From a93612a03c79e0aeddf985d9e86ef4ad60cdbf6e Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Wed, 15 Mar 2023 19:33:00 +0545 Subject: [PATCH] Wed Mar 15 2023 19:33:00 GMT+0545 (Nepal Time) --- 01/32.txt | 2 +- 02/01.txt | 2 +- manifest.json | 3 ++- 3 files changed, 4 insertions(+), 3 deletions(-) diff --git a/01/32.txt b/01/32.txt index 416339c..a471c05 100644 --- a/01/32.txt +++ b/01/32.txt @@ -1 +1 @@ -\v 32 अइसो करन बारे मरन योग्य होत हँए कहिके परमेश्वरको नियमके बे जानत हँए । पर बे जा थोक करन इकल्लो ना हए , बे आइसो करनबारेन संग सहमत फिर होत धार्मिकता-विधान जानतै जानत फिर बे जा काम करन इकल्लो नाए कि पर अइसो करन बारो सँग पुरा सहमत होत हँए| \ No newline at end of file +\v 32 अइसो करन बारे मरन योग्य होत हँए कहिके परमेश्वरको नियमके बे जानत हँए । पर बे जा थोक करन इकल्लो ना हए , बे आइसो करनबारेन संग सहमत फिर होतहँए । \ No newline at end of file diff --git a/02/01.txt b/02/01.txt index cfb4821..4440b1e 100644 --- a/02/01.txt +++ b/02/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 2 \v 1 जहेमारे दुसरेक दोष लगान बाले मनै, ताय चहु जौन है, कोइ बहाना नाहए, काहेकी जामे तए दुसरेक दोष लगात हए, बहेमे तए फिर दोषी होबैगो, काहेकी तए दोष लगान बालो फिर बहए काम करत हए । \v 2 अइसो काम करन बालेके उपर परमेश्वरको न्याय ठिकसे पड्त हए कहिके हम जानत हँए| \ No newline at end of file +\c 2 \v 1 जहेमारे तुमके दुसरेक दोष लगान बाले मनै, ताय चहु जौन है, कोइ बहाना नाहए, काहेकी जामे तए दुसरेक दोष लगात हए, बहेमे तए फिर दोषी होबैगो, काहेकी तए दोष लगान बालो फिर बहए काम करत हए । \v 2 अइसो काम करन बालेके उपर परमेश्वरको न्याय ठिकसे पड्त हए कहिके हम जानत हँए| \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 7a59b11..234ba16 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -51,6 +51,7 @@ "01-24", "01-26", "01-28", - "01-29" + "01-29", + "01-32" ] } \ No newline at end of file