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\v 28 पर बा दिक्काई गओ, और भितर जान नामनी, और बाको दौवा बाहीर जाईके बाके मनान लगो । \v 29 पर बा दौवासे कहि,देख ईत्तो साल मए तुमर सेवा करो,और तुमर अज्ञा कभी उल्लंगन ना करो, तहु भिर मए अपन सङ्गि सँग आन्‍नद मनानके तुम मोके एक बकरा फिर कभी ना दए। \v 30 पर तुमर सम्पत्तिके बेश्यनके सँग उडान बारो तुमर लौडा आतए तुम पालो भव मोटो पशु बाके ताहि मारे ।'