1 line
747 B
Plaintext
1 line
747 B
Plaintext
\v 3 यितकै इकल्लो नैयाँ, पर हम अपनो संकष्टमे फिर रमातहँए ।, हम जानत हँए कि संकष्ट सहनशीलता उत्पन्न करतहए, \v 4 सहनशीलता मिलाप उत्पन्न करात हए और सहमति भविष्यके ताँहि भरोसा उत्पन्न करात हए । \v 5 आशा हमर निराशा ना करत हए, काहेकी हमके दौ भौ पवित्र आत्मासे परमेश्वरको प्रेम हमर हृदयमे अखानए दैहए । |