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\v 22 जा सुनके पिच्छु बासे कहि, तोके और एक बातको कमी हए । तिरसँग जो जित्तो हए बे सब बेचके गरिबके बाटदे,और तोके ताहि स्वार्गमे धन होबैगो, और आ मेरे पिच्छु लाग ।" \v 23 पर जा बात सुनके, बा शासक बेढम उदाश भओ, काहेकी बा गजब धनी रहए ।