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\v 28 तुम मैसे कौन हए, जौन कोई एक धरहरा बनान इच्छा करतहए कहेसे , बा धरहरा बनाएके खतम करन खर्च अपनठीन हए कि नहए कहिके का बा अग्गुसे हिसाब ना करहए का ? \v 29 नत बा जग बैठाएके पिच्छु निभटाए नापाईहए कहेसे बाके ,देखके सबए बासे अइसो कहीके हँशी उणए हए और काहमङ्गे, \v 30 ’जा आदमी बनान त लागो पर निभटाए ना पाइ।' |