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\v 16 १६ पर तुमर अइया- दउवा और दादा भैया, नातेदार और सँगी फिर तुमके पकणाए देहए, और तुम मैसे कोइ-कोइके बे मारङ्गे ।१७ \v 17 मिर नाउँके ताही तुमके सब आदमी घृणा करङ्गे। १८ \v 18 पर तुमर शरीरके एक बार फिर नष्ट ना हुइहए।१९ \v 19 तुमर धैरिय द्वारा अपनो प्राण पाबैगे। |