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\v 22 “बा बासे कहि , तिर मुहु की बातसे मए तेरो न्याय करङ्गो ए दुष्ट नोकर जो धरो न हौ बा लेत हौ और जो बोओ नहओ बा कटत हओ , ' मए कठोर आदमी हओ कहेके तय जानत रहए । \v 23 तव मिर सिक्का बैंकमे काहेना धरो ? मए अईके ब्याज समेत बा पातो ।'