From 3a4f6d5ccc7df528287c906481f1da0f15f4b346 Mon Sep 17 00:00:00 2001 From: Rana_Tharu Date: Fri, 4 Aug 2023 14:23:53 +0800 Subject: [PATCH] Fri Aug 04 2023 14:23:52 GMT+0800 (Australian Western Standard Time) --- 03/20.txt | 2 +- 04/01.txt | 2 +- manifest.json | 1 + 3 files changed, 3 insertions(+), 2 deletions(-) diff --git a/03/20.txt b/03/20.txt index a0198ba..260a484 100644 --- a/03/20.txt +++ b/03/20.txt @@ -1 +1 @@ -\v 20पर हमर नागरिकता स्वर्गमे हए ।बाहुनासे आन बारो मुक्तीदाता ,अथवा प्रभु येशु ख्रीष्टको हम प्रतीक्षा करत हएँ । \v 21 बा जौन शक्तिसे सबए बात कि बाको अधिनमे लान के सकहए,हमर हीन शरीरके अपनो महिमाको शरीर जै \ No newline at end of file +\v 20 पर हमर नागरिकता स्वर्गमे हए ।बाहुनासे आन बारो मुक्तीदाता ,अथवा प्रभु येशु ख्रीष्टको हम प्रतीक्षा करत हएँ । \v 21 बा जौन शक्तिसे सबए बात कि बाको अधिनमे लान के सकहए,हमर हीन शरीरके अपनो महिमाको शरीर जैसो होनके ताहिँ परिवर्तन करदेहए। \ No newline at end of file diff --git a/04/01.txt b/04/01.txt index 566a119..c805de7 100644 --- a/04/01.txt +++ b/04/01.txt @@ -1 +1 @@ -\c 4 \v 1 जहेमारे मिर भैया, मए तुमके माया करत हौ, और तुमर चहाना करत हौ, तुम मिर् आनन्द और मुकुट हौ| मिर् प्रिय, अइसी प्रभुमे स्थिर रहौ| \v 2 मए इयोदिया और सुन्तुखे के प्रभुमे एक मनको होमए कहिके आग्रहपुर्वक बिन्ती करत हौ| \v 3 विश्वासी सहकर्मी, मए तुमके फिर अनुरोध करत हौ, कि जे बैयरनके मदत करओ, काहेकी जे संगएसंग सुसमाचारको काममे क्लेमेससंग और मिर और बाँकी सहकर्मीनके संग परिश्रम करी हँए, जौनक् नाउँ जीवनको पुस्तकमे हए \ No newline at end of file +\c 4 \v 1 जहेमारे मिर भैया, मए तुमके माया करत हौँ, और तुमर चँहत हौ, तुम मिर् आनन्द और मुकुट हौ| मिर् प्रिय, अइसी प्रभुमे स्थिर रहौ| \v 2 मए इयोदिया और सुन्तुखे के प्रभुमे एक मनको होमए कहिके आग्रहपुर्वक बिन्ती करत हौ| \v 3 विश्वासी सहकर्मी, मए तुमके फिर अनुरोध करत हौ, कि जे बैयरनके मदत करओ, काहेकी जे संगएसंग सुसमाचारको काममे क्लेमेससंग और मिर और बाँकी सहकर्मीनके संग परिश्रम करी हँए, जौनक् नाउँ जीवनको पुस्तकमे हए \ No newline at end of file diff --git a/manifest.json b/manifest.json index 04da0ac..2a6e466 100644 --- a/manifest.json +++ b/manifest.json @@ -68,6 +68,7 @@ "03-12", "03-15", "03-17", + "03-20", "04-title" ] } \ No newline at end of file