1 line
764 B
Plaintext
1 line
764 B
Plaintext
\v 5 जाहा कोकऱ्याय तिसरो शिक्को उघाड्यो तिसऱ्या जिवना प्राण्याल “आव” ऐहकी आखता उनायो, ताहा तियाप जो बोठलो आथो तियाहाताम तराजो आथो. \v 6 माय चार प्राण्यावचमेने निघली आवाज उनायो, ती आखतली आथी एक चांदी नाण्याल शेरभर गहु आन एका चांदी नाण्याल तीन शेर जव, पेन तेल आन द्राक्षारोसो इया नुकसान माआ केयोहो. . |