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\v 10 \v 11 10 तुम काहे अपन भैयाको इन्साफ करत हऔ? या तुम अपनो भैयाके काहे तुच्छ ठहेरत हऔ? काहेकी हम सबय परमेश्वरके न्याय-आसनके अग्गु ठाड़ङगे| 11 काहेकी लिखो हए, “प्रभु काहत हए, 'जैसो मए जीन्दा हओ, प्रत्यक घुटो मिर अग्गु टिकइगो, और सब जिभ परमेश्वरको प्रशंसा करङगे|”