thr_luk_text_reg/20/39.txt

1 line
271 B
Plaintext

\v 39 और शास्त्रि मैसे कोइ कोइ कही गुरुजी तुम ठिकए कहे।" \v 40 तब पिच्छु कोइ बासे प्रश्‍न पुछनको हिम्मत ना करी।