\v 49 मए पृथ्वी उपर आगी वे्र्षान आओ हओ ,और मए जो चाहत रहओ बा हुइगओ हए । \v 50 एक बप्तिस्मा हए ,जो मोके लेनैपणैगो । बा पुरा ना होन तक मके बेढम कष्ट भोगन पणैगो ।