\v 13 पर दूत बासे कही, “मतडराए जकरिया, कहेकी तिर प्रार्थनाकी सुनाई हुइगै हए। अब तिर बैयर एलीशिबा तिरतही एक लौड़ा जन्माबैगी, और ताए बाको नाउँ यूहन्ना धारीए।
\v 14 तोके खुशी और आनन्द होबैगो, और बेढब जनी बा के जन्ममे रमांमङ्गे।
\v 15 कहेकी बा परमप्रभुके अग्गु महान होबैगो । बा दाखमध और कुछु फिर मध कबहू नापिबैगो, और अपनी आइयाके गर्भसे बा पवित्र आत्मासे भरोभौ होबैगो ।
\v 17 दौवाको मन लौड़ा-लौड़ीयघेन और अनाज्ञाकारीके धर्मीकी बुध्दीघेन लैटान और प्रभुक तही योग्य बनाएके एक जाति तयार करन बाके अग्गु बा एलियाको आत्मा और शक्तिमे जाबैगो ।”
\v 11 आज दाऊदके सहेरमे तुमके ताहिँ एक जनी मुक्तिदाताको जन्म भवहए, जो ख्रीष्ट प्रभु हए।
\v 12 तुमके चिहीना जा होबैगै: तुम एक बालकके लत्तासे लपेटो भौ और डोंणमे लेटोभौ पाबैगे।”
\p
\v 13 तव इकदम बे स्वर्गदूतसँग स्वर्गीके सेनको एक दल देखाने|बे अइसो काहत परमेश्वरको स्तुति करत रहए, ।
\q1
\v 14 “सर्वोच्चमे परमेश्वरकी महिमा, और पृथ्वीमे जैन आदमीसँग बा खुशी हए, बिनके शान्ति।"
\p
\v 15 जब स्वर्गदूत बिनसे बिदा हुइके स्वर्गमे गए, तव गंयारो आपसमे कही, “आओ, हम बेथलेहेमतक जाए, और हुँआ घटोभव जा घटना और परमप्रभु हमके बताईभैइ बात जाएके देखैँ।”
\v 16 बे एकदमसे गए, और मरियम और योसेफ दोनैके, और बालकके डोंणामे सोतभौपाई।
\v 17 जब बे जा देखि, तव जा बालकके बारेमे जे बात बिनसे कहीं रहए बे बिनके बताएदैंइ।
\v 18 गयारोसे बताईभइ बात सुनन् बारे सब अचम्मो मानी।
\v 19 पर मरियम जे सब बात समखत्ए मनमे धरी।
\v 20 जैइसी बिनसे कहीं रहए उइसीए सबए बात सुनी और देखि रहए, परमेश्वरकी महिमा और स्तुति करतए गयारो लैटे।
\v 12 जब बा कोई एक सहेरमे रहए, तव कोण रोग भरो एक आदमी येशूके देखके बाके पँवमे घुबटा पणके बिन्ती करी, “हे प्रभु, तुम्हरी इच्छा हए कहेसे मोके आच्छो कर सकत हओ ।”
\p
\v 13 बा अपन हात फैलाके और कही “मै इच्छा करतहौ तए अच्छो हुईजा" कहिके बाके छुई, और तुरन्तए बाको कोणरोग बासे हटीगव ।
\v 14 बा बिनके आदेश दैई, “जा कोइके मतबतैए । पर जएके पूजारीठीन अपनेके दिखा, और मोशाके व्यावस्थाहानी आज्ञा करी भइ अपने आपके पुजारीनके दिखा ।आदमीनके तए आच्छो भव प्रमाणके ताहि भेटी चढाइ।”
\v 15 पर बाको चर्चा और जाद्धा जेहेनतेहेंन फैलगओ, और बेढम भरी भीण बाकी बात सुनन् और अपन-अपन रोगसे अच्छो होन जमा होत रहए ।
\v 16 पर येशू त सुनसान जगहामे जाएके प्रार्थना करतरहए ।
\p
\v 17 एक दिन बा शिक्षा देतरहए, गालीलमे और यहूदियामे हरेक गाउँ और यरूशलेमसे आए फरिसी और शास्त्री बाके ठीन बैठेरहए । परमप्रभुकी अच्छो करन बारी शक्ति बाकेसंग रहए ।
\v 18 कुछ आदमी एक पक्षाघाती आदमीके खटियामे लाई, और बे बाके भीतर लान और बाके अगु धरन चाहीँ ।
\v 19 पर भीणके करनसे बाके भितर लैजन कोई डगर नपाएके बे छनीउपर चढ़ी, और बे छनिउत्कारके बाके खाटीयासमेत येशूके अगु धरी ।
\v 20 तव बा बिनको विश्वास देखके कही, “ए आदमी, तिर पाप क्षमा हुईगव ।”
\p
\v 21 तव शास्त्री और फरिसी पुछन लागे, “ईश्वर-निन्दा करन बारो जा कौन हए? पाप त परमेश्वर बाहेक और कौन क्षमा करसकत हाए?”
\v 14 प्रेरितके नाउँ रहएः सिमोन, जैनके बा पत्रुस नाउँ फिर दैई, और बाको भैया अन्द्रियास, याकूब और यूहन्ना, फिलिप और बारथोलोमाइ,
\v 15 मत्ती और थोमा, अल्फयसकी लौण याकूब, और सिमोन, जो उग्रपन्थी कहतरहए,
\v 16 याकूबको लौण यहूदा, और यहूदा इस्करियोत, जो विश्वासघाती भव ।
\p
\v 17 बा बिनके सँग तरे उतरके एक बराबर जग्गामे ठण बाइ । बाके चेलानको एक बणी भीण, और सबै यहूदिया और यरूशलेम, और समुन्द्र तटवर्ती टुरोस और सिदोनको इलाकासे बणी भीण
\v 18 बाकी वचन सुनन् तही और आ-अपन रोगसे अच्छो होन आए रहए । भुत आत्मासे सताए भए फिर अच्छो भए ।
\v 19 सबै भीण बाके छुन ढुणत रहए, कहेकी शक्ति बासे निकरत रहए, और बिनके सबके अच्छो करत रहए ।
\v 20 तव बा अपन चेलनके उपर नजर करके कहि: “धन्य तुम जो दीन होनबारे, कहेकी परमेश्वरको राज्य तुम्हरीए हए ।
\v 29 तुम्हर एक गालौवामे चट्कनबारेके दुसरो फिर दै दोओ, और तुमाहर पिछावुरा लेनबारेके तुम धोती फिर लैजान दाव ।
\v 30 तुमसे मागन बारे सबके देओ, और तुमसे समान लेनबारेनसे फिर मतमागाओ ।
\v 31 जाउन आदमी तुमके जैसो करात चाँहत हओ, तुम फिर बिनसे अइसी कराओं ।
\p
\v 32 तुम से प्रेम करनबालोसे प्रेम करत हओ कहेसे, तुम्हे का फाइदा भाओ? कहेकी पापी फरी आपनके प्रेम करनबालेसे प्रेम करतहए ।
\v 33 तुमर भलाई करनबालेके भलाई करतओ कहेसे, तुमे का फाइदा भओ? कहेकी पापी फिर अइसीए करत हए ।
\v 34 यदि फिर्ता पान आशा करके कोइके ऋण देतओ कहेसे, तुमके का फाइदा भओ? कहेकी फिर उत्कए पन आशा करके पापी पापीके ऋण देतहए ।
\v 35 पर अपने दुश्मनके प्रेम करओ, और बिनके भलाई करओ। फिर पान आसरा ना करके ऋण देओ, और तुमर इनाम बणो हुइहै, और तुम सर्बोच्चके सन्तान हुईहओ, काहेकी बा घमन्डी और स्वार्थी उपर कृपालु हाए ।
\v 36 तुमर पिता जैसो कृपालु हए तुम फिर कृपालु होबओ।
\p
\v 37 दुसरेके न्याय मत करओ और तुमर फिर न्याय नहुइहे । दुसरेके दोषी मतबनओ, और तुम दोषी ना ठहरैगे। क्षमा करओ, और तुमके फिर क्षमा करो जै है ।
\v 38 देबैगो, और तुमके फिर दै जाबैगो। आदमीके बहुत परिमाणमे खाँद-खाँदके डटके हलाएके, उफानत तुमर कुठियामे धारदेहाए । कहेकी जैन नापसे तुम देहओ, बहे नापमे तुम फिर फिर्ता पएहओ।”
\p
\v 39 तव बा बिनसे एक कहानी फिर कही: “का अन्धार अन्धारके डोरियलेहए? का बे दुने गड्डामे नपणंगे?
\v 40 चेला आपन गुरुसेबणकर ना होत हए, पर पुरो सिक्के बा आपने गुरुजैसो होबैगो।
\p
\v 41 अपन भैयाके आँखीमे भव कुरा तुम कहेदेखत हओ, पर आपन आँखीमे भव लठ्ठा पता ना पतहओ?
\v 46 मिर कही बात ना करत हओ तव कहे मोके “प्रभु, प्रभु" कहत हओ?
\v 47 जौन मिरठीन आत हए, मिर वचन सुनतहए और बाहे जैसो करत हए, बा कैसो आदमी हए, मै तुमके बतामंगो ।
\v 48 बा आदमी घर बनान् बालो आदमी जैसो हैए, जौन गहिरो खोदके चट्टान उपर जग डारी ।जल प्रलय भओ, तव जब बाहण आओ, और बा घरमे ठुक गओ, तव बा घरके हला ना पाई, काहेकी बा पक्को बनो रहए।
\v 49 पर जौन सुनत हए और फिर बा जैसो ना करत हए, बा एक जनी आइसो आदमी हाए, जौन जमिन उपर बिनाजगको घर बनाई । जब बा घर उपर बाहण आइके ठोकी, तव बा घर तुरन्त गिर गओ, और बा घरको बणो सत्यानाश भाओ ।
\c 7
\cl अध्याय 7
\p
\v 1 अपनी सबै बात आदमीनके सुनाईके बा कफर्नरहुममे घुसो।
\v 2 कोई एक आदमी कप्तानको एक जनी अच्छो कमैया रहए, जौन बीमार हुइके मरन बारो रहए।
\v 3 जब येशूके बारेमे बे सुनी, तव बाको कमैयाँके अच्छो करदेबै कहिके बा यहूदीन के धर्म गुरुसे बिन्ती करन पठाई।
\v 4 बे येशू ठिन आएके आइसे कहिके बा से नम्रहुइके बिन्ती करी,"बे तुमर जा कृपा पानके योग्यके हैए ।
\v 5 काहेकी बे हमर जातिनके प्रेम करत हए, और बेहि हमर सभाघर बनाई रहए।"
\p
\v 6 येशु बिनके संग गओ । कप्तानके घरके जैने बा होतए, कप्तान बिनके सङ्गिनके बाके ठिन एइसो कहेके पठाई,” हे प्रभु दुःख मत उठाबै काहेकि तुमके मिर घरमे घुसबानके योग्यको मै ना हओ ।
\v 7 मै अपनै फिर तुम्हरठीन अनको योग्य ना रहओ । पर वचन कहि देओ, और मेरो चाकर अच्छो हुईजैहै ।
\v 8 कहेकी मै फिर अख्तियारतरे बैठन बारो आदमी हओ, तव मेरे अधीनमे सिपैय है । मै एकके 'जा' कहत हओ, तव बे जात हए, और दुसरे से 'आ' कहतहओ, तव बे आत हए । मै कमैयासे 'जा' कर' कहतहओ, तव बा करत हए।”
\p
\v 9 जा बात येशू सुनके बासे अच्मो मनी, और घुमके आपनपिछु आनबारे भीणसे कही, “मए तुमसे कहतहओ, मै इस्राएलमे फिर यित्तो बाणो विश्वास नदेखो रहओ ।”
\v 34 आदमीक लौणा खात और पित, आओ तव तुम कहत हव, “देख, एक घिचुवा और पियक्कड़, कर उठानबरो और पापीनको सँगी ।"
\v 35 बुध्दि ठीक हैए कही बात बुध्दि जैसो नेगन बारो ही प्रमाणित करैगो।"
\p
\v 36 फरिसीमैसे एकजनी बाके खानु खान नृतो दैइ, और बा बे फरिसीके घरमे जाएके खान बैठो ।
\v 37 बा बाजरमे एक पापी स्त्री रहए । येशु फरिसीके घरमे खान बैठोरहए कहिके सुनी, और एक सिङगमरमरकी शीशीमे अत्तर लैके बा हूना आई ।,
\v 38 पिच्छुघेनसे बाके पाउँ ठीन ठाणके, रोत बाकी पाउँ आँसुसे भिजान लागी, और अपन मुणके बारसे पोछत बाके पाउँके चुमी, और बा अत्तर लगान लागी ।
\v 39 बाके निउतो देनबारो फरिसी जा देखके मनैमनमे अइसो कहन लगो, “जा अगमवक्ता हुईतो ता जाके छुन बारी कैन और कैसी स्त्री हए कहिके जा जान जातो, कहेकी जा त पापीन ह।”
\v 1 बासे पिछु बा बाजर- बाजर और गाउँ-गाउँ होत प्रचार करत और परमेश्वरको राज्यको सुसमाचार सुनात घुमन लागो। बाक़े सँग बाह्रा जनी चेला रह ।
\v 2 कित्तो स्त्री फिर बाके सँगमे रहए, जो दुष्टआत्मा और रोगसे अच्छो भए रहए । जे रहए: मग्दलिनी कहेन बारि मरीयम, जोसे सात भूत निकारी रहए ।
\v 3 हेरोदको कारिन्दा खुजासकी बैयर योअन्ना, और सुसन्ना । जे और बेऔरनके अपन सम्पतिसे बाकी सेवा करत रहैए ।
\p
\v 4 जब बडी भीण जमा भाई और बाजार-बाजार से आदमी बक ठीन आए, बे बिनसे एक कहानी कही ।
\v 5 “एक जनी बिज बोन निकरो, और बोत-बोत कुछ डगर के किनारेमे पणो, और बे आदमीके टङगसे चिबाद गए, और चिरैयाँ आएके खाए दैँ ।
\v 6 और बिज पत्थर बारी जमिनमे पणो, और बे जमो खिंनक सुकगाए, कहेकी बा जमिन बिना आदकी रहए।
\v 7 कोई बिज काँटोके बिचमे पणो, और बिनके सँग काँटो फिर बढ्तए गओ, और बिनके बणन नए दै ।
\v 8 कित्तो अछी जमिनमे पणो, और जमे सय गुणा फल फलाई।” यीतकए कहत बा जोणसे चिल्लाएके कही,” जौनके सुनन् कान हए बा सुनए ।”
\p
\v 9 बिनके चेला जा कहानीको अर्थ काहए बासे पुछी ।
\v 10 तव बा कही, “तुमके त परमेश्वरको राज्यको भेद जानन् ज्ञान दैइहए, पर औरकेसँग मै कहानीमे बतात हओ, की 'तुम देखके फिर नदेखो, और सुनके फिर ना सझौ ।'
\p
\v 11 अब कहानीको अर्थ जा हएकी: बिज परमेश्वरकी वचन हए ।
\v 12 डगरकी किनरे गिरो बिज बेहे हए, जैन सुनत हए, तव बे वचन सुनके विश्वास ना करैए और ना बाचए कहिके दियाबलस अयके बिनकी हृदयसे वचन लैचालोजतहए।
\v 13 पत्थरबरी जमिनमे पणनबरी बेहे हए, जैन वचन सुनके ख़ुशीसे ग्रहण करत हए । पर बाको जर ना होनके कारनसे, और बे थोरी समयके तही बे विश्वास करतहए, पर परीक्षाके अग्गु बे अलोप हुइजात हए।
\v 14 कांटोके बिचमे पणन बारी बेही हए, जैन सुनतए, पर पीछु जा जीवनकी चिन्ता, धान, सुखचैनमे पणके बणन ना पातए, और बिनको फल पक ना पत हए ।
\v 15 पर अछी जमिनमे पणन बारे बेहि हए, जैन वचन सुनके अच्छो मन और भलो हृदयमे बाके जुगाए रहत हए, और असरा करके फल फलात हए।
\p
\v 16 कोई दिया पजारके बर्तनसे ना तोपत हए, की खटिया तरे ना धरत हए पर भित्र अनबारेके उजयारो होबै कहिके अरोमे धरत हए ।
\v 17 कोई बातके लुकाएके ना धर सकत हए, जो उजागर ना होत है, और कोई बात लुकि ना राहत है, जो ना दीखई देबै औ उज्यारेमे ना आत हए ।
\v 18 जहेमरे हौसीयर होबओ, तुम कैसे सुनत हओ, कहेकी जौनसँग हए, बाके और दैजाबैगो, और जौनसँग नाहए, बाकेसँग जो हए कहिके बा समझत हए, बा फिर बासे छिनो जाबैग ।”
\p
\v 19 बाकि आइया और भैया बके जौणे आए, पर भीडके मारे बक जौणे आए ना पाई ।
\v 20 बासे कोई कही,” तुमार आइया और भैया भेट करन तही बाहिर ठणेहए ।”
\p
\v 21 और बा बिनसे कही, “मिर आइया और मिर भैया बेहि हए, जौन परमेश्वरकी वचन सुनत हए, और बा पालन करत ह।”
\p
\v 22 एक दिन बा अपन चेलासँग नैयाँमे चणेरहए, और बा बिनसे कही, “हम तालके बापार जमए।” और बे नैयाँमे चढ़के गय।
\v 23 नैयाँमे जताएजात बा निधाए गव । तालमे आँधीबियर चलन लगि । नैयाँ पानी से भरन लगी, और बे आफतमे पणीगए।
\p
\v 24 तव बे ढिगई आइके बाके आइसे कहत जगाई,” गुरु, गुरु, हम डूबन लगे ।” बा उठके आँधी और पानीकी लहर के डँटी, और बा रुकगाओ औ सब शान्त हुइगओ ।
\p
\v 25 बा बिनसे कही,” तुमार विश्वास कहागाओ?” बे डराए गए, ताव आचम्मो मानी और एक ठीन कहनलगे,” जा कौन हैए? जौन आँधी और पानीके आज्ञा देत हैए, ताव बे जक आज्ञा मानत हैए?”
\v 8 और कोई कहत रहए, “एलिया दिखानो हए,” तव औ र कहत रहए, “पहिलेक अगमवक्ता मैसे एक जनी उठो हए ।”
\v 9 तव हेरोद कही, “यूहन्नाको मुण मै कटन लगाओ, तव जा कौन हए जौनक बारेमे मै आईसी बात सुनत हओ?” तव बे बा कौन हए, भेट्न इच्छा करी।
\p
\v 10 तव प्रेरित घुम्के बे करी भई सबै बात बाके बताई। बा बिनके सँगए लैके बेथसेदा कहनबारो शहेरसे अलगै गव ।
\v 11 तव जा पता पाइके भीण बाके पच्छु लागी । बा बिनके स्वागत करी, और परमेश्वरके राज्यकेे बारेमे सुनाई, और जौन -जौनके अच्छो होन जरुरी रहए बिनके अच्छो करी ।
\p
\v 12 जब दिन बूणन लागो, और बाह्रा जनि आईके बासे कही, “भिडके बिदा देओ, और बे जाइके आस पासके बस्ती और गाउँ मे बास बैठन और भोजनकी व्यवस्था करैए, काहेकी हियाँ हम सुनसान ठाउँमे हैए ।”
\p
\v 13 तव बा बिनसे कही, “तुमही बिनके खानु देओ ।” तव बे कही,"हमरसंग पाँच रोटी और दुई मछरी इकल्लो कछु ना हए, आदमीको जा इत्तो बणो भिणके जाएके खानु मोल लेन और कछु उपाय ना हए ।
\p
\v 14 बे ज़म्मा: पाँच हजार लोग रहैए । तव बा अपन चेलासे कही, “बिनके पचास पचासकी लाईनमे बैठान लगाओ।”
\v 15 बे फिर आईसी करी, और सबके बैठाई ।
\v 16 तव बा पाँच रोटी और दुई मछरी लैके स्वर्ग घेन देखके आशिर्वाद दै, और तोडके आदमीके बाटओ कहिके चेलानके दै ।
\v 17 और सब खाईके अघाए गए, और चेला उबरो भओ टूक्रा बाह् डाला उठाई।
\p
\v 18 एक चोटी येशू इकल्लो प्रार्थना करत रहए, चेला बाके सँग रहए, और बा बिनसे पूछी, “आदमी मोसे कौन है कहत हए?”
\p
\v 19 बे कही, “कोई बप्तिस्मा देनबालो यूहन्ना कहतहए, कोई यलिया और कोई कहतहए, अग्गुक अगमवक्ता मैसे एक जनी फिर उठो है।”
\v 21 तव बा बिनके आज्ञा दैरहए, और सँगए चितौनी दैरहए, काहेकी बे जा बात कोइके ना बतामए ।
\v 22 तव बा कही, “आदमीको लौणके बेढम दु: ख उठान पणैगो, और बो धर्म-गुरुसे, मुख्य पुजारी और शास्त्रीसे तुच्छ समझो जैहए, बे मारंगे और तिस्रो दिनमे मरोसे जिन्दा हुइके उठैगो।
\p
\v 23 तव बा सबसे कही, “कोई मीरपच्छु आन इच्छा करैगो कहेसे बा अपनएके इन्कार करए, और रोजदिन अपन क्रुस बोकके मिर पच्छु लगाए।
\v 24 कहेकी जैन अपन प्रण बचान इच्छा करत हए, बा बाके गुमाबैगो। तव जौन मिर तही अपन प्रण गुमाबैगो, बा बके बचैहए।
\v 25 कहेकी सारा जगत पाएके अपनैके नाश करौगो औ गुमाबैगो कहेसे, आदमीके का फाइदा होबैगो?
\v 26 पर कोई मोसे और मिर वचनसे शर्माबैगो कहेसे आदमीको लौण फिर अपनो महिमामे, और पिताकी और पवित्र दूतगणकी महिमामे आत बाके सँग शर्माबैगो ।
\v 27 तव निह्त्य मए तुमसे कहतहौ, हिया ठाणनबारे कोई-कोई हए, जो परमेश्वरके राज्य ना देखनसे अग्गु मरनको स्वाद ना पमङ्गे ।
\p
\v 28 जा बातके प्राय: आठ दिनपिच्छु पत्रुस, यूहन्ना और याकूबके अपनेसँग लैके प्रार्थना करन जात बा जा बात कही ।
\v 29 बा प्रार्थना करत रहए बिनको मुहको रूप बदल गौ, और बिनकी झुला सेतो हुइके चम्को उज्यारो भव।
\v 30 तव बासे दुई जनी बातचित करत रहए, बे मोशा और एलिया रहए ।
\v 31 बे महिमित रुपमे दिखने और बे येशूसे उठाएके लैजानके बारेमे बातचित करत रहए । जा बात बिनके यरूशलेममे जाएके पूरो करन रहए ।
\v 32 तव पत्रुस और बकसँग होनबारे निधाए गए रहए । तव बे उठेके पिच्छु बे बाके सँग ठणेभए दुई जनी आदमीके और बक महीमा देखिँ ।
\v 33 तव बे दुई आदमी बाके सँग बिदा हुइके जानलगे पत्रुस येशूसे कही, “गुरुजी हमके हिनाऐ बैठन अच्छो हए । हम तिन रहन बारो बना मै- एक तुम्हर तही, एक मोशाक तही और एक एलियाके तही ।” बे काके बारेमे काहात रहए बिनके पता ना रहए।
\v 34 बा जा बत बेलतए बेलत एक बादर आएके बाके तोपदैई, बा बादर भितर घुसन लगो बे अच्मो मनगाए।
\p
\v 35 “तव बादर से आइसे कहिके एक आवाज निकरो,” “जा मीर पुत्र हए, जौनके मए छनो हओ । जाको वचन सुनौ।””
\v 36 जा शब्द आएके पिच्छु येशू बहुवा इकल्लो रहए। बे चूपचाप रहए, और बे देखिभैई बात बे दिनमे कोइसे फिर ना कहि,
\v 37 दुस्रे दिन जब येशू और बे चेला पहाड़से उतरे, एक बाणी भीण बासे भेटन आयो ।
\v 38 भीणसे एक जनी आदमी चिल्लाएके कही,"गुरुजी मै तुमसे बिन्ती करत हौ, मीर लौण के उपर कृपा-दृष्टी करओ । काहेकी बा मीर इकलो लौण हए ।
\v 39 देखाओ, एक दुष्टआत्मा बाके पक्णत है, और बा अचनक किकियत है, और बा ऐईठतहए और बाके फुपना निकरन लगत है। बाके छ्त्पत्बाएके लद्द बद्द छोणत हए।
\v 40 बा दुष्टात्माके निकार देओ कहिके मै तुमर चेला से बिन्ति करे, पर बे ना कारपाई ।
\p
\v 41 ”तव येशु जावफ दै,” अविश्वासी और हाठी पुस्ता, मै कब तक तुमर संग रहङ्गो, और तुमके कब तक सह मओ? तुमर लौड़ाके हीना लाओ ।”
\v 42 पर बक आतै आत भुतात्मा बा के जमिनमे गिराए दै और ऐठन लागो । पर येशु बा आदमीके डँटी, और बा बालकाके अच्छो बनाएके बाको दौवाके सौँप दै ।
\v 44 जा बात तुमर कानको गहिराइ पुगए कहिके आदमी को लउणा पक्राओ पणन लागो है ।”
\v 45 पर बे जा बातके ना समझ पाइ और जा ना समझ पामै कहिके गुप्तमे धारे हैँ । बे जा बारेमे बा से पुछन डरात हए ।
\p
\v 46 बा समय बेमैसे बडो कौन है जा बारेमे अपसमे बादविवाद चलो ।
\v 47 पर येशु बिनको मानके विचार पता पाईके एक बालक के लैके अपन किनारे धरि,
\v 48 और बिनसे कहि, “जौन मिर नाउँमे जा बालक के ग्रहण करैगो, बा मोके ग्रहण करैगो, और जोन मोके ग्रहन करैगो, बा मिर पठान बारोके ग्रहण करैगो । कहेकी तुम सबै मैसे जोन सबसे छोटो है, बाहे बडो होत् है ।”
\p
\v 49 तव यहुन्ना कहि, “गुरुजी, एक आदमी तुमर नाउँमे भुत निकारत हम देखे, और हम बासे मनाही करे । काहेकि बा हमर संग तुमर अनुसरण ना करत हैं ।”
\p
\v 50 तव येशु उनसे कहि,” उनके मनाही मात करौ, कहेकि जौंन तुमर बिरुद्द नाहै, बा तुमर पक्ष मे है ।”
\p
\v 51 बाको स्वर्गारोहणको दिन जौने आइगओ रहए, बा यरुशलेमघेन जान निर्णय करी ।
\v 52 तव बा समाचार लानबारे आदमीके पहिलेसे पठाई हरए | बे गए, और बाक ताहि सबै बात तयार करन सामरीको एक गाउँमे घुसो ।
\v 53 पर यरुशलेमघेन जान बाको दृढ़ विचार पता पाएके बे बाके स्वागत ना करी।
\v 54 तव जा देखके बाक चेला याकूब और यूहन्ना कही, “प्रभुजी, का तुम चाहतहौ कि स्वर्गसे आगी बर्साएके जे भस्म होमाए कहिके हम आज्ञा करौ?”
\v 55 पर घुमके बा बिनके ढँटके कही ।
\v 56 तव बे दुसरो गाउँघेन गए ।
\p
\v 57 बा डगरमे जातपेती, एक जनी आदमी बासे कही, “हे प्रभु, तए जहाँ जए है मै तिर पिच्छु लाङ्गो।”
\p
\v 58 तव येशू बासे कहिँ, “सेराके भार होत हए, और आकाशके चिरैयँनके घुस्ला, पर आदमिक लौणाके ता मुण धरन ठाउँ फिर ना है।”
\v 59 बा दुस्रेसे कहि, “मिर पच्छु लाग ।” पर बा कहिँ, “पहिले मिर दौवाके गाडन जान दे ।”
\p
\v 60 बा बासे कहिँ, “मुर्दनके अपने मुर्दा शरीर गाड्न देओ, तव तुम जएके परमेश्वरके राज्यको सुसमाचार प्रचार कर ।”
\p
\v 61 दुस्रो फिर कहिँ, “प्रभु, मै तुमर पच्छु लाङ्गो, पर पहिले अपन घर बारेन्से बिदा लेनदे ओ।”
\p
\v 62 तव येशू बासे कहिँ, “अपन हात हरमे लगाईके पच्छु देखन बारो कोइ फिर परमेश्वरके राज्यको योग्यको ना होत हए ।”
\c 10
\cl अध्याय 10
\p
\v 1 जाके मारे प्रभु और सत्तरी जनीनके नियुक्त करी, और जाहँ बा अपनएजान चाहत रहए सहर और गाउँमे अपनेसे अग्गु बिनके दुई-दुई जनी करके पठाई ।
\v 2 बा बिनसे कहि, “फसल त प्रसस्त हए, पर खेतहरा थोरी हए । जहेक मारे फसलके प्रभुसे प्रार्थना करओ, और बा अपन फसलमे खेतहराके पठाए देवए ।
\v 19 मै तुमके साँप और बिछी कुचलनके और शत्रुको सबै शक्ति उपर अधिकार दओ हौ, और कोइ बातसे तुमके नुकसान ना हुइहए।
\v 20 तहुफिर दुष्टात्मा तुमरे वंशमे हए करके खुसी मत होबओ, पर तुमर नाँउ स्वर्गमे लिखो हए कहेके खुसी होबओ।"
\p
\v 21 बा बेरा येशू पवित्र आत्मामे उत्साहित भव, और कहि, “हे पिता, स्वर्ग और पृथ्बीको परमप्रभु, मै तुमके धन्यवाद चढात हौ, काहेकी तुम जा बात बुद्धीमान और समझदारसे लुकाएके धरे बालकनके प्रकट करे । काहेकी, पिता तुमके जहे अच्छो लागो।
\v 22 मिर पिता सब चिज मोके सुम्पदै हए। पुत्र का हए कहिके पिता बाहेक कोइ ना जानत हए, पिता कौन हए कहिके पुत्र बाहेक, और पुत्र बाके जौन कहाँ प्रकट करन इच्छा करत हए, बा बाहेक और कोइ ना जानत हए ।”
\v 40 पर मार्था सेवा- सत्कारको बहुत काममे इरझी राहात रहए बा येशू ठिन आएके कहिँ, “प्रभुजी मिर बहिनियाँ सेवा-सत्कारको काममे मोके इकल्लो करे पणे हए, तुम के पता नए हौ? बासे कहे देओ, और बा मोके साहेता करए।”
\p
\v 41 तव येशू जवाफ दैके बिनसे कहि, “मार्था, मार्था तुम बहुत बातके बारेमे चिन्ता करत हौ, और घबणात हौ।
\v 42 पर आवश्यकता त एक बातकि हए, बहे अच्छी बातके मरियम छाने हए, जो बिनसे ना छिनएगो ।"
\c 11
\cl अध्याय 11
\p
\v 1 बा कोई एक ठाउँमे प्रार्थना करत रहए । बा जब प्रार्थना कर डारी, तव चेलन मैसे एक चेला कहि, “हे प्रभु, युहन्ना अपन चेलनके सिखाओ जैसो प्रार्थना करन हमके फिर सिखा ।“
\p
\v 2 “येशू उनसे कहि, “जब तुम प्रार्थना करत हओ तव अइसे कहीयो' हे पिता, तुमर नाउँ पबित्र होबए ।, तुमर राज्य आबै ।
\v 3 हमर दिन भरको रोटी हमके रोज दिन दिए ।
\v 4 हमर पाप क्षमा करिए, काहेकी हम फिर हमर बिरुद्धमे अपराध करन बालेन के क्षमा करत हए। हमके परिक्षामे पड़न मत दिओ’ ।
\v 20 पर यदी मए परमेश्वरको नाउँसे भुत निकारत हओ कहेसे परमेश्वरको राज्य तुमर ठिन आईगौ हए ।
\p
\v 21 हतियार लैके तयार हुईके बलवान आदमि अपन घरको रक्षा करत हए कहेसे, बक माल समान सुरक्षित रएहए ।
\v 22 अगर बासे फिर बलवान आदमी आईके बाके लणाई करके बाके जितैगो कहेसे, बे धरे भए बक जम्मए हतियार छिनाईके लैजात हए, और बक मालसमान लुटके लैजात हए ।
\v 23 जौन मिर पक्षमे ना हए, बा मिर बिरुद्धमे हए, और जौन मिर सँग ना बटोरैगो, बा बिद्गए हए ।
\p
\v 24 जब अशुद्ध आत्मा आदमीसे निकरके जात हए कहेसे बाआराम जगह ढुणत हए, बा कोइ ठाउँ ना पाएके बा काहत हए मए अपन पुराने जगह मे जाहँसे मए आओ हओ बा हुँव लौटके चलोजामङ्गो ।
\v 25 घुमके पिछु बा अपन घर सफा और अच्छो देखत हए ।
\v 26 तव बा अपनेसे फिर जद्धा दुष्ट और सात आत्मा संगमे लात हए, और बा आदमीक पच्छु दशा पहिलेसे हद्धा खराब होत हए ।
\p
\v 27 बा जा बात कहतै कहत, भिड मैसे एक स्त्री चिल्लाईके कहि”धन्य बा बैयर जौन तोके गर्भधारण करी और अपन दुध पिबाई ।"
\v 28 पर बा कहि, “बलकी बे धन्य है, जौन परमेश्वरको बचन सुनत हए, और पालन करत हए ।"
\p
\v 29 भिड जमा होतै जात बा कहि “जा पुस्ता दुष्ट पुस्ता हए ।जा चिन्ह ढुणत हए, पर योनाको चिन्ह बाहेक जाके और कोई चिन्ह नामिलैगे ।
\v 30 काहेकी जौन तरिकासे (रितसे) योनानिनबेके आदमिक ताँहि चिन्ह भौ रहए। बहे तरिकासे (रितसे) आदमिक पुत्र फिर जा पुस्ताके ताँहि चिन्हा हुई हए।
\v 31 ३१ दख्खिन देशकी रानी आदमीके विरुध्दमे दोषी ठहारान तही उठएगी, काहेकी बा पृथ्बिक किनारेसे सोलोमानको बुद्धि सुनन तहि आईरहए । पर देखौ, हिया एक आदमी हए, जो सोलोमानसे महान हए ।
\v 32 निनबेक आदमी न्यायमे जा पुस्ताकसँग ठाडके जाके दोष लगामङ्गे । कहेकी बे योनाको प्रचार मे पश्ताप करत रहए, और देखौ हिया एक आदमी हए, ज बा योनासे फिर महान हए ।
\p
\v 33 “कोई दिया पजारके गुप्त टाउँमे या ब्रतन तरे ना धरगें, पर भितार जानबारे सबैके उजियारो देवए करके आरोमे धरत हए ।
\v 34 तुमर शरिरको दिया तमुर आँखी हए, तुमर आँखी ठिक हए त तुमर सारा शरिर उजियारो हुईहए, पर खराब हए कहेसे, तुमर शरिर फिर अध्यारो हुई हए ।
\v 39 पर प्रभु उनसे कही, तुम फारिसी कटोरा और गिलासके बहेर त माजत हौ, पर भितर त लुट और दुष्टतासे भरे हौ ।
\v 40 हे मुर्ख आदमी तुमके जौन बहेरको भाग बनाई, बेहे फितरको फिर बनाई हए कि ना?
\v 41 पर भितरको दान स्वरुप देबौ, और तुमर ताहि सब चिज शुद्ध हुई जए हए ।
\p
\v 42 पर तुम फरिसिनके धिक्कार! कहेकी तुम पुदिना, आरुद और हरेक जडिबुटीको दशांश देत हौ, पर परमेश्वरको प्रेमको धार्मिक्ताके बेवास्ता करत हौ । पर तुमके परमेश्वरको प्रेम और धार्मीक्ता तराहा काम करन रहए । बे काम करन तुम कमजोर मतहेओ ।
\v 43 “तुम फरिसीके धिक्कार! कहेकी तुम सभा घरमे मुख्य मुख्य आसन और बजारमे आभिवादन लेन तुमके अच्छो लगत हए” ।
\v 44 “तुमके धिकार! कहेकी तुम बा मरघटके गड्डा हानी हौ, जो ना दिखात हए, और चालै ना पाएके आदमिन बिनके उपर नेगत हए”।
\p
\v 45 “ब्यबस्थाको पण्डित मैसे एक आदमी बा से कहि, “गुरु जी जा बात कहेके तुम ता हमर फिर बेज्जत करत हौ ।
\p
\v 46 बा कहि, “तुम ब्यबस्थाके पण्डितनके फिर धिक्कार! बोकन ना सीकन बारो बोझ आदमिक उपर लादत हौ, पर तुम अपनै एक उङगरिसे फिर बा बोझ ना छुईतहौ ।
\v 15 “बा बिनसे कहि”, होशियार रहबौ, सब तरह के लालच से बचके काम करौँ, काहेकी आदमिक जिन्दगी बके धन सम्पत्तिके प्रशस्ततामे ना रहात हए।"
\p
\v 16 बा बिनसे एक दृष्टान्त कहि, कोई एक जनि धनी आदमिको जमिनमे बहुत उब्जनी भव ।
\v 17 बा मनएमनमे गुनन्न लगो, मेरो अन्न धरन ताहि बिच्चा मिर ठिन नाहया, अब मए का करौ?
\v 18 तव बा कहिं, 'मए अईसो करङगो अपन बाखारी फोणके और बणी बनामंगो, और मिर सब अनाज और मालसमान बहेमे धरङ्गो ।
\v 19 तव मए अपन प्राणसे कहमङ्गो 'ए प्राण बेढम बर्ष तक् प्रशस्त सम्पत्ति तेरे ताहि जमा करो हौ । सुख-चैनमे बैठो, खा, पी और मजा कर ।'
\p
\v 20 “तव परमेश्वर बासे कहि, ए मुर्ख आज रातके तेरो प्राण तोसे छिन लेहए है, और जो चिज तै अपन ताहि जम्मा करो हए, बा कौन को हुईहए?
\p
\v 21 अपन ताहिं धन-सम्पत्ति जम्मा करनबारो, पर परमेश्वरको दृष्टिमे धनी नाहोनबारो आदमीक अवस्था अईसी हुई हए ।”
\p
\v 22 बा अपन चेलासे कही, “जहेमारे मए तुमसे कहत हौं, अपन प्राणके ताहिं का खामौ और शरीर के ताहिं का पैधओ कहिके चिन्ता मत करओ।
\v 23 कहेकी प्राण भोजन से ओर शरीर लत्तासे बाणो हए ।
\v 24 कौवानके विचार करौं; बे ना बोतहए, ना काटत हए, ना त कुठिया, ना बखारी हए, तव फिर परमेश्वर बिनके खबात हए । तुम चिरैयानसे बहुत मोलके हौं ।
\v 25 तुमर मैसे कोई फिकर करके अपन आयुके एक घडी तक फिर थप सकत हए?
\v 26 जहेमारे तुम यितका छोटो काम करन फिर ना सकतहौ कहेसे, औरबातक चिन्ता काहे करत हौं?
\v 27 लिली फुलाके विचार करौं, कैसे बे बढत हए, न त बे परिश्रम करतहए, ना त मेहनत करतहए, पर मए तुमसे कहत हौं, सोलोमन राजा फिर अपनो सारा गौरवमे जे मैसे एक विभुषित ना रहए
\v 28 पर आज होन बारो और कल आगींमे डारदेनो मेदानक घांसके परमेश्वर अइसी आभुषित करत हए कहेसे, ए अल्पविश्वासि, बा तुमके और कित्तो जाद्दा आभुषित कर हए ।
\v 29 का खैहौं का पिहौं कहिके तुम ढुढत मत बैठो और चिन्तित फिर मतहोबौ ।
\v 30 कहेकी संसारके सब आदमी जाबातके ढुणत रहतहए । तुमर पिता जानत हए कि तुमके जे बातके जरुरत हए ।
\v 31 पर परमेश्वर राज्यको ढुणओ, और जे सब बात फिर तुमके देबैगो ।
\p
\v 32 छोटो बगाल, मतडरबओ । कहेकी तुमके राज्य देनताहिं तुमर पिता खुशि हए ।
\v 33 तुम अपन सम्पत्ति बेचके दान देबौ । अपन ताहिं खराब ना होनबारी थैली बनाओ । स्वर्गमे कबहु नष्ट ना होन धन स्वर्गमे संचय करौ । हुना चुट्टा ना लगतहए और किरा फिर नलागत हए ।
\v 34 कहेकी जहां तुमर धन हए, हुवा तुमरो मन फिर होतहए ।
\p
\v 35 तुम अपन करेहांवा कसओ और तमर दिया पजरी राहाबहए।
\v 46 बा आशा नाकरो दिन मे बक मालिक घुमकेअबैगो, जैन समय बक पता ना होबैगो ।और बाक दण्ड देबैगो, और बा अविश्वासीनके ताही तयार करोभओ जगहमे बाको नियुक्ति करैगो ।
\v 47 अपने मालिकके इच्छा जानके तयर ना रहनबारो और बिनको इच्छाजैसो ना रहनबारो दास त जाद्दा पिटाई खाए हए ।
\v 48 पर मालिकके इच्छा ना जानके पिटाई खान योग्यके काम करनबारो थोडी पिटाई खाबैगो । प्रत्येक जौनके बेढम दइ हए, बासे मागेगो, और हरेक जौनके बेढम सौपी रहए, बासे जद्दी लेबैगो ।
\p
\v 49 मए पृथ्वी उपर आगी वे्र्षान आओ हओ, और मए जो चाहत रहओ बा हुइगओ हए ।
\v 50 एक बप्तिस्मा हए, जो मोके लेनैपणैगो । बा पुरा ना होन तक मके बेढम कष्ट भोगन पणैगो ।
\v 51 का तुमके सम्झात हओ कि मए पृथ्वीमे शान्ति लान आओ हाओ? ना, मए तुमसे कहत हौं, बरु मए अलग-अलग करन आओ हौं ।
\v 52 कहेकी अब उइसो एक, परिवारमे पांच जनी एक दुसरेमे फुट हुईहए, तिन जनिके विरुद्दमे दुई और दुई जनीके विरुध्दमे तिन ।
\v 53 बिनके बिचमे फुट हुईहए दौवाक विरुध्दमे लौणा और लौणाके विरुध्दमे दौवा, आइया लौणीया विरुध्दमे और लौणीया आइयाक विरुध्दमे सास बहुक विरुध्दमे और बहु सास के विरुध्दमे ।
\p
\v 54 येशू भीणसे फिर कहि, “तुम पछारघेन बादर उठत भओ, देखके जल्दी कहत हौ, “पानी पणैगो, और उइसीए होत हए ।
\v 55 जब दख्खिन को हवा चलत हए तव तुम कहत हौं, धामो होबैगो, और उइसीए होतहए ।
\v 56 ए कपटीओ, तुम आकाश और पृथ्वीक लक्षणके बतान जानत हौं, पर वर्तमान समयके बारेमेअर्थ लगान काहे ना जानत हौं?
\p
\v 57 कौन बात ठीक हए कहिके तुम अपनै कहे निर्णय नकरत हौं?
\v 58 “तुम उजुर करनवालेसंग हाकिम ठीन जानसे पहले, डगरमे बासे मिलाप करौं, न त बा तुमके न्यायधिश ठीन तानके लैजाएहए, और न्यायधिश तुमके अफसरके हातमे सैँप देहए, और अफसर तुमके जेलखानामे डार देहए ।
\v 59 मए तुमसे काहतहौ, तुम एक-एक पैसा ना तिरनतक बाहुनासे ना छुटाबैगो ।”
\c 13
\cl अध्धाय १३
\p
\v 1 बही समय हुवा कित्तो उपस्थित रहए, जौन बे गालीलीके बारेमे बासे कही, जो पिलातस हत्या करके बिनको खुन बलि भव पशुको खुनकेसंग मिलाएदैइ रहए ।
\v 2 तव येशु बिनके जवाफ दाईके कही, “बे अइसो कष्ट भोगी कहेसे, का तुम मानतहौं, जे गालीलीनके और सब गालीलीसे जाध्दा पापी हए?
\v 3 मए तुमसे कहतहौँ, अइसो नाहए, पर तुम पश्चात्ताप ना करहौ कहेसे तुम सब अइसीए नाश होबैगे ।
\v 4 औ का तुम मान्त हौं, बे अठार जनी, जो सिलोआममे धरहरा गिरके मरे रहए, कि बे सब यरुशलेमवासी मैसे जध्दा अपराधी रहए?
\v 5 उइसो नाहए, पर मए तुमसे कहतहौँ, तुम पश्चात्ताप ना करहौं कहेसे, तुम सब अइसीए नाश होबैगे ।
\p
\v 6 येशू जा काहानी कही; “कोई आदमी अपनो दाखबारींमे एक दाखको लगाई रहए । बा पेणमे फल फरो कि कहिके बा आऔ,
\v 7 तव बा मालिसे कहि, तीन वर्ष हुइगओ, मए जा दाखको फल ठुणत हौ, पर ना पाओ । जाके काटके गिराएदेओ, जा जमिन कहे अगोटे हए?
\p
\v 8 पर माली कही, “हजुर, जाके और एक वर्ष रहन देओ । मए जाके आसपास खोदके मल डारंङ्गो,
\v 9 और तव फल फलहै कहेसे ठिकै हुईहए, ना फलहै कहेसे तुम जाके काटके गिरायदीओ ।"
\p
\v 10 येसू शबाथ-दिन कोई एक सभाघरमे बा शिक्षा देत रहए।
\v 11 हुवा एक बैयर रहए, जोके अठारा बर्षसे बाके कमजोर करन बालो भुत लगो रहए । बा ढुकी हुईगई रहए, और अपन पुरो रुपसे सुध ना हुई पात रहए।
\v 12 येशु बाके देखी, और बुलाएके कहि “ए नारी, तए अपनो कमजोर से मुक्त भव ।"
\v 13 तव बा बक उपर अपनी हात धरी, और बा तुरन्तै सुध हुईगई और परमेश्वरको प्रशंसा करन लागि।
\p
\v 14 सभाघरके शासक गुस्सा भए, कहेकी येशु शबाथ-दिनमे अच्छो करि रहए, और बे आदमीसे कहि, “काम करन छै दिन हए । जहेमारे जा छै दिन भितर आएके अच्छो होबौ, शबाथ- दिनमे ना ।"
\p
\v 15 पर प्रभु जवाफ दई, कपटी तुम! तुमर मैसे कौन शबाथ दिनमे सार और तबेलासे अपन बर्धा कि गधा खोलके पानी पिबान ना लैजात हए?
\v 16 अब्राहम कि जा लौडिया जो अठारा बर्ष तक शैतानके बन्धनमे रहए, शबाथ-दिनमे जा बन्धनसे, बा मुक्त होन नाहया का?”
\v 17 जब बा जा बात कहि, बके बिरोधी सबए सर्म मे पणगए, पर बाको करोभव सब महिमा मए काममे आदमी आनन्दित भए ।
\p
\v 18 तव येशू कहि “परमेश्वरको राज्य का जईसो हए? बाको तुलना मए कैसे करऔ?
\v 19 बा रायाक बिजको एक दाना जईसो हए, जो एक आदमी लईके अपन बारिमे लगाई, और बा बढके एक रुखा हुईगओ और आकाशके चराचुराङ्गी (चिराईया) बाको हाँगामे घुरघुसला बनाई ।"
\p
\v 20 फिर बा कहि “परमेश्वरको राज्यके मए कौनसे तुलना करौ?
\v 21 बा खमिर जैसो हए, जो एक स्त्री पच्चिस किलो चुनमे मिलाई, और पुरो चुन खमिर हुईगओ।"
\p
\v 22 अब शहर-शहर और गाउ-गाउ हुईके यात्रा करतए शिक्षा देत बा यरुशलेम घेन गओ।
\v 23 कोई एक जनि बासे पुछि, “प्रभु का उद्धार पान बारो थोरि ही हए?” पर बा बिनसे कहि
\v 24 पतरो फाटकसे जान प्रयाहस करओ, काहेकी मए तुमसे कहत हौ, गजब जनि घुसन ढुणङ्गे, पर ना जा पए हए ।
\v 25 एक बार घरको मालिक उठके फाटक बन्द करके पिच्छु, तुम बाहिर ठाणके अईसी कहात फाटक ढक ढकाबईगे, प्रभु हमर ताहि फाटक खोलदेओ, ताकि हम भितर अए सकै।, और बा जवाफ दैके तुम कहाबैगो “मए तुमके ना चिनत हौ औ तुम काहासे आए हओ?
\p
\v 26 तव तुम कहाबैगे हम तुमर सामने खाए और पिए, और हमर गल्लीमे तुम शिक्षा दए रहौ ।'
\p
\v 27 बा कही, 'मए तुमसे कहत हौ, तुम कहाँसे आए हौ, मए तुमके ना जानत हौ । दुष्ट काम करनबारे, मोसे दुर होबौ ।'
\v 28 “जब तुम अब्राहम इसहाक, याकुब और सब अगमबक्ताके परमेश्वरको राज्यभितर देखैगे, तव तुम अपनै बाहिर फेके जईहौ, तव तुम बिलाप करै गे और दाँत किटकिटा बैगे ।
\v 29 आदमी अगर पछार सिरे और दखिन्नसे आएके परमेश्वरको राज्यको भोजमेस बैठाङ्गे।
\v 7 तव भोजमे आए भए पहुना आदरको स्थान छानि देखके बा बिनके एक कहानी कहि ।
\v 8 “बिहाको भोजमे आए भए पहुना आदरको निउतो पाएहौ कहेसे आदरको स्थानमे मत बैठौ! तुमसे जाधा ईज्जत बारो आदमी बा हुवा निउतो पाई हुईहए ।
\v 9 जब बुलाए भए दोनो जनीआमङ्गे बा तुमसे आएके काहाबैगो, जिनके बैठन ठउँ देबौ' और तुम त शर्मके मारे सबसे तरेको स्थानमे बैठन पणैगो ।
\v 10 पर जब तुम निउतो पाएहओ, जाएके तरेके ठाउँमे बैठओ, और मेजमान आएके तुमसे कहबैगो; ए मित्र उपर जाएके बैठौ । बा समय (बेरा) तुमरसंग खानु खान बैठन बारेक सामने तुमर इज्जत होबैगो ।
\v 11 कहेकी हरेक जो अपनएके उचो बनातहए बा निचो होबैगो, और अपनएके निचो बनानबारो उचो बनैगो ।
\v 26 अगर कोई मिरठीन आबैगो, और अपन दौवा अईया, बैयर, लौणा – लौडिया और ददाभैया, दिदीबहिनीयाके अपन प्राणके समेत तुच्छ नठानैगो कहेसे, बा मेरो चेला न हुईपए हए।
\v 27 जौन आदमी अपन क्रुस बोकके मेरे पिच्छु ना लगत हए कहेसे, बा मेरो चेला न हुईपए हए ।
\v 28 तुम मैसे कौन हए, जौन कोई एक धरहरा बनान इच्छा करतहए कहेसे, बा धरहरा बनाएके खतम करन खर्च अपनठीन हए कि नहए कहिके का बा अग्गुसे हिसाब ना करहए का?
\v 31 औ कौन राजा हुइहए जो राजासँग लडई करन जात अपनसँग भव दश हजार बाके विरुद्धमे आनबारो बीस हजार सेनासे लडई करपएहौँ कि नकरपएहौ कहिके पहले बैठके सल्लाह न करहए का?
\v 32 बा नकरपएहए कहेसे, बा दुसरो राजा दुर होत मिलापको शर्त पुछन राजदुत पठाबैगो ।
\v 33 जहेमारे तुमर मैसे अपनसँग भव सब चिझ नछोणैगो कहेसे बा, मेरो चेला ना हईपए हए।
\v 28 पर बा दिक्काई गओ, और भितर जान नामनी, और बाको दौवा बाहीर जाईके बाके मनान लगो ।
\v 29 पर बा दौवासे कहि, देख ईत्तो साल मए तुमर सेवा करो, और तुमर अज्ञा कभी उल्लंगन ना करो, तहु भिर मए अपन सङ्गि सँग आन्नद मनानके तुम मोके एक बकरा फिर कभी ना दए।
\v 2 तव मालिक बाके बुलाइके कहि, तिर विषयमे जा मए का सुन रहो जा का हैं? व्यवस्थापकको कामको हिसाब मोके दे अब अग्गु तए व्यवस्थापक ना रहैगो ।'
\p
\v 3 तव व्यवस्थापक अपन मन मनै कहि, अब मए का करओ काहेकी मिर मालिक मोसे व्यवस्थापक को काम छिनाए रहो हए । जोतन खोदन मिर ताकत ना है, भिख मागन मोके शर्म लागत है ।
\v 4 अब मोके का करन पणैगो मए सोच लौहौं । व्यवस्थापन को कामसे निकारके आदमी मोके अपन घरमे कैसे स्वागत करए कहीके मए अइसो करङ्गो ।'
\v 5 तव बा मालिकको ऋणीनके एक-एक के बुलाई, और सुरु बालोसे कहि, तिर मालिकको ऋण कित्तो है?'
\p
\v 6 बा कहि, तिन हजार लिटर तेल । तव व्यवस्थापक बासे कहि, तिर तमसुक ला, और जल्दी बैठके पन्ध्रा सय लिटर लिख ।'
\p
\v 7 फिर दुसरे से कहि, तिर कर्जा कित्तो हए? बा कहि, तिन सय पचास कुन्टल गेहुँ ।' बा जासे कहि, तिर तमसुक ला और तिन सय कुन्टल लिख ।'
\v 8 अब बाको मालिक बा अधर्मी व्यवस्थापकको तारीफ करी काहेकी बा चलाकीसे काम करी रहए । काहेकी जा संसारको आदमी अपनी पुस्ताके और आदमीसंग व्यवहार करत ज्योतिके सन्तानसे और जध्धा चलाक होत हए ।
\v 9 मए तुमसे कहत हौ, अपनो तहि संसारको धनसे मित्र बनाबौ, और जब धन नास हुईहे, तव बे तुमके अनन्त वासस्थानमे स्वागत करए ।
\v 10 जौन थोरी बातमे इमानदार होत है, बा जध्धामे फिर इमानदार होत है, और जो थोरी बातमे बेमान होत है, बा जध्धामे फिर बेमान हित है ।
\v 11 जहेमारे तुम संसारिक धनमे इमानदार ना हुई हओ कहेसे, तुमके साँचो धनको जिम्मा कौन देहए?
\v 12 अगर तुम दुसरेक धनमे इमानदार ना हुई हओ कहेसे, तुमर अपनो धन तुमके कौन देहए?
\v 13 कोई फिर सेवक दुई मालिकको सेवा ना करपए हए, काहेकी बा एकके घृणा करके दुसरेके प्रेम करत हए, औ एकके प्रती भक्ती दुसरेके तुच्छ मनहए तुम परमेश्वर और धन दोनेको सेवा ना कर सकत हओ ।"
\p
\v 14 धनके लोभी फरिसी जा सब बात सुनके बाको हँशी करी ।
\v 15 तव बा उनसे कहि, आदमीनके अग्गु अपनेके धर्मी ठहरानबारे तुम ही हौ । पर परमेश्वर तुमर हृदय जानत हए, काहेकी आदमीनके विचमे जो उच्च गिनोगओ हए, परमेश्वरके नजरमे बा तुच्छ ठहरैगो ।
\p
\v 16 युहन्ना आनसे अग्गु अगमवक्ता और व्यवस्था काम करत रहए । बे दिनसे परमेश्वरको राज्यको सुसमाचार प्रचार करी हए, और सब आदमी बा राज्य भितर जवर जस्ती पृर्वक कोसिस करत है ।
\v 17 पर व्यवस्थासे इकल्लो मिटनसे स्वर्ग और पृथ्बी टलन सजिलो हए ।
\p
\v 18 जौन अपनी बैयर छोडके दुसरीसे व्यहा करत है, बा व्यभिचार करत है, और लोगासे छोडी बैयर व्यहा करन बारे फिर व्यभिचार करत है ।
\p
\v 19 एक सेट आदमी रहए, जो वहुमुल्य लत्ता पतरो मलमल पैधंके रोजदिन मनोरन्जनमे रहत रहए ।
\v 21 बा सेट आदमिको टेबुल मैसे गीरो भव टुक्रा-टुक्री खाइके लाजरस अपन पेट भरन इच्छा करत रहए और कुत्ता फिर आईके बाको घाउ चांटत रहए ।
\v 22 बा गरीब आदमी मरगओ, और स्वर्गदुत बाके लैजाइके अब्रहामके संगमे धरी, बा सेट आदमी फिर मरो और गाणोगौ ।
\v 23 नरकमे कठोर कष्ट भोगत पेती बा अपन नजर उठाइके देखि और दुरसे अब्रहाम और बक छातीमे आड लओ भओ लाजरसके देखि ।
\v 24 और बा जोडसे चिल्लाएके कहि, हे पिता अब्रहाम, मिर उपर दया करके लाजरसके पठाई दे, और बा अपन उंगरीको पोरा पानीमे डुबाईके मिर जिभके जुणो बनाए देबै, काहेकी मए जा ज्वालामे भयक्ङर दुःख पाए रहो हौ ।'
\p
\v 25 पर अब्रहाम कहि, तए याद कर, तय अपन जीवन कालमे अच्छि अच्छी बातके, भोगो करो और जा लाजरस दु; खए दु; ख भोगी, बा अब हिया अराममे है, और तए कष्टमे हए ।
\v 26 जे सब बातसे औ, हिंयासे तिर ठिन, बा पार चाहन वारे ना जा पामए, और हुनासे हिंया हमर ठिन ना आ पामए, कहेके हमर और तुमर विचमे एक गजब गहिरो गड्डा है ।'
\p
\v 27 बा कहि, पिता जहेमारे मए तुमके विन्ती करत हौ, तुम बाके मिर दौवाके घारमे पठाए देओ,
\v 28 काहेकी मिर पांच भइया हए, और बिनके चेतावनी देबओ, नत बे फिर जा डरलगान बारो कष्टमे आन ना पणए ।'
\p
\v 29 पर अब्रहाम कहि, विनके संगमे मोशा और अगमवक्ताको किताब हए बे बा सुनए ।'
\p
\v 30 पर बा कहि, नाए पिता आब्रहाम, मरे मैसे कोई एक आदमी विनके ठिन जैहै कहेसे, बे पश्चात्ताप करङ्गे ।'
\p
\v 31 बा बासे कहि, मोशा और अगमवाक्ताको बात बे ना सुनङ्गे कहेसे, मृत्युसे कोई जिन्दा हुइहे काहाबएगो कहेसे, बे विश्वास ना करङ्गे ।"
\v 7 का परमेश्वर बके जो रात दिन पुकारान बारे अपने चुने भएके न्याय ना करैगो का? का बा बिनके ताहि देर करहै का?
\v 8 मए तुसे कहत हौ, बा जलदिए तुमरो न्याय करहै । तहु फिर आदमिक पुत्र आन पेती का बा पृथ्बिमे बिश्वास पएहै का?”
\p
\v 9 अपन उपर भरोसा करन बारे और अपनैके धर्मी बनानबारे औरनके तुच्छ बनानबारे कोई कोईके बा जा काहानी सुनाई रहए ।,
\v 10 “दुई आदमी प्रार्थना करन मन्दिरमे गए एक जनि फरिसी और दुसरो कर उठानबारो।
\v 11 फरिसी ठाणके अइसे प्रार्थना करि, हे परमेश्वर मए तुमके धन्यवाद देत हौ, मए और आदमीक जैसे फाटहा, अन्यायी, व्यबिचारी औ जहे कर गठानबारो जैसो फिर नाहओ ।
\v 12 मए हप्तामे दुई चोटी उपवास बैठत हौ । मए पाओ भओ सब चिजकोक दशांश देत हौ ।'
\p
\v 13 कर उठानबारो दुरसे ठाडके स्वार्गघेन आँखी ना उठाएके अईसे कहत अपन छाती पिटी कही, हे परमेश्वार मए पापिके उपर दया कर ।'
\v 20 तए आज्ञा त जानतै है - तै व्यबिचार मत कर, हत्या मत कर, ना चुरान, झुटो गवाही मतदिओ, अपन दौवा और अइयाको आदर करियो ।"
\p
\v 21 बा कहि, जे सब त मै मेरी जवानीके समयसे पालन करो हौ।"
\p
\v 22 जा सुनके पिच्छु बासे कहि, तोके और एक बातको कमी हए । तिरसँग जो जित्तो हए बे सब बेचके गरिबके बाटदे, और तोके ताहि स्वार्गमे धन होबैगो, और आ मेरे पिच्छु लाग ।"
\v 23 पर जा बात सुनके, बा शासक बेढम उदाश भओ, काहेकी बा गजब धनी रहए ।
\v 24 तव येशू बाके देःखके बहुत दुखित भओ और कहि, “धन समपत्ती होनबारेक परमेश्वरको राज्य भितर घुसन बेढम अगठो हए!
\v 38 “परम प्रभुके नाउँमे आनबारो राजा धन्यको हए! स्वार्गमे शान्ति प्रमधाममे महिमा ।"
\p
\v 39 औ भिडके कोई कोई फरिसि बासे कहि,” हे गुरु तुमर, चेलनके डाँटव।"
\p
\v 40 पर बा कहि, “मइए तुमसे कहत हवँ जे चुप लग हएँ तव पत्थर फिर चिल्लाए उठङ्गे ।"
\p
\v 41 जब येशु जउने आए पुगो और शहेरके देखी बा बाके ताहि रोई,
\v 42 शान्ति कौन बातसे लातहए कहेके तए आज फिर जानो होतो! पर अभए जा बात तिर नजरसे लुको हए ।
\v 43 काहेकी तिर उपर अईसे दिन अमङ्गे, जब तेरो सत्रु तेरो आस पाश जमा हुईके बाधँके घेरा लगामङ्गे, और सबए घेनसे पकडके तोके बँधङ्गे ।
\v 44 बे तोके और तिर भितर बैठन बारे तिर सन्तानके जमिनमे उठाईके पटङ्गे और एक पत्थर उपर दुसरो पत्थर फिर न हुईहए, काहेकी तेरो अपनो उपर भव परमेश्वरको कृपा दृष्टिके तय चीन न पाओ ।
\p
\v 45 तव बा मन्दिर भितर कुचो और किनबेच करन बारेनके निकारी,
\v 46 और बिनसे कहि, “धर्मशास्त्रमे लिखो हए, 'मेरो घर प्रर्थाना को घर हुईहए,' पर तुम ता जाके डाकुको अड्डा बनाए हव ।"
\p
\v 47 बा हरेक दिन मन्दिर मे शिक्षा देत रहए । पर मुख्य पुजारी शास्त्री और जन्तानके प्रमुख आदमी बाके मारन ढुडि ।
\v 48 बे बाके मारन ताहि कोई उपय न पाई काहेकी सबए आदमी बाके बचनमे ध्यान दैके सुनत रहए ।
\c 20
\cl अध्धाय 20
\p
\v 1 येशू मन्दिरमे आदमीनके शिक्षा देत रहए। और बिनके सु-समाचार प्रचार करत रहए। धर्म गुरुके संग मुखिया पुजारि और सास्त्रि बाके ठिन आए।
\v 2 बासे पुछिं हमके बता कैन अधीकारसे तुम जा काम करत हौ, और तुमके अधीकार देन बारो कौन हए?”
\p
\v 3 बा बिनके जबाफ दै, मए फिर तुमसे एक बात पुछत हौ, मोके उत्तर देओ।
\v 4 युहन्नासे दौवभौ बप्तीस्मा स्वर्गसे रहए कि आदमी से?”
\v 34 येशु बिनसे कहि जा युगमे, आदमी बिहा करतहए, और बिहा कर देत हए ।
\v 35 पर बा युग तक पुगन योग्य ठहेरन बारे और मरके जिन्दा हुइके उठन योग्य होन बारे ना विहा करत हए, ना विहा कर देत हए।
\v 36 बे फिर मरत ना हए कहेकी बे स्वर्गदुतके सामान होत हए, और पुनरुत्थानके सन्तान होनके कारन बे परमेश्वरके सन्तान हए ।
\v 37 पर मरन बारे जिन्दा हुइके उठङ्गे कहि बात मोसा फिर झुणाके विवरनमे परमप्रभुसके अब्राहमको परमेश्वर, इसाहकको परमेश्वर और याकुबको परमेश्वर कहेके दिखाइ दइ।
\v 38 बा मरन बारेन को परमेश्वर नाहए, पर जीन्दनको परमेश्वर हए, काहेकी सब बाके ताही जित हए ।"
\v 12 पर जे सब बात होनसे अग्गु आदमी तुमके पकण्ङ्गे, और सतामङ्गे और तुमके सभा घरमे सौप देहए, और झेलमे डार देहए। तुमके मिर नाँउ के कारन राजा और हाकिमके अग्गु पुगएहै ।
\v 13 पर तुमर ताहि जा एक गवाही देनको अवसर हुइहए ।
\v 14 जहय मारे अपन बचावके ताहि का कहाङ्गो सो अग्गुसे मत सोचओ कहिके अपने मनमे पक्का करौ ।
\v 15 काहेकि मैतुमके अइसो मसकनके ताही बचन और बुद्धी देहओ ।कि तुमर बिरोधि उत्तर ना दै पैहए, और खन्डन फिर ना कर पैहए ।
\v 16 पर तुमर अइया- दउवा और दादा भैया, नातेदार और सँगी फिर तुमके पकणाए देहए, और तुम मैसे कोइ-कोइके बे मारङ्गे ।
\v 17 मिर नाउँके ताही तुमके सब आदमी घृणा करङ्गे।
\v 18 पर तुमर शरीरके एक बार फिर नष्ट ना हुइहए।
\v 19 तुमर धैरिय द्वाराके अपनो प्राण पाबैगे औ बचाबएगे।
\v 65 बे बा के बिरुद्धमे घृनापूर्ण बात कही और बाके उपर ईश्वार -निन्दाको आरोप लगाइ ।
\p
\v 66 उज्यारो होतए जमा भए, जनतनके धर्म गुरु, मुखीय पुजारी और शास्त्री दोने बाके अपन महासभामे लै गै।
\v 67 और कही,” तए ख्रीष्ट है कहेसे हमके बता ।" बा उनसे कही, मै बतै हौ कहेसे फिर तुम ना पतियए हौ ।
\v 68 मै प्रश्न करङ्गो कहेसे, फिर तुम जवाफ ना देहौ ।
\v 69 पर आदमीको पुत्र परमेश्वरको शक्तीको दहिना घेन बैठैगो ।
\p
\v 70 तव बे सब कही, तव का तै परमेश्वरको पुत्र हौ?”बा बिनके उत्तर दै, तुमही काहत हौ ।"
\v 71 बे कही,” हमके अब और का शाक्षीको आबश्यक्ता है का? कहेकी हम बहेके मुहसे सुन लै ।"
\c 23
\cl अध्धाय 23
\p
\v 1 बे सबए दलके उठे, और बाके पिलातस ठिन लैगए ।
\v 2 बे बाके उपर अइसो कहिके दोष लगान लागे, जा आदमी हमर देशके बहकात हम पाइगए । जा कैसरके कर तिरनसे रोकत है, अपनेके मै ख्रिष्ट, एक राजा हौ कहिके काहत है ।"
\p
\v 3 पिलातस बासे पुछी,’ का तै यहुदिक राजा है? “येशु “जबाफ दैके कहि, तुमही अइसो काहत हौ ।
\p
\v 4 तव पिलातस मुख्य पुजारि और भिडसे कहि, मै जा आदमीमे कुछु दोष ना पाओ ।
\p
\v 5 तव बे बणे जोर दैके कही, जा सारा यहुदिया और गालीलीसे जा ठाउँ तक शिक्षा देत आदमीके भडकात है ।"
\p
\v 6 तव पिलातस जा सुनके, जा आदमी गालीलीको है कि, कहिके पुछी ।
\v 7 तव बा हेरोदको इलाकाको आदमी है, कहिके पता पएके पिलातस येशूके हेरोद ठिन पठाइदै ।
\v 8 जब येशुके देखके हेरोद बेढम खुशी भौ । काहेकि बा बाके बारेमे सुनी रहए, बेढम दिनसे बाके देखन इच्छा करत रहए, और बा कुछ अछम्मो काम करो भौ देखन आशा करत रह ।
\v 9 हेरोद येशूसे बेढम प्रश्न पुछी, और येशू बाके कुछू जवाफ ना दै ।