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\c 2 \v 1 अगर ख्रीष्टमे कोइ प्रोत्साहन हए तव, प्रेमको कोइ प्रेरणा, पवित्र आत्माको कोइ संगति,कोइ स्नेह और सहानुभुति हए तव, \v 2 तुम एकए मनके हुइके, एकए प्रेम धरके, पूर्ण सम्मतिसाथ एकए चित्तके हुइके मिर आनन्द पुरा करओ|