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\v 13 पर जब तुम भोज लगातपेती , गरिब , लुला , लङडा , अन्धा के बुलाओ , \v 14 और तुम अशिष पाबैगे , कहेकी बे तुमर गुण घुमाए ना पामङ्गे । पर मृत्यृसे धर्मीको पुनरुत्थान होत तुम जाको प्रतिफल पाबैगे ।“