thr_rom_text_reg/05/12.txt

1 line
520 B
Plaintext

\v 12 एक जनै आदमीसे संसारमे पाप आओ , और पापसे मृत्यु आओ । आइसी सब आदमीमे मृत्यु फैलिगौ , काहेकी सब पाप करीं । \v 13 व्यवस्थासे अग्गु फिर संसारमे पाप रहए, पर जहाँ व्यवस्था नैयाँ, बोहुना पापको लेखा फिर नाहोतहए ।