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\v 19 तव तुम मोसे कहबैगे, “परमेश्वर और काहे दोष लगात हए? काहेकी बाको इच्छाक कौन विरोध कर सकत हए ?” \v 20 पर तए आदमी हुइके परमेश्वरको मुहुँ लागन बालो तए कौन हए? का बनाइ भइ चीज अपने के बनान बारे से”मोके काहे अइसो बानओ ? “ कहात हए का ? \v 21 का एकै मट्टीको ढिकासे एकै आदरको बरतन, और दुसरो तुच्छकामके ताहिं बनानके मट्टीके उपर कुमराको अधिकार ना हए का?