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\v 59 लगभग घण्टा पिच्छु और एक जनी जोर दैके अइसो कहि, "निहात्य जा आदमी बहेके सँग रहै, काहेकि जा फिर गालीलीए है ।" \v 60 पर पत्रुस कहि, ए आदमी, तुम का काहतमै हौ ,मै ना जानत हौ ।" बा मस्कतै मस्कत मुर्गा बास्दै ।