\v 35 बा एरिहो के ठिन पुगो बा हुना एक जनि अन्धा आदमी डगरके किनारेमे बैठके भिक मागत रहए । \v 36 बा डगरसे एक भिड किनारेसे जात सुनि, “ जा का हए ?" काहेकी बा पुँछी । \v 37 आदमि बासे कहि, “ नासरत को येशु इताएसे जाए रहोहए ।"