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\v 17 जब बक होस खुली , तव कहि, मिर दौवाके गजब काम करनबारे लेबर चाकर पेट भरके खाएके , उबार जात हए , पर मए त भुकसे मर रहो हौं ! \v 18 मए उठके अपन दौवाठीन जए हओ, और बासे कएहओ, 'दौवा,मए स्वर्गके विरुद्धमे और तुमर नजरमे पाप करो हौ । \v 19 अब मए तुमर लौडा कहानको योग्य नाहओ । मोके तुम काम करन बारे लेवर चाकर मैसे एक बिनही कता बनाए लेबओ ।'