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\v 56 एक नेकर्नि आगिके उजियारेमे बाके बैठो देखके अच्छेसे देखी, और कहि, "जा आदमि फिर बिनके सँग रहै ।" \v 57 पर पत्रुस अएसो कहिके इन्कार करी , ए नारि, मै बाके ना चिनत हौ ।" \v 58 थोरि देर पिच्छु दुसरो बाके देख्के कहि ,तए फिर बेहि मैसे कोइ एक हौ । तव पत्रुस जवफ दै,”ए आदमी, मै ना हौ ।"