\v 27 तव आदमीक लैणके शक्ती और मह महीमासंग बादरमे आत बे देखङ्गे। \v 28 जब जे बात होमङ्गी,तव उठव और अपन मुणीयाके उपर उठएके देखओ, काहेकी तुमर उद्धार जौने हए।"