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\v 14 धनके लोभी फरिसी जा सब बात सुनके बाको हँशी करी । \v 15 तव बा उनसे कहि , आदमीनके अग्गु अपनेके धर्मी ठहरानबारे तुम ही हौ । पर परमेश्वर तुमर हृदय जानत हए, काहेकी आदमीनके विचमे जो उच्च गिनोगओ हए , परमेश्वरके नजरमे बा तुच्छ ठहरैगो ।