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\v 41 पत्रुस कही ,”हे प्रभु का जा काहानी हमर ताहिं इकल्लो बताए हौ, कि और सबके ताहिं ?” \v 42 प्रभु कहि,”बा विश्‍वासयोग्य ‍और बुद्दिमानी भण्डारे कौन हए , जौन बक मालिक अपन परिवारके खास समयमे बिनके भागमे पणो खानु देनताहिं खटाबैगो ? \v 43 बा दास धन्यक हए , जो बाक मालिक आतपेती अइसीए करत पाबैगो । \v 44 निहत्तैए मए तुमसे कहात हौं , बे बक अपन सारा सम्पति उपर अधिकार देबैगो ।