v 3 काहेकी हेरोद अपन भैया, फिलिपकी बैइयर हेरोदियासके बजैसे यूहन्‍नाके पकडके बाँधके झेलमे डारदै रहए।
\v 4 यूहन्‍नस हेरोदसे अइसे करके कही रहए, “तुमए बाकी बैइयरके रुपमे धरन ठिक ना हए।”
\v 5 जहेमारे हेरोद उनके मारनके इच्छा करी रहए, पर जनतासे बा डरात् रहए, काहेकी बे उनके अगमवक्ता बतात् रहएँ।
\v 6 तव जब हेरोदको जन्म दिन आओ, तव हेरोदियासकी लौड़ीया बिनके बीचमे नाचके हेरोदके खुशी करी रहए।
\v 7 जहेमारे बिनसे कही तए जो मागैगो बहे देन कसम खाएके कारार करी रहए।
\v 8 "पर बाकी अइया सिखाई रहए, ऊइसी कही, "बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍नाको मुण मोके जहे थारियामे देओ।"
\v 9 तव राजा चिन्तीत भओ ताहुँ फिर अपन कसम और पहुँननके बजैसे बा हुकुम दई,।
\v 10 और बा कारागारमे यूहन्‍नाको मुण कटान लगाई।
\v 11 और उनको मुण थरियामे ल्याएके बा लौड़ीयाके दै। तव बा अपन अइयाके ठिन लाई।
\v 12 तव पिछु यूहन्‍नाके चेला आएके उनको मरी शरीर लैजाएके गाणीँ। और बे जाएके येशूके खबर दईं।
\v 13 जब येशू जा बात सुनी बा नैयाँमे चढ्के हुवाँसे अलग एकान्त ठाउँमे गओ। जा सुनके पिछु भीड शहेरसे पैदर बाके पिछु गए।
\v 14 किनारे पुगे तव भारी भीड देखके बा बिनके दया करी, और बा बिमारीनके अच्छो करी।
\v 15 सन्झा हुइगओ तव चेला अइसे काहत बाके ठिन आए, “जा निर्जल ठाउँ हए, और दिन ढरक गओ। भीडके बिदा देबओ, और जे गाउँ-गाउँमे जाएके अपन ताँही खानबारी चिज मोल लेमए।”
\v 16 तव येशू बिनसे कही, “बिनके जानके जरुरी ना हए। तुम बिनके खानके देबओ।”
\v 17 बे बासे कहीँ, “हियाँ हमर सँग पाँच रोटी और दुई मछ्री इकल्लो हए।”
\v 18 तव येशू बिनसे कही, “बे मिर ठिन लाबओ।”
\v 19 येशू भीडके चौरमे बैठनके आज्ञा दै, और बे पाँच रोटी और दुई मछ्री लैके स्वर्ग घेन देखके परमेश्‍वरके धन्यवाद दै, और रोटी तोरके चेलनके दै, और चेला आदमीनके दईं।
\v 20 बे सब खाएके अघाए गए, और उब्रे खुद्रा बे बाह्र डालैया भरके उठाईं।
\v 21 बैइयर और लौड़ा लौड़ीया बाहेक लागभाग: पाँच हजार लोग रहँए।
\v 22 बा भीडके बिदा देतपेति चेला नैयाँमे चढके बासे पहिले बा पार जान लागे।
\v 23 भीडके बिदा करके पिछु बा इकल्लो प्रार्थना करन् डाँगामे चढो। सन्झा हुइ गओ बा इक्ल्लो हुवाँ रहए।
\v 24 तव नैयाँ हुवाँसे बा समय किनारेसे समुन्द्रसे बहुत दूर पुग्गै रहए। और हबा उल्टा चलत रहए बहेमारे नैयाँ लणुराके चपेटमे पण गइ रहए।
\v 25 सुबेरे तीन बजेघेन बा समुन्द्रके उपर नेगत बिनके ठिन आओ।
\v 26 जब चेला बाके समुन्द्रके उपर नेगत् देखिँ, तव डराएके बे कहीँ, “जा त भुत हए !” और बे जोणसे चिल्लाने।
\v 27 तव येशू झट्से बिनसे अइसे कही, “साहस करओ, मए हौं, मतडराबओ।”
\v 28 पत्रुस बा के जवाफ दै औ कही '" प्रभु तुमही हओ ,कहेसे मोके पानीमे आनके आज्ञा देबाओ ”
\v 29 "येशू कही, “आएजा" पत्रुस नैयाँसे उत्रो येशूके ठिन जानके ताँही पानी उपर नेगन लागो। "
\v 30 तव आँधी जोणसे चली देखके बा डराए गओ, और जब डुबन लागो तव बा चिल्लाएके कही, “हे प्रभु, मोके बचाएले।”
\v 31 तव येशू झट हात लम्का‌एके बाके पकणलई, और उनसे कही, “ए अल्पबिश्‍वासी काहे सङ्खा करो ?”
\v 32 जब येशू औ पत्रुस नैयाँमे गए तव आँधी थमगई।
\v 33 नैयाँमे होनबारे बाके दण्डवत् करीं, और कहीँ, “नेहत्य तुम परमेश्‍वरके पुत्र हओ ।”
\v 34 बा पार पुगके पिछु बा गनेसरेतको इलाकामे आएपुगो।
\v 35 जब बा ठाउँके आदमी बाके चिनी तव बिनके इलाकामे खबर पठाईं, और आदमी रोगीनके सब बाके ठिन ल्याईं।
\v 36 बे बाको कुर्ताको कुन्छ इकल्लो छुन पमाएँ करके बासे बिन्ती करीँ, और जित्तो छुईं बे अच्छे भए।
\c 15
अध्याय १५
\v 1 यरुशलेमसे आए भए फरिसी और शास्त्री येशू ठिन आए, और कहीँ,
\v 2 "तुमरे चेला पुर्खानको परम्परा काहे भङ्ग करत हँए ? काहेकी बे खानसे अग्गु अपन हात ना धोत हँए।” "
\v 3 बा बिनसे कही, “तुम फिर काहे पराम्पराके ताँही परमेश्‍वरको आज्ञा भङ्ग करत् हओ ?
\v 4 काहेकी परमेश्‍वर कही हए, 'अपन दौवा और अइयाके आदर करओ, और दौवा और अइयाके बिरुध्दमे दुष्ट बात बोलैगो, बा पक्कए मरएगे |
\v 5 तव तुम काहत् हओ, जौन अपन दौवा और अइयाके जो जितनो सहयोग , 'तुम मोसे पाए रहओ , बा त परमेश्‍वरके ताँही उपहार हए कहिके काहात हओ कहेसे ' बा आदमी अपन दौवाकी आदर ना करन पणैगो।
\v 6 अइसी तुम अपन परम्पराके ताँही परमेश्‍वरको बचनके बिना कामको बनाए हओ ।
\v 7 ढोंगीओ, यशैया तुमरे बारेमे ठीक अगमवाणी बोलिहए,
\v 8 जा जाति मोके ओठसे इक्ल्लो आदर करत् हए, पर बिनको ह्रदय मोसे दुर हए,
\v 9 बे व्यर्थमे मिर आराधना करत् हँए, काहेकि बे अपन सिद्धान्तनकेआदमीनको आज्ञा करी जैसो सिखात हँएं ।”
\v 10 बा आदमीनके अपने ठिन बुलाई और बिनसे कही, “सुनओ और समझओ।
\v 11 जो मुहुँसे भितर कुचत् हए, बा आदमीके अशुध्द ना करत् हए। पर जो मुहुँसे बाहिर निकरत् हए, बा आदमीके अशुध्द करत् हए।”
\v 12 ” तव पिछु आएके चेला बासे कहीँ, “का तुमके पता हए, फरिसी तुमरी बात सुनके दिक्काने हँए ?”
\v 13 तव बा कही, “स्वर्गमे होनबारो मिर पिता ना लगओ हरेक पेण नोचो जैहए।
\v 14 बिनके छोडदेओ, बे अन्धा अगुवा हँए। अन्धा अन्धाके डुर्‍याबैगो तव, बे दोनए गड्डामे गीर हँए।”
\v 15 पत्रुस जवाफ दैके औ येशूसे कहि, “हमके जा कहानीको अर्थ बताए देबओ।”
\v 16 बा कही, “का तुम फिर हबए अबुझ हओ ?
\v 17 का तुमके पता ना हए, जो मुहुँसे भितर घुसत हए बा पेटमे चलोजात हए, और बाहिर निकर जातहए ?
\v 18 पर जो बात मुहुसे बाहिर अतहए, बे ह्रदयसे निकरत् हए, और बेहि आदमीनके अशुध्द करत् हएँ।
\v 19 काहेकी ह्रदयसे खराब विचार, हत्या, परस्त्रीगमन, व्यभिचार, चोरी, झुटो गवाही, और निन्दा बाहिर निकरत् हए।
\v 20 जे बात त आदमीनके अशुध्द करत् हए। पर हात ना धोएके खानेसे बाके अशुध्द ना करत् हए।”
\v 21 तव येशू हुवाँसे निकर गओ, और टुरोस और सीदोनके इलाका घेन गओ।
\v 22 बा इलाकासे एक बैइयर आएके चिल्लात कहान लागी, 'हे प्रभु, दाउदको पुत्र, मिर उपर दया कर। मिर लौड़ीयाके बहुत भुत सताए हए।”
\v 23 येशू बाके कुछु जबाफ नादै। बाके चेला आएके बासे बिन्ती करीँ, “जाके बिदा करदे, काहेकी बा चिल्लात हमर पिछु लागिहए।”
\v 24 बा कही, “मए इस्राएल जातिके हराने भेडाके ताँही इकल्लो पठाओ भओ हओं।”
\v 25 तव बा बैइयर आएके बाके अग्गु घुप्टा पणके और कही, “हे प्रभु, मोके सहायता करओ।”
\v 26 बा कही, “बच्चाकी रोटी लैके कुत्ताके अग्गु फेकदेनो ठीक ना हए।”
\v 27 बा बैइयर कही, “हे प्रभु, तव कुत्ता फिर ता अपन मालिकके टेबुलसे झरो डुठो खात हँए।”
\v 28 तव येशू बासे कही, “ए नारी, तेरो बिश्‍वास बणो हए। तिर इच्छा करो जैसो तिर ताँही होबए।” और बाकी लौड़ीया बहे बेरा अच्छी हुइ गई।
\v 29 येशू हुवाँसे निकरके गालील समुन्द्रके किनारे हुइके गओ,
\v 30 तव बहुत भारी भीड बाके ठिन आईं, और बिनके संगमे लंगड़ा, लुला, अन्धरा, गुँगा और बहुतनके बाके चरणमे लाईं, और बा बिनके सबके अच्छो करी,
\v 31 हियाँ तक्की, गुँगा बोलिँ, लुला अच्छे भए, लंगड़ा नेगीँ, और आँधरनकीआँखी खुली देखके आदमी अचम्मो मानी, और बे इस्राएलको परमेश्‍वरको महिमा करीँ।
\v 32 तव येशू अपन चेलनके अपने घेन बुलाएके कही, “मए जा भीडके देखके डाहा लागत हए, काहेकी जे मिरसँग राहत आज तीन दिन हुइगओ, और यिनके संग खानबारो चिज कुछु ना हए। जिनके भुखो पठान मए ना चाहत् हओं। नत जे डगरमे अएपन् हुइ जएहँए।”
\v 33 चेला बासे कहीँ, “यित्तो भारी भीडके जा निर्जल ठाउँमे खानु खबान हम कहाँसे यित्तो रोटी पए हँए ?
\v 34 येशू बिनसे कही, “तुमरे ठिन कए रोटी हँए ?” बे कहीँ, “सात रोटी और कुछ छोटी-छोटी मछ्री हँए |”
\v 35 बा भीडके भिमे बैठनके आज्ञा दई।
\v 36 बा बे सात रोटी और मछ्री लैके धन्यवाद चढाएके तोरी और चेलनके दई। और चेला आदमीनके दईं।
\v 37 बे सब खाईं और अघाए गए। और उबरे खुद्रा बे सात डलैया उठाईं।
\v 38 बैइयर और लौड़ा लौड़ीया बाहेक खानबारे चार हजार लोग रहँए।
\v 39 तव भीडके बिदा करके पिछु बा नैयाँमे चढो, और मगादानको इलाका घेन गओ।
\c 16
अध्याय १६
\v 1 फरिसी और सदुकी आए, और बाको जाँच करन् स्वर्गके एक चिन्ह दिखाए दे करके बासे माग धरीँ ।
\v 2 तव बा बिनके जबाफ दई, “सन्झा होत तुम काहत् हओ, 'कल दिन अच्छो होनबारो हए, काहेकी बादर लाल हए।”
\v 3 और सुबेरे काहत् हओ, 'बादर लाल और तोपे हए, आज आँधी आनबारी हए।” तुम बादरको अवस्था देखके दिन कैसो हुइ हए अर्थ लगान जानत् हओ, तव समयको चिन्हको अर्थ खोलन ना जानत् हओ,।
\v 4 दुष्ट और व्यभिचारी पुस्ता चिनह मागत् हँए, पर योनाको चिन्ह बाहेक और चिन्ह बिनके ना दओ जाबएगो” और बिनके छोडके बा दुर चलो गओ ।
\v 5 चेला बा पार जाएके बे अपने संग रोटी लान भुलगए ।
\v 6 येशू बिनसे कही, “ध्यान देबओ, “फरिसी और सदुकीको खमीर से होसियार रहिओ ।”
\v 7 चेला एक दुसरेसे बात करतए अइसो काहान लागे, “हम रोटी ना लानके बजैसे बा अइसो काहत हए ।”
\v 8 येशू जा बात पता पाएके कही, “ए अविश्‍वासीओ ! तुमरे संग रोटी ना हए काहेके आपसमे बहस काहे करत् हऔ ?
\v 9 का तुम ह्बाए ना समझे हओ ? पाँच हजारके ताँही पाँच रोटीकी बात तुमके ह्बाए याद ना हए ? तुम कितनो डलैया बटोरे रहऔ ?
\v 10 और चार हजारके ताँही सात रोटी रहए तव कित्तो डलैया तुम बटोरे रहऔ ?
\v 11 मए तुमके रोटीके बारेमे ना कहो हंओ, करके तुम काहे ना सम्झत हऔ ?” ध्यान देबओ फरिसी और सदुकीनके खमिरसे होसियार रहिओ ।”
\v 12 तव बे सम्झीं, कि बे रोटीको खमिरसे ना पर फरिसी और सदुकीको शिक्षासे होसियार रहान् कही हए ।
\v 13 येशू कैसरिया फिलिप्पीके मुलुकमे अओ, बा अपन चेलनसे पुछी, “आदमी आदमीक पुत्रसे कौन हए करके काहत् हँए ?”
\v 14 बे जबाफ दईं, “कोइ बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍ना, कोइ एलिया, और कोइ यर्मिया और कोइ अगमवक्ता मैसे कोइ एक हए कहिके काहत हँए ।”
\v 15 बा बिनसे पुछी, “तुम मोसे का कहत् हओ मए कौन हऔं ?”
\v 16 सिमोन पत्रुस जबाफ दई, तुम ख्रीष्ट हऔ, जीवित परमेश्‍वरके पुत्र ।”
\v 17 येशू बिनसे कही, “योनाको लौड़ा सिमोन, तुम धन्यके हऔ । कहेकी आदमीसे तुमके जा प्रघट ना भओ हए, पर स्वर्गमे होनबारो मिर पितासे प्रघट भओ हए ।
\v 18 मए तुमसे काहत् हऔ, कि तुम पत्रुस हओ । मए मिर मण्डली जा चट्टान उपर स्थापित करहऔ, और नरकके फाटक बा उपर बिजय ना हुइ हए ।
\v 19 मए तुमके स्वर्गको राजको चाभी देमङ्गो । जो तुम पृथ्बीमे बाँधैगे, सो स्वर्गमे बाँधजएहए, और जो तुम पृथ्बीमे खोलैगे, सो स्वर्गमे खुलजए हए ।”
\v 20 बा ख्रीष्ट हए करके कोइके मत कहिओ कहिके येशू चेलनके आज्ञा दइ ।
\v 21 बा कैसे यरुशलेममे जान पणैगो, और धर्म-गुरु और मुखिया पुजारी और शास्त्रीसे बहुत कष्ट भोगन पणैगो, मरन् पणैगो और तीन दिनमे जिन्दा होबैगो कहिके बा समयसे अपन चेलनके बतान लागो ।
\v 22 पत्रुस बाके एक घेन लैजाएके डांटी , “परमेश्‍वर अइसे ना करए, प्रभु, तुमर उपर अइसो कबहु ना होबए ।”
\v 23 तव घुमके बा पत्रुससे कही, “ए शैतान, मिर अग्गुसे हट्जा तए मिर ताँही बाधा होतहए, काहेकि तय परमेश्‍वरकी बातमे ध्यान ना देत हए
पर आदमीक् बातमे ध्यान देत् हए ।”
\v 24 तव येशू अपन चेलनसे कही, “कोइ मिर पिछु आनके इच्छा करत् हए तव, बा अपने के इन्कार करए और अपन क्रुस उठाएके मिर पिच्छु लागए ।
\v 25 काहेकी जौन अपन प्राण बचान चाहत हए, बा बाके गुमाबैगो, और जौन अपन प्राण मिर ताँही गुमाबैगो, बा बाके पाबैगो ।
\v 26 काहेकी सारो जगत् पाएके फिर अपन प्राण गुमाबैगो तव, आदमीके का फाईदा हुइ हए ? औ आदमी अपन प्राणके सट्टामे का दए पए हए ?
\v 27 काहेकी आदमीक पुत्र अपन पिताके महिमामे अपन स्वर्गदुतसंग अए हए, और बा बेरा बा हरेक आदमीनके बाके कामके जैसो प्रतिफल देबैगो ।
\v 28 नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, हियाँ ठाणे भए मैसे कित्तो आदमी पुत्रके अपन राजमे आत नादेखन तक मृत्यु ना चाखङ्गे ।”
\c 17
अध्याय १७
\v 1 जाको छए दिन पिछु येशू पत्रुस, याकुब और बिनको भैया यूहन्‍नाके अपने सँग एक उँचे पहाड उपर अलग लइगओ।
\v 2 बिनके अग्गु बाको रुप बदल गओ। बाको चेहेरा दिन हानी चम्को, और बाको कुर्ता ज्योति कता उज्‍यरो भओ।
\v 3 देखओ मोशा और एलिया बाके सँग बातचित करत् दिखाने।
\v 4 पत्रुस येशूसे कही, “हे प्रभु, हम हियाँ रहन अच्छो हए। तुमर इच्छा हुइहए तव हियाँ तीन बासस्थान बनामङ्गे, एक तुमरे ताँही, एक मोशाके तांँही और एक एलियाके ताँही।”
\v 5 बा मस्कतए पेति, चम्को भओ बादर बिनके तोप दई, और बादरसे एक आवाज आओ, “ जा मिर प्रिय पुत्र हए, जासे मए बहुत खुशी हओं, जिन्की बात सुनौ।”
\v 6 जब चेला जा सुनी, तव बे बहुत डराएके घुप्टा पणिगए।
\v 7 तव येशू आएके बिनके छुएके कही, “उठओ, मतडराबओ।”
\v 8 जब बे अपनी आँखी उठाएके, येशू बाहेक बे और कोइके ना देखिं।
\v 9 जब बा पहाडसे उत रत् रहए, येशू बिनसे कही, जब तक आदमीको पुत्र मरके जिन्दा हुइके न उठ हए, तब तक जा दर्शनकी बात कोइके मत बतइओ।”
\v 10 और चेला बासे अइसे करके पुछीं, “तव काहे शास्त्री पहिले एलिया आन पडैगो करके काहत् हँए ?”
\v 11 येशू बिनसे कही, “एलिया नेहात्य आबैगो, और सब बातके फिर सच्याए हए।
\v 12 पर मए तुमसे काहत् हओं, 'एलिया अग्गुए आए गओ हए, और आदमी बाके न चिनी, तव बाके बे मनमानी करीं। उइसीए आदमीको पुत्र फिर बिनके हातसे कष्ट भोगैगो।”
\v 13 तव बे बप्तिस्मा-देनबारो यूहन्‍नाके बारेमे बा कही हए करके चेला समझीं।
\v 14 तव बा भीणके ठाउँमे आओ एक आदमी बाके अग्गु आएके घुँटो टेकके कही,
\v 15 "प्रभु, मिर लौड़ाके उपर दया करओ, काहेकी बाके मिर्गीरोग लागो हए, और बहुत कष्ट भोग रहो हए। बा कबहु आगीमे पणत् हए, कबहु पानीमे घुसत हए। "
\v 16 मए तुमरे चेलाके ठिन लाओ, पर बे बाके अच्छो ना कर पाईं।”
\v 17 तव येशू कही, “ए अविश्‍बासी और भ्रष्ट पुस्ता, कहाँ तक मए तुमरे सँग रएहओं ? कहाँ तक मए तुमके सहामओं ? बाके मेरे ठिन लाबओ।”
\v 18 येशू बाके डाँटी, और भुतात्मा बासे निकर गओ। बा लौड़ा बहे समय अच्छो हुइगओ।
\v 19 तव चेला येशूके ठिन चुप्पय से आएके कहीँ, “हम बाके काहे न निकार पाए ?”
\v 20 येशू बिनसे कही, “तुमरो कमजोर विश्‍वास के बजैसे । नेहात्य, मए तुमसे काहत् हओं, कि तुमर एक रायाको दाना बरोबार बिश्‍वास हए तव जा पहाड 'हियाँसे हटीजा' कऐ हओ, तव बा हट जए हए। और तुमरे ताँही कोइ असम्भब् ना हुइ हए।
\v 21 पर जा किसिमको भुत त प्रार्थना और उपवास बिना न निकरत् हए।”
\v 22 बा गालीलमे इकठ्ठा होत येशू बिनसे कही, “आदमीको पुत्र आदमीनके हातमे सौंपो जएहए।
\v 23 और बे बाके मारङ्गे, और बा तिसरे दिनमे जिन्दा हुई जएहए। और चेला गजब दु:खी भए।
\v 24 , जब बा कफर्न हुममे आओ, मन्दिरको कर उठान बारे पत्रुसके ठिन आएके कहीँ, “का तुमर गुरु कर न तिरत् हए ?”
\v 25 बे कहीँ, “हाँ तिरत् हए।” पत्रुस घर भितर गओ, येशू बासे पहिले कही, “सिमोन, तुमर बिचार का हए ? पृथ्बीके राजा महसुल और कर कौनसे उठात हँए ? अपन प्रजन से कि परदेशिनसे ?”
\v 26 "पत्रस कही " परदेशीनसे,” येशू बिनसे कही, “तव त प्रजा कर तिरनसे छुट पैए हए। "
\v 27 पर बे हमसे न दिक्कामए कहिके समुन्द्रमे जाएके बन्छी लगाबओ, और पहिली पडी मछ्री लाबओ। बाको मुहू खुल्‍हओ तव तुम एक चाँदीक् सिक्का (रुपैया) पएहओ। बा लैजाएके तुमर और मिर ताँही कर उठान बारेनके देबओ।"
\c 18
अध्याय १८
\v 1 बहे समय चेला येशूके ठिन आएके पुछीं, “स्वर्गके राजमे सबसे महान कौन हए ?”
\v 2 बा एक बालकाके जौने बुलाएके बिनके बीचमे ठण बाई ।,
\v 3 और कही, “नेहात्य, मए तुमसे काहत् हओ, मन बदलके तुम जा छोटो बालका कता न हुइ हओ तव कबहू स्वर्गके राजमे ना जान पएहओ ।
\v 4 जौन जा छोटो बालक जैसो अपनाएके नम्र बनए हए, बहे स्वर्ग राजमे सबसे महान हुइ हए।
\v 5 जौन मिर नाउँमे एक अइसी बालकाके ग्रहण कर हए, बा मोके ग्रहण कर हए।
\v 6 तव जौन मिर उपर बिश्‍वास करन बारेनके जा छोटे मैसे एक जनिके पाप करन् लगए हए, बासेत बाके घेंटीमे बणो चकियाको पटा बाँधके बाके गहिरो समुन्द्रमे डुबाए देनो अच्छो हुइ हए ।
\v 7 " "पाप करन् लगान बारो परीक्षाके ताँही जा संसारके धिक्कार ! पाप करबान बारो परीक्षा त आतहए, पर धिक्कार, बा आदमीके जौनसे पाप करबान बारो परीक्षा आतहए ! "
\v 8 तुमरो हात और टाँग तुमके पाप करन् लगातहए तव बाके काटके फेंक देओ। दोनो हात और टाँगके सँग आगीमे पणने से त बलकुन लुलो और लँगणा हुइके जीवनमे घुसनो तुमरे ताँही अच्छो हुइ हए ।
\v 9 तुमरी आँखी तुमके पाप करबात हए तव बाके निकारके फेंक देओ। दोनो आँखी हुइके नरककी आगीमे फेकनेसे त बरु काना हुइ के जीवनमे घुसन तुमरे ताँही अच्छो हुइ हए।
\v 10 होसियार रहाबओं, तुम जे छोटे मैसे एक जनीके फिर हेला मत करओ। काहेकी मए तुमसे काहत् हओं, स्वर्गमे बिनके दुत स्वर्गमे मिर पिताके दर्शन सब दिन करत् राहत हँए "
\v 11 काहेकी आदमीको पुत्र हराए भएनके बचान आओ हए।
\v 12 "तुमका बिचार करत् हओ ? कोइ आदमीके सौ भेड़ा मैसे एक हराए गओ रहए तव, बा उनान्सयके एक डाँगामे छोडके तव बा हरानो भओके ढुडनके ना जाए हए का ? "
\v 13 अगर बा बाके पाइगओ तव, नेहात्य मए तुमसे काहत् हओं, बे हरानो भओ पाएके उनान्सयसे बा एकके ताँही बहुत खुशी होबइगो।
\v 14 अइसीए स्वर्गमे होनबारो तुमरे पिताकी इच्छा हए, कि बे छोटे मैसे एक जनी फिर नष्ट न होबए कहिके स्वर्गमे होनबारो तुमर पिता ईच्छा करत हए।
\v 15 "तुमर भैया तुमर बिरुध्दमे अपराध करैगो तव, जाएके तुम ईकल्लेमे मिल्के बाको दोष दिखाए देओ। बा तुमर बात सुनी तव, तुमरो भैया अपनो भओ। "
\v 16 पर बा तुमर बात न सुन हए तव अपन सँग एक दुई जनीके लैजाबओ और दुई औ तीन साँचीके बोलीसे सबय बात सच्ची ठए रए।
\v 17 अगर बा बिनकी बात फिर सुनन इन्कार करी तव, मण्डलीसे काहाबओ । बा मण्डलीको बात फिर सुनन इन्कार करहए तव, बा तुमरे ताँही गैर यहूदी और कर उठानबारो कता होबए ।
\v 18 "नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, तुम पृथ्बीमे जो बँध्‍हओ, बा स्वर्गमे फिर बँधैइगो । और तुम पृथ्बीमे जो खुलेहओ बा स्वर्गमे खुल जए हए । "
\v 19 "फिर मए तुमसे काहत् हओं, पृथ्बीमे तुमर मैसे दुई जनि कोई बातमे सहमत हुइके कुछ मागङ्गे तव, बा स्वर्गके पितासे तुमरे ताँही हुइ जए हए । "
\v 20 काहेकी जहाँ दुई कि तीन जनि मिर नाउँमे इकठ्ठा हुइहँए, हुवाँ मए बिनके बीचमे होत हओं ।”
\v 21 तव बाके ठिन आएके पत्रुस कही, “प्रभु, मिर भैया कित्तो दाँओ मिर बिरुध्दमे अपराध कर हए तव मए बाके क्षमा कर हओं ? का सात दाँओं तक ?”
\v 22 येशू बिनसे कही, “मए तुमसे काहत् हओं, सात दाँओं ना, बल्कि सत्तरी गुणा सात दाँओं ।
\v 23 "जहे मारे स्वर्गको राज एक राजासँग तुलना कर सकत हँए, जौन अपन नोकरसे हिसाब लेनके इच्छा करी । "
\v 24 जब बिनसे हिसाब लेन लागो, एक नोकर बिनके ठिन लाई जौन बिनके दश हजार सोनोको सिक्का तिरन रहए ।
\v 25 तव बा आदमी तिर ना पाई तव मालिक बासे बाकी बैइयर और लौड़ा-लौड़िया और बाको सब चिज बेचके ॠण चुक्ता करनको हुकम दइ ।
\v 26 "तव बा नोकर घुटो टेकके बिनके पाउ पडके काहन लागो, 'मालिक, मिर उपर धिरज करओ, मए तुमरो सब ॠण चुकामङ्गो ।” "
\v 27 तव बाको नोकरको मालिक डाहासे भरके बाके छोडके, और बाको ॠण माफ करदई ।
\v 28 "तव बा नोकर निकरके जातपेति अपन सँगी-नोकर मैसे एक जनिके पाई, जो बाको एक सय चाँदीक सिक्काको ॠणी रहए । बा घाँटी पकणके बासे कही, “तेरो ॠण तिर डार ।” "
\v 29 "तव बाको सँगी-नोकर घुप्टा पडके बासे बिन्ती करी, 'मिर उपर धिरज कर, मए तुमर सब तिरदेहओं ।'
\v 30 " तव बा ना मानि, और ॠण ना तिरन तक बाके जेलमे डारदई ।
\v 31 बाको सँगी नोकर जा सब देखके बहुत दु:खी भए । बे जाएके सब घटना अपन मालिकके बताए दईं ।
\v 32 "तव मालिक बा नोकरके अपन ठिन बुलाएके कही, “ए दुष्ट नोकर, तए मोसे बिन्ती करो, और मए तिर ॠण माफी करदओं । "
\v 33 मए तिर उपर दया करो कता तए फिर तेरी सँगी-नोकरके उपर दया करनके ना रहए ?'
\v 34 तव बाको मालिक दिक्काएके सब ॠण ना तिरन् तक दण्ड देन बारेनके हातमे सौंपदै ।
\v 35 तुम अपने भैयाके हृदयसे क्षमा ना करएगे तव, स्वर्गमे होनबारो मिर पिता फिर तुमरेसँग उइसीए करैगो ।”
\c 19
अध्याय १९
\v 1 जा बात कहिके येशू गालीलसे यर्दन पार यहूदाके मुलुक घेन गओ ।
\v 2 बहुत भारी भीड बाके पिछु लाग्गै और बा बे आदमीनके अच्छो करी ।
\v 3 फरिसी बाके ठिन आए बाकी जाँच करन् के ताँही बासे पुँछी, “ कोइ लोग कुछ बजैसे अपनी बैइयरके छोडन का अच्छो हए ?”
\v 4 तव येशू कही, “का तुम पढे ना हओ कि सृष्टिकर्ता बिनके सुरुसे हि नर और नारी करके बनाई हए, ?"
\v 5 और कही, 'जहेमारे आदमी अपन दौवा और अइया छोड्के अपनी बैइयर सँग मिलो रहत हए, और बे दुई जनी एक शरीर होमङ्गे ।”
\v 6 बे अब दुई नाहँए पर एक शरीर हँए। जहेमारे परमेश्‍वर जौनके एकसँग जोडी हए, बिनके कोइ फिर अलग ना करए ।”
\v 7 बे बासे कहीं, “मोशा काहे छुटपत्रुर दैके बैइयरके छोडनके आज्ञा दई ?”
\v 8 बा बिनसे कही, “तुमर ह्रदयको कठोरताके बजैसे मोशा बैइयरके छोडनको हुकम तुमके दई पर सुरुसे अइसो ना रहए ।
\v 9 मए तुमसे काहत् हओं, जौन व्यभिचारके बजैसे बाहेक अपनी बैइयर छोडके दुसरे संग विहा करैगो, बा व्यभिचार करत् हए, और जौन छुटिभइके विहा करत हए, बा फिर व्यभिचार करत् हए ।”
\v 10 चेला येशू से कहीं, “लोगा-बैइयरको अइसो सम्बंध हए तव त विहा न करनो ठीक हुइ हए ।”
\v 11 येशू बिनके जवाफ दैके कही, “सब आदमी जा शिक्षा ग्रहण नाकरपए हँए, केवल बेहि इकल्ले करपए हँए जौनके जा दओ हए ।
\v 12 काहेकी कोइ जनमतए नपुंसक होतहए, कित्तो ता आदमीसे बनाए भए होत् हँए । कित्तो ता अपनेआपके स्वर्गराजके ताँही नपूंसक बन्त हँए । जौन जा ग्रहण करपए हए बहे जा ग्रहण करए ।”
\v 13 बाके पिछु येशू बालकनके उपर हात धरके प्रार्थना कर देबए करके आदमी बाके ठिन लाईं । पर चेला बे आदमीनके डाँटी ।
\v 14 तव येशू कही, “बालकनके मिर ठिन आन देबओ, बिनके मत रोकओ । काहेकी स्वर्गको राज बिनहीको हए ।”
\v 15 और बालकनके उपर हात धरके बा हुवाँसे गओ ।
\v 16 बाके ठिन आएके एक जनी कही, “हे गुरु, मए अनन्त जीवन पानके ताँही का अच्छो काम करन् पणैगो ?”
\v 17 बा बासे कही, “अच्छो का हए बाके बारेमे तुम मोसे काहे पुछत् हओं ? अच्छो ता एकए हए। पर तुम जीवनमे कुचन इच्छा करत् हओं तव, आज्ञा पालन करओं।”
\v 18 "बे बासे कहीं "कौन आज्ञा ?” येशू कही, “तए हत्या मत करीए, तए व्यभिचार मत करीए, तए चोरी मतकरीए, तए झुटो गवाही मत् दिए ।"
\v 19 अपन अइया-दौवाक् आदर करीए, और अपन परोसीके अपने कता प्रेम करीए।”
\v 20 बा जवान आदमी बासे कही, “जा सब त मए पालन करोहओं अब मीर मे का कमी हए ?”
\v 21 येशू बिनसे कही, “तुम सिध्द होनके चाँहत् हओं तव, जाएके सब बेचके गरिबनके देबओ, और तुम स्वर्गमे धन पए हओं, और आएके मिर पिच्छु लागओं।”
\v 22 जब बा जवान जा बात सुनी, बा दु:खी हुइके गैभऔ, काहेकी बाकेठिन बहुत धन-सम्पति रहए।
\v 23 और येशू अपन चेलनसे कही, “नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, स्वर्गके राजमे धनी आदमीके कुचन कर्रो पणैगो।
\v 24 फिर मए तुमसे काहत् हओं, धनी आदमीके परमेश्‍वरके राज भितर कुचनसे त बलकुन ऊँटके सुइके भारमे छिरन् साहज हुइहए।
\v 25 जा सुनके चेला गजब अचम्मो मानके पुँछी, “तव कौन उध्दार पएहए ?”
\v 26 येशू बिनके उपर नजर लगाएके कही, “आदमीक ताँही जो असम्भव हए, तव परमेश्‍वर ताँही सब बात सम्भव हए।”
\v 27 तव पत्रुस बासे कही, “देखओ त हम सब चीज छोड्के तुमर पिच्छु लागे हँए। तव हम का पए हँए ?”
\v 28 येशू बिनसे कही, “नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, तुम जो मिर पिच्छु लागेहओ, नयाँ सृष्टिमे जब आदमीको पुत्र अपन महिमाके सिंहासनमे बैठैगो, तव तुम फिर बाह्र सिंहासनमे बैठैगे, और इस्राएलके बाह्र कुल उपर न्याय कर हओं।
\v 29 हरेक जौन मिर नाउँके कारनसे घर, ददा- भैया और दिदी-बहिनिया औ दौवा और अइया और लौड़ा-लौड़ीया और जग्गा जमिन छुड़त हए, बा सौ गुना पएहए, और अनन्त जीवनको अधिकार पाबैगो।
\v 30 तव बहुत जनी जो शुरुके हँए, बे पिछु हुई जए हँए, और बहुत जनी जो पिछु होनबारे बे अग्गु हुइ जए हँए।
\c 20
अध्याय २०
\v 1 “स्वर्गको राज जमिनको एक मालिक जैसो हए, जो भुकभुको सुबेरे अपन दाखबारीमे खितहरानके दिहाड़ीमे काम लगान बाहिर निकरो।
\v 2 खितहरानके एक दिनमे पानबारो दिहाड़ी तोकके बा अपन दाखबारीमे पठाई।
\v 3 "जब बा नौ बजे घेन बाहिर निकरो, बा और कामदारनके बजारमे खालिमुली ठाणे देखी, "
\v 4 और बा उनसे कही, 'तुम फिर दाखबारीमे जाओ, और जो ठीक हए बा मए तुमके देमङ्गो।' तव बे फीर काम करन गए।
\v 5 “फिर बे बाह्र बजे और तीन बजेघेन बाहिर निकरके उइसी करी ।
\v 6 बा पाँच बजेघेन बाहिर निकरके औरनके ठाणो पाई, और बिनसे कही, 'तुम काहे बिना कामके ठाणेहओं ?”
\v 7 "बे बासे कहीं, 'कोइफिर हमके दिहाड़ीमे न लगाईं हए। “बा बिनसे कही, “तुम फिर दाखबारी (आँगुरकि बारी) मे जाओ।”
\v 8 "जब संझा हुइगओ, तव दाखबारीको मालिक अपन कर्मचारीनसे कही, 'खितहरानके बुलाएके पच्छु आनबारेनसे लैके अग्गु आनबारेनके सबके बिनकी दिहाड़ी देबओ।"
\v 9 "पाँच बजे काममे लागन बारे आए, और बे सबय पुरो दिनको दिहाड़ी पाईं। "
\v 10 जब पहिलिसे दिहाड़ीमे लागनबारे आए, तव बे जद्धा पाएहएँ कहिके सोंचीं, पर बे सबय फिर एक दिनकी बारबर दिहाड़ी पाईं।
\v 11 दिहाड़ी पाएके पिछु जमिनको मालिकके विरुध्दमे बे बर बरान लागे।
\v 12 बे काहन लागे, जे पिच्छु बारे एक घण्टा काम करीं, पर हम दिन भर काम करे, पर तुम ऊनके हमरी कता बनाए हओ, हम त सारो दिन काम करके घामुमे मरे।'
\v 13 "तव बा बिन मैसे एक जनीके जबाफ दई, “सँगी, मए तुमरे उपर कुछु अन्याय न करोहओं। का तुम मिरसँग पुरो एक दिनकी दिहाड़ीमे काम करहौ कहीके कबुल न करे रहओं ? "
\v 14 तुमरी पानबारी दिहाड़ी लैके जाबओ। जे पिच्छु आनबारेनके फिर मए तुमके दौव बरोबर देन चाँहत् हओं।
\v 15 का अपन सम्पत्तिके मए चाहो जैसो ना करपात हओं ? मिर उदारतामे तुमरी आँखी काहे जरत हए ?
\v 16 "अइसीय पिच्छु बारे अग्गु हुइहँए और अग्गु बारे पिच्छु हुइहँए। बुलाय भए बेढम हँए पर चुने भए कमए हँए।”
\v 17 जब येशू यरुशलेम घेन जात रहए बा बाह्र चेलनके अलग लैजाएके डगरमे बिनसे कही,
\v 18 "हम यरुशलेम घेन जात हँए अब आदमीक् पुत्र मुखिया पुजारीनके हातमे सौंपो जएहए, और बे बाके मृत्युदण्डको दोषी ठैरय हँए|"
\v 19 बाकी खिल्ली कर हँए, कोर्रा लगाए हँए, और क्रुसमे टाँगनके ताँही बे अन्यजातिनके हातमे सौपङ्गे, और तीन दिनमे बा जिन्दा हुइके उठ जएहए।”
\v 20 तव जब्दियाक लौड़ाकी अइया अपन दुई लौड़ाक् संगमे लैके येशूके जौने आएके घुँटो टेक्के बासे बिन्ती करी।
\v 21 बा बिनसे पुँछी, “तुम का चाँहत् हओ ?” बे बासे कही, “आज्ञा करओ और तुमरे राजमे मिर जे दुई लौड़ा मैसे एक जनी तुमरे दहिना हातघेन, और दुसरो तुमरे दिबरा हातघेन बैठन पामँए।”
\v 22 तव येशू बिनसे कही, “तुम का मगत् हओ सो न जानत् हओ, जौन कटोरा मए पिनलागो हओं, का बा तुम पि पएहओ।”
\v 23 बा कही, “मिर कटोरा तुम पिहओ, पर मिर दहिना और दिबरा बैठन देनबारी बात मिर हातमे ना हए। जा ठाउँ बिनके ताँही हए, जौनके ताँही मिर पिता तयार कर डारी हए।”
\v 24 जा सुनके दसओं जनी बे दुई भैयानसे दिक्काए गए।
\v 25 तव येशू बिनके अपने ठिन बुलाएके कही, “तुमके पता हए, कि अन्यजातिके शासक बिनके अधीनमे रखात हँए, और बणेबणे बिनके उपर अधिकार जमात हँए।
\v 26 तुमरे बीचमे अइसो ना हुइहए, पर जौन तुमर बीचमे बणो होनको इच्छा करत् हए, बा तुमरो सेवक होन पणैगो।
\v 27 जौन तुमर मैसे पहिलो होन इच्छा करत् हए, बा तुमरो कमैया होन पणैगो,
\v 28 जैसी आदमीक् पुत्र फिर सेवा पानके ना पर सेवा करन् और बहुतनको छुटकाराको मोल स्वरूप अपन प्राण देन आओ हए।”
\v 29 बा यरिहोसे जातपेती, एक बहुत भारी भीड बाके पिछु लागी।
\v 30 डगरके किनारे दुई जनी अन्धरा बैठे रहँए। येशू बा डगरसे जात रहए बे जा बात सुनके अइसे कहिके चिल्लान लागे, “हे प्रभु, दाउदको पुत्र, हमरे उपर दया करओ।”
\v 31 भीड बिनके चुप लागैं कहिके डांटी, तव बे अइसे कहीके और जोड़से चिल्लाइँ, “हे प्रभु, दाउदको पुत्र, हमरे उपर दया करओ।
\v 32 तव येशू रुकिगओ और बिनके बुलाएके कही, “तुम का चाँहत् हओ ? मए तुमरे ताँही का करदेओं ?”
\v 33 बे बासे कहीँ, “हे प्रभु, हमर आँखी खोलदेबओ ।”
\v 34 येशू डाहा करके बिनकी आँखी छुइदै और तुरन्त बे देखन लागे और बे बाके पिच्छु लग गए।
\c 21
अध्याय २१
\v 1 जब येशू और बाके चेला यरुशलेमके जौने जैतुन डाँगाको बेथफागेमे आए पुगे, तव येशू दुई चेलनके अइसे करके पठाई,
\v 2 "तुम जौन गाउँमे जाबओ। हुवाँ पुगतए तुम एक गदहा और बाको बच्चा बाँधो पएहौ। बाके खोलके मिर ठिन लाबओ। "
\v 3 कोइ तुमसे कुछ कैहंए तव, “प्रभुके जाकी जरुरत हए कहीके कहिओ और बा तुरुन्त तुमरसँग बाके पठाए देहए।”
\v 4 अगमवक्तासे बोलो बचन पुरो होबए करके जा भओ रहए,
\v 5 सियोनकी लौड़ीयासे कहा, देखओ, तुमर राजा तुमरे ठिन अए रहोहए, नम्र हुइके गद्हाक उपर सबार हुइके, गद्हाक् बच्चा औ एक बछ्ररा उपर।”
\v 6 तव चेला गए, और येशू बिनसे कही जैसो करीँ।
\v 7 बे गद्हा और बच्चा लाईं., और बाके उपर अपन लत्ता कपणा बिछाईं, और येशू बा बाके उपर बैठो।
\v 8 भीण बहुत अपन लत्ता डगरमे बिछाइँ, और रुखाको हाँगा काटके डगरमे बिछाएदईं।
\v 9 बाके अग्गु और पिच्छु लागि भीड अइसे कहीके चिल्लात रहँए, “दाउदको पुत्र होसन्‍ना ! धन्य हए बा, जो परमप्रभुके नाउँमे आओहए ! परमधाममे होसन्‍ना !”
\v 10 जब बा यरुशलेममे घुसो सबए शहेरमे हलचल मचगओ। आदमी पुछन लागे, “जा कौन हँए ?”
\v 11 भीडके आदमी जबाफ दईं, “जा गालीलके नासरतसे अओ भओ अगमवक्ता, येशू हए।”
\v 12 येशू मन्दिरमे घुसो। और बा मन्दिरमे किनबेच करन् बारेक् सबके भजाएदै, और पैसा बद्लन बारेक् टेबुल, और कबुतर बेचन बारेक् समान पल्टाएदै।
\v 13 बा बिनसे कही, “अइसो लिखोहए, 'मिर घर प्रार्थनाको घर होबैगो।' पर तुम जाके डाँकुको अड्डा बनाए हओ।'
\v 14 अन्धरा और लंगड़ा मन्दिरमे बाके ठिन आए, और बा बिनके अच्छो करी।
\v 15 " जब मुखिया पुजारी और शास्त्री बाको अचम्मो काम देखीँ और लौड़ा लौड़ीया मन्दिरमे "दाउदको पुत्र होसन्‍ना" करत् चिल्लात सुनी, तव बे क्रोधित भए,"
\v 16 और बे बासे कहीं, “सुन्तहओ, जा का कहेरहो हए ?” तव येशू बिनसे कही, “हाँ, सुन्तहऔं, का तुम पढे ना हओ, छोटे बच्चा और दुध-खानबारेनके ओठसे बा पुरा प्रशंसा लई हए' ?”
\v 17 तव बिनके छोणके बा शहेरसे निकरके बेथानियामे गओ हुवाँ रात बैठो।
\v 18 सुबेरे शहेरसे घुमत पेती बा भुखानो रहए ।
\v 19 "डगर किनारे बा एक गुलरको पेड़के देखी । बा पेड़के जौने आओ, तव बामे पत्तासे अलाबा और कछु नापाई । तव बा बासे कही, “अब तिर मे कबहू फरा ना फरए" तव बा गुलरको रुखा तुरन्त सुखगओ ।
\v 20 " जाब जा देखके चेला अचम्मो मानके कहीं, “जा गुलरको रुखा कैसे तुरन्त सूख गओ?”
\v 21 येशू जबाफ दैके बिनसे कही, “नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, तुमरमे विश्‍वास हए और कबहू शङ्का न करहओ तव, गुलरको रुखामे जो करो गओ, यित्कए इकल्लो ना हए, पर जा डाँगा फिर उखणके समुन्द्रमे गिरजा' कएहओ बा हुइजए हए ।
\v 22 विश्‍वास करके प्रार्थनामे जो कुछ मँगे हओ बा तुम पाबैगे ।”
\v 23 बा मन्दिरमे घुसो, और बा शिक्षा देतपेती मुखिया पुजारी और जनताके धर्म-गुरु बाके ठिन आए, और कहीं, “कौन अधिकारसे तुम जा काम कर रहेहओ, और कौन तुमके जा अधिकार दओ ?”
\v 24 येशू बिनके जबाफ दैके कही, “मए फिर तुमसे एक प्रश्‍न पुछ्तहओं । मोके बाको जवाफ देहओ ? तव मए कौन अधिकारसे जा काम करत् हओं, सो तुमके बातएहओं ।
\v 25 यूहन्‍नाको बाप्तिस्मा कहाँ से भओ ? स्वर्गसे कि आदमीसे ?” बे आपसमे अइसो काहत बहस करन् लागे, “स्वर्गसे कैहँए तव, बे कैहँए तुम उनके काहे विश्‍वास ना करे ?'
\v 26 तव आदमीसे कैहँए तव, हमके आदमीसे डर हए । काहेकी सब यूहन्‍नाके अगमवक्ता हए कहिके काहत हँए ।
\v 27 जहेमारे बे येशूके जबाफ दईं, “हमके पता ना हँए ।” बा बिनसे कही, “मए फिर कौन अधिकारसे जा काम करत् हओं, सो तुमके ना बतए हओं ।”
\v 28 ""तुम क बिचार करत् हओ ? एक आदमीके दुई लौड़ा रहएँ बा पहिलो लौड़ासे कही, 'लौड़ा, जाएके आज दाखबारीमे काम कर।' "
\v 29 बा जबाफ दै, 'मए ना जैए हओं।' तव पिच्छु पछताएके गओ।,
\v 30 दुसरो लौड़ा ठिन जाएके बासे बहे बात कही, बा जबाफ दै, 'मए जामङ्गो।' पर बा न गओ।
\v 31 "अब जे दुईमे कौन बा दौवाको इच्छाके पालन करीँ ?” बे जबाफ दईं, “ शुरुबारो”। येशू बिनसे कही, “नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, कर उठानबारे और वेश्या तुमसे अग्गु परमेश्‍वरके राजमे प्रवेस करेहँए। "
\v 32 काहेकी यूहन्‍ना तुमरे ठिन धार्मिकताको डगर दिखानके आओ, पर तुम बाके उपर विश्‍वास ना करे। पर कर उठानबारे और वेश्या बाके उपर विश्‍वास करीँ। तुम जा देखके फिर पश्‍चात्ताप ना करे, और उनके उपर विश्‍वास ना करे।”
\v 33 "दुसरो कहानी सुनओ। कोइ एक जनी घरबारो रहए, जौन एक दाखबारी लगाई, और बाके आसपास बेढा लगाएके हुवाँ दाख पेरानके एक कोलु धरीँ, और एक मचान बनाई औेर किसाननके ठेंका दैके बा परदेश गओ। "
\v 34 जब फसलको समय आओ, बा किसाननके ठिन अपन हिस्सा मागन नोकरनके पठाई।
\v 35 "तव किसान बाके नोकरके पकणके एकके पिटीँ, दुसरेक मारडारीं, और तीसरेक पत्थरसे मारीँ "
\v 36 फिरके बा अग्गुसे जद्धा नोकर पठाई, और बे यिनके सँग फिर उइसीय व्यवहार करीँ
\v 37 मिर लौड़ाके त बे आदर करेहँए कहीके सोंचके अन्तमे बा अपन लौड़ाके बिनके ठिन पठाई ।
\v 38 "तव किसान लौड़ाके देखके आपसमे कहिँ, जा त उत्तरधिकारी हए। आबओ, बाके मराएँ, और बाको उत्तरधिकारके लेमए।' "
\v 39 तव बे बाके पकणके दाखबारीसे बाहिर लैजाएके और बाके मार डारीं।
\v 40 अगर जब दाखबारीक मालिक आएहए, तव बा बे किसानके का करेहए ?”
\v 41 बे बासे कहीँ, “ बे दुष्टनके सर्वनाश करेहए, और दाखबारी दुसरे किसानके ठेंकामे देहए, जौन बाके फसलको हिस्सा समयमे दे हएँँ।”
\v 42 जौन पथराके भवन बनान् बारे रद्द करीं रहयँ बहे कुनैठोको खासपत्थर बनो, जा परमप्रभुसे भओ हए, और हमरे नजरमे जा अचम्मो हए। येशू बिनसे कही, “का तुम कबहु धर्मशास्त्रमे ना पढे हओ ?'
\v 43 "जहेमारे मए तुमसे काहत् हओं, परमेश्‍वरको राज तुमसे छिनो जएहए, और एक अइसो जातिके दओ जएहए, जौन बाको फरा फराबैगो। "
\v 44 जा पत्थर उपर गिरनबारो चकनाचूर हुइ जएहए, पर जौन उपर बा पत्थर गिरैगो, बा बासे चिबद जएहए।”
\v 45 जब मुखिया पुजारी और फरिसी बाकी कहानी सुनी, तव बे जा हमर बारेमे कहि हय कहिके समझीं।
\v 46 बे बाके पकणन ढुँड़ी, तव बे भीडसे डराए गए, काहेकी आदमी बाके एक अगमवक्ता हए कहिके मानत् रहएँ।
\c 22
अध्याय २२
\v 1 येशू फिर बिनसे काहानीमे कही,
\v 2 "स्वर्गको राज एक आईसो राजा कता हए, जौन अपनो लौंड़ाको विहा-पाटी तयार करी"
\v 3 और पाटीमे निऊताहारनके बुलान अपन नोकरके पठाई, पर बे आन मन ना करीँ ।
\v 4 "फिर बा और नोकरनके अइसे कहिके पठाई, “निऊताहारनके आईसे कहिओ, देखओ, “मए मिर भोज तयार करो हओं, मिर मोटो पशु मारोहओं, और सब चीज तयार हए। विहा-पाटीमे आबओ ।”
\v 5 " तव बे मतलबै न करके एक अपनो खेतघेन, दुसरो व्यापारघेन लागो ।
\v 6 बाँकी त बिनके नोकरके पकडीं और खराब व्यहार करीं और बिनके मारीँ ।
\v 7 तव राजा दिक्काय गओ, और अपन फौज पठाएके बे हत्यारेनके नाश करी, और बिनको शहेर जराएदई ।
\v 8 "तव बा अपन नोकरसे कही, विहा-पाटी तयार हए, तव जौनके निऊतो दए बे न आए ।"
\v 9 जहेमारे तुम अब डगरमे जाओ, और जित्तोनके पाबओ बिनके विहा-पाटीमे निउतो देबओ।'
\v 10 तव बे नोकर डगरमे पाएभए सबके अच्छे और खराब दोनोनके जम्मा करीँ, और विहाबारो-घर पहुनासे भरगओ।
\v 11 " जब राजा पहुननके देखन कहीके भितरसे आओ, तव विहाको कुर्ता ना लागओभओ एक जनीआदमीके देखी । "
\v 12 बासे बा पुँछी, “सँगी, बेहाको कुर्ता ना पैंधके तुम कैसे हियाँ भितर आएगए ?' बा आदमी कछु ना बोली ।
\v 13 "तव राजा नोकरसे कही, 'जाको हात-टाँग बाँधके बाके बाहिर अन्धकारमे फेंकदेओ, जहाँ आदमी रुई हँए और दाँत किटकिटए हँए ।'
\v 14 काहेकी बुलाए भए त बहुत हँए, पर चुने भए कमए हँए ।”
\v 15 तव फरिसी गए, बाके बातमे बाके कैसे फसामए कहीके सल्लाह करन् लागे ।
\v 16 अपन चेला हेरोदी दलके आदमीन् सँग बाके ठिन पठाईं । बे कहीँ, “गुरुजी, हम जानत् हए, तुम सत्य हओ, और परमेश्‍वरको डगर सच्चो कहीके तुम सिखात हओ, और तुम कुइसे न डारत हओ, काहेकी तुम आदमीके मुहुँ देखके काम ना करत् हओ ।
\v 17 जहेमारे हमके बताबओ, कैसरके कर तिरन ठीक हए कि ना हए ?”
\v 18 तव येशू बिनको चतुराई पता पाएके कही, “पाखण्डीओ तुम मोके काहे जाँचत् हओ ?
\v 19 कर तिरन बारो सिक्का मोके दिखाबओ ।” और बे बाके ठिन एक सिक्का लाईं ।
\v 20 बा बिनसे कही, “जा चित्रमे कौनको छाप हए, और कौनको नाउँ लिखोहए ?”
\v 21 बे बासे कहीँ, “कैसरको ।” तव बा बिनसे कही, “जहेमारे जो कैसरको हए, बा कैसरके देबओ, और जो परमेश्‍वरको हए बा परमेश्‍वरके देबओ ।”
\v 22 जा सुनके बे अचम्मो मानी, और बाके छोड्के गईभए ।
\v 23 मरके जिन्दा न होत हँए कहीके सदुकी बहे दिन बाके ठिन आए, और बे बासे जा सवाल करीँ,
\v 24 " गुरुजी, मोशा त कही रहए, कोइ आदमी निसन्तान मरो तव बाको भैया ता ददाकी बैइयरके विहा करके ददाक् सन्तान खड़ो करन् पडत् हए । "
\v 25 हमर बीचमे सात ददा भैया रहँए । जेठो विहा करके बा मरगओ, और कोई फिर सन्तान ना भओ तव अपन भैयाके ताँही बैइयर छोडके गओ ।
\v 26 अइसी करके मझला ओर सँझला फिर और सातओ आइसी करीँ ।
\v 27 बे सब मरके पिछु बा बैइयर फिर मरगई
\v 28 अगर मरके जिन्दा हुइके बे सात जनी मैसे बा बैइयर कौनकी बैइयर हुइहए ? काहेकी बे सबय बासे बिहा कर डारी रहँए ।”
\v 29 येशू बिनके जबाफ दैके कही, “तुम भ्रममे पणेहओ, काहेकी तुम धर्मशास्त्र और परमेश्‍वरको शक्ति ना जन्तहओ।
\v 30 काहेकी मरके जिन्दाहुइके आदमीनको विहा ना होत हए। ना विहा करत् हँए, पर बे स्वर्गमे स्वर्गदूत जैसे होतहँए।
\v 31 तव मरके जिन्दा होतहए बाके बारेमे परमेश्‍वर तुमसे कही हए, बा तुम ना पढे हओ ?
\v 32 'मए अब्राहामको परमेश्‍वर, इसहाकको परमेश्‍वर और याकुबको परमेश्‍वर हओं।' परमेश्‍वर मरेनको परमेश्‍वर ना हए, पर जिन्दनको परमेश्‍वर हए।”
\v 33 जा सुनके भीड बाको शिक्षामे अचम्मो मानी।
\v 34 बा सदुकीनके चुप लगाएके जब फरिसी सुनी तब बे इकट्ठा भए।
\v 35 बिन मैसे एक जनी व्यवस्थाक गुरु बाकी परीक्षा करन् के बिचारसे बासे पुँछी,
\v 36 "गुरुजी, व्यवस्थामे माहन आज्ञा कौन सो हए ?”
\v 37 येशू बिनसे कही, “तुम परमप्रभु अपन परमेश्‍वरके अपन सारे हृदयसे, और अपन सारे प्राणसे, और अपन सारे समझसे प्रेम करीओ।
\v 38 महान और पहिलो आज्ञा जहे हए।
\v 39 दुसरो आज्ञा फिर उइसी हए, तुम अपन पड़ोसीके अपनिए जैसो प्रेम करीयो।
\v 40 सबय व्यवस्था और अगमवक्ताक् शिक्षाको आधार जे दुई आज्ञा हँए।”
\v 41 जब फरिसी इकट्ठा भए रहँए, तव येशू बिनसे एक सवाल पुछीं,
\v 42 "ख्रीष्टके बारेमे तुम का काहत हओ ? बा कौनको पुत्र हए ?” बे बासे कहीँ, “दाउदको पुत्र।”
\v 43 येशू बिनसे कही, “कैसे दाउद आत्मामे प्रेरणा पाएके बाके प्रभु करके कैसे पुकारी ? बा काहत हए,
\v 44 "परमप्रभु मिर प्रभुसे कही, “तुम मिर दहिना हातघेन बैठओ जबतक मए तुमरे दुस्मनके तुमरे टाँगके पाउँ तरे ना धरेहओं"|'
\v 45 अगर दाऊद बासे प्रभु काहत हए तव, बा कैसे बिनको पुत्र हुइहए त ?”
\v 46 और कोइ फिर जवाफमे एक बचन ना बोल पाईं। बा दिनसे कोइ बासे सवाल पुछ्नके हिम्मत ना करीं।
\c 23
अध्याय २३
\v 1 तव येशू भीडसे और अपन चेलनसे अइसो कही:
\v 2 बा बिनसे कही"शास्त्री और फरिसी मोशाके आसनमे बैठत् हँए "
\v 3 जहेमारे बिनकी कही बात करओ और मानओ, पर बिनके जैसो मत करीओ, काहेकी बे शिक्षा त देतहएँ, पर बा जैसो बे न करत् हँए।
\v 4 बे बहुत भारी बोझ और ना सिकनबारो बोझ बाँधके आदमीके कँधामे लाद देतहँए। पर बे अपना त बा उठानके एक उङग्रीसे फिर ना छुत हँए।
\v 5 "तव बे अपन सबय काम आदमीनके दिखानके ताँही करत् हँए। काहेकी बे अपन माथेमे व्यवस्थाक् पत्री बडी बनात हँए, और अपन कुर्तामे झुम्का लगात् हँए।
\v 6 पाटीमे बे सम्मानको ठाउँ और सभाघरमे प्रमुख आसन मन पड़ात हँए,
\v 7 बजारमे सम्मान ढुणत हँए और आदमीनसे गुरु कहवान चाँहत हँए।
\v 8 "पर तुमसे कोइ 'गुरुजी' ना काहमए, काहेकी तुमरो शिक्षक एकै हए, और तुम सब ददा भैया हओ। "
\v 9 तुम पृथ्बीमे कोइके अपन पिता मत कहिओ, काहेकी स्वर्गमे तुमरो एकै पिता हए।
\v 10 तुम कोइसे 'मालिक' मत कहिओ, काहेकी तुमरो एकै मालिक ख्रीष्ट इकल्लो हए।
\v 11 तुमरमे जो सबसे बड़ो हए, बा तुमरो सेवक हुइहए।
\v 12 जौन अपनएके बड़ो बनए हए, बा छोटो हुइहए, और जौन अपनैके छोटो बनएहए, बा बड़ो बनाओ जयहए।
\v 13 "धिक्कार, तुमके, शास्त्री और फरिसी, तुम पखण्डी ! काहेकी तुम आदमीनके जौने स्वर्ग राजको फाटक बन्द करत् हओ। तुम न त अपनाए घुसतहओ, ना घुसन चाहन बारेक घुसन देतहओ। "
\v 14 “धिक्कार तुमके शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी ! काहेकी तुम विधवनके घर खाएदेतहओ, और लम्मो-लम्मो प्रार्थना करन् के मन पणातहओ। जहेमारे औरसे तुम जद्धा दण्ड पैएहओ।
\v 15 धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी ! काहेकी तुम एक जनीके अपने मतमे लान समुन्द्र और जमिन देखत हओ, और बा तुमरे मतमे आएजात हए बाके अपनेसे दोबर नरकको लौड़ा बनात् हओ।
\v 16 "धिक्कार तुमके, आँधरा अगुवा तुम, कहात् हओ, 'कोइ मन्दिरको कसम खात कुछ ना होत हए, पर मन्दिरको सोनोको कसम खात बा कसमसे बाँधजात हए।'"
\v 17 मुर्ख और आँधराऔ , कौन बणो हए ? सोनो कि सोनोके पवित्र बनान बारो मन्दिर ?
\v 18 कोइ बेदीको कसम खात कुछ ना होतहए, पर बा उपर धरो भेटीको कसम खात बा बाँधजात हए।'
\v 19 ए आँधरा , कौन त बडो हए ? भेटी कि पवित्र करन् बारो बेदी ?
\v 20 जहेमारे बेदीको कसम खानबारो बेदी और बेदीके उपर सब चीजको कसम खातहए।
\v 21 मन्दिरको कसम खानबारो मन्दिर और बा भितर बैठन बारेको कसम खातहए।
\v 22 स्वर्गको कसम खानबारो परमेश्‍वरको सिंहासनको और बा उपर बिराजमान होनबारेको कसम खातहए।
\v 23 "धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी ! काहेकी तुम पुदिना और सोंप और जीराको दशांश देत् हओ, पर व्यवस्थाक् गहिरो बिषयके बारेमे, औ न्याय, दया और विश्‍वासको ख्याल ना करे हओ। तुमके दशांश देनबारो काम करन् रहए, और जे गहिरो बिषयको खिलबाड ना करन रहए। "
\v 24 आँधरा अगुवाओ, तुम भुकसीके छानत् हओ, पर ऊँटके त घिंच डारत् हओ।
\v 25 "धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम पाखण्डी ! काहेकी तुम कटोरा और थरियाके बाहिर इकल्लो मजातहओ, पर भितर घेन त बे लोभ और लालचसे भरे होतहँए। "
\v 26 आँधरा फरिसी तुम, पहिले कटोरा और थरियाके भितर सफा करओ, तव बिनके बाहिर घेन फिर सफा होबए।
\v 27 "धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, पखण्डी ! काहेकी तुम चुना लगाए भए सरके गड्डा( चिहान ) कता हओ,जो बाहिर सुन्दर दिखात हए, पर भितर घेन मरे आदमीनके हड्डा और सब अशुध्दसे भरो होतहँए। "
\v 28 अइसी तुम फिर बाहिर आदमीनके अग्गु धर्मी दिखात् हओ, पर भितर कपट और दुष्टतासे भरेहओ।
\v 29 "धिक्कार तुमके, शास्त्री और फरिसी तुम, ढोंगी ! काहेकी तुम अगमवक्तानके सरको गड्डा बनात हओ, और धर्मीनके सरके समारत हओ,"
\v 30 और काहत् हओ, हम अपन पुर्खानके समयमे होते तव हम अगमवक्तानको खुन बहानमे उनके संग सहभागी ना होते।”
\v 31 अइसी तुम अगमवक्तानके हत्या करन् बारेनके सन्तान हओ कहीके प्रमाण तुम अपनाए देत हओ।
\v 32 तुमरे पुर्खानके करो काम पुरो करत हओ।
\v 33 ए "साँप और साँपके बच्चाओ, तुम नरकके दण्डसे कैसे बचएगे ?"
\v 34 जहेमारे मए तुमरे ठिन अगमवक्ता, और बुध्दीमान आदमी और शास्त्रीनके पठात् हओं। बिनमैसे कित्तो जनीके तुम मारेहओ और क्रुसमे टाँगे, और कित्तो जनीके अपन सभाघरमे कोर्रा लगए हओ, और शहेर-शहेरमे जाएके सताए हओ।
\v 35 पृथ्बीमे बहाओ भओ सब धर्मी जनको रगत-निर्दोष हाबिलको रगतसे लैके बेरेक्याहको लौड़ा जकरियाको रगत तक, जौनके तुम पवित्रस्थान और बेदीक् बीचमे हत्या करे सो तुमरे मुणमे पणैगो।
\v 36 नेहत्य, मए तुमसे काहात् हओं, जा सब बात जहे पुस्ताके उपर आए पड़ैगो।
\v 37 "ए यरुशलेम, तए जौन अगमवक्तानके मारन् और तेरे ठिन पठाए भएके पत्थरसे मारे ! जैसी मुर्गी अपन चिंगनाके डख्मा तरे बटोरत् हए, उइसी मए बहुत चोटी तिर बालकनके बटोरनके इच्छा करो, पर तए ना मानो।"
\v 38 देखओ, तुमरो घर उजणो पडोहए।
\v 39 काहेकी मए तुमसे काहत् हओं, 'परमप्रभुके नाउँमे आनबारे धन्यके हँए' ना काहन तक् तुम मोके ना दिख् हओ ।”
\c 24
अध्याय २४
\v 1 तव पिछु येशू मन्दिरसे निकरके जात पेती बाके चेला मन्दिरको भवन दिखानके ताँही बाके ठिन आए ।
\v 2 तव बा बिनसे कही, 'तुम जा सब देखत् हओ, कि ना ? नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, 'एक पत्थरके उपर दुसरो पत्थर ना रैहए, सब उजाडके फिँको जए हए ।”
\v 3 येशू जैतुन डाँगामे बैठो रहए, चेला तुरन्त बाके ठिन आएके पुँछी, “हमके बता, जा बात कब हुइहए,और तुमरो आगमन और जा युगको चिन्ह का हुइहए ?”
\v 4 तव येशू बिनके जबाफ दई, “होशियार रहिओ, कोइ तुमके ना भर्माबय।
\v 5 काहेकी बहुत जनी मिर नाउँमे मए ख्रीष्ट हओं काहत् अमङ्गे, और बहुतनके बहए कामङ्गे।
\v 6 तुम युध्द और युध्दके हल्ला सुनैगे। मतघबणैओ, काहेकी जा सब बात होनके जरुरी हए, पर अन्त त बहे समयमे न हुइहए।
\v 7 काहेकी जातिके बिरुध्दमे जाति, और राज्यके बिरुध्दमे राज्य उठहँए, और जगह-जगहमे भुकमरी और हालाचाला आबैइगो।
\v 8 पर जा सब दुःखकि सुरुवात इक्ल्लो हुइहए।
\v 9 "तव बे तुमके संकटके ताँही सौंप देहँए, और तुमके मर हँए, और मिर नाउँके ताँही सब जाति तुमके घृणना कर हँए। "
\v 10 तव बहुत जनी भटक जएहँए, और ठेस खामङ्गे, और एक दुसरेके विश्‍वासघात करके सौंप देहँए और घृणा करहँए
\v 11 बहुत झुटे अगमवक्ता आमङ्गे , और बहुतनके बहए कएहँए।
\v 12 दुष्टता बढ़ हए और बहुतनको प्रेम सिराएके जएहए।
\v 13 पर अन्त तक स्थिर रहान बारो बचाओ जएहए।
\v 14 और राज्यको जा सुसमाचार सारे संसारमे सब जातिके ताँही गवाहीके ताँही प्रचार करो जएहए, तव पिछु अन्त अबैगो।
\v 15 जहेमारे जब तुमके दानिएल अगमवक्तासे बोलो बिनासकरी घृणित चीज पवित्रस्थानमे ठाणो दिखहओ{पाठ पढान बारो समझाए}"
\v 16 तव यहूदीयामे होनबारे पहाड़घेन भाजँए।
\v 17 घरके पाँड़ ऊपर राहन बारे अपन घरमे भओ समान निकारनके तरे न उत्राँए।
\v 18 खेतमे काम करन् बारे अपन कम्मर लेन ना घुमँए।
\v 19 हाय ! गर्भवती और दुध खबानबारी बे दिनमे।
\v 20 तव जाडो ( हिउँद ) समयमे और शबाथमे तुमके भाजन ना पणए कहीके प्रार्थना करओ।
\v 21 काहेकी बा समयमे अइसो महासंकट हुइहए, जो जगत् को सुरुसे अभए तक ना भओ हए, ना त कबहू हुइहए।
\v 22 बे दिन ना घटाते तव कोइ आदमी ना बच्पैईते, पर चुनेभएनके ताँही बे दिन घटे जएहँए।
\v 23 तव तुमसे कोइ कए हए 'देखओ, ख्रीष्ट हिँया हए, कि हुवाँ हए' कहिके विश्‍वास मत करिओ।
\v 24 काहेकी झुठे ख्रीष्ट, और झुठे अगमवक्ता आमङ्गे, और हुइ सकत हए चुने भएनके फिर भड्कानके ताँही बड़े-बड़े चिन्ह और अचम्मो काम दिखैहँए।
\v 25 याद करओ, मए तुमसे अग्गुसे कहोरहो हओं।
\v 26 "अगर बे तुमके ' देखौ , बा उजाड-स्थानमे हए' कहिके कए हए तव बाहिर निकरके मतजाबओ। और 'देखओ, बा कोनेमे हए' कए हए फिर विश्‍वास मतकरिओ। "
\v 27 काहेकी जैसी बिजुली अगारसे चमकत् हए पछार तक् उजियारो होतहए, उइसीय आदमीको पुत्रको आगमन हुइहए।
\v 28 जहाँ डोंगर( डोंमर) हुइहएँ हुवाँ गिद्धा फिर इकट्ठा होतहँए।
\v 29 "बे संकटके दिनके पिछु, दिन अँध्यारो हुइहए, और जोनी अपनो चमक ना देहए, और तारा बादरसे गिरङ्गे, और स्वर्गकी शाक्ति डगमगा बौइगी।
\v 30 तव आदमीको पुत्रको चिन्ह बादरमे दिखए हए, और पृथ्बीके सब जाति बिलाप करहँए, और बे आदमीके पुत्रके आकाशको बादरमे शक्ति और बड़ो महिमासँग आत देखङ्गे।
\v 31 बा अपन स्वर्गदुत तुरहीको बड़ो आबाजके सँग पठा बैगो, और बादरको एक किनारेसे लैके दुस्रो किनारेतक् जम्मएके चारओ ओरसे बाके चुने भएनके इकट्ठा करहँए।
\v 32 "पर गुलरको रुखासे एक शिक्षा लेबओ जब बाको हाँगा कलिलो होतहए और रुखामे नयाँ पत्ता आत हए, तव ग्रीष्म ॠतु आतहए कहीके तुम पता पातहओ। "
\v 33 उइसीय, तुम फिर जब जा सब बात भओ देखत् हओ, तव बा जौने औ फाटकमे हए कहीके जानओ।
\v 34 नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, कि जा सब पुरो ना होनतक् जा पुस्ता खतम ना हुइहए।
\v 35 स्वर्ग और पृथ्बी खतम हुइजएहए, पर मिर वचन खतम ना हुइहए।
\v 36 पर बा दिन और बा घडीके बारेमे कोइ ना जानत् हए, ना त स्वर्गके दुत, ना पुत्र।
\v 37 आदमीको पुत्रको आगमन नोआको दिन जैसो हुइहए।
\v 38 काहेकी जैसी जलप्रलयसे अग्गु नोआ जहाज भितर घुसनके दिनतक, आदमी खात, पित रहँए और विहाबारी करत् रहँए,
\v 39 और जलप्रलय आएके बिनके सबके सट्टै पुहायके ना लैजान तक बे पता ना पाईं। आदमीको पुत्रको आगमन फिर अइसीए हुइहए।
\v 40 बा बेरा दुई जनी खेतमे हुइहँए, एक जनी चलो जएहए, दुस्रो छुट जएहए।
\v 41 दुई बैइयर चकिया पिसत हुुईहँए, एक चली जएहए, दुस्री छुट जएहए।
\v 42 "जहेमारे जगे राहबओ, काहेकी कौन दिन तुमरो प्रभु आएहए, सो तुम ना जानत् हओ।
\v 43 पर जा जानौ, कि घरको मालिक चुट्टा रातके कौन पहरमे आएहए कहीके जन्ते तव बे जगे रहते, और अपन घर फोरन ना दित्ते।
\v 44 जहेमारे तुम फिर तयार रहिओ, काहेकी आदमीको पुत्र तुम ना चिताएके समयमे आबैगो।
\v 45 "विश्‍वासी और बुध्दीमान नोकर कौन हए, जौनके बाको मालिक अपन परिवारको चाकरके ठीक-ठीक समयमे खान देबाए करके खटाए होतहए ? "
\v 46 बा नोकर धन्य हए, जौनको मालिक आत उइसी करत् पातहए।
\v 47 नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, मालिक बाके अपनो सारो सम्पतिके उपर जिम्मेबार नियुक्त करहए।
\v 48 पर अगर बा दुष्ट नोकर 'मिर मालिक सुबेरे आएहए कहीके मनमे सोचैएगो,
\v 49 अपन सँग काम करन् बारे नोकरके पिटन और मतवाला ( नशिले ) सँग खान और पिन लागो तव,
\v 50 बा नोकरको मालिक बा ना चिताओ दिन और ना जानो समयमे आबएगो।
\v 51 और मालिक बाके कठोर दण्ड देहए और बिनके ढोंगीनके बीचमे फेंक देहए, जहाँ आदमी रुइहँए और दाँत किटकिटए हँए।”
\c 25
अध्याय 25
\v 1 तव स्वर्गको राज दश कन्यानकेसँग तुलना कर सकत् हँए। बे अपन दिया लैके दुलाहके भेटन निकरीं। "
\v 2 बे मैसे पाँच जनी मूर्ख और पाँच बुध्दीमान रहँए।
\v 3 काहेकी जब मूर्ख कन्या अपन दिया लएगईं, तव बे संगमे तेल ना लएगईं।
\v 4 पर बुध्दीमान कन्या त अपन दियाके सँग सँगए कटोरामे तेल फिर लएगईं रहँए।
\v 5 दुलहको आसरा करत् बे सब नींद से और निधाए गईं।
\v 6 "तव आधीरातमे 'देखओ ओदुल्‍हा भेटन आओ कहिके एक अवाज आओ '।
\v 7 "तव बे सब कन्या उठीँ, और अ-अपन दियाके ठीकठाक करीँ।"
\v 8 निर्बुध्दी कन्या बुध्दीमानसे कहीँ, “तुमरो तेलसे हमके थोरी देबओ, काहेकी हमर दिया त बुतन लागी।”
\v 9 "तव बुध्दीमान अइसे करके जबाफ दईं, 'हमर और तुमरे दोनाएके पुगनके ताँही इत्तो तेल ना हुईहए, बलकुन दुकान बारे ठिन जाओ और अपन ताँही मोल लेबओ।'
\v 10 "बे मोल लेन गईं तव दुलहा आएपुगो, और तयार होनबारे उनके सँग विहाके पाटीमे भितर घुसे और फाटक बन्द हुइगओ। "
\v 11 "पिछुसे बे और कन्या आएपुगिँ और अइसो काहान लागीं, प्रभु, प्रभु हमर ताँही खोलदेबओ ! "
\v 12 ""तव बा जबाफ दैके कही, नेहत्य मए तुमसे काहतहओं, मए तुमके ना चिनत हओं। "
\v 13 "जहेमारे जगे रहाबओ, कहेकी बा दिन और बा घडी तुम पता ना पैएहओ।"
\v 14 "काहेकी जा परदेश जानबारो आदमी जैसो हए, जौन परदेश जात पेती अपन नोकरके बुलाएके अपन धन-सम्पत्ति बिनके जिम्मा दई। "
\v 15 बा सबयके बिनके अपन क्षमता जैसो एकके पाँच सोनोको सिक्का, दुसरेके दुई और फिर तिसरेके एक दैके गैभओ।
\v 16 तव पाँच सोनोको सिक्का पानबारो तुरन्तए जाएके बा व्यापारमे लागएके और पाँच सिक्का कमाईं।
\v 17 उइसीय दुई सिक्का पानबारो फिर और दुई सिक्का कमाई।
\v 18 पर एक सिक्का पानबारो त जाएके भिमे खोदके अपन मालिकको धन लुकाए रहो।
\v 19 "बहुत दिन पिछु बा नोकरको मालिक आओ, और बा बिनसे हिसाब मागी। "
\v 20 तव पाँच सोनोको सिक्का पानबारो नोकर और पाँच सिक्का लायके अग्गु आएके अइसे कही, 'हजुर, तुम मोके पाँच सिक्काको जिम्मा दए रहओ, देखओ मए और पाँच सिक्का कमाओ हओं।
\v 21 "मालिक बासे कही, 'स्याबास, अच्छो और विश्‍वासी नोकर! तए थोरी बातमे ईमान्दार भओ, अब मए तोके बहुत बातको जिम्मा देहओं। तए अपन मालिकको खुशीमे सहभागी हो।
\v 22 "दुई सिक्का पानबारो फिर आएके कही, 'हजुर, तुम मोके दुई सिक्का दएरहओ। देखऔ, मए और दुई सिक्का कमाओ हओं।' "
\v 23 बा मालिक बासे कही, 'स्याबास, अच्छो और विश्‍वासी नोकर, तए थोरी बातमे ईमान्दार भओ, अब मए तोके बहुत बातको जिम्मा देहओं। तए अपन मालिकको खुशीमे सहभागी हो।'
\v 24 "एक सोनोक सिक्का पानबारो फिर आएके कही, 'हजुर, ना लगाओ जग्गासे कटात हओ और ना बोन बारो ठाउँसे बटोर लेतहओ, तुम कठोर आदमी हओ करके मोके पता रहए।"
\v 25 बहे मारे मोके डर लागो, और जाएके तुमरो सिक्का मए जमीनमे गाडमे लुकाओ रहओं। देखओ, जा तुमरो सिक्का लेओ।'
\v 26 "बाको मालिक बाके जबाफ दई, “ए दुष्ट, अल्छी नोकर, ना लागाओ ठाउँमे कटात् हओ, और ना बोनबारो ठाउँसे बटोरत् हओ करके तए जानत रहए तव, "
\v 27 तए मिर पैसाके साहुके ठिन धरन् रहए, और आएके मए मेरो पैसा व्याज समेत फिर्ता पातो।
\v 28 जहेमारे बासे जा सिक्का छिनलेओ, और जौनके सँग दश सिक्का हए बाके देओ।
\v 29 काहेकी जौनके सँग हए बाके और मिलैगो, और बाके सँग गजब हुइहए। पर जौनके सँग ना हए बाके सँग भओ फिर बासे छिनो जएहए।
\v 30 बा बेकामको नोकरके बाहिर अन्धकारमे फेकदेओ, जहाँ आदमी रुइहँए और दाँत किटकिटए हँए।'
\v 31 'जब आदमीको पुत्र सबए स्वर्गदुतकेसँग अपन महिमामे अबैगो, तव बा अपन महिमा मय सिँहासनमे बैएठैगो।"
\v 32 और बाके अग्गु सब जाति इघठ्ठा हुइहँए, और जैसी बकरेहरा भेडा और बकरीयाके छुट्यात् हए, उइसीय बा बिनके एक दुसरेसे अलग करहए।
\v 33 बा भेडाके अपन दाहिनाघेन, और बकरीयानके दिब्राघेन धरैगो।
\v 34 "तव राजा अपन दाहिनघेन बारेनसे कएहए, 'आबओ, मेरे पिताके तुम धन्यके हओ ! संसारको उत्पतिसे तुमरे ताँही तयार करो राज्यमे अधिकार करओ। "
\v 35 काहेकी मए भुखानो रहओं, तुम मोके खानके दए। मए प्यासो रहओ, तुम मोके पीन पानी दए, मए परदेशी रहओं, तुम मोके बैठन दए।
\v 36 मए नङ्गो रहओं, तुम मोके लत्ता पैंधन दए, मए बिमार रहओं, तुम मोके ख्याल करे, मए जेलमे रहओं, तुम मेरे ठिन आए।'
\v 37 "तव धर्मीजन उनके जबाफ देहँए, 'हे प्रभु, कब हम तुमके भुखो देखे, और खानके दए, औ कब प्यासो देखे, और पिनके पानी दए ? "
\v 38 कब हम तुमके परदेशी देखे, और तुमके बैठन दए ? औ नङ्गो देखे और लत्ता पैंधन दए ?
\v 39 और कब हम तुमके बिमार और जेलमे देखे, और तुमरे ठिन आए ?'
\v 40 तव राजा बिनके जबाफ दैके कएहए, 'नेहत्य, मए तुमसे काहत हऔं, तुम जा मिर भैयन मैसे सबसे छोटेक् एक जनीके जो जित्तो करे, बा तुम मिर ताहीं करे।
\v 41 तव पिछु बा दिब्राघेनके आदमीनसे कही, 'ए श्रापित आदमीओ ! मोसे दुर हुइजाओ, और दियाबलस और बाके दूतके ताँही तयार करो अनन्तकी आगीमे जाओ "
\v 42 काहेकी मए भुखानो रहओं, तुम मोके खान ना दए, मए प्यासो रहओं, तुम मोके पिन ना दए।
\v 43 मए परदेशी रहओं, तुम मोके बैठन ना दए। नङ्गो रहओं, और तुम मोके लत्ता ना पैंधाए। बिमार और जेलमे रहओं, और तुम मोके ख्याल ना करे।'
\v 44 बे फिर अइसे करके जबाफ देहँए, 'प्रभु, कब हम तुमके भुखों और प्यासो देखे, परदेशी और नङ्गो और बिमार देखे, और जेलमे देखे, और तुमरो सेवा ना करे ?'
\v 45 "तव बा बिनके जबाफ देहए, 'नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, जे सबसे छोटे मैसे एक जनीके जो जित्तो ना करे, बा तुम मेरे ताँही ना करे।"
\v 46 "तव बे अनन्त दण्डके भागी हुइहएँ, पर धर्मी त अनन्त जीवनमे घुसहँए।"
\c 26
अध्याय २६
\v 1 येशू जा सब बात करके अपन चेलनसे कही,
\v 2 "तुमके पता ना हए, कि दुई दिन पिछु निस्तार-तेवहार आतहए (छुट काराको दिन), और आदमीको पुत्र क्रूसमे टाँगनके ताँही पकणो जाएहए।"
\v 3 तव कैयाफा नाउँको प्रधान पुजारीक दरबारमे मुखिया पुजारी और जनताके धर्मगुरु इघठ्ठा भए।
\v 4 और बे येशूके कैसे पकणाए और मराँए करके सल्लाह करन् लागे।
\v 5 तव बे कहीँ, “तेवहारमे ना। नत आदमीमे हलचल हुइ जएहए।”
\v 6 येशू बेथानियामे सिमोन कोढ रोग भओके घरमे रहए,
\v 7 एक बैइयर सिङ्ग मरमरको एक शीशीमे किमती अत्तर लैके बाके ठीन आई (माहकुवा तेल), और बा खान बैठो रहए तव बाके मुणमे अख नाएदई।
\v 8 जा देखके चेला दिक्काए गए, और बे कहीँ, “काके ताँही जा इत्तो नोक्सान करीहए ?
\v 9 काहेकी जा अत्तर बहुत दाममे बेचके बा पैसा गरीबनके दए सकत रहए।”
\v 10 तव येशू जा बात पत्ता पाएके बिनसे कही, “तुम जा बैइयरके काहे दु:ख देत हओ ? बा त मिर ताँही एक अच्छो काम करीहए।
\v 11 काहेकी गरीब तुमरे सँग सबए दिन हुइहँए। पर मए तुमरे सँग सबए दिन ना हुइहओं ।
\v 12 बा जा अत्तर मिर शरीरमे अखनाएके दफनके ताँही मोके तयार करीहए।
\v 13 नेहत्य, मए तुमसे काहत हओं, सारा संसारमे जहाँ जा सुसमाचार प्रचार हुइहए, जा बैइयर जो करीहए बाको चर्चा बिनके यादके ताँही करहँए।”
\v 14 "तव बाह्र मैसे एक जनी यहूदा इस्करियोत कहन बारो त मुखिया पुजारी ठिन गओ, "
\v 15 और कही, “अगर मए बाके तुमरे हातमे सौप देहओं तव, मोके का देहओ ?” बे बाके चाँदीके तीस सिक्का दईं।
\v 16 बहे बेरासे यहूदा बाके पकणानके मौका ढुँड़न लागो।
\v 17 जब अखमिरी रोटीको तेवहारको पहिलो दिन चेला येशू ठिन आएके कहीं, “तुमर ताहीँ निस्तार-तेवहारको पाटीमे खानको प्रबन्ध हम कहाँ कराँए ?”
\v 18 बा कही, “शहेरमे एक आदमी ठिन जाओ, और बिनसे कहओ, 'गुरुजी कही हए, मिर समय जौने आए गओ हए। मए अपन चेला सँग तुमरे घरमे निस्तार-तेवहार मनए हओं।”
\v 19 तव येशूको आदेश जैसे चेला करीं और बे निस्तार-तेवहारको बन्दोबस्त मिलाईं।
\v 20 साँझा भओ बा बाह्रओ चेला सँग बैठो।
\v 21 बा खातपेती कही, “नेहत्य, मए तुमसे काहत् हओं, तुम मैसे एक जनी मोके पकणाए देहए।”
\v 22 तव बे बहुत दु:खि हुइके सब बासे पुछ्न लागे, “प्रभु, का बा मए हओं ?”
\v 23 और बा कही, “जौन मिर थरियामे रोटी बोरैगो , बा मोके पकणाए देहए।
\v 24 आदमीको पुत्रके त बाके बारेम धर्मशास्त्रमे लिखो जैसो हुइहए। पर धिक्कार बा आदमीके जौनसे आदमीक पुत्र पकणो जएहए। बा आदमीके त ना जलमनो बाके ताँही अच्छो हुईतो।”
\v 25 "तव बाके पकणाए देनबारो यहूदा पुछी, “गुरुजी, का बा मए हओं ?” बा बासे कही, "तए अपनाए बा काहो हए।”
\v 26 बे खानु खातपेती येशू रोटी लै और धन्यवाद दैके पिछु बा तोरी और चेलनके दैके कही, “लेओ, खाओ, जा मिर शारीर हए।”
\v 27 तव कटोरा फिर लैके धन्याबाद दैके बा बिनसे अइसे कहिके दई, “तुम सब जा मैसे पिबओ।
\v 28 काहेकी जा नयाँ करारको मेरो रगत हए, जा बहुतनके ताँही पापको क्षमाके ताँही बहो हए।
\v 29 पर मए तुमसे काहत् हओं, कि दाखको जा फरासे मए जब तक ना पिहओं, जब तक अपन पिताको राज्यमे तुमरे सँग नयाँ करके ना पिहओं।”
\v 30 एक भजन गाएके पिछु बा जैतुन डाँगाघेन निकरके गओ।
\v 31 तव येशू बिनसे कही, “आज मिर बजैसे तुम पिछु हटे हओ। काहेकी अइसो लिखो हए, 'मए बकरेहेराके मारङ्गो, और बगालके भेडा तितरबितर हुइके छरपष्ट हुइजएहए।'
\v 32 पर मए मरके जिन्दा हुइके तुमसे अग्गु गालीलमे जाएहओं।”
\v 33 पत्रुस बासे जबाफ दैके कही,“तुमरे कारन सब जनी पिछु हटेहएँ ,पर मए कबहू पिछु ना हटङ्गो।”
\v 34 येशू बिनसे कही, “नेहत्य, मए तुमसे काहत हओं, आज रातके मुर्गा बासन अग्गु तए मोके तीन चोटी इन्कार करेहए।”
\v 35 पत्रुस बासे कही, “मए तुमरे सँग मरन पणेहए तहुँ फिर मए तुमके इन्कार ना करङ्गो।” और सब चेला अइसिय काँही।
\v 36 तव येशू गेतसमनी काहन बारो ठाउँमे बिनके सँग गओ, और चेलनसे कही, “तुम हियाँ बैठओ, मए त थुर दुर जाएके प्रार्थना करेहओं।”
\v 37 और अपने सँग पत्रुस और जब्दियाक् दुई लौड़नके लैके बा शोकित और व्याकुल होन लागो।
\v 38 तव बा बिनसे कही, “मिर प्राण गहिरो शोकसे मए अध्मरा कता हुइगओ हओं। तुम हियाँ बैठीओ, और मिर सँग जागे रहिओ।”
\v 39 और बा थुर दुर जाएके लम्मो पणके प्रार्थना करी, “हे मिर पिता, हुइसक्तहए तव, जा कटोरा मोसे हटाए देओ। तहुँ फिर मीर इच्छा करे जैसो ना, पर तुमरी इच्छा करे जैसो होबाए।”
\v 40 तव बा चेला ठिन आओ बिनके सोत पाई, और पत्रुससे कही, “का तुम मिरसँग एक घण्टा फिर जागे बैठ ना पाए?
\v 41 जागे रहबओ, प्रार्थना करओ और परीक्षामे मतपणाओ। आत्मा त नेहत्य तयार हए, पर शरीर कमजोर हए।”
\v 42 फिर दुस्रो चोटी बा प्रार्थना करन् गओ, “हे मिर पिता, यदि मए ना पिनसे ना हुइहए कहेसे तुमरी इच्छा पुरो होबए।”
\v 43 बा फिर आएके उनके सोत पाई, काहेकी बे बहुत निधाने रहँए।
\v 44 जहेमारे बा फिर बिनके छोड़के गओ, और जाएके बेही बात दोहोरयाएके तिस्रो चोटी प्रार्थना करी।
\v 45 तव बा चेलाके ठिन आएके बिनसे कही, “तुम अभएतक सोए रहे हओ और अराम कर रहेहओ ? देखओ, समय जौड़े आए गओ हए। आदमीको पुत्र पापीनके हातमे पणन लागो हए।
\v 46 उठ, जाओ , देखओ, मोके धोका देनबारोत जैने हँए।”
\v 47 बा मसक्तय बहे मैसे एक जनी यहूदा आओ। बाके सँग मुखिया पुजारी और जनताके धर्मगुरु पठाई भए एक बड़ी भीड़ तलवार और लठ्ठी लैके आए।
\v 48 बाके पकड़ बान बा एक संकेत दैरहए, “जौन आदमीके मए चुम हओ, बहे हुईहए, बहेके पकड़ीओ।”
\v 49 तुरन्त येशू ठिन जाएके बा कही, “हे गुरु प्रणाम ! और बा बाके चुमी।
\v 50 येशू बासे कही, “सँगी, तुम जो करन् आए हओ, बा करीए डारओ।” तव बे अग्गु आएके येशूके पक्‍णी ।
\v 51 येशूके सँगमे होनबारो मैसे एक जनी अपनो हात बढाएके तरवार निकारके, मुखिया पुजारीको कमैयाके कान काटके अलग करदै।
\v 52 तव येशू बिनसे कही, “तिर तरवार खोलमे डार, काहेकी तरवार लेनबारे सब तरवारसे नष्ट हुइहँए |
\v 53 तुम का बिचार करत हओ, का मए अपन पिताके बिन्ती कर ना पएहओं, और बा तुरन्त स्वर्गदूतके बाह्र पल्टनसे जद्धा मिर ताँही पठाए का ना सकत् हए ?”
\v 54 पर जा बात अइसी होनके हए कहीके धर्मशास्त्रमे लिखि बात कैसे पुरी हुइहए त ?”
\v 55 बा समय येशू भीड़से कही, “डाँकुके पकणान कता मोके पकणान तरवार और लठ्‍ठ लैके तुम काहे आए ? मए सब दिन मन्दिरमे शिक्षा देत बैठो रहओं, तव तुम मोके ना पकणे।
\v 56 पर अगमवक्ताको लिखी बात पुरो होन ताँही जा सब होन आओ हए।” तव सब चेला बाके छोड़के भाजे।
\v 57 येशूके पकणके बाके प्रधान पुजारी कैयाफाके ठिन लैगए। हुवाँ शास्त्री और धर्मगुरु इक्ठ्ठा भए रहँए।
\v 58 तव पत्रुस दुरसे प्रधान पुजारीक भवनके आँगन तक बाके पिछुपिछु गओ, और अन्तमे का हुईहए, सो देखनके ताँही भितर घुसके चौकीदार सँग बैठो।
\v 59 अब मुखिया पुजारी और जम्मए महासभाके येशूके दण्ड देनके बाके बिरुध्दमे झुठी गवाही ढुणन लागे।
\v 60 बहुत झुठी गवाही देनबारे आए, और बे कोइ प्रमाण ना पाईं। आखिरीमे दुई जनी अग्गु आए,
\v 61 और कहीं, “जा आदमी 'मए परमेश्‍वरके मन्दिरके उजाडके तीन दिनमे जा बनाए देहओं कहीके कही हए।”
\v 62 तव प्रधान पुजारी उठके कही, “का तए कुछ जवाफ ना देहए ? जा आदमी तेरे बिरुध्दमे दओ गवाही का हए ?”
\v 63 तव येशू चुप रहो। प्रधान पुजारी बासे कही, “जीवित परमेश्‍वरको नाउँमे कसम खाएके कहओ, हमके बता, का तए परमेश्‍वरको पुत्र ख्रीष्ट हए ?”
\v 64 येशू बिनसे कही, “तुम्ही कहेरहे हओ। तहुँ फिर मए तुमसे काहत् हओं, अब पर तुम आदमीको पुत्रके सर्वशक्तिमानके दाहिना हातघेन बैठो दिख् हओं।”
\v 65 बा प्रधान पुजारी अपन कुर्ता फारी और कही, “जा त ईश्‍वर-निन्दा करके बोली। हमके अब और साक्षीको का जरुरत पणहए ? तुम अभए जा बोलि ईश्‍वर-निन्दा सुन लए।
\v 66 तुमर का बिचार हए ?” बे जवाफ दईं, “जा प्राणदण्डको योग्य हए।”
\v 67 तव बे बाके मुहुमे थुकीं मुक्का मारीं, और कोइ-कोइ अइसे काहत थप्पड़ लगाईं,
\v 68 "हे येशू अगमवाणी कहओ ! तोके मारन बारो कौन हए ?”
\v 69 पत्रुस बाहिर आँगनमे बैठो रहए। एक नोकर्नी बाके ठिन आएके कही, “तुम फिर गालीलके निवासी येशूसँग रहओ।”
\v 70 पर बा उनके सबके अग्गु इन्कार करके कही, “तए का काहत हए, मए ना जनत हओं।”
\v 71 बा बाहिर ढेहरीमे निकरके पिछु दुसरी दासी बाके देखी, और हुवाँ बैठन बाले कहीँ, “जा आदमी फिर येशू नासरीसँग रहए”
\v 72 बा फिर कसम खाएके कही, “मए बा आदमीके ना चिनत हओं।”
\v 73 थोरी देरमे हुवाँ भए आदमी फिर पत्रुससे कहीं, “नेहत्य, तुम फिर बिनमैसे एक हओं, काहेकी तुमर बोलिए त तुमके बतात् हए।”
\v 74 " तव पत्रुस अपनएके सरापत् कसम खान लागो "मए बा आदमीके ना चिनत हओ।” और तुरन्त मुर्गा बासदै। "
\v 75 तव पत्रुससे येशू कही जा बात याद हुइगओ, “मुर्गा बासनसे अग्गु तए मोके तीन चोटी इन्कार करहए।” तव बा बाहिर जाएके धरधरौटीसे रोइ।
\c 27
अध्याय २७
\v 1 जब सुबेरे भओ, सब मुखिया पुजारी और जनताके धर्मगुरु येशूके मृत्युदण्ड देन करके बाके बिरुद्ध योजना बनाई।
\v 2 और बे बाके बाँधके लैगए, और हाकीम पिलातस ठीन सौंपदईं।
\v 3 तव बाके पकणान बारो यहूदा बाके उपर दण्डदेत देख्के पछ् ताई, और मुखिया पुजारी और धर्मगुरुके चाँदीके तीस सिक्का घुमानके आओ,
\v 4 और कही, “मए निर्दोष आदमीके धोखा दैके पाप करोहओं।” तव बे कहीं, “हमके का मतलब ? तए अपनाए जान्।”
\v 5 तव चाँदीके बे सिक्का मन्दिरमे फेंक्के बा गओ, और फाँसी लगायके आत्म हत्या करी।
\v 6 तव मुखिया पुजारी चाँदीक सिक्का लैके कही, “ढुकुटीमे जा धरनके ठीक ना हए, काहेकी जा रगतको मोल हए।”
\v 7 बे आपसमे सल्लाह करके बा पैसासे परदेशीनके दफनके ताहीँ कुमराकी जमिन मोल लईं।
\v 8 जहेमारे बा जमिनसे आज तक फिर रगतको जमिन काहत हँए।
\v 9 तव यर्मिया अगमवक्ताको कहीबात पुरी भई, बे चाँदीक तीस सिक्का लैके, बा मोलके रुपमे, जौन इस्राएलको लौड़ाके बे तोकी रहँए,
\v 10 और परमप्रभु मोके आदेश दओ जैसो कुमराकी जमिनके ताहीँ बे दईं।”
\v 11 येशू हाकिमके जौने ठाणो, और बे येशूसे पुछीँ, “का तए यहूदीक् राजा हए?” येशू बिनसे कही, “तुम्ही त अइसो काहत् हओं”
\v 12 तव मुखिया पुजारी और धर्म-गुरु बाके उपर दोष लगाईं, तव बा कोइ जवाफ ना दई।
\v 13 तव पिलातस बासे कही, “तुमरे विरुध्दमे अनेक बातको गवाही देतहँए, का तुम ना सुन्त हओ ?”
\v 14 पर बा बिनके कोइ बातक् फिर जवाफ ना दई | हाकिम फिर जा बातमे गजब अचम्‍मो पणिगओ।
\v 15 निस्तार-तेवहारमे भीड चाहो जैसो हाकिमके एक जनि कैदी छोणनके रिति रहए।
\v 16 बा समय बारब्बा नाउँको एक प्रख्यात कैदी रहए।
\v 17 जब आदमी इक्ठ्ठा भए, पिलातस बिनसे पुछी, “तुम का चाहत हओं? मए तुमरे ताँही कौनके छोण देओं ? बारब्बा कि ख्रीष्ट काहन बारो येशूके ?”
\v 18 काहेकी बे येशूके गुस्सा से सौंपी रहएँ काहेकी बिनके पता रहए।
\v 19 जब बे न्याय-आसनमे बैठे रहँए बहे समयमे बिनकी बैइयर अइसे करके खबर पठाईं, “बा निर्दोष आदमीके कुछु मतकरीओ, काहेकी आज सपनामे बाके बजैसे मए बहुत दु:ख भोगो हओं।”
\v 20 तव मुखिया पुजारी और धर्म-गुरु बारब्बाके छोणदेन और येशूके मृत्युदण्ड देनके माग करन् आदमीके फुल्साई।
\v 21 हाकिम फिर बिनसे पुछी, “दुई मएसे कौनके मए तुमरे ताँही मुक्त करदेओ करके तुम चाहत् हओ ?” बे कहीँ, “बारब्बाके।”
\v 22 पिलातस बिनसे कही, “तव ख्रीष्ट काहन बारो येशूके मए का करओं ?” बे बासे जवाफ दैके कहीँ, “बाके क्रुसमे टाँगओ।”
\v 23 बा कही, “काहे ? बा का अपराध करी हए?” तव बे और जोणसे चिल्लाईं, “बाके क्रुसमे टाँगओ।”
\v 24 तव कोइ सीप ना लागो देख्के, और हलचल मचएगो करके पता पाएके डराएके पिलातस पानी लैके भीणके अग्गु अपन हात धोएके कही, “तुम अपनाए जानओ, मए जा आदमीको रगतसे निर्दोष हओं।”
\v 25 सब आदमी जबाफ दईं, “ बाको रगत हमके और हमर सन्तानके उपर पणए।”
\v 26 तव बा बिनके ताँही बारब्बाके छोण दई, और येशूके कोर्रा लागएके क्रुसमे टाँगन के सौपदई।
\v 27 तव हाकिमके सिपाय येशूके महलमे लैगए, और जम्मए पल्टान बाके जौने इक्ठ्ठा भई।
\v 28 बे बाको कुर्ता खोलके बाके लाल कुर्ता लगाए दईं।
\v 29 बे काँटोको मुकुट गुहिके बाके मुणमे लगाए दईं, और बाके दहिना हातमे डन्डा दईं, और बाके अग्गु घुँटो टेकके बासे अइसे कहिके बाको मजाक उणाईं, “हे यहूदियाको राजा, प्रणाम।”
\v 30 तव बे बाके थुकीं, और बा डन्डा लैके बाको मुणमे मारीं।
\v 31 बाके खिस्सी करके पिछु बे बाको कुर्ता खोलदईं और बाके अपनो कुर्ता पैंधाएके बाके क्रुसमे लट कानके ताँही लैगए।
\v 32 जातैजात बे सिमोन नाउँको कुरेनीके एक आदमीके पाईं, और बे बाके बाको क्रुस बोकन कर लगाईं।
\v 33 जब बे गलगथा काहन बारो ठाउँमे आएपुगे, जौनके खोपणीको ठाउँ काहत हँए,
\v 34 तव बे बाके पित्त मिलो भओ दाखमध पिनके दईं, तव बा चाखके बा ना पिई।
\v 35 बे बाके क्रुसमे टाँगके पिछु, चिट्टा डारके बाको कुर्ता आपसमे बाँटीँ।
\v 36 तव हुवाँ बैठके बे बाके पहरा देन लागे।
\v 37 "येशू,यहूदीको राजा "करके बाके विरुध्दमे दोष-पत्र बे बाके मुणके उपर टाँगदईं।
\v 38 " बाके सँग दुई जनी डाँकु क्रुसमे टाल्ङ्गे रहँए, एक बाके दहिना घेन और दुसरो दिब्रा घेन
\v 39 हुवाँसे आन जानबारे अपन मुण हलाएके बाको खिस्सी करत रहँए
\v 40 और कहीँ, “ए मन्दिर उजाणनबारो और तीन दिनमे बनान् बारो, अपनाएके बचा, और परमेश्‍वरको पुत्र हए तव, क्रुससे उतरके तरे आएजा।”
\v 41 मुखिया पुजारी फिर शास्त्री और धर्म-गुरु संगए मिल्के बाको खिस्सी करत् कहीँ,
\v 42 "जा औरनके त बचाई, अपनाएके त बचाए ना पाई। जा इस्राएलको राजा हए । हएअभए क्रुससे तरे उतरके आएजा, तव हम विश्‍वास करेहँए।"
\v 43 जा परमेश्‍वरमे भरोसा करत् रहए। परमेश्‍वर बाके चाहत रहए तव बहे बाके बचाबए, काहेकी जा त 'मए परमेश्‍वरको पुत्र हओं,' करके काहत रहए।”
\v 44 और बाके सँग क्रुसमे टँगे बे डाँकु फिर बहे तरीकासे बाको अपमान करीँ।
\v 45 अब दुपहर से लैके तीन बजे तक सारे देशमे अन्धकार हुइगओ।
\v 46 तीन बजे घेन येशू अइसो कहिके बणो जोणसे चिल्लाई, “इलोई, इलोई, लामा सबखथनी?” जौनको अर्थ हए, “हे मिर परमेश्‍वर, हे मिर परमेश्‍वर, तुम मोके काहे त्याग दए हओ?”
\v 47 हुवाँ ठाढेभए मैसे कित्तो जनी जा सुनके कहीँ, “जा आदमी एलियाके बुलातहए।”
\v 48 बिनमैसे एक जनी झट्से दौरके गओ एक स्पन्ज लैके सिर्कामे डुबाएके डन्डामे धरके बाके पीनके दई।
\v 49 तव बाँकी कहीँ, “देखओ, कहुँ एलिया यिनके बचान आत हए कि?”
\v 50 तव येशू फिर बणो जोणसे चिल्लाई और अपन आत्मा त्यागदै।
\v 51 तव बा समयमे मन्दिरको पर्दा चुटियासे लैके जरसे दुई भाग हुइगओ और जमिन काँपन लागी और चट्टान फुटे।
\v 52 सरके ढक्कन खुलगए, और मरेभए बहुत सन्तनके मृत शरीर जिन्दा हुइके उठे,
\v 53 और बे गड्डासे निकारके, और मरके येशूके पुनरुत्थानमे बे पवित्र शहेरमे प्रबेश करीँ और बहुत ठिन दिखाने।
\v 54 जब कप्तान और बिनके सँग येशूके देखन बारे हालाचाला और हुवाँ भओ घटना देखीँ, तव बहुत डराएके बे अइसे कहीँ, “नेहत्य, जा परमेश्‍वरको पुत्र रहए।”
\v 55 हुवाँ गालीलसे आए भए बहुत बैइयर फिर रहँए, बे दुरसे जा सब देखत रहँए। बे बाको सेवा-सत्कर करत गालीलसे येशूके पिछुपिछु आई रहँए।
\v 56 बे मैसे मरियम मग्दलिनी, और याकूब और योसुफकी अइया मरियम, और जब्दियाक लौड़ाकी अइया रहँए।
\v 57 सँझा हुइगओ अरिमाथियाक योसुफ नाउँ भओ एक जनी धनी आदमी आओ। बा स्वयम् येशूको चेला रहए।
\v 58 बे पिलातसके ठिन जाएके येशूक मृत शरीर मागीँ, और पिलातस बिनके देनके हुकम करी।
\v 59 योसेफ मृत शरीर लैजाएके सफा मलमलको लत्तामे लपेटी,
\v 60 और बे चट्टानमे खोदके बनाओ अपनो नयाँ गड्डामे बाके धरीँ, और गड्डाके मुहुँमे एक बहुत भारी पत्थर लुणकाए दईं, और बे हुँवा से गए।
\v 61 गड्डाके जौने मरियम मग्दलिनी और दुसरी मरियम फिर बैठी रहँए।
\v 62 दुसरे दीन औ तयारीक दिन मुखिया पुजारी और फरिसी पिलातसके ठिन इकट्ठा भए,
\v 63 और कहीँ, “हजुर, हमके याद हए, कि बा ठगहा जिन्दा रहए, तबही 'तीन दिन पिछु मए फिर जिन्दा उठङ्गो' कही रहए।
\v 64 बहेमारे तिसरो दिनतक् बा गड्डामे सुरक्षित राहनके हुकुम करीँ, नत बाके चेला आएके बाके चुराएके लैजामङ्गे, और 'बा मरो भओ जिन्दा हुइके उठाईगो' कहिके आदमी काहामङ्गे, और बा पिछुको धोखासे पहिलो और खराब हुइहए।”
\v 65 " पिलातस बिनसे कही, "तुमरो अपनो पहरा हैइए हए। जाओ, तुम बाके सकभर सुरक्षा करओ।”
\v 66 तव बे गए और पत्थरमे मोहर लगाईं, और पहरेदार खटाएके गड्डा सुरक्षित करीं।
\c 28
अध्याय २८
\v 1 शबाथपिछु, हप्ताको पहिलो दिन भुक्भुको उजियारो होत मरियम मग्दलिनी और दुसरी मरियम सरमे देखन आईं।
\v 2 बहुत भारि हालाचाला गओ। काहेकी परमप्रभुक् एक दूत स्वर्गसे तरे उतरके, औ पत्थर हटाएके बाके उपर बैठो।
\v 3 बाको रुप बिजुली जैसो और कुर्ता बरफ जैसो सेतो रहए।
\v 4 बाके डरके मारे बे पहरेदार थरथर काँपी, और अधमरा जैसे हुइगए।
\v 5 तव स्वर्गदूत बे बैइयरनसे कहीँ, “तुम मतडराबओ, काहेकी मोके पता हए, तुम क्रुसमे टँगो येशूके ढुणत् हओ।
\v 6 बा हियाँ ना हए , काहेकी बा कही जैसो बा जिन्दा हुइके उठिगओ हए। आओ, बाके धरो जगह देखओ।
\v 7 और जल्दी जाएके बाके चेलनके खबर देबओ, कि बा मरके जिन्दा हुइके उठीगओ हए, और बा तुमसे अग्गु गालीलमे जातहए। तुम हुवाँ बाके देखैगे। मए तुमसे कहिदौ हओं।”
\v 8 और बे डर और बहुत आनन्दसे झट सरको गड्डासे निकरके गईं, और बाक चेलनके खबर देन दौरीं।
\v 9 देखओ येशू बिनके भेटके कही, “शान्ति!” बे जौने आएके बाको पाउ पकणके बाके दण्डवत करीं।
\v 10 तव येशू बिनसे कही, “मतडरबओ, जाएके मिर भैयनसे गालीलमे जान कहीदेओ, और हुवाँ बे मोके देखङ्गे।”
\v 11 जब बे बैइयर डगरमे रहँए, कोइ-कोइ पहरेदार शहेरमे जाएके मुखिया पुजारीनके हुवाँभओ घटनाके बारेमे खबर दईं।
\v 12 जब मुखिया पुजारी धर्म-गुरुन से भेटी और बिनसे सल्लाह करीं, और बे सिपाइनके अइसे कहिके बहुत पैसा दईं,
\v 13 " "तुम कहिओ, कि 'हम सोत समयमे बाके चेला आएके बाके चुराएके लैगए हँए।'
\v 14 " अगर हाकिमके कानमे जा बात पुगएगी तव, हम बाके मनाएके तुमके बचाय देहँए।”
\v 15 तव बे पैसा लईं, और सिखाए जैसो करीँ, और यहूदीमे आजके दिनतक जहे बात फैलीहए।
\v 16 बे एघार जनी चेला गालीलके बा डँगामे गए, जहाँ येशू बिनके जानके आदेश दै रहए।
\v 17 बे बाके देखके दण्डवत् करीँ, तव कितनो त शँका करीँ।
\v 18 तव येशू बिनके ठिन आएके कही, “स्वर्ग और पृथ्वीमे सबय अधिकार मोके दई हए।
\v 19 जहेमारे जाओ, और सब देशके जातिनके चेला बनाओ, पिता और पुत्र और पवित्र आत्माके नाउँमे बिनके बप्तिस्मा देओ।
\v 20 मए तुमके आज्ञा करो सबए बात पालन करन् बिनके सिखाओ। देखओ, मए युगको अन्त तक सब दिन तुमरे सँगमे हओं।”