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\v 24 कौवानके विचार करौं ; बे ना बोतहए , ना काटत हए , ना त कुठिया ,ना बखारी हए ,तव फिर परमेश्वर बिनके खबात हए । तुम चिरैयानसे बहुत मोलके हौं । \v 25 तुमर मैसे कोई फिकर करके अपन आयुके एक घडी तक फिर थप सकत हए ? \v 26 जहेमारे तुम यितका छोटो काम करन फिर ना सकतहौ कहेसे , औरबातक चिन्ता काहे करत हौं ?