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\v 52 और बाके बिरुद्धमे आए भए मुख पुजारि, मन्दीरके कप्तान और धर्म गुरुसे बा कहि," का तुम डँकुके विरुद्धमे आए हानि तरवार और लठ्ठी लैके आए हौ ? \v 53 मै रोज दिन मन्दीरमे तुमर सँग रहौ, तुम मिर बिरुद्धमे हात ना उठाए । पर अब तुमर समत है,और अन्धकारको शक्ति जहे है ।"