\v 3 काहेकी ख्रीष्ट फिर अपनएके खुसी ना करि| अइसो लिखो हए, तुमके निन्दा करनबारेनके निन्दा मिर उपर पडै।” \v 4 अग्गु-अग्गु लिखि भए बात हमर शिक्षाके ताहि लिखो रहए, जा उधेश्य कि पवित्र-शास्त्रसे आनबारोस्थिरता और उत्साहसे हम आशा प्राप्त करन पामए।