\v 14 काहेकी ,बे सब जो परमेश्वरको आत्मा से चलत हैं, बेही परमेश्वरके सन्तानहएँ । \v 15 "काहेकी फिर डरमे पडन ताहिं दासत्वको आत्मा तुम ना पाए हौ । पर तुम धर्मपुत्र होनको आत्मा पाए हौ। जहेकमारे हम परमेश्वरके ""अब्बा, पिता"" कहिके बुलात हएँ, "