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\v 13 ताहा डायामन्यो एकाय माल फुच्यो का , “उजलो झगो पोवलो हाय ई केडो हाय आन तो किहीने आल्लो हाय?” मायु तीयाल आख्यो, “प्रभु तुलुच मालुम हाय” \v 14 आने तियायी माल आख्यो, मो मोडा "संकटामेने" आवताहा तो ओ हाय, तीयाही "आपु झगाे" कोकऱ्या हुंबूर समर्पणा रोक्ताम तुविन शुध्द केला हाय. |