thr_rom_text_reg/07/07.txt

1 line
667 B
Plaintext

\v 7 \v 8 7 "हम का कहैँ तौ? व्यवस्था पाप हए? कबहु नाए| अगर व्यवस्था नहुइतोत मै पाप पता नाए पैतो, काहेकी ""तए लोभ मत कर"" कहिके व्यवस्था ना कहितो त लोभ करन का हए बो पता ना पैतो|" 8 पर पाप आज्ञामे मौका पाईके मिरमे सबए मेलको लोभ उत्पन्न कराई |व्यवस्था बिना त पाप मुर्दा जैसो हए|