\c 22 \v 1 अखमिरि रोटिको त ढिगै आएगौ रहए। जासे निस्तार चाड काहत है। \v 2 मुख पुजारि और शास्त्री बाके कइसे मारै कहिके मैका ढुणत रहए,पर आदमीनसे बे डरात रहए।