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\c 12 \v 1 जहेकमारे भैया रेऔ, परमेश्वरको कृपाके ध्यानमे धरके मए तुमसे अनुरोध करत हौं, कि तुमर आत्मिकी उपासनाको रुपमे अपन-अपन शरीरके पवित्र और परमेश्वरके ग्रहण योग्य होनके जिन्दा बलिके रुपमे अर्पण करओ । \v 2 जा संसारके ढाँचामे मत चलओ पर अपन मनमे नयाँ हुइके पुरा रुपसे परिवर्तन होबओ, और परमेश्वरको अच्छो ग्रहण योग्य और सिद्ध इच्छा का हए, तुम जाँच सकौ ।