thr_luk_text_reg/18/40.txt

1 line
386 B
Plaintext

\v 40 ४०येशु रुक गव और बाके अपन ठिन लान आज्ञ्ज्ञा दई बा जौने आएके पिच्छु बा बासे पुच्छी,४१ \v 41 तए का जहात हए ? मए तिर ताहि का करऔ” ? बा कहि, प्रभु मए देखलेमव ।