From 2c1c1f2f5cf3a7998c7b2a041f569ee6477324da Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Snehal Date: Wed, 7 Feb 2024 17:14:14 +0530 Subject: [PATCH] Wed Feb 07 2024 17:14:14 GMT+0530 (India Standard Time) --- 05/03.txt | 4 +--- 05/06.txt | 1 + 05/08.txt | 1 + 05/09.txt | 1 + 05/11.txt | 1 + 05/13.txt | 1 + manifest.json | 8 +++++++- 7 files changed, 13 insertions(+), 4 deletions(-) create mode 100644 05/06.txt create mode 100644 05/08.txt create mode 100644 05/09.txt create mode 100644 05/11.txt create mode 100644 05/13.txt diff --git a/05/03.txt b/05/03.txt index 72307c2..35fc328 100644 --- a/05/03.txt +++ b/05/03.txt @@ -1,3 +1 @@ -3. पेन होर्गाम, तोरतीप आन तोरती निचा केडोबी तो पुस्तक उघडावा किवा तियाल वेराखातोर सामर्थ्य नाहा. -4. ती पुस्तक उघडावा खातोर आन तियुल वेराखातोर लायक ऐहडो केडोज देखायो नाहा, तियाहाल मान खुब रडुलो आलो. -5. पेन डायामेने एक जाया माल आख्यो, “रोडो माआ ! यहुदा कुलामने सिंहो, दावीदा अंकुर तो विजय मिलवी लेदलो हा तो पुस्तक उघडावाखातोर आन तिया सात शिक्का उघडावाखातेार सामर्थी हाय.” +\v 3 पेन होर्गाम, तोरतीप आन तोरती निचा केडोबी तो पुस्तक उघडावा किवा तियाल वेराखातोर सामर्थ्य नाहा. \v 4 ती पुस्तक उघडावा खातोर आन तियुल वेराखातोर लायक ऐहडो केडोज देखायो नाहा, तियाहाल मान खुब रडुलो आलो. \v 5 पेन डायामेने एक जाया माल आख्यो, “रोडो माआ ! यहुदा कुलामने सिंहो, दावीदा अंकुर तो विजय मिलवी लेदलो हा तो पुस्तक उघडावाखातोर आन तिया सात शिक्का उघडावाखातेार सामर्थी हाय.” \ No newline at end of file diff --git a/05/06.txt b/05/06.txt new file mode 100644 index 0000000..96cc513 --- /dev/null +++ b/05/06.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 6 राजासना आन चार जिवता प्राण्या आन तिया डाया वचमे “कोकरो” उभो हाय ऐहकी मायुय वेयो, तो विधला होच (माइटाकला होस) आथो, तियाल सात हिनके आन सात डोवा आथा, आन ई तो होगोज तरतीप मोकली देवाम आल्लो देवा सात आत्मे आथे. \v 7 तो गियो आन तियाल जो “राजासनाप बोठलो आथो तिया हुदा हाताम तो पुस्तक लिलेदो. \ No newline at end of file diff --git a/05/08.txt b/05/08.txt new file mode 100644 index 0000000..d2bf607 --- /dev/null +++ b/05/08.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 8 आन जाहा तियाय तो पुस्तक लिलेदो ताहा चार जिवता प्राणी आन चोवीस हायामाही कोकऱ्या हुबूर उबडु पोड्या हरऐक जाआप वीणा आन हरऐक हाताम शुध्द “धुपावाय” पोअल्या सोना वाटक्या आथ्या, वाटक्या म्हणजे पवित्र लोकांहा “प्रार्थना” आथ्या. \ No newline at end of file diff --git a/05/09.txt b/05/09.txt new file mode 100644 index 0000000..91608f0 --- /dev/null +++ b/05/09.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 9 आने तियाही “नव गाणो आख्यो” तु पुस्तक लाखातोर आन तिया शिक्के उघडावा खातोर लायक हाय काहाका तुल माइयटाकाम आल्लो आन तुयूय प्रभु यीशु रक्ता किंमत पोईन प्रत्येक कुलामन अलग अलग भाषा गोगनारे लाका आन राष्ट्रामेने देवा खातोर माहान वेचाते लेदले हाय. \v 10 तु तियाहान आमा देवाखातोर एक “राज्य” आन “याजक” बनीव लेदे हे आन फासे ते तरतीप राज्य केरी. \ No newline at end of file diff --git a/05/11.txt b/05/11.txt new file mode 100644 index 0000000..4618423 --- /dev/null +++ b/05/11.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 11 फासे मायु वेयो राजासन आन चार जिवना प्राणी आन वडील लो इया आरी अगणित देवदुता आवाज उनायो तिया संक्ष्या “अयुता आयुते (लाखो करोडो) आन हजारा हजार आथी. \v 12 देवदुत मोडा आवाजाम आखा लाग्या जो वधकेलो कोकरा, सामर्थ्य, धन, ज्ञान, बल, सन्मान, गौरव, आन उपकारस्तुती ई ला खातोर योग्य हाय. \ No newline at end of file diff --git a/05/13.txt b/05/13.txt new file mode 100644 index 0000000..daae62c --- /dev/null +++ b/05/13.txt @@ -0,0 +1 @@ +\v 13 हरऐक बनविली वस्तु वादलाम आन तरतीप तरतीनिचे आन समुद्रामेने बनवुली वस्तु ऐहकी आखता उनाया की, “राजासनाप बोठलो तियाल आने कोकऱ्याल स्तुती, सन्मान, गौरव आन सामर्थ्य युगानुयूगा हुदी वेअे.” \v 14 चार जिवता प्राणीय आख्यो, “आमेन” फासे वडीलोकाही निचे पोडीन तियाल अभिनंदन केयो. \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 592c01e..0457214 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -71,6 +71,12 @@ "04-07", "04-09", "05-title", - "05-01" + "05-01", + "05-03", + "05-06", + "05-08", + "05-09", + "05-11", + "05-13" ] } \ No newline at end of file