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\v 8 अन्तिममे भैया हो, जौन् बात सत्य हए, जौन् बात आदरणीय हए, जौन् बात न्यायसङ्गत हए, जौन् बात शुध्द हए, जौन् बात प्रेम-योग्य हए, जौन बात कृपामय हए, अगर कोइ श्रेष्ठता, प्रसंशाको योग्य कोइ हए कहेसे जे बातके विचार करओ| \v 9 तुम जौन बात मोसे सिखे, और ग्रहण करे और सुने और मोके देखे, बहे करओ, और शान्तिको परमेश्वर तुमरसंग होबैगो| |