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\v 45 तव बा मन्दिर भितर कुचो और किनबेच करन बारेनके निकारी, \v 46 और बिनसे कहि, “ धर्मशास्त्रमे लिखो हए, 'मेरो घर प्रर्थाना को घर हुईहए, ' पर तुम ता जाके डाकुको अड्डा बनाए हव ।"