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\v 4 औ का तुम मान्त हौं , बे अठार जनी , जो सिलोआममे धरहरा गिरके मरे रहए , कि बे सब यरुशलेमवासी मैसे जध्दा अपराधी रहए ? \v 5 उइसो नाहए , पर मए तुमसे कहतहौँ , तुम पश्चात्ताप ना करहौं कहेसे , तुम सब अइसीए नाश होबैगे ।