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\v 45 तव बा दास अपन मनमे ,मिर मालिकके आन देर हुईहए कहेसे कमैया और टाहलुनके मारन लागो, और बा खात ,पित दाखमधसे मत्तात हए । \v 46 बा आशा नाकरो दिन मे बक मालिक घुमकेअबैगो , जैन समय बक पता ना होबैगो ।और बाक दण्ड देबैगो , और बा अविश्वासीनके ताही तयार करोभओ जगहमे बाको नियुक्ति करैगो । |