From 3f39cd5318c53731c46437d2dbbd16486c648475 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Fri, 4 Aug 2023 08:52:56 +0800 Subject: [PATCH] Fri Aug 04 2023 08:52:55 GMT+0800 (Australian Western Standard Time) --- 02/01.txt | 2 +- 02/03.txt | 2 +- 02/05.txt | 2 +- 02/09.txt | 2 +- 02/12.txt | 2 +- 02/14.txt | 2 +- 02/17.txt | 2 +- manifest.json | 6 ++++++ 8 files changed, 13 insertions(+), 7 deletions(-) diff --git a/02/01.txt b/02/01.txt index df09505..b9c94d0 100644 --- a/02/01.txt +++ b/02/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 2 \v 1 1 अगर ख्रीष्टमे कोइ प्रोत्साहन हए तव, प्रेमको कोइ प्रेरणा, पवित्र आत्माको कोइ संगति,कोइ स्नेह और सहानुभुति हए तव, \v 2 2 तुम एकए मनके हुइके, एकए प्रेम धरके, पूर्ण सम्मतिसाथ एकए चित्तके हुइके मिर आनन्द पुरा करओ| \ No newline at end of file +\c 2 \v 1 अगर ख्रीष्टमे कोइ प्रोत्साहन हए तव, प्रेमको कोइ प्रेरणा, पवित्र आत्माको कोइ संगति,कोइ स्नेह और सहानुभुति हए तव, \v 2 तुम एकए मनके हुइके, एकए प्रेम धरके, पूर्ण सम्मतिसाथ एकए चित्तके हुइके मिर आनन्द पुरा करओ| \ No newline at end of file diff --git a/02/03.txt b/02/03.txt index a779b61..7e7f12f 100644 --- a/02/03.txt +++ b/02/03.txt @@ -1 +1 @@ -\v 3 3 स्वार्थ और अहंकारमे कुछु मत करओ, पर नम्रतामे एक दुसरेके अपनसे श्रेष्ट मानओ| \v 4 4 तुम हरेक अपन हित इकल्लो मत ढुणओ, पर और के हितके फिर देखओ| \ No newline at end of file +\v 3 स्वार्थ और अहंकारमे कुछु मत करओ, पर नम्रतामे एक दुसरेके अपनसे श्रेष्ट मानओ| \v 4 तुम हरेक अपन हित इकल्लो मत ढुणओ, पर और के हितके फिर देखओ| \ No newline at end of file diff --git a/02/05.txt b/02/05.txt index 7754e90..c42e896 100644 --- a/02/05.txt +++ b/02/05.txt @@ -1 +1 @@ -\v 5 5 तुमरे मे अइसो मन होबए जो ख्रीष्ट येशूमे फिर रहए| \v 6 6 परमेश्वरके स्वरूपमे हुइके फिर बो परमेश्वरके बराबार होनबारी बातके एकए पकणि रहन बारो चीज जैसो मानीनाए| \v 7 7 पर अपनाएके रित्त्याके कमैयाको रुप धारण करके तथा मनुष्य हुइके जन्मो| \v 8 8 स्वरूपमे आदमी जैसो हुइके अपनएके होचई, और मृत्यु तक आज्ञाकारी रहो| \ No newline at end of file +\v 5 तुमरे मे अइसो मन होबए जो ख्रीष्ट येशूमे फिर रहए| \v 6 परमेश्वरके स्वरूपमे हुइके फिर बो परमेश्वरके बराबार होनबारी बातके एकए पकणि रहन बारो चीज जैसो मानीनाए| \v 7 पर अपनाएके रित्त्याके कमैयाको रुप धारण करके तथा मनुष्य हुइके जन्मो| \v 8 स्वरूपमे आदमी जैसो हुइके अपनएके होचई, और मृत्यु तक आज्ञाकारी रहो| \ No newline at end of file diff --git a/02/09.txt b/02/09.txt index 260b760..a26aa69 100644 --- a/02/09.txt +++ b/02/09.txt @@ -1 +1 @@ -\v 9 9 जहेमारे परमेश्वर बाके बहुत उच्चो करी, और बो नाउँ प्रदान करी, जो हरेक नाउँसे उच्चो हए, \v 10 10 कि स्वर्गमे, पृथ्बी उपर और पृथ्बी तरे भए हरेक प्राणी येशूके नाउँमे घुटो टेक्न पणैगो, \v 11 11 और हरेक जीबसे परमेश्वर पिताके महिमाके ताहिँ येशू ख्रीष्टके प्रभु करके स्वीकार कर्न पणैगो| \ No newline at end of file +\v 9 जहेमारे परमेश्वर बाके बहुत उच्चो करी, और बो नाउँ प्रदान करी, जो हरेक नाउँसे उच्चो हए, \v 10 कि स्वर्गमे, पृथ्बी उपर और पृथ्बी तरे भए हरेक प्राणी येशूके नाउँमे घुटो टेक्न पणैगो, \v 11 और हरेक जीबसे परमेश्वर पिताके महिमाके ताहिँ येशू ख्रीष्टके प्रभु करके स्वीकार कर्न पणैगो| \ No newline at end of file diff --git a/02/12.txt b/02/12.txt index 51415ea..75f47a2 100644 --- a/02/12.txt +++ b/02/12.txt @@ -1 +1 @@ -\v 12 12 जहेमारे मिर प्रियओ, जैसी तुम सबदिन आज्ञापालन करेहौ, मिर उस्थितिमे करो जैसो नाए, पर अब और जद्धा मिर अनुपस्थितिमे डर और कम्पसाथ तुम अपन मुक्तिको काम पुरा कर्न परिश्रम करओ| \v 13 13 काहेकी तुम बाको असल अभिप्रायअनुसार इच्छा कर्नबारो और काम कर्न दोनाए बनाएके परमेश्वर तुमरमे काम कर्तहए| \ No newline at end of file +\v 12 जहेमारे मिर प्रियओ, जैसी तुम सबदिन आज्ञापालन करेहौ, मिर उस्थितिमे करो जैसो नाए, पर अब और जद्धा मिर अनुपस्थितिमे डर और कम्पसाथ तुम अपन मुक्तिको काम पुरा कर्न परिश्रम करओ| \v 13 काहेकी तुम बाको असल अभिप्रायअनुसार इच्छा कर्नबारो और काम कर्न दोनाए बनाएके परमेश्वर तुमरमे काम कर्तहए| \ No newline at end of file diff --git a/02/14.txt b/02/14.txt index 101ed1f..c41a4d7 100644 --- a/02/14.txt +++ b/02/14.txt @@ -1 +1 @@ -\v 14 14 बरबर अथवा वाद-विवाद नाए करके सब काम कर्त जाओ, 15 \v 15 कि तुम चाहिँ निर्दोष और सिधा भए टेढे और बहाके पुस्ताके बीचमे परमेश्वरको निश्खोट सन्तान होबओ, जौन पुस्ताके बीचमे संसारमे तुम तारा कता चमक्तहौ| 16 \v 16 जीवनको वचन बलियो करके पकणे रहौ, ताकि मए व्यर्थमे दौणत नैयाँ, और मए व्यर्थमे परिश्रम नाएकर्तहौ करके ख्रीष्टके दिनमे मए गर्व कर्न सिकओ| \ No newline at end of file +\v 14 बरबर अथवा वाद-विवाद नाए करके सब काम कर्त जाओ, \v 15 कि तुम चाहिँ निर्दोष और सिधा भए टेढे और बहाके पुस्ताके बीचमे परमेश्वरको निश्खोट सन्तान होबओ, जौन पुस्ताके बीचमे संसारमे तुम तारा कता चमक्तहौ | \v 16 जीवनको वचन बलियो करके पकणे रहौ, ताकि मए व्यर्थमे दौणत नैयाँ, और मए व्यर्थमे परिश्रम नाएकर्तहौ करके ख्रीष्टके दिनमे मए गर्व कर्न सिकओ| \ No newline at end of file diff --git a/02/17.txt b/02/17.txt index ded533d..02d4a42 100644 --- a/02/17.txt +++ b/02/17.txt @@ -1 +1 @@ -\v 17 17 अगर तुमरो विश्वासको बलिदान उपर अर्घ-बलिके रुपमे अर्पित होन पणेहए ताहुफिर मए आनन्दित हौ, और तुमरे सबके संग मए रमातहौ| \v 18 18 उइसी तुमके फिर मिर संग खुशी होन और रमान पणैगो| \ No newline at end of file +\v 17 अगर तुमरो विश्वासको बलिदान उपर अर्घ-बलिके रुपमे अर्पित होन पणेहए ताहुफिर मए आनन्दित हौ, और तुमरे सबके संग मए रमातहौ| \v 18 18 उइसी तुमके फिर मिर संग खुशी होन और रमान पणैगो| \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 6e4c47f..a4e1e51 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -48,7 +48,13 @@ "01-20", "01-22", "01-25", + "01-28", "02-title", + "02-01", + "02-03", + "02-05", + "02-09", + "02-12", "03-title", "04-title" ]