thr_luk_text_reg/23/35.txt

1 line
298 B
Plaintext

\v 35 आदमी ठाणके देखत रहै , शासक बासे ठट्टा करत कहि, " जा परमेश्‍वरको ख्रिष्ट हए कहिसे जा औरनके बचाई औ अब अपनेके बचाबै ।"