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\v 27 लिली फुलाके विचार करौं , कैसे बे बढत हए, न त बे परिश्रम करतहए , ना त मेहनत करतहए , पर मए तुमसे कहत हौं, सोलोमन राजा फिर अपनो सारा गौरवमे जे मैसे एक विभुषित ना रहए \v 28 पर आज होन बारो और कल आगींमे डारदेनो मेदानक घांसके परमेश्वर अइसी आभुषित करत हए कहेसे , ए अल्पविश्वासि , बा तुमके और कित्तो जाद्दा आभुषित कर हए । |