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\c 4 \v 1 इया फासला मायुय वेला तो वेरा होरगाम एक बाणाआ माआ हुबूर उघडालो देखायो आन पेहलेा जेहकी आवज मायुय माआ आरी गोगता उनालो आथो, तेहकी आवाज माय उनायो तो आवाज “तुतारी (कर्ण्या)” आवाज होच आथो, तीयाय आख्यो “इही उच्चे आव आने माय तुल इयाफासला जो वेनारो हाय तो देखावुहू” \v 2 तिया वाेखोत आत्माय माआ ताबो लेदो, तिही होरगाम “माआ हुबूर राजासन आथो, केडो एक तियाप बोठलो आथो. \v 3 तियाप जो बोठलो आथो तो यास्फे व सार्दी इया रत्नाहोस आथा आने राजासना सोमकी पाचुहोच देखानारे “मेघ धनुष्य” आथो.