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\v 47 अपने मालिकके इच्छा जानके तयर ना रहनबारो और बिनको इच्छाजैसो ना रहनबारो दास त जाद्दा पिटाई खाए हए । \v 48 पर मालिकके इच्छा ना जानके पिटाई खान योग्यके काम करनबारो थोडी पिटाई खाबैगो । प्रत्येक जौनके बेढम दइ हए , बासे मागेगो , और हरेक जौनके बेढम सौपी रहए , बासे जद्दी लेबैगो ।