\v 34 नुन अच्छो हए, और नुन खल्लो भव कहेसे , कासे बा नुनाईन हुइहए ? \v 35 बा न त जमिनके ताहि , न खादके ताहि काम लागनबारो हुईहए । आदमी बाके मिलाएदेतहए । जौनके सुनन के कान हए , बे सुनए ।”