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\v 6 6 जहेकारन से फिर तुम कर तिरत हौ।काहेकी प्रशासक जहे कामके ताहि हर समय लगे भएपरमेश्वरके सेवक हँए। \v 7 7 तिरन बारी बात सबएके तिरओ-कर तिरनबारोके कर तिरओ, महसुल तिरनबारेनके महसुल, आदर करनबारेनके आदर, इज्जत करनबारेनके इज्जत करओ।