\c 15 \v 1 विश्वासमे बलियो होनबारे हम अपनए इकल्लो खुसी रहन इच्छा ना धरके कमजोर आदमीको कमजोरीके सहन पड्त हए| \v 2 हम प्रत्येक अपन परोसिको आत्मिक सुधार होबए कहिके बिनको भलाईके ताँहि बिनके खुसी रखामए ।