From 386e80d7b4844f4cfc11575c17941352b66f12f2 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Snehal Date: Wed, 7 Feb 2024 17:24:15 +0530 Subject: [PATCH] Wed Feb 07 2024 17:24:15 GMT+0530 (India Standard Time) --- 07/13.txt | 1 + 07/15.txt | 1 + manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 1 deletion(-) create mode 100644 07/13.txt create mode 100644 07/15.txt diff --git a/07/13.txt b/07/13.txt new file mode 100644 index 0000000..f20195a --- /dev/null +++ b/07/13.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 13 ताहा डायामन्यो एकाय माल फुच्यो का , “उजलो झगो पोवलो हाय ई केडो हाय आन तो किहीने आल्लो हाय?” मायु तीयाल आख्यो, “प्रभु तुलुच मालुम हाय” \v 14 आन तियायी माल आख्यो, मो मोडा संकटमेने आवताहा तो ओ हाय, तीयाही आपु झाग कोकऱ्या हुंबूर समर्पणा रोक्ताम तुविन शुध्द केला हाय. \ No newline at end of file diff --git a/07/15.txt b/07/15.txt new file mode 100644 index 0000000..a0188af --- /dev/null +++ b/07/15.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 15 \v 16 तियाहायल ते देवा राजारसनाहुबूर आही आन ते रातेनदीही तिया मोंदीराम सेवा केतेहे आन जो राजासनाप बोठलो हाय तो तियाप आपु मांडवो टाकी. ते आजी पुख्खे आन आजी फापीले रेणारे नेय, तियाहाल सुर्य नेता केल्लीबी उष्णता लागणारो नाहा. \v 17 कारण राजा सनाप वोचमेने भाग आथलो कोकरो स्वत: तिया मेंढपाळ वी, आन तो तियाहाल जीवना पाया झरापाही ली जाही, आन देव सोता तियाहा डोवामन्यो होगे आहावे नुसी टाकीही. \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 3c4c852..de93625 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -90,6 +90,7 @@ "07-01", "07-04", "07-07", - "07-09" + "07-09", + "07-13" ] } \ No newline at end of file